वायनाड में 4 घंटे में 3 लैंडस्लाइड125 मौतें, केरल में भारी बारिश का अलर्ट

केरल के वायनाड में तेज बारिश की वजह से सोमवार देर रात 4 अलग-अलग जगहों पर लैंडस्लाइड हुई। रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में 4 गांव बह गए। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं।

वायनाड में 4 घंटे में 3 लैंडस्लाइड125 मौतें, केरल में भारी बारिश का अलर्ट

लाशों को निकालती सेना

अब तक 125 लोगों की मौत हो चुकी है। 116 अस्पताल में हैं, जबकि 98 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है। रेस्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स, SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेजे गए, लेकिन बारिश के चलते उन्हें कोझिकोड लौटना पड़ा।

सेना की स्पेशल डॉग यूनिट के ट्रेंड डॉग्स, जिनमें बेल्जियन मैलिनोइस, लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसी नस्लें शामिल हैं, वायनाड में भूस्खलन प्रभावित मेप्पाड़ी के लिए रवाना किए गए हैं। इधर, केरल सरकार ने इस हादसे के बाद राज्य में दो दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

इस बीच, मौसम विभाग ने राज्य के 8 जिलों में बुधवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। इस वजह से कल इन जिलों के शिक्षण संस्थान बंद करने का फैसला किया गया।

5 साल पहले इसी इलाके में लैंडस्लाइड से 17 मौतें हुईं

वायनाड के 4 गांव- मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में लैंडस्लाइड की घटना हुई है। 5 साल पहले 2019 में भी भारी बारिश की वजह से इन्हीं गांवों में लैंडस्लाइड हुई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हुई थी। 5 लोगों का आज तक पता नहीं चला। 52 घर तबाह हुए थे।

मुंडक्कई गांव में सबसे ज्यादा नुकसान, यहां 250 लोग फंसे

वायनाड का मुंडक्कई गांव लैंडस्लाइड की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यहां चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला पुल बह गया है, जिससे क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। NDRF की 20 सदस्यीय टीम पैदल चलते हुए यहां तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।

मुंडक्कई में करीब 250 लोगों के फंसे होने की खबर है। यहां कई घर बह गए है। यहां 65 परिवार रहते थे। यहीं पास के एक टी एस्टेट के 35 कर्मचारी भी लापता हैं।

चूरलमाला गांव से दो विदेशी नागरिकों को बचाया गया

जिला पंचायत अध्यक्ष समशाद मरईक्कर ने बताया कि मुंडक्कई सड़क मार्ग से पहुंचा नहीं जा सकता है। मोबाइल नेटवर्क भी ठप है। चूरलमाला गांव में भी नुकसान ज्यादा है। यहां रेस्क्यू जारी है। यहां कई घर बह गए हैं। कई लोगों को बचाया गया हैं, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल थे। ये एक होमस्टे में रुके थे। यहां रेस्क्यू टीम एक-एक घरों की जांच कर रही है।

वायनाड में आज भी भारी बारिश का अनुमान

मौसम विभाग ने आज भी वायनाड के अलावा कोझिकोड, मल्लपुरम और कासरगोड में रेड अलर्ट जारी किया है। यानी आज भी यहां भारी बारिश होने की संभावना है। इसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ सकती है।

वायनाड में लैंडस्लाइड के बाद की तस्वीरें…

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ के दोनों तरफ से पानी और मलबा आया और सबकुछ बहा ले गया।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ के दोनों तरफ से पानी और मलबा आया और सबकुछ बहा ले गया।

हादसे के बाद गांव नदी जैसा दिख रहा था। हर तरफ पानी, मिट्‌टी और मलबा दिख रहा था।

हादसे के बाद गांव नदी जैसा दिख रहा था। हर तरफ पानी, मिट्‌टी और मलबा दिख रहा था।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर भी बहकर गांव में आ गए।

लैंडस्लाइड के बाद पहाड़ से बड़े-बड़े पत्थर भी बहकर गांव में आ गए।

लैंडस्लाइड की वजह से घर, पेड़ और गाड़ियां बहकर जहां-तहां फंसे हुए थे।

लैंडस्लाइड की वजह से घर, पेड़ और गाड़ियां बहकर जहां-तहां फंसे हुए थे।

पहाड़ से मलबों के साथ लकड़ियों का ढेर भी आया। हटाने के लिए क्रेन लगाया गया।

पहाड़ से मलबों के साथ लकड़ियों का ढेर भी आया। हटाने के लिए क्रेन लगाया गया।

लैंडस्लाइड में कई जानवरों की भी मौत हुई है। यह इलाका पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है।

लैंडस्लाइड में कई जानवरों की भी मौत हुई है। यह इलाका पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है।

लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए स्थानीय लोग NDRF-SDRF की टीम की मदद कर रहे हैं।

लापता लोगों को ढूंढ़ने के लिए स्थानीय लोग NDRF-SDRF की टीम की मदद कर रहे हैं।

गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए छोटे-छोटे मैन मेड रेडिमेड पुल का निर्माण किया गया।

गांव में फंसे लोगों को निकालने के लिए छोटे-छोटे मैन मेड रेडिमेड पुल का निर्माण किया गया।

आर्मी की टीम रस्सियों के सहारे गांव में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

आर्मी की टीम रस्सियों के सहारे गांव में फंसे लोगों को बाहर निकाल रहे हैं।

NDRF और केरल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स लोगों को मलबे से निकालने में जुटी हुई है।

NDRF और केरल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स लोगों को मलबे से निकालने में जुटी हुई है।

मलबे से शवों को निकालने का काम जारी है। 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है।

मलबे से शवों को निकालने का काम जारी है। 400 से ज्यादा लोगों के लापता होने की खबर है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

रेस्क्यू टीम लाशों को निकालकर केबल के सहारे नदी के पार पहुंचा रही है।

गांव में फंसी एक महिला और उसके बच्चे को NDRF ने रेस्क्यू किया। दोनों डरे-सहमे हुए थे।

गांव में फंसी एक महिला और उसके बच्चे को NDRF ने रेस्क्यू किया। दोनों डरे-सहमे हुए थे।

सेना ने प्रभावित 4 गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

सेना ने प्रभावित 4 गांवों में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। हेलिकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।

वायनाड हादसे के अपडेट्स..

  • वायनाड लैंडस्लाइड के बाद स्वास्थ्य विभाग ने कंट्रोल रूम बना दिया है। साथ ही इमरजेंसी हेल्थ सर्विस के लिए दो हेल्पलाइन नंबर 8086010833 और 9656938689 जारी किए। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक वैथिरी, कलपट्टा, मेप्पाडी और मनंतवडी अस्पताल अलर्ट पर हैं।
  • कोझिकोड जिले के सभी पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, सभी ग्रेनाइट खदानों को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए कहा गया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड में लैंडस्लाइड में मारे गए लोगों की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने केरल सरकार को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही मरने वालों के परिजन को 2-2 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
  • लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वायनाड की घटना पर सरकार से हर संभव मदद पहुंचाने की अपील की है। वे कल वायनाड दौरे पर जाएंगे।
  • केरल के स्वास्थ्य मंत्री ऑफिस ने बताया है कि वायनाड के चूरलमाला में घायलों का इलाज करने के लिए एक मस्जिद और मदरसे में टेम्परेरी हॉस्पिटल बनाया गया है।

पीड़ितों की आपबीती: किसी ने कहा- हमें बचा लीजिए, कोई बोला- सब तबाह हो गया

  • महिला ने रोते कहा, नौशीन दलदल में फंस गई: चूरलमाला गांव की एक महिला ने कहा, ‘घर में कोई व्यक्ति मलबे में फंस गया है और उसे बाहर नहीं निकाला जा सका। कृपया कोई आए और हमारी मदद करे। हमने अपना घर खो दिया है। हमें नहीं पता कि नौशीन जीवित है या नहीं। वह दलदल में फंस गई है। हमारा घर शहर में ही है।’
  • पीड़ित ने कहा- मेरा मकान अब भी हिल रहा: चूरलमाला की गांव की एक और निवासी ने फोन पर बताया, ‘उनका मकान अब भी हिल रहा है। धरती हिल रही है। एक अन्य व्यक्ति ने फोन पर बताया कि मुंडक्कई में बड़ी संख्या में लोग मलबे में फंसे हैं और जिंदा रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कृपया हमें बचाइए।’
  • बुजुर्ग ने बताया- हम घर में सो रहे थे, सब तबाह हो गया: एक घायल बुजुर्ग ने एक टेलीविजन चैनल को बताया, ‘उनकी पत्नी लापता हैं और उन्हें नहीं मालूम कि वह कहां हैं।’ उन्होंने बताया कि हम घर में सो रहे थे। अचानक एक तेज आवाज सुनाई दी और हमने बड़े-बड़े पत्थर तथा पेड़ों को हमारे मकान की छत पर गिरते हुए देखा। घर में बाढ़ का पानी घुस गया जिससे घर का दरवाजा टूट गया।
  • मुस्तफा अहमद ने कहा- जाग रहे थे इसलिए बच गए: इस आपदा में जीवित बचे मुस्तफा का कहना है, ‘रात 1:40 बजे, एक तेज आवाज आई और मेरे कमरे से लगभग 30 मीटर दूर एक घर पूरी तरह से ढह गया। उस वक्त हम सो नहीं रहे थे, हम तुरंत बाहर भागे। कई लोग फंस गए हैं इस घटना में पूरे गांव के लोग फंस गए हैं, मुझे बचा लिया गया है।’

वायनाड में लैंडस्लाइड की क्या वजह है

वायनाड, केरल के नॉर्थ-ईस्ट में है। यह केरल का एकमात्र पठारी इलाका है। यानी मिट्टी, पत्थर और उसके ऊपर उगे पेड़-पौधों के ऊंचे-नीचे टीलों वाला इलाका। जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल का 43% इलाका लैंडस्लाइड प्रभावित है।

वायनाड में काबिनी नदी है। इसकी सहायक नदी मनंतावडी ‘थोंडारमुडी’ चोटी से निकलती है। लैंडस्लाइड के कारण इसी नदी में बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है।

वायनाड की 51% जमीन पहाड़ी ढलाने हैं। यानी लैंडस्लाइड की संभावना बहुत ज्यादा बनी रहती है। वायनाड का पठार वेस्टर्न घाट में 700 से 2100 मीटर की ऊंचाई पर है। मानसून की अरब सागर वाली ब्रांच देश के वेस्टर्न घाट से टकराकर ऊपर उठती है, इसलिए इस इलाके में मानसून सीजन में बहुत ज्यादा बारिश होती है।

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प्रकृति भगवान से बढ़ी – धार्मिक यात्राओं पर क्यों होते हैं हादसे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 अगस्त 2025 | जयपुर – वैष्णोदेवी : जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम के ट्रैक पर लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर बुधवार को 31 हो गया। हादसा मंगलवार को दोपहर 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।

प्रकृति भगवान से बढ़ी – धार्मिक यात्राओं पर क्यों होते हैं हादसे

कल देर रात तक 7 लोगों के मरने की खबर थी, लेकिन सुबह आंकड़ा बढ़ गया। बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ और मलबा में दबने से ज्यादा नुकसान। एक चश्मदीद ने बताया- बड़े-बड़े पत्थर अचानक गिरने लगे और सब तबाह हो गया।

अक्सर खबरों में सुनने और पढ़ने को मिलता है कि किसी पवित्र धाम के दर्शन करने जा रहे या वापस आ रहे लोगों का वाहन रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसकी वजह से कई लोगों की मौतें हो जाती है। क्या आपने कभी गौर किया है अक्सर ऐसी दुर्घटनाएं पवित्र धाम के दर्शन करने के दौरान ही क्यों होती है।

प्रशासन का कहना है कि 23 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। कई लापता हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल, इस इलाके में भारी बारिश की वजह से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। मंगलवार को जम्मू शहर में 24 घंटे से भी कम समय में 250 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इससे कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों और खेतों में पानी भर गया है।

नॉर्दर्न रेलवे ने भी आज जम्मू-कटरा से चलने वाली और यहां रुकने वाली 22 ट्रेनें रद्द की हैं। इसके अलावा 27 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। हालांकि, कटरा-श्रीनगर के बीच ट्रेन सर्विस जारी है।

लोगों की आपबीती: परिवार साथ था, पल में सब कुछ बिखर गया

  • एक श्रद्धालु ने बताया, ‘मैं और मेरा पूरा परिवार साथ जा रहे थे। मेरे बच्चे और पत्नी आगे निकल गए। फिर बहुत जोर से चट्टान गिरी। हमें कुछ समझ नहीं आया। अब मेरा बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा है। हम डरे हुए हैं। पल भर में हमारा सब कुछ बिखर गया।’
  • एक और व्यक्ति ने बताया, ‘मैं पीछे था। मेरे साथ आए 6 लोग मेरे आगे थे। आगे करीब 100 से ज्यादा लोग और भी थे। मैं अभी भी कांप रहा हूं। मेरे साथ आए लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चला।’
  • एक और महिला ने बताया, ‘हम माता रानी के दरबार में जा रहे थे। हमें कुछ समझ नहीं आया। मैं और मेरे पति तो बच गए पर मेरे तीनों बच्चे दब गए। सब कुछ तुरंत हो गया।’

पंजाब के मोहाली की रहने वाली किरण ने बताया, ‘मैं दर्शन करके पहाड़ से नीचे आ रही थी, तभी अचानक लोग चिल्लाने लगे। मैंने पत्थर गिरते हुए देखे। मैं किसी तरह सुरक्षित जगह की ओर भागी, लेकिन घायल हो गई।’ किरण के साथी एक और महिला ने बताया, ‘हम पांच लोग एक ग्रुप में थे, जिनमें से 3 घायल हैं।’

लैंडस्लाइड के बाद के हालात की 4 तस्वीरें…

रेस्क्यू टीम ने बुधवार को मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला।

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लैंडस्लाइड से मंगलवार को ट्रैक के टिनशेड गिरे, रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हुई।

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पहाड़ से बड़े पत्थर गिरे, जिन्हें हटाने का काम बुधवार को भी किया गया।

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वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर काफी दूर तक लैंडस्लाइड का मलबा फैल गया।

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जम्मू भारी बारिश से हालात खराब, 3500 लोगों का रेस्क्यू

जम्मू में मंगलवार को 11:30 से 5:30 बजे तक 6 घंटे में 22 सेमी बारिश हुई, जो अब तक की सबसे ज्यादा थी। आधी रात के बाद बारिश हुई। झेलम नदी का जलस्तर 22 फीट पार करने पर दक्षिण कश्मीर में बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू शहर, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कठुआ, उधमपुर समेत कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं। रियासी, रामबन, डोडा, कटरा, बनिहाल और आसपास हल्की बारिश जारी है।

राहत बचाव में जुटी एजेंसियों ने अभी तक सिर्फ जम्मू जिले में 3500 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। पूरे जिले में बचाव शिविर और रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। ज्यादातर बचाए गए लोगों को जम्मू के यूथ हॉस्टल में रखा गया है। सेना पूरे इलाके को तीन हिस्सों में बांट कर लोगों को बचा रही है। एक टीम आर्धकुमारी, एक टीम कटरा-ठक्कड़ कोट रोड और एक टीम जौरियन में काम कर रही है।

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जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अलवर : लालकोठी इलाके में सांगानेरी गेट के पास पकड़ी गई 1800 किलो मिलावटी पनीर से भरी पिकअप हरियाणा के नूंह स्थित अगोन से आई थी। जब्त किया गया मिलावटी बदबूदार पनीर जयपुर के 3 ठिकानों पर सप्लाई होना था। पुलिस ने पिकअप में सवार नूंह के फिरोजपुर निवासी मनीष, मुफीद व अलवर के किशनगढ़ निवासी शालीम को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया।

जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

अब पुलिस पनीर सप्लाई होने वाले ठिकानों की तलाश कर रही है। लालकोठी थानाधिकारी बन्नालाल ने बताया कि पिकअप में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में थड़ी मार्केट, जयसिंहपुरा खोर व वीकेआई 14 नंबर के पास सप्लाई होना था।

आगे इन्हें पनीर सप्लायर तसलीन, तोफिक, विक्की, शेरू, समीर, जुम्मन, सद्दाम व यासीन लंगड़ा नाम के सप्लायर मिलने थे, लेकिन उनकी लोकेशन इनके पास नहीं है। वो सप्लायर इनसे खुद संपर्क करते तो ही माल आगे सप्लाई होता। ऐसे में पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

नेटवर्क खंगालने में जुटी टीम

28 पैकेट में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में तीन ठिकानों पर होलसेल का काम करने वाले दलालों को सप्लाई होना था। इसके बाद वो दलाल अलग-अलग दुकानदारों को सप्लाई करते है। ऐसे में पुलिस टीमें पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरगना अरशद अगोन से रोजाना दो पिकअप माल भरकर जयपुर भेजता है। हर बार सप्लाई में अलग लड़के आते थे।

हर बार सप्लाई में अलग-अलग लड़के भेजता था

गिरोह का सरगना अरशद अगोन में मिलावटी पनीर की फैक्ट्री चलाता है, जो जयपुर सहित कई शहरों में रोज हजारों किलो पनीर सप्लाई करता है। अरशद हर बार सप्लाई के लिए अलग गाड़ी, अलग लड़के और उनके साथ खुद के अलग-अलग मोबाइल देकर भेजता था, ताकि कोई उन्हें ट्रेस नहीं कर सके।

पकड़े गए तीनों आरोपी करीब डेढ़ साल से अरशद के साथ काम करते है। जैसे यहां पकड़े गए आरोपी शुक्रवार को जयपुर आये थे, लेकिन अगले चक्कर में ये किसी अन्य शहर में सप्लाई को जाते और यहां दूसरे लड़के भेजे जाते है। कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पनीर के सैंपल लेने के बाद जेसीबी से गड्ढ़ा खोदकर बदबूदार पनीर को नष्ट करवा दिया।

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