जो बाइडेन का अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को समर्थन

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 जुलाई 2024 | जयपुर : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे। चुनाव से 4 महीने पहले रविवार को उन्होंने चिट्ठी लिखकर इस बात का ऐलान किया। बाइडेन ने कहा- मैं देश और पार्टी हित के लिए चुनाव से बाहर हो रहा हूं। बाइडेन ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने के साथ डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट के तौर पर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया।

जो बाइडेन का अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को समर्थन

दरअसल, अमेरिका में 28 जून को हुई प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता यह मांग कर रहे थे कि वे राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी छोड़ दें। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा से लेकर पार्टी की सबसे सीनियर लीडर नैंसी पेलोसी उन्हें प्रेसिडेंशियल रेस से बाहर होने को कह चुकीं थीं।

जो बाइडेन का अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को समर्थन

इसके बाद बाइडेन ने कहा था कि अगर डॉक्टर मुझे अनफिट या किसी बीमारी से ग्रसित पाते हैं तो मैं राष्ट्रपति की रेस से बाहर हो जाऊंगा। इसके बाद वे कोरोना पॉजिटिव हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेमोक्रेटिक पार्टी जल्द ही उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित कर सकती है। उधर, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि बाइडेन कभी भी राष्ट्रपति पद के लायक नहीं थे। वे धोखेबाज हैं और सिर्फ फेक न्यूज की वजह से प्रेसिडेंट बनें।

बाइडेन की चिट्टी की 4 बड़ी बातें…

बाइडेन ने लेटर में उनके कार्यकाल के दौरान अमेरिका में हुए विकास के बारे में बात लिखीं। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल में हमने देश के तौर पर महान तरक्की की है। आज अमेरिका दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था है। हमने देश को बनाने के लिए ऐतिहासिक निवेश किए हैं।

उन्होंने आगे कहा कि बड़ी संख्या में अमेरिकियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हम अफोर्डेबल हेल्थ केयर को लेकर आए हैं। हमने पिछले 30 साल में पहली बार गन सेफ्टी लॉ पास किया है। दुनिया के इतिहास में पहली बार हम पर्यावरण के बचाने के लिए कानून लेकर आए। अमेरिका इतनी बेहतर स्थिति में कभी नहीं रहा, जितना आज है।

मैं जानता हूं कि ये सब अमेरिकी लोगों के बिना नहीं हो सकता था। हम साथ रहकर ही सदी के महामारी और 1930 के बाद आई सबसे खराब इकोनॉमिक क्राइसिस से उबरे। हमने हमारी डेमोक्रेसी को बचाया। हमने दुनियाभर में अपने सहयोगियों मजबूत किया।

आपके प्रेसिडेंट के रूप में देश की सेवा करना, ये मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान है। मैं अपनीा टीम में एक्स्ट्राऑर्डिनरी पार्टनर के तौर पर कमला हैरिस को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। आज मेरा ये विश्वास है कि ऐसा कुछ नहीं है, जो अमेरिका नहीं कर सकता, अगर हम साथ मिलकर करें। बस हमें खुद को बताने की जरूरत है कि हम यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका हैं।

‘बाइडेन कभी भी राष्ट्रपति पद के योग्य नहीं थे’ ट्रम्प 

बाइडेन के चुनाव न लड़ने के फैसले पर डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि वे कभी भी राष्ट्रपति पद के योग्य नहीं थे। बाइडेन इस पद पर भी रहने लायक नहीं हैं और न कभी थे। वह झूठ, फेक न्यूज और अपने बेसमेंट से बाहर न निकलने के कारण राष्ट्रपति बने। उनके आसपास के सभी लोग जानते थे कि वह राष्ट्रपति बनने के योग्य नहीं थे।

देखिए उन्होंने हमारे देश का क्या हाल कर दिया है। लाखों लोगअवैध तरीके से हमारी सीमा में दाखिल हो रहे हैं। इनमें से कई लोग जेल तो कई पागलखाने से भागे हैं। इनमें रिकॉर्ड संख्या में आतंकवादी हैं। हम बाइडेन के राष्ट्रपति रहने की वजह से और दुख झेलेंगे। लेकिन हम उनके किए गए नुकसान की बहुत जल्द भरपाई भी करेंगे। मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।

‘बाइडेन सर्वोच्च कोटि के देशभक्त’ ओबामा

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बाइडेन को सर्वोच्च कोटि के देशभक्त कहा। उन्होंने कहा कि जो बाइडेन अमेरिका के सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रपतियों में से एक रहे हैं। साथ ही मेरे प्रिय मित्र और साथी भी हैं।

आज हमें फिर से याद दिलाया गया है कि बाइडेन सर्वोच्च कोटि के देशभक्त हैं। हालांकि, ओबामा ने यह स्पष्ट नहीं किया कि वह डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में कमला हैरिस का समर्थन करेंगे या नहीं।

एक्टब्लू ने 5 घंटे में जुटाए 27.5 मिलिनय डॉलर

डेमोक्रेटिक पार्टी के फंडरेजिंग प्लेटफॉर्म एक्टब्लू ने कहा कि उसने राष्ट्रपति जो बाइडेन के चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का समर्थन करने के बाद 5 घंटे में छोटे-छोटे दान में 27.5 मिलियन डॉलर जुटाए।

डेमोक्रेटिक पार्टी का कन्वेंशन 19 अगस्त से, कमला को बहुमत पाना होगा

बाइडेन मैदान से हटे हैं, लेकिन जनवरी 2025 तक राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे। इस हफ्ते देश को संबोधित करेंगे। सबकी निगाह 19 अगस्त से शिकागो में होने वाले डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन पर है। इसमें पार्टी के 4 हजार प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी का चयन करने के लिए जुटेंगे।

यह भी संभव है कि प्रत्याशी चयन कन्वेंशन से पहले वर्चुअल हो जाए। अगर, कोई डेमोक्रेट कमला को चुनौती देना चाहता है तो 600 प्रतिनिधियों के हस्ताक्षर के साथ दावा करना होगा। कन्वेंशन में बहुमत समर्थन जुटाना होगा। कमला की उम्मीदवारी को गवर्नर गैविन न्यूसम, विटमर, बेशर और सैपियो से चुनौती मिल सकती है।

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से बाइडेन-कमला के नाम पर 2007 करोड़ रु. का चंदा जमा हो चुका था। अब कमला को बाइडेन का समर्थन मिलने के बाद यह तय है कि वे इसका इस्तेमाल चुनाव में कर सकेंगी। कमला हैरिस उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार तय करेंगी। इनमें सीनेटर मार्क केली, गवर्नर एंडी बैशहीयर और रॉय कूपर का नाम चर्चा में है। इनमें से मार्क केली का नाम सबसे आगे है।

चार दिन पहले बाइडेन कोरोना पॉजिटिव हुए थे

18 जुलाई को 81 साल के बाइडेन कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। व्हाइट हाउस ने बताया था कि वे आइसोलेशन में रहकर काम करेंगे। 81 साल के बाइडेन को तीसरी बार कोरोना हुआ है। इससे एक दिन पहले उन्होंने कहा था कि अगर डॉक्टर उन्हें अनफिट घोषित करते हैं तो वे राष्ट्रपति चुनाव की रेस से बाहर हो जाएंगे। डिबेट के दौरान जब ट्रम्प राष्ट्रपति बाइडेन पर आरोप लगा रहे थे, तब बाइडेन खांसते नजर आए।

‘अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन 6 घंटे ही काम कर पाते हैं’

दो हफ्ते पहले आई एक्सियोस की रिपोर्ट ने बाइडेन की खराब सेहत पर कई सवाल उठाए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक ही काम कर पाते हैं। व्हाइट हाउस के कर्मचारियों के हवाले से छपी रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन रोजाना 6 घंटे ही बेहतर काम कर पाते हैं।

इससे पहले ट्रम्प से 28 जून को पहली प्रेसिडेंशियल में बाइडेन कई मौकों पर बिना सोचे-समझे बोल रहे थे। कई बार लड़खड़ाते हुए भी दिखे थे, जिस कारण वे बहस हार गए। इसके बाद नाटो समिट के दौरान बाइडेन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को प्रेसिडेंट पुतिन कह दिया था। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने अपनी गलती दोहराई और वो अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम भूल गए और उन्हें डोनाल्ड ट्रम्प बोल दिया था।

पोल में दावा- ट्रम्प जीत सकते हैं राष्ट्रपति चुनाव

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर रविवार (14 जुलाई) को हुई गोलीबारी के बाद अमेरिकी मीडिया CNN के पोल में बाइडेन की हार का दावा किया गया है। पोल में बताया गया है कि कुल 588 सीटों में से ट्रम्प की पार्टी रिपब्लिकन को 330 सीटें मिल सकती है।

बाइडेन की डेमोक्रेटिक पार्टी को 208 सीटें मिलने का दावा किया है। अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए 270 सीटें जीतना जरूरी होती हैं। इससे पहले 2020 में बाइडेन को 306 सीटें और ट्रम्प को 232 सीटें मिली थीं।

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मोदी ने ट्रम्प का 4 बार फोन नहीं उठाया बातचीत से इनकार जर्मन अखबार का खुलासा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 अगस्त 2025 | जयपुर – फ्रेंकफर्ट : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चार कॉल किये थे, लेकिन पीएम मोदी ने उनसे एक बार भी बात नहीं की। इससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया। यह दावा जर्मन न्यूज पेपर #FAZ ने किया है। हालांकि अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ये कॉल कब किये गये थे।

मोदी ने ट्रम्प का 4 बार फोन नहीं उठाया बातचीत से इनकार जर्मन अखबार का खुलासा

एक जर्मन अखबार के मुताबिक ट्रम्प की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहने से मोदी नाराज हैं। पहले दोनों नेताओं के बीच अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए होने वाली बातचीत रद्द कर दी है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने से रोक दिया गया।

ट्रम्प ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25% टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया गया है, जो 27 अगस्त यानी कल से लागू होगा। ट्रम्प का कहना है कि भारत के रूसी तेल खरीदने की वजह से पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

जर्मन अखबार में एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा है- आमतौर पर ट्रम्प का तरीका यह है कि पहले वे किसी देश पर व्यापार घाटे को लेकर हमला बोलते हैं, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी देते हैं। इसके बाद डरकर बातचीत शुरू होती है और आखिरकार वह ऊंचा टैरिफ लगाकर, फिर कुछ छूट देकर खुद को विजेता बताने की कोशिश करते हैं।

कई देशों के साथ ऐसा हुआ है और ट्रम्प ने यह दिखाया कि अमेरिकी बाजार पर उनकी पकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन मोदी ने इस बार झुकने से इनकार कर दिया।

न्यूयॉर्क के न्यू स्कूल के भारत-चीन इंस्टीट्यूट के को-डॉयरेक्टर मार्क फ्रेजियर का कहना है कि अमेरिका की भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति नाकाम हो रही है। भारत ने कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया था।

ट्रम्प के रवैये ने मोदी को एक दशक पुराना अपमान याद दिलाया

अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी को ट्रम्प के बर्ताव से बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है। वह मोदी को उस पुराने अपमान की याद दिला रहे हैं, जो लगभग एक दशक पहले उन्हें जिनपिंग से मिला था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तब गुजरात आए थे और मोदी से दोस्ती का वादा किया था, लेकिन उसी समय चीन की सेना हिमालय में भारतीय इलाके में घुस आई थी।

इसके बाद भी मोदी ने जिनपिंग से अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की, लेकिन हालात तब और बिगड़ गए जब चीनी सैनिकों से भारतीय जवानों की झड़प हो गई। उस घटना के बाद से कहा जाता है कि मोदी के मन में गहरी कड़वाहट बैठ गई।

यहां तक कि दिल्ली के पास ही ट्रम्प के नाम से लग्जरी टावर बने, जिनके 300 फ्लैट (कीमत 108 करोड़ रुपए तक) एक ही दिन में बिक गए, लेकिन हाल की घटनाओं ने माहौल बदल दिया। ट्रम्प ने भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहकर अपमानित किया। इससे दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई।

अब ट्रम्प का रवैया भी कुछ ऐसा ही हो गया है। फरवरी में वे मोदी को व्हाइट हाउस बुलाकर उनकी तारीफ कर रहे थे और उन्हें एक फोटो एल्बम भेंट कर रहे थे। दोनों देशों के रिश्ते काफी बेहतर चल रहे थे। 2014 में शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इसके कुछ समय बाद ही डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी।

2014 में शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इसके कुछ समय बाद ही डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी।

ट्रम्प-वियतनाम टैरिफ विवाद की वजह से सतर्क थे मोदी

अखबार में बताया गया है कि मोदी, वियतनाम लीडर और ट्रम्प के बीच हुए विवाद को लेकर भी सतर्क थे। दरअसल, ट्रम्प ने वियतनाम के सुप्रीम लीडर तो लम से टैरिफ मामले को लेकर फोन पर बात की थी।

इस बातचीत में कोई पक्का समझौता नहीं हुआ था। लेकिन ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया कि उन्होंने वियतनाम के साथ व्यापार समझौता कर लिया है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हुआ था।

अखबार लिखता है कि मोदी नहीं चाहते कि भारत भी ऐसे किसी ‘स्टंट’ का हिस्सा बने, इसलिए उन्होंने ट्रम्प से बातचीत को लेकर साफ मना कर दिया। इसीलिए मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित दिल्ली यात्रा रद्द कर दी और संदेश दिया कि भारत ट्रम्प की इस कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा नहीं बनेगा।

भारत की ग्रोथ रेट 1% तक घट सकती है

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 50% टैरिफ से भारत के एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है। भारत का 20% एक्सपोर्ट, जैसे कपड़े, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स अमेरिका जाता है। इस भारी भरकम टैरिफ से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5% से घटकर 5.5% हो सकती है।

इसके अलावा ट्रम्प ने पाकिस्तान में ऑयल रिजर्व डेवलप करने की बात कही थी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। ये फैसले भी भारत को नाराज करने वाले थे।

ट्रम्प पिछले 3 महीने में करीब 30 बार भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी साफ तौर पर इससे इनकार कर चुके हैं। भारत का साफ कहना है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर आपसी बातचीत से हुआ है, इसमें किसी तीसरे पक्ष का रोल नहीं है।

रेफरेंस लिंक  https://www.faz.net/aktuell/wirtschaft/zollstreit-wie-modi-trump-die-stirn-bietet-110653695.html

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मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 12 अगस्त 2025 |  दिल्ली : मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर हुआ। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भारत को परमाणु जंग की धमकी है। मुनीर ने सिंधु जल संधि स्थगित करने को लेकर भारत पर 10 मिसाइलों से हमला कर तबाह करने की बात कही।

मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की नींव कलमे (इस्लाम धर्म का मूल मंत्र) पर रखी गई है। हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी संस्कृति और सोच अलग है। यही टू-नेशन थ्योरी की नींव थी।

अमेरिका दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने एक बार फिर से कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ बताया है। इससे पहले अप्रैल में भी मुनीर ने ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा था- कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।

मुनीर ने कहा कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मसला नहीं है, बल्कि एक अधूरा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र में है और पाकिस्तान उसका समर्थन करता है। फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (बाएं) और अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन।

फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (बाएं) और अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन।

मुनीर की डेढ़ महीने में दूसरी बार अमेरिका यात्रा

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मुनीर एक बार फिर से अमेरिका पहुंचे हैं, लेकिन वे कब पहुंचे इसकी तारीख नहीं बताई गई है। मुनीर की यह डेढ़ महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा है। उन्होंने फ्लोरिडा के टैम्पा शहर में रविवार को पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित किया।

मुनीर ने कहा कि भारत क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने पर तुला हुआ है। उन्होंने आगाह किया कि कोई भी गलती इलाके में बड़े संघर्ष की वजह बन सकती है। मुनीर ने भारत पर झूठे बहाने बनाकर पाकिस्तान पर हमला करने का आरोप लगाया।

भारत-PAK जंग रोकने के लिए ट्रम्प को शुक्रिया कहा

मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी रणनीति से पाकिस्तान-भारत के बीच युद्ध टला। मुनीर ने इस दौरान उन्होंने भारतीय एजेंसी रॉ (R&AW) को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

मुनीर ने कहा कि अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते से पाकिस्तान में बड़े निवेश की संभावना है। उन्होंने बताया कि अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और चीन के साथ कई समझौते चल रहे हैं, जो आर्थिक सहयोग को बढ़ाएंगे।

विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों की तारीफ की

मुनीर ने विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों को गर्व बताया और कहा कि उनका पाकिस्तान छोड़ना ‘प्रतिभा पलायन’ का मामला नहीं है, बल्कि ‘प्रतिभा हासिल’ करने का मामला है।

उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी अपने देश के लिए उतने ही भावुक हैं, जितना पाकिस्तान में रहने वाले पाकिस्तानी। मुनीर ने उनसे कहा कि वे यकीन रखें पाकिस्तान का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने लोगों से पाकिस्तान में निवेश बढ़ाने में योगदान देने की अपील की।

अमेरिकी अधिकारियों से भी मिले मुनीर

मुनीर ने अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने निवर्तमान कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला की तारीफ की और नए कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर को शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन से भी मुलाकात की और उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया। उन्होंने अन्य देशों के रक्षा प्रमुखों से भी बातचीत की।

इससे पहले जून में अपनी पिछली यात्रा में मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मुलाकात की थी। वह पहले ऐसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख बने, जिन्होंने किसी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति से आमने-सामने बातचीत की।

पाकिस्तानी सेना के फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर के हालिया बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया 

मंत्रालय ने कहा है कि, ‘परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की आदत में शामिल है।’ विदेश मंत्रालय का यह बयान दिप्रिंट में प्रकाशित उस रिपोर्टके बाद आया है, जिसमें आसिम मुनीर की एक चेतावनी का ज़िक्र किया गया है।

अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान आसिम मुनीर ने कहा था कि अगर भारत के साथ भविष्य की जंग में पाकिस्तान के अस्तित्व को ख़तरा हुआ तो वह पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देगा।

जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमारा ध्यान उन बयानों की ओर गया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अमेरिका की यात्रा के दौरान दिए हैं। परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की आदत में शामिल है।”

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