डीआरडीओ के अधिकारी विजेंद्र मीणा पर जानलेवा हमला

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 20 जुलाई 2024 | जयपुर : जयपुर में युवकों ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारी पर जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी ने अधिकारी के सिर पर कड़े से वार किए। इससे गंभीर चोट आई है। वहीं, घटना के बाद युवक मौके से भाग निकले। इसके बाद पीड़ित की शिकायत पर नाहरगढ़ थाने में एफआईआर दर्ज की गई।

डीआरडीओ के अधिकारी विजेंद्र मीणा पर जानलेवा हमला

डीआरडीओ के अधिकारी विजेंद्र मीणा ने बताया- 18 जुलाई को रात 11 बजे अपने चचेरे भाई को दिल्ली जाने के लिए ऑटो स्टैंड पर छोड़ने गया था। इसी दौरान घर के नजदीक नाहरगढ पैलेस होटल के सामने बाबा कैफे के बाहर दीवार पर एक व्यक्ति बैठकर सिगरेट पी रहा था।

डीआरडीओ के अधिकारी विजेंद्र मीणा पर जानलेवा हमला

उसने रास्ते में जाते समय रोककर गाली गलौज की। इस पर पीड़ित ने ध्यान नहीं दिया। वो आगे निकल गया। जब पीड़ित वापस लौटा तो उस युवक ने रोका। मुंह पर सिगरेट का धुआं छोड़ने के साथ ही गाली निकाली। इस पर पीड़ित ने मना किया।

आरोपी ने बाबा कैफे के अंदर बैठे अपने अन्य साथियों को बुला कर हमला कर दिया। आरोपी ने हाथ में मोटा कड़ा पहन रखा था। उसी कड़े से पीड़ित के सिर पर वार किए। इससे गंभीर चोट आई। घटना के बाद परिवार के लोग भी मौके पर पहुंचे।

इस पर बदमाश मौके से भाग छूटे। परिवार ने घायल को निजी अस्पताल में भर्ती कराया। पुलिस को घटना की जानकारी दी। नाहरगढ़ थाना पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। डीआरडीओ के अधिकारी विजेंद्र मीणा के सिर में चोट आई है।

पीड़ित परिवार ने दी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने सीसीटीवी फुटेज पुलिस को दी है। इस पर वारदात करने वाले 6 से ज्यादा बदमाश दिखाई दे रहे हैं। सीसीटीवी फुटेज में कड़े से वार करता हुए बदमाश भी दिखाई दे रहा है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कुछ युवकों को चिह्नित भी किया है।

नाहरगढ़ थाने के हेड कॉन्स्टेबल गोपाल लाल ने बताया- बदमाशों को चिह्नित कर लिया गया था। घटना के कुछ घंटे बाद शांतिभग में गिरफ्तार किया गया था। एफआईआर दर्ज हो चुकी है। जल्द बदमाशों पर कार्रवाई की जाएगी।

लोग बोले- बाबा कैफे में रहता है बदमाशों को जमावड़ा

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बाबा कैफे देर रात तक खुला रहता है। नाहरगढ़ थाना पुलिस कैफे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। यहां पर देर रात तक बदमाशों का जमावड़ा रहता है। ये लोग यहां रहने वाले लोगों के साथ मारपीट, लूटपाट करते हैं। थाना पुलिस को इस कैफे को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन इस पर कोई एक्शन नहीं होता।

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सुप्रीम कोर्ट की एससी-एसटी एक्ट कमजोर करने की एक और कोशिश

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 24 अगस्त 2024 | दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के नये फैसले ने एससी-एसटी एक्ट कानून के प्रावधानों को फिर से कमजोर किया है। इससे देश एससी एसटी समुदायों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर किसी अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति को उसकी जाति का नाम लिए बगैर अपमानित किया गया है, तो यह मामला SC/ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत अपराध नहीं होगा।

सुप्रीम कोर्ट की एससी-एसटी एक्ट कमजोर करने की एक और कोशिश

जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने एक ऑनलाइन मलयालम न्यूज चैनल के एडिटर शाजन स्कारिया को अग्रिम जमानत देते हुए यह फैसला सुनाया। स्कारिया पर 1989 एक्ट की धारा 3(1)(R) और 3(1)(U) के तहत केस दर्ज हुआ था।

एससी-एसटी एक्ट कमजोर करने की एक और कोशिश

उन पर आरोप था कि उन्होंने SC समुदाय से आने वाले कुन्नाथुनाड के CPM विधायक पीवी श्रीनिजन को माफिया डॉन कहा था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट और केरल हाईकोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार कर दिया था।

कोर्ट ने कहा- वीडियो में अपमान जैसा कुछ नहीं मिला

आरोपी स्कारिया की तरफ से एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और गौरव अग्रवाल ने दलीलें रखीं। जिसे मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा- SC/ST समुदाय के किसी सदस्य का जानबूझकर किया गया हर अपमान और उसे दी गई धमकी जाति आधारित अपमान नहीं माना जाएगा।

हमें ऐसा कुछ नहीं मिला जो साबित करे कि स्कारिया ने यूट्यूब वीडियो में SC/ST समुदाय के खिलाफ दुश्मनी या नफरत को बढ़ावा देने की कोशिश की है। वीडियो का SC या ST के सदस्यों से कोई लेना-देना नहीं है। उनका निशाना केवल शिकायतकर्ता (श्रीनिजन) ही था।

तो फिर किसे जातिगत अपमान माना जायेगा

70 पेज का फैसला लिखते हुए जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि केवल उन मामलों में जानबूझकर अपमान या धमकी दी जाती है, जो छुआछूत की प्रथा या ऊंची जातियों के निचली जातियों/अछूतों पर अपनी श्रेष्ठता साबित करने के लिए होते हैं। इन्हें 1989 एक्ट में अपमान या धमकी कहा जा सकता है।

बेंच ने कहा कि अपमानित करने का इरादा वही है, जिसे कई विद्वानों ने हाशिए पर पड़ी जातियों के लिए बताया है। यह कोई साधारण अपमान या धमकी नहीं है जिसे अपमान माना जाए और जिसे 1989 के अधिनियम के तहत दंडनीय बनाने की मांग की गई है।

कोर्ट की सलाह- श्रीनिजन चाहे तो मानहानि का मुकदमा कर सकते हैं

माफिया डॉन के संदर्भ का हवाला देते हुए कोर्ट ने कहा- निंदनीय आचरण और अपमानजनक बयानों को देखते हुए, अपीलकर्ता (स्कारिया) के बारे में केवल यह कहा जा सकता है कि उसने IPC की धारा 500 के तहत मानहानि का अपराध किया है। यदि ऐसा है, तो शिकायतकर्ता (श्रीनिजन) के लिए अपीलकर्ता (स्कारिया) के खिलाफ मुकदमा चलाने के रास्ते हमेशा खुले रहेंगे।

हालांकि, शिकायतकर्ता (श्रीनिजन) केवल इस आधार पर 1989 एक्ट के तहत केस दर्ज करने की अपील नहीं कर सकता, क्योंकि वह अनुसूचित जाति से है और वीडियो की कॉपी में भी यह साबित नहीं हुआ कि स्कारिया का श्रीनिजन का अपमान करना उसकी जाति से प्रेरित था।

पहले भी हुई थी साजिश 

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को एससी-एसटी एक्ट के कुछ प्रावधानों में बदलाव किया था। इसके विरोध में 3 मार्च को भारत बंद बुलाया गया था। प्रदर्शन के दौरान 10 से ज्यादा राज्यों में हिंसा हुई थी और 15 लोगों की मौत हो गई थी। 

कोर्ट के फैसले से देश में गुस्सा और असहजता

सरकार ने लिखित जवाब दायर कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक बेहद संवेदनशील मुद्दे पर जो फैसला दिया, उससे देशभर में लोगों के बीच हलचल, गुस्सा और असहजता बढ़ी है। इसके अलावा कोर्ट के आदेश से जो भ्रम की स्थिति पैदा हुई है, उसे ठीक करने के लिए फैसले पर पुनर्विचार जरूरी है।   

कोर्ट को लिखित जवाब में केंद्र की तरफ से अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों को न्यायिक कानून से संशोधित किया है, जबकि कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका के अपने अधिकार हैं और उनका उल्लंघन नही किया जा सकता। 

एससी-एसटी एक्ट: टाइमलाइन

12 अप्रैल: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि अपने फैसले पर पुनर्विचार करें, क्योंकि इस फैसले ने एक्ट के कानूनी प्रावधानों को कमजोर किया है।

4 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई की। करीब एक घंटे तक चली सुनवाई में बेंच ने कहा कि कोर्ट के आदेश ने एससी-एसटी एक्ट को कमजोर नहीं किया। कोर्ट ने फैसले पुनर्विचार याचिका पर 10 दिन में सुनवाई करने की बात कही।

3 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया। प्रदर्शन हिंसा में बदला 10 राज्यों में 14 लोगों की मौत हुई।   

– केंद्र ने भी इसी दिन सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने इस पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया था। 

20 मार्च: सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर फैसले के साथ आदेश दिया कि एससी/एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न की जाए। इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत मिले। पुलिस को 7 दिन में जांच करनी चाहिए। सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती। 

एससी/एसटी एक्ट के मामले में वो सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं:

1) एससी/एसटी कानून में कहां पुलिस से शिकायत हुई थी
– महाराष्ट्र में शिक्षा विभाग के स्टोर कीपर ने राज्य के तकनीकी शिक्षा निदेशक सुभाष काशीनाथ महाजन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। स्टोर कीपर ने शिकायत में आरोप लगाया था कि महाजन ने अपने अधीनस्थ उन दो अिधकारियों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी है, जिन्होंने उसकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट में जातिसूचक टिप्पणी की थी।

2) पुलिस से शिकायत होने के बाद कैसे आगे बढ़ा मामला
– पुलिस ने जब दोनों आरोपी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उनके वरिष्ठ अधिकारी महाजन से इजाजत मांगी, तो वह नहीं दी गई। इस पर पुलिस ने महाजन पर भी केस दर्ज कर लिया। महाजन का तर्क था कि अगर किसी अनुसूचित जाति के व्यक्ति के खिलाफ ईमानदार टिप्पणी करना अपराध हो जाएगा तो इससे काम करना मुश्किल जो जाएगा।

3) एफआईआर के बाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में केस कब से
– 5 मई 2017 को काशीनाथ महाजन ने एफआईआर खारिज कराने हाईकोर्ट पहुंचे। पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया। एफआईआर खारिज नहीं हुई तो महाजन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर शीर्ष अदालत ने 20 मार्च को उन पर एफआईआर हटाने का आदेश दिया।

4) सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को फैसले में क्या कहा था
– सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के साथ आदेश दिया कि एससी/एसटी एक्ट में तत्काल गिरफ्तारी न की जाए। इस एक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत मिले। पुलिस को 7 दिन में जांच करनी चाहिए। सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी अपॉइंटिंग अथॉरिटी की मंजूरी के बिना नहीं की जा सकती।

5) क्यों फैसले का विरोध शुरू हुआ, सरकार ने क्या किया
– इस फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। दलित संगठनों और विपक्ष ने केंद्र से रुख स्पष्ट करने को कहा। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की।

यह भी पढ़ें : ACB कार्रवाई में JDA तहसीलदार जेईएन सहित 7 लोग रिश्वत लेते गिरफ्तार

6) आखिर इस फैसले के विरोध क्यों हो रहा है
– दलित संगठनों का तर्क है कि 1989 का एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम कमजोर पड़ जाएगा। इस एक्ट के सेक्शन 18 के तहत ऐसे मामलों में अग्रिम जमानत का प्रावधान नहीं है।

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राजस्थान में हुआ भारत बंद का व्यापक असर, बीकानेर-जोधपुर में हिंसक घटनाएँ

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 अगस्त 2024 | जोधपुर : अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को लेकर बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का राजस्थान में अत्यधिक व्यापक असर देखा गया।

राजधानी जयपुर के साथ साथ अजमेर सहित अनेक शहरों में प्रमुख बाजार बंद हैं और सड़कों पर आवागमन अन्य दिनों की तुलना में बहुत ही कम रहा। प्रशासन ने जयपुर सहित अनेक जिलों में स्कूल- कॉलेज में एहतियातन छुट्टी की घोषणा पहले से ही की थी।

राजस्थान में हुआ भारत बंद का व्यापक असर, बीकानेर-जोधपुर में हिंसक घटनाएँ

यह ‘बंद’ सुबह नौ बजे शुरू हुआ और राज्य के अनेक जिलों में इसका असर रहा। प्रमुख बाजारों में दुकानें नहीं खुलीं। अनेक जगह रोडवेज की बस नहीं चलने से लोगों को परेशानी हुई। राजधानी जयपुर सहित राज्यभर की सड़कों पर भी अपेक्षाकृत कम वाहन द‍िखे। ‘बंद’ का आह्वान करने वाले संगठनों के कार्यकर्ताओं ने रैलियां निकालीं। पुलिस ने किसी भी तरह की अप्रिय घटना को टालने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए।

राजस्थान में हुआ भारत बंद का व्यापक असर

भारत बंद को लेकर राजस्थान के डीजीपी का बयान आया सामने

राजस्थान में भारत बंद को लेकर DGP यूआर साहू का बयान सामने आया है। साहू ने कहा कि राजस्थान में दो-तीन घटनाओं को छोड़कर बंद शांतिपूर्ण रहा है। दो-तीन जगह से सूचना मिली है कि बंद के दौरान क़ानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गई।

इस संबंध में शिकायत के आधार और अनुसंधान किया। डीजीपी ने आगे कहा कि राजस्थान में राज्य सरकार के निर्देशों पर पुलिस डिपार्टमेंट ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। उसी के अनुसार आज पुलिस प्रशासन ने बेहतर ढंग से अपनी ड्यूटी को अंजाम दिया।

भारत बंद का जयपुर में दिखा असर

एससी एसटी आरक्षण में उप वर्गीकरण के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में भारत बंद का असर जयपुर में भी देखने को मिला। अल्बर्ट हॉल के पास बड़ी संख्या में जमा हुए लोग चौड़ा रास्ता, त्रिपोलिया गेट होते हुए बड़ी चौपड़ से एमआई रोड पहुंचे।

हल्की बारिश के बीच नारेबाजी करते हुए लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शन के रूट को देखते हुए व्यापारियों ने पहले ही अपनी दुकानें बंद रखी थी। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और आरएएफ की टुकड़ी तैनात रखी थी। बंद समर्थकों का कहना था कि यह आरक्षण समाप्त करने की साजिश है।

जयपुर में भारी सुरक्षा बल की तैनाती

भारत बंद के चलते जयपुर में भारी सुरक्षाबल की तैनाती की गई। इस वक्त अल्बर्ट हॉल संग्रहालय के बाहर से एक तस्वीर सामने आई। इसमें पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आरएएफ की टुकड़ी मार्च करती नजर आयी।

जयपुर पुलिस कमिश्नर ने जारी की एडवाइजरी

भारत बंद के मद्देनजर जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसफ ने आयुक्तालय के सभी थाना क्षेत्र में शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एडवाइजरी जारी की। बंद शांतिपूर्वक रहे व कानून व्यवस्था एवं नियमों का उल्लंधन बर्दाश्त नहीं किया जाए। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।

बंद के दौरान किसी प्रकार की आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं रहें। शहर में शांति, कानून एवं यातायात व्यवस्था बनाए रखें.सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखें। किसी भी प्रकार की भ्रामक बातें एवं अपवाह न फैले एवं अफवाहों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें।

पुलिस नियंत्रण कक्ष पर कानून व्यवस्था संबंधी जानकारी समय समय पर अपडेट करें एवं थाना क्षेत्रों पर सूचना तंत्र सक्रिय कर नजर रखें। राजकीय,सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को किसी प्रकार का नुकसान न हो। शांति पूर्वक मार्च में असामाजिक एवं शरारती तत्वों से सावधानी बरतें।

जयपुर के पुराने शहर में सभी बाजार बंद रहे। शहर के जौहरी बाजार इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।

जयपुर के पुराने शहर में सभी बाजार बंद रहे। शहर के जौहरी बाजार इलाके में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।

भारत बंद जयपुर का रूट चार्ट

अनुसूचित जाति-जनजाति संयुक्त संघर्ष समिति, राजस्थान ने भारत बंद जयपुर का रूट चार्ट जारी किया। इसके अनुसार, 21 अगस्त सुबह 9 बजे यह रामनिवास बाग से शुरू होकर चौड़ा रास्ता, त्रिपोलियाबाजार, बड़ी चौपाड़, जोहरी बाजार, सांगानेरी गेट, एमआई रोड से होते हुए वापस रामनिवास बाग पहुंचें।

जयपुर के संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी

भारत बंद को लेकर राजस्थान की राजधानी में पुलिस हाई अलर्ट पर रही। जगह-जगह पुलिस बल को तैनात किया गया। संवेदनशील स्थानों पर ज्यादा सतर्कता बरती गयी। सड़कों पर फिलहाल आवाजाही नगण्य थी। कुछ देर बाद बंद का व्यापक असर दिखा।

पाली में डीजे के साथ निकाला जुलूस

सुप्रीम कोर्ट की ओर से एससी-एसटी वर्गों के आरक्षण में कोटा देने के निर्णय के विरोध में पाली शहर समेत जिले भर में दलित संगठनों की ओर से रैलियों का आयोजन किया गया। बंद का असर जिलेभर में देखने को मिला।

सुबह से ही बाजार पूरी तरह से बंद नजर आए। जय भीम के नारों के साथ दलित वर्ग के हजारों लोग डीजे लेकर शहर भर में घूमे। इस दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाएं पूरी तरह से बंद रहीं।

बूंदी में जबरन बंद करवाया गया बाजार

बूंदी में भी भारत बंद का असर देखने को मिल रहा है। सुबह से सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। एससी एसटी संगठन से जुड़े लोग बड़ी संख्या में शहर भर के बाजारों में घूम कर प्रदर्शन करते हुए दिखाई दे दिये। इस दौरान जो दुकान खुली हुई दिख रही थी, उसे वो जबरन बंद करवा।

प्रदर्शन को देखते हुए 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहे। ड्रोन से शहर के विभिन्न इलाकों की निगरानी की गयी। मूकनायक मीडिया ब्यूरो के संवाददाता ने बूंदी शहर में बंद का जायजा लिया, जहां इंदिरा मार्केट सहित विभिन्न बाजार बंद रहे। जिले के हिंडोली, तालेड़ा, लाखेरी, केशवरायपाटन कस्बे भी बंद थे।

अलवर हाथों में डंडे लेकर युवाओं ने निकाला जुलूस

अलवर में अंबेडकर सर्किल पर संयुक्त समाज के सभी कार्यकर्ता उपस्थित हुए। इसके बाद उन्होंने पूरे बाजार में रैली निकली। कुछ लोगों के हाथों में डंडे थे, कुछ बाइक पर झंडे लिए बैठे थे, जबकि कुछ पैदल चल रहे थे। ये रैली तीन बजे मिनी सचिवालय पहुंचेगी, जहां जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया। एक डीएसपी, दो थाना प्रभारी और पुलिस की चार गाड़ियां रैली के साथ चल रही थी।

3 बजे तक नहीं चली रोडवेज बसें

अनुसूचित जाति और जनजाति संगठनों की ओर से आज भारत बंद के आवाहन पर अलवर में पूरा बाजार बंद रहा। पुलिस की ओर से सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। आवश्यक आपातकालीन सेवाओं को इस बंद से मुक्त रखा गया। हर उपखंड क्षेत्र में एसडीएम को कार्यपालक मजिस्ट्रेट बनाया गया।

इस बंद को देखते हुए अलवर में शांति व्यवस्था के लिए पूरे जिले में करीब 2000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए। आरएसी की 2 कंपनियों के साथ होमगार्ड भी तैनात रहे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सहित अन्य पुलिस अधिकारियों द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की गयी।

जोधपुर के पांच बत्ती चौराहे पर सन्नाटा

जोधपुर के पांच बत्ती चौराहे पर बंद का असर साफ नजर आ रहा है। सभी दुकानें बंद हैं। 24 घंटे चलने वाली सड़कें आज खाली हैं। पुलिस के कुछ जवान यहां की स्थति पर नजर बनाए हुए थी। लेकिन शहर पूरी से बंद नजर आया। जोधपुर में कलेक्टर को ज्ञापन देने जाते हुए संघर्ष समिति के कार्यकर्ता अचानक सोजत गेट पर ट्रैफिक पुलिस पोस्ट पर चढ़ गए।

जयपुर के अल्बर्ट हॉल के बाहर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हुए।

गर्म तेल गिराकर जलाए दोनों पैर

जोधपुर जिले के सोमेसर गांव में भारत बंद के दौरान बंद समर्थकों ने खूब उत्पात मचाया। यहां व्यापारियों के प्रतिष्ठानों को जबरदस्ती बंद कराया गया। इसी दौरान उत्पात मचाने वालों ने एक पकोड़े बनाने वाले को अपना शिकार बना लिया और उसके पैरों पर गर्म तेज डालकर जला दिए। इसके बाद इलाके में हड़कंप मच गया और गांव में महिला एवं पुरुष धरने पर बैठ गए और रोड जाम कर दी।

भीलवाड़ा में निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। रैली में शामिल लोगों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।

धौलपुर बस स्टैंड पर इंतजार करती रही सवारियां

भारत बंद के आह्वान को लेकर पुलिस और प्रशासन सतर्क है। धौलपुर शहर के प्रमुख बाजारों में सन्नाटा पसर गया। बाजार पूरी तरह से बंद रहे। रोडवेज बसों के पहिए थमने से सवारियां बस स्टैंड पर परेशान हो रही। चप्पे चप्पे पर पुलिस की तैनाती की गई।

पुलिस द्वारा बाजारों में फ्लैग मार्च किया गया। जिले के राजाखेड़ा, सरमथुरा, बाड़ी, बसेड़ी एवं सैपऊ उपखंड में भारी पुलिस बल की गई। धौलपुर रोडवेज बस स्टैंड पर बसों के पहिए पूरी तरह से थम गए। सावरिया सुबह से इंतजार कर रही हैं. लोगों को आवागमन में भारी असुविधा हो हुई।

कोटा में जबरन बंद कराई जा रहीं दुकानें

राजस्थान के कोटा शहर में संयुक्त संघर्ष समिति के कुछ लोग सड़कों पर घूम-घूम कर भारत बंद के दौरान खुली हुई दुकानों को बंद कराते हुए नजर आये। इस दौरान की वीडियो भी सामने आई, जिसमें दूर-दूर तक एक भी पुलिसकर्मी नजर आ रहा था।

अजमेर में निकाली गई बाइक रैली

एससी एसटी वर्ग के भारत बन्द के दौरान अजमेर की दरगाह बाजार व्यापारियों ने भी बंद को समर्थन दिया। इस दौरान समुदाय के लोगों ने पूरे शहर में बाइक रैली निकाली। अनाज, फल, सब्जी मंडी को भी इस में बंद रखा गया। रोडवेज बस में भी दोपहर तक नहीं चली क्योंकि इनका मुख्य कॉल दोपहर 3:00 बजे तक बंद रहे। पुलिस द्वारा ड्रोन से भी निगरानी की जा रही।

बीकानेर के बवाल का वीडियो आया सामने

भारत बंद के दौरान बीकानेर में हुए झड़प का वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में आप देख सकेंगे कि किस तरह दुकान बंद कराने के नाम पर बीकानेर के बज्जू में दो गुटों में झड़प हुई।दुकानदार बोला- शाम की रोटी का इंतजाम कर दो मैं दुकान बंद कर दूंगा।

भारत बंद के बीच राजस्थान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में एक दुकानदार बाजार बंद कराने आए लोगों और थानेदार से उलझता नजर आ रहा है। दुकानदार साफ कहता है कि हमे आरक्षण नहीं, बच्चों के लिए रोटी चाहिए। बाजार बंद कराने आए लोगों से दुकानदार यह भी कहता है कि आप शाम को हमारे परिवार के लिए रोटी (खाने) का इंतजाम कर दो, मैं दुकान बंद कर दूंगा।

बीकानेर में बवाल, दो गुटों में झड़प। भारत बंद के दौरान राजस्थान के बीकानेर जिले से बवाल की खबर सामने आई है। बीकानेर के बज्जू में भारत बन्द के दौरान दो गुटों झड़प हुई। इस झड़प में एक व्यक्ति घायल भी हो गया। झड़प के बाद क़स्बे में तनाव की स्थिति बनी है।

बताया गया कि दुकान बन्द करवाने को लेकर विवाद हुआ। झड़प के बाद पुलिस मौक़े पर पहुंच चुकी है। घायल का इलाज सीएचसी में कराया जा रहा है। हालांकि एसएमडी रंजीत कुमार ने बताया स्थिति कंट्रोल में है।

बीकानेर स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्र और मदरसों में अवकाश

भारत बंद को मद्देनजर रखते हुए बुधवार को बीकानेर जिले के समस्त निजी और सरकारी स्कूलों, कोचिंग संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों और मदरसों में विद्यार्थियों के लिए अवकाश रहा। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने इस संबंध में आदेश जारी किए।

भारत बंद को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत का ट्वीट

राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने मंगलवार रात 12 बजे के बाद एक्स पर लिखा, ‘उच्चतम न्यायालय द्वारा SC/ST आरक्षण में क्रीमीलेयर व उप वर्गीकरण को लेकर दिए गए फैसले के विरोध में देशभर के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग ने 21 अगस्त को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। मैं समाज के सभी वर्गो से अपील करता हूं कि शांति बनाए रखें एवं अफवाहें ना फैलाएं। हम सभी को समाज में एक साथ रहना है इसलिए ऐसा कोई कृत्य ना करें जिससे आपसी सौहार्द बिगड़े।’

बाड़मेर में भारत बंद के दौरान निकला जुलूस

राजस्थान के बाड़मेर जिले में अंबेडकर सर्किल से जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय तक जुलूस निकाला। इस दौरान जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसके साथ ही जुलूस समाप्त हुआ। भारत बंद के साथ जुलूस के चलते जिले में पुलिस व आरएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात रहे। एरिया मजिस्ट्रेट नियुक्त कर कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए थे। हर गतिविधि पर पुलिस की पैनी नजर रखी।

अजमेर, पाली, सवाई माधोपुर, बाड़मेर सहित कई शहरों में बंद का असर देखा गया। - Dainik Bhaskar

सीकर में शराब की दुकानें भी बंद

भारत बंद के दौरान सीकर जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने एवं बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि को मध्य नजर रखते हुए जिला कलेक्टर कमर चौधरी ने आदेश जारी करके जिले के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का 21 अगस्त को अवकाश घोषित किया।

डीएम ने जिला आबकारी अधिकारी सीकर को निर्देशित किया था कि 21 अगस्त 2024 को भारत बंद के मध्यनजर जिले में कानून व्यवस्था बनाएं रखने के लिए प्रातः काल से सायं 6 बजे तक जिले की समस्त शराब की दुकानें बंद करवाया जाना सुनिश्चित करें।

भीलवाड़ा में निकाली गई रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। रैली में शामिल लोगों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा।

जोधपुर में कलेक्टर को ज्ञापन देने जाते हुए संघर्ष समिति के कार्यकर्ता अचानक सोजत गेट पर ट्रैफिक पुलिस पोस्ट पर चढ़ गए।

 

जयपुर के अल्बर्ट हॉल के बाहर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में युवा भी शामिल हुए।

जयपुर सहित 16 जिलों में स्कूल-कॉलेज रहे बंद

बंद के चलते जयपुर, सीकर, अलवर, दौसा, सवाई माधोपुर, डीग, जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, टोंक, भीलवाड़ा, नीमकाथाना, कोटा, श्रीगंगानगर, चित्तौड़गढ़ और भरतपुर में स्कूल-कॉलेजों के साथ समस्त शैक्षणिक संस्थाओं में आज छुट्टी कर दी गई थी। कोटा, शेखावाटी और मत्स्य यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं कैंसिल की गई।

भरतपुर में संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा के निर्देशानुसार सुबह 9 से शाम 6 बजे तक भरतपुर, सवाई माधोपुर, करौली व डीग-कुम्हेर में इंटरनेट बंद रहा। गंगापुर सिटी जिले के टोडाभीम में सरकारी स्कूल विशनपुरा के 12 टीचरों ने सीबीईओ (टोडाभीम) को सामूहिक एप्लिकेशन देकर 21 अगस्त की छुट्टी मांगी।

उन्होंने भारत बंद का समर्थन करने के लिए छुट्‌टी चाही थी। कोटा के साथ ही जयपुर ग्रामीण के फुलेरा, चंदवाजी, रेनवाल और अचरोल में शराब की दुकानें बंद रही।

राजस्थान के अलग-अलग शहरों में बंद का असर, PHOTOS…

सवाई माधोपुर के पुराने शहर में दंडवीर बालाजी से रैली निकाली गई। जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची। रैली शामिल युवाओं ने डंडे लहराते हुए नारेबाजी की।

सवाई माधोपुर के पुराने शहर में दंडवीर बालाजी से रैली निकाली गई। जो शहर के प्रमुख मार्गों से होती हुई कलेक्ट्रेट पहुंची। रैली शामिल युवाओं ने डंडे लहराते हुए नारेबाजी की।

जैसलमेर में अंबडेकर पार्क से निकली रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। रैली को देखते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात रहे।

जैसलमेर में अंबडेकर पार्क से निकली रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। रैली को देखते बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी भी तैनात रहे।

झुंझुनूं के चिड़ावा में बंद शांतिपूर्ण रहा। इस दौरान लोगों ने सभा की और सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर विचार ना करने और आरक्षण से छेड़छाड़ ना करने की अपील की।

झुंझुनूं के चिड़ावा में बंद शांतिपूर्ण रहा। इस दौरान लोगों ने सभा की और सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर विचार ना करने और आरक्षण से छेड़छाड़ ना करने की अपील की।

प्रदेश के अलग-अलग शहर में बंद के दौरान रैली निकालकर भी प्रदर्शन किया गया।

प्रदेश के अलग-अलग शहर में बंद के दौरान रैली निकालकर भी प्रदर्शन किया गया।

नीमकाथाना में अंबेडकर छात्रावास से एक रैली निकाली गई। इस दौरान बाजार पूरी तरह बंद रहे, वहीं सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

नीमकाथाना में अंबेडकर छात्रावास से एक रैली निकाली गई। इस दौरान बाजार पूरी तरह बंद रहे, वहीं सुरक्षा की दृष्टि से बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

पाली के अंबेडकर सर्किल पर प्रदर्शन करते अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण संघर्ष समिति के कार्यकर्ता।

पाली के अंबेडकर सर्किल पर प्रदर्शन करते अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण संघर्ष समिति के कार्यकर्ता।

जयपुर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बंद रहे। पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों में बैरिकेडिंग भी की।

जयपुर में एजुकेशनल इंस्टीट्यूट बंद रहे। पुलिस ने शहर के अलग-अलग इलाकों में बैरिकेडिंग भी की।

प्रदेश के अधिकतर शहरों में बंद के आह्वान के कारण सन्नाटा पसरा नजर आया।

प्रदेश के अधिकतर शहरों में बंद के आह्वान के कारण सन्नाटा पसरा नजर आया।

सीकर में बंद का असर दिखा। यहां के प्रमुख जाट बाजार में सन्नाटा है। आम दिनों में यहां सुबह 9 बजे ही चहल-पहल शुरू हो जाती है।

सीकर में बंद का असर दिखा। यहां के प्रमुख जाट बाजार में सन्नाटा है। आम दिनों में यहां सुबह 9 बजे ही चहल-पहल शुरू हो जाती है।

टोंक में बंद को लेकर निकाली गई रैली में जिले भर से लोग शामिल हुए।

टोंक में बंद को लेकर निकाली गई रैली में जिले भर से लोग शामिल हुए।

गंगापुर के टोडाभीम में विरोध प्रदर्शन के लिए शहर के मुख्य बाजार में टेंट लगाया गया। यहां के बाजार भी पूरी तरह बंद रहे।

गंगापुर के टोडाभीम में विरोध प्रदर्शन के लिए शहर के मुख्य बाजार में टेंट लगाया गया। यहां के बाजार भी पूरी तरह बंद रहे।

कोटा में 3 बजे तक बंद रहेंगे बाजार

शिक्षा नगरी कोटा में भारत बंद का असर दिखा। स्कूल-कॉलेज से लेकर दुकानों तक यहां सब कुछ बंद रहा। व्यापार संघ ने दोपहर 3:00 तक दलित-आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद का समर्थन किया।

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ऐसे में कोटा पुलिस अलर्ट मोड पर रहा। जिला प्रशासन ने कक्षा 1 से 12वीं तक सभी राजकीय व निजी विद्यालय के साथ-साथ कोचिंग सेंटर में भी अवकाश घोषित किया। इस कारण कोटा की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ।

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