नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 अक्टूबर 2024 |  जयपुर : (प्रियंका सौरभ का आलेख) जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो।

नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया कहा मैं पीछे कैसे ?

नग्नता का नंगा नाच करते सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स

युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है।सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

पूरा देश नग्नता के लिए फिल्मों को दोष देता है परंतु आज सोशल मीडिया (सामाजिक पटल) पर इतनी भयंकर नग्नता है कि हमारी जो भारतीय फिल्में को भी शर्म आ जाए। आज कोई भी सोशल प्लेटफार्म अछूता नहीं है फूहड़पन और नग्नता से। सोशल मीडिया के अंधे दौर में कुछ लाइक और व्यू पाने के लिए हमारे समाज की नारियों को कैसे लक्षित किया जा रहा है और उन्हें नग्नता परोसना पड़ रहा है। और वो लाइक और व्यू के आसमान में उड़ने के लिए नग्नता परोस स्वयं के मान सम्मान स्वाभिमान का सौदा आसानी से कर रही है।

कुछ चप्पल छाप यूट्यूबर्स लोग केवल व्यू पाने के लिए हमारी आस्था पर इस तरह के अश्लीलता वाले थम्बनेल लगाते हैं। किससे क्या कहें? जीवन का चरमसुख अब फॉलोअर्स पाने और कमेंट आने पर निर्भर हो गया है। फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर नग्न अवस्था में तस्वीरें शेयर कर आज लड़कियां लाइक कमेंट पाकर खुद को अनुगृहित करती दिखाई देती है, मानो जीवन की सबसे अहम और जरूरी ऊंचाई को उन्होंने पा लिया हो।

इस नग्नता को हम आधुनिकता के इस दौर में न्यू फैशन कहते हैं। सोशल मीडिया पर फैशन की उबाल आई तो सोशल नेटवर्क पर युवा पीढ़ी ने खुद को खूबसूरत युवतियों से पीछे पाया, फिर क्या युवकों ने खुद की नग्नता का नंगा नाच शुरू किया और कहा, मैं पीछे कैसे ? युवा अपने यौवन को दिखाते घूम रहे हैं मैं किसी से कम नहीं। ऐसे बिगड़ैल यूट्यूबर के इंटरव्यूज होना और भी अचरज की बात है। पहले के जमाने में बड़े बुजुर्ग इस तरह की हरकतों पर नकेल कसते थे। खैर जमाना आधुनिक है इस लिए समाज इसे स्वीकारता और आनंदित होता है।

गम्भीरता से सोचने का विषय

पर ये बहुत ही गम्भीरता से सोचने का विषय है – हमारे घरों के छोटे-छोटे बच्चे किस दिशा में जा रहे हैं। माता-पिता क्यों जानबूझ कर अनदेखा कर रहें हैं? क्यों नहीं अपने बच्चों को टाईम और संस्कार देना चाहते हैं? क्यों अपने हाथो अपने बच्चो को दलदल में धकेल रहें हैं। आजकल के माता-पिता बहुत ज्यादा मार्डन है और उन्हें नंगापन, बॉयफ्रेंड और मार्डन परिवेश बेहद आकर्षित करती है। ये आने वाली पीढ़ी और समाज के लिए घातक सिद्ध होगा। टीनएजर लड़कियों की मनःस्थिति को अपने खास मकसद के मुताबिक ढाला जा रहा है।

अब तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मस आभासी नग्नता के अड्डे बने हुए हैं। वल्गर रील्स और वीडियोस तो अब हर घर के टीनेजरस बना ही रहे हैं। अब तो ऐसा महसूस होने लगा है कि वैश्यावृति के अड्डे भी नये विकल्पों के साथ हवस परस्त मर्दो के लिए उपलब्ध हो गए हैं। सोशल मीडिया पर आजकल जो ये फॉलोवर बढ़ाने के लिए जो नग्नता परोसी जा रही है। क्या उसमें परोसने वाले ही दोषी हैं? क्या उसको लाइक और शेयर करने वाले दोषी नहीं हैं ? मेरे हिसाब से तो वो ज्यादा दोषी हैं। अगर हम ऐसी पोस्ट या वीडियो को लाइक शेयर करना ही बंद कर दें तो क्या ये बंद नहीं हो सकता ?

आज सामाजिक विकार अपने सफर के सफलतम पड़ाव में है। रोकथाम की कोई गुंजाइश नही है। अब तो प्रलय ही इसकी गति को रोक सकती है। सोशल मीडिया में रील्स पर नग्न और अश्लील नृत्य की नौटंकी करने वाली बेटियों से निवेदन है कि चंद काग़ज़ के टुकड़ों के लिए अपने परिवार और धर्म की इज्जत तार-तार ना करो। पैसे आपको आज नृत्य के लिए नही अपितु नग्नता परोसने के लिए दिए जा रहे है ताकि पूरे समाज को एक दिन रसातल में धकेल कर नीचा दिखाया जा सके।

चाहिए अश्लीलता और नग्नता मुक्त समाज

हमारी संस्कृति ही नहीं बचेगी तो तो हमारे राष्ट्र का और आने वाली पीढ़ियों का दुर्गुणों से विनाश होने से कोई बचा नहीं सकता है। अभी समझे कि संस्कृति क्या है और इसे बचाना क्यों जरूरी है। यह हमारे राष्ट्र का स्वाभिमान है। हमें चाहिए अश्लीलता और नग्नता मुक्त समाज अपनी नष्ट हो रहे सभ्यता और संस्कृति की रक्षा करें। बॉलीवुड की अश्लीलता, नग्नता और गाली गलौज से भरी फिल्मों और वेब सीरीज का बहिष्कार करें।

अश्लील गाना एवं अश्लील फिल्मों का बहिष्कार करें। सोशल मीडिया में ट्वीटर, फेसबुक आदि ऐसे प्लेटफार्म हैं जिसके माध्यम से लोग अपने विचार, अभिव्यक्ति के साथ किसी महत्वपूर्ण जानकारी का प्रेषण करते हैं। किन्तु वर्तमान में इन प्लेटफार्मो मे अश्लील,आपत्तिजनक व नग्नता पूर्ण मैसेज व विज्ञापन की भरभार होने के साथ जुए जैसे खेलों को खेलने के लिए प्रोत्साहित कर सामाजिक प्रदूषण फैलाया जा रहा है। हमारे नौनिहाल, बहन बेटी भी इन प्लेटफार्मो का बहुतायत उपयोग करते है। इस प्रदूषण पर अंकुश लगवाने के लिए सभी को सोचना होगा और खुद पहल करनी होगी। आज चेतना चाहिए नहीं तो कल रास्तों में होगा नंगा नाच। आप देश का भविष्य हो, कठपुतली मत बनो।

स्वच्छंदता के नाम पर फूहड़ता सोशल मीडिया के इस दौर में अपने चरम पर है। हमारी संस्कृति में स्त्री को धन की संज्ञा से नवाजा गया वो भी बहुमूल्य न कि टके बराबर। इसलिए राजदरबारो में होने वाले मुजरे भी चारदीवारो के अंदर ही होते थे। सत्य यह है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दुकान है और इसका उत्पादन आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म स्त्री समुदाय के साथ मिलकर कर रहा है। मस्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशों में एक नशा अश्लीलता से भी है।

कौटिल्य ने चाणक्य सूत्र में वासना’ को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है। यदि यह नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रियां पूर्ण आधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती? गली- गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधों को जन्म देती है। इसको किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता है। विचार करिए और चर्चा करिए या फिर मौन धारण कर लीजिए।

प्रियंका सौरभ
रिसर्च स्कॉलर इन पोलिटिकल साइंस,
कवयित्री, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तंभकार,
उब्बा भवन, आर्यनगर, हिसार (हरियाणा)-127045

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 फरबरी 2025 | जयपुर : जयपुर में एक और कॉलेज गर्ल ने सुसाइड किया है। करीब दस दिन पहले मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) कैंपस में एक छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर जान दे दी थी। अब राजस्थान विश्वविद्यालय के कैंपस में बने माही छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

गांधी नगर पुलिस को शनिवार शाम को घटना की जानकारी मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि हॉस्टल के पहली मंजिल पर बने कमरे में छात्रा फंदे से लटक रही थी। छात्रा को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने शनिवार को हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला। छात्रा फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। छात्रा के आत्महत्या की खबर सामने आते ही पूरे कैंपस में सनसनी फैल गई। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार सुसाइड की यह घटना राजस्थान यूनिवर्सिटी के माही हॉस्टल में हुई।

माही हॉस्टल में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने की सुसाइड

माही छात्रावास राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए आवंटित है। यहां शनिवार को दोपहर बाद एक छात्रा के आत्महत्या की जानकारी सामने आई। सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान महारानी कॉलेज के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के रूप में हुई है। छात्रा ने अपने कमरे में पंखे से कपड़े का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड के कारणों की नहीं मिली जानकारी

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। इधर छात्रा की खुदकुशी पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। छात्रा ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मालूम हो कि बीते दिनों माही हॉस्टल में वॉर्डन के व्यवहार सहित अन्य मुद्दों पर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था।

महारानी कॉलेज में पढ़ाई करती थी छात्रा

माही हॉस्टल में सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान सारिका बुनकर के रूप में हुई है। सारिका महारानी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। सारिका मूल रूप से दिल्ली रोड स्थित मनोहरपुर की रहने वाली थी। बताया जाता है कि छात्रा ने सुसाइड से पहले परिवार को फोन भी किया था।

युवती का मोबाइल लॉक, परिजनों की दी गई सूचना

घटना के बारे में गांधी नगर थानाधिकारी आशुतोष ने बताया- सुसाइड की घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे। परिवार को घटना की जानकारी दी है. युवती का मोबाइल लॉक है। परिवार के आने के बाद अन्य चीजों पर काम किया जायेगा। हॉस्टल में सारिका के साथ रहने और पढ़ने वाली छात्राओं से भी पूछताछ की जा रही है।

कमरे से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

बताया गया कि शाम करीब 4 बजे सारिका के कमरे का गेट नहीं खोलने पर दूसरी छात्राओं ने वॉर्डन को जानकारी दी। इस पर वॉर्डन ममता जैन गार्ड को लेकर कमरे में पहुंची और गेट तोड़कर अंदर गए तो सारिका फंदे से लटकी मिली। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच जारी है।

राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्राओं का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार रात भी छात्राएं कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करती नजर आई। अब छात्राओं का यह प्रदर्शन और तेज हो सकता है, क्योंकि गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने आंदोलनरत छात्राओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये। साथ ही कहा कि विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही है।

दरअसल राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति के मुद्दे पर छात्राएं कड़ाके की सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं का कहना है कि यह नियुक्ति उनके हितों और भावनाओं के खिलाफ है।

पाली की लड़की ने किया था सुसाइड

दस दिन पहले जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित एमएनआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था कि ‘गलती मेरी ही है। मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में या नींद में थी।’ मृतक छात्रा 21 वर्षीय दिव्या राज मेघवाल थी जो कि पाली जिले की रहने वाली थी। वह एमएनआईटी में बीआर्क (आर्किटेक्चर) फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

गर्भवती पत्नी के पेट पर बैठकर घोंटा गला गर्भ से बाहर आ गया 7 महीने का भ्रूण

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 23 जनवरी 2025 | जयपुर : हैदराबाद में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसको सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 21 साल के युवक ने कथित तौर पर केवल शक की वजह से अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या कर दी। उसने अपनी पत्नी को इतने बेतरतीब तरीके से मारा कि महिला के गर्भ से सात महीने का भ्रूण बाहर आ गया।

गर्भवती पत्नी के पेट पर बैठकर घोंटा गला गर्भ से बाहर आ गया 7 महीने का भ्रूण

पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि 16 जनवरी को जब आरोपी की पत्नी घर में सो रही थी, तो वह उसके पेट पर बैठ गया और उसने तकिये से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, जिसके परिणामस्वरूप भ्रूण गर्भ से बाहर आ गया।

गर्भवती पत्नी के पेट पर बैठकर घोंटा गला गर्भ से बाहर आ गया 7 महीने का भ्रूण

हैदराबाद में एक युवक ने अपनी गर्भवती पत्नी की निर्मम हत्या कर दी और फिर इसे दुर्घटना का रूप देने का प्रयास किया। बेवफाई के शक में युवक ने पत्नी की हत्या के लिए निर्ममता की सारी सीमाएं लांघ डाली। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना उसने अपने दांतों तले उंगलियां दबा दीं।

अजन्मे बच्चे की भी मौत

21 वर्षीय युवक ने बेवफाई के शक में अपनी पत्नी की हत्या कर दी। इस वीभत्स घटना में महिला का भ्रूण गर्भ से बाहर आ गया। 21 वर्षीय महिला गर्भावस्था के सातवें महीने में थी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

यह भी पढ़ें : जयपुर में बुजुर्ग महिला को बंधक बनाकर 50 लाख के गहने लूटने नौकरानी ने की साजिश

यह वीभत्स घटना 16 जनवरी को कुशाईगुडा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई। पुलिस ने बताया कि 16 जनवरी को जब आरोपी की पत्नी घर में सो रही थी, तो वह उसके पेट पर बैठ गया और उसने तकिये से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी, जिसके परिणामस्वरूप भ्रूण गर्भ से बाहर आ गया।

गैस सिलेंडर का वाल्व खोलकर लगा दी आग

पुलिस ने बताया कि इसके बाद आरोपी ने गैस सिलेंडर का वाल्व खोलकर उसमें आग लगाकर घटना को आग दुर्घटना में हुई मौत के रूप में दिखाने की कोशिश की। कुशाईगुड़ा थाना के एक अधिकारी ने बताया कि मृत महिला की मां की शिकायत के आधार पर एक मामला दर्ज किया गया और जांच के दौरान 20 जनवरी को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया।

2022 में हुई थी शादी

पुलिस के मुताबिक, दोनों की दोस्ती ऑनलाइन माध्यम से हुई थी, जिसके बाद 2022 में दोनों ने शादी कर ली। पुलिस ने बताया कि कुछ विवाद के बाद वे कुछ महीनों तक अलग-अलग रहे और एक महीने पहले से वे यहां एक किराए के मकान में साथ रह रहे थे। (भाषा इनपुट्स के साथ)

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode