सवाई माधोपुर खंडार बिजली व्यवस्था बदहाल पर्यटक हो रहे परेशान

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 जुलाई 2024 | सवाई माधोपुर : रणथम्भौर बाघ परियोजना की खण्डार रेंज में वर्तमान मे 12 से अधिक बाघ बाघिन विचरण करते है। ऐसे में यदि इस रेंज में भी पर्यटन जोन शुरू किया जाए तो पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही रोजगार भी बढेगें।

सवाई माधोपुर खंडार बिजली व्यवस्था बदहाल पर्यटक हो रहे परेशान

सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय से 40किमी दूर खण्डार को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने की मांग जोर पकड़ रही है। कुशल राजनीतिक नेतृत्व में स्थानीय लोग विकास के दौर में पिछड़े हुए हैं। खण्डार क्षेत्र मे पर्यटन की अपार संभावना हैं। 

खंडार किला भारत के राजस्थान केसवाई माधोपुर जिले के  खंडार तहसील में स्थित एक बहुत ही प्राचीन किला है । यह किला रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर है। किले के खंडहरों में तीन बड़े प्रवेश द्वार हैं। 

Khandar Fort Sawai Madhopur

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पहाड़ी की चोटी पर स्थित, सवाई माधोपुर में खंडार किला ( Khandar Fort Sawai Madhopur) कभी भी आसानी से आक्रमण के अधीन नहीं आ सकता था और इस प्रकार इसे वास्तव में अजेय माना जाता था और यह भारत के कई राजवंशों का पसंदीदा था।

यह भी कहा जाता है कि इस किले के राजा कभी युद्ध में नहीं हारे। यह किला क्षतिग्रस्त दीवारों और द्वारों से कुछ ऐतिहासिक कहानियाँ भी बताता है। यह चंबल और बनास नदियों कि खूबसूरती इसे प्राकृतिक रूप से निहारती है। 

किले के अंदर सात मंदिर हैं। एक पुराना जैन मंदिर है जिसमें जैन गुरुओं की नक्काशीदार चट्टानी मूर्तियों का एक उत्कृष्ट काम प्रदर्शित है। यहां एक हनुमान मंदिर भी है जिसमें भगवान हनुमान की एक ही पत्थर की मूर्ति है जिसके पैरों के नीचे एक राक्षस है।

खंडार किले के अन्य मंदिर चतुर्भुज मंदिर, गोबिंद देवजी मंदिर, जगतपालजी मंदिर और जयंती माता मंदिर हैं। चतुर्भुज मंदिर में चार भुजाओं वाले भगवान की एक प्रभावशाली मूर्ति है। जयंती माता मंदिर में एक वार्षिक मेला आयोजित किया जाता है। किले के सबसे ऊंचे मंच के ऊपर स्थित खंडार किले का सुंदर रानी मंदिर भी है और शायद यह किले का सबसे शानदार हिस्सा है। यहां बहुत सारी क्षतिग्रस्त मूर्तियां हैं। 

खण्डार किले को करें पुरातत्व विभाग के करें अधीन

पंचायत समिति प्रधान ने बताया कि खण्डार का किला देखरेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो चुका है। किले में सभी धर्मो का समावेष है । किले मे हिन्दू मुस्लिम जैन धर्म के धार्मिक स्थल आज भी बने हुए है। खण्डार का किला वन विभाग के अंतर्गत आता है। जिससे वहां पर नवीन कार्य करवाने मे परेशानी आती है।

खण्डार किले को यदि पुरातत्व विभाग मे शामिल कर दिया जाए तो किले का विकास भी होगा। खण्डार मे पर्यटन भी बढेगा। पर बिजली व्यवस्था की बदहाली के कारण पर्यटक बहुत परेशां होते हैं। निगम अधिकारियों ने बताया कि 132 केवी जीएसएस खंडार से 33 केवी के गोठड़ा-पादड़ा, खंडार, तलावड़ा, बहरावंडा खुर्द, खंडेवला व बहरावंडा कलां 6 फीडर निकल रहे हैं।

33 केवी जीएसएस खंडार से 11 केवी के गोठड़ा, बरनावदा, मेई खुर्द, खंडार कस्बा, पीएचईडी आदि 5 फीडर निकल रहे हैं। लोड की सबसे ज्यादा समस्या गोठड़ा-पादड़ा फीडर पर चल रही है। यह फीडर हेवी लोडेड चल रहा है।

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इसी से पूरे क्षेत्र की बिजली व्यवस्था गड़बड़ा रही है। निगम ने बताया कि एक तार ठीक नहीं होता उससे पहले ही दूसरा तार टूट जाता है। खास बात, कृषि फीडरों पर लोड अधिक चलने से 33 केवी जीएसएस पर वोल्टेज भी डाउन हो रहे हैं।

इससे खंडार कस्बा सहित अन्य फीडरों पर 11 हजार वोल्टेज की जगह 10 हजार वॉल्टेज ही मिल रहे हैं। इससे कृषि के साथ-साथ आबादी की बिजली भी प्रभावित है। इसी से बार-बार ट्रिपिंग की समस्या हो रही है।

खंडार किले के अन्य आकर्षणों में रामकुंडा और लक्ष्मणकुंडा नामक दो विशाल जलकुंड हैं। सात छोटे तालाब भी हैं, लेकिन रखरखाव के अभाव में केवल चार तालाब ही स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।  किले के भीतर नरसिंह धार एक पिकनिक स्थल है।

जहाँ चट्टानों से बहता पानी पर्यटकों को एक शानदार नजारा प्रदान करता है। पर उपखंड मुख्यालय खंडार क्षेत्र में बिजली निगम के उच्चाधिकारियों की अनदेखी के चलते बिजली समस्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। हालात यह है कि रात हो या दिन खंडार मुख्यालय पर निगम की बिजली आयाराम गयाराम साबित हो रही है।

वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे से लोगों को बिजली के दर्शन तक नहीं हो रहे है। ऐसे में ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर बिजली निगम के अफसरों द्वारा कई बार शिकायतों के बाद भी क्षेत्र की इस ज्वलंत समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों में निगम के अफसरों के खिलाफ आक्रोस बढ़ रहा है

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छात्रसंघ चुनाव कराने के समर्थन में आये कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 15 अगस्त 2025 | जयपुर – सवाई माधोपुर : छात्रसंघ चुनाव कराने के समर्थन में आये हैं कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणाछात्र संघ चुनाव पर कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा- कई बार जो गलती पहले वाले कर देते हैं, वो हम भी कर देते हैं। वैसे गलती रिपीट नहीं होनी चाहिए। गहलोत साहब भी कहते हैं हर गलती की सजा लंबी पूरी होती है। इतिहास उसे बख्शता नहीं है।

छात्रसंघ चुनाव कराने के समर्थन में आये कृषि मंत्री डॉ किरोड़ी लाल मीणा

छात्रसंघ चुनाव करवाने या न करवाने के सवाल पर किरोड़ी ने कहा- छात्रसंघ चुनाव पर यह तो आप मुख्यमंत्री से पूछें। मैं तो कहने के लिए अधिकृत ही नहीं हूं। मूकनायक मीडिया से बातचीत करते हुए कल प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा ने भी छात्रसंघ चुनाव कराने की माँग की थी। 

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि “राज्य सरकार द्वारा लोकतांत्रिक व्यवस्था को दबाने का प्रयास कारण दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य सरकार के  इस निर्णय से आम छात्रों का असहज होना स्वाभाविक है।”

प्रोफ़ेसर मीणा ने मूकनायक मीडिया से क्याह भी कहा कि “ऐसे में सरकार से डिमांड है कि सरकार छात्रसंघ चुनाव के माध्यम से यूथ लीडरशिप स्किल डेवलप करने की व्यवस्था के बारे में सोचें तो आवाज दबाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी, लेकिन सरकार नहीं चाहती कि युवा वर्ग, महिलाएं उनके खिलाफ आवाज उठायें। स्टूडेंट वेलफेयर के लिए छात्रसंघ चुनाव जरुरी है। इससे एक तरफ  छात्रों का सर्वांगींण विकास होता है, वहीं दूसरी तरफ लोकतंत्र के पहरी तैयार होते हैं।”

छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने पर इशारों में उठाए सवाल

किरोड़ी के बयान को नसीहत के तौर पर देखा जा रहा है। किरोड़ी ने छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के सरकार के फैसले को पिछली सरकार की गलती रिपीट करने के तौर पर देखा है। किरोड़ी ने इसकी जिम्मेदारी उच्च स्तर पर डालते हुए खुद का स्टैंड साफ करने का प्रयास किया है।

सरकार ने छात्रसंघ चुनाव कराने से मना कर दिया था

राज्य सरकार ने 13 अगस्त को हाईकोर्ट में जवाब पेश करते हुए प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव कराने से मना कर दिया था। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने का हवाला देकर चुनाव करवा पाना असंभव बताया था।

सरकार ने लिंगदोह कमेटी की सिफारिश का हवाला देते हुए कहा था- सत्र शुरू होने के 8 सप्ताह में चुनाव करवाए जाने चाहिए थे। फिलहाल यह भी संभव नहीं दिख रहा। जवाब में 9 यूनिवर्सिटी के कुलगुरुओं की सिफारिश भी शामिल की गई थी। इसमें कुलगुरुओं ने शैक्षणिक सत्र, कक्षाओं के कार्यक्रम का हवाला देते हुए चुनाव नहीं कराने की राय दी थी।

मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने कहा-

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मैं छह बार एमएलए बन गया। तीन बार सांसद रहा हूं, लेकिन मैं छात्र राजनीति से बिल्कुल जुड़ा हुआ नहीं रहा। छात्र राजनीति से बहुत से लोग MLA, MP और मंत्री बने हैं, इसे नकारा नहीं जा सकता। मेरे जैसे बहुत से ऐसे लोग भी हैं, जो छात्र राजनीति से नहीं आए। कम से कम मैं उदाहरण हूं।

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किरोड़ी ने ये बातें जयपुर में मीडिया से बातचीत में कही। इससे पहले कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने सवाई माधोपुर में ध्वजारोहण किया था। सवाई माधोपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर परेड की सलामी लेते कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा।

सवाई माधोपुर में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर परेड की सलामी लेते कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा।

जो छात्रसंघ चुनाव बंद कर गए, वो किस मुंह से बात कर रहे

कृषि मंत्री ने कहा- छात्रसंघ के मामले में कमेंट नहीं कर सकते, उच्च स्तर से निर्णय होता है। जो लोग पिछले राज में छात्रसंघ चुनाव खत्म कर गए, वो किस मुंह से इनकी बात कर रहे हैं, यह समझ से बाहर है। उन्होंने छात्रसंघ चुनाव क्यों रोका?

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किरोड़ी ने कहा- लोकतंत्र में कोई कानून हाथ में लेता है तो कार्रवाई होती है। गहलोत साहब कह रहे हैं, तो उन्होंने तो मेरे पर भी लाठियां बरसाई थीं। कांग्रेस राज में मेरे पर उदयपुर में लाठियां बरसाईं। सीकर जा रहा था तो वहां भी लाठियां बरसाई थीं।

किस यूनिवर्सिटी के कुलगुरु ने सिफारिश में क्या कहा था, जानिए…

चुनाव में भय का माहौल रहता है

राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की कुलगुरु प्रोफेसर अल्पना कटेजा ने अपनी सिफारिश में कहा था- साल 2023-24 में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के कारण ही छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाए गए थे। चुनाव में छात्रों का वोटर टर्नआउट भी 25 से 30 प्रतिशत से भी कम होता है। चुनाव होने से परीक्षा परिणाम में देरी होती है। इससे कारण राज्य के विद्यार्थी अन्य राज्यों में प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं से वंचित हो जाते हैं।

छात्रसंघ चुनाव स्थगित रखना उपयुक्त

महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलगुरु प्रोफेसर मनोज दीक्षित ने अपनी सिफारिश में कहा था- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के बाद छात्रसंघ चुनाव कराना संभव नहीं है। शैक्षणिक माहौल के लिए सभी विश्वविद्यालयों के लिए अम्ब्रेला नीति विकसित करनी होगी।

शिक्षा सर्वोपरि, लाखों पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य का सवाल

मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर की कुलगुरु प्रोफेसर सुनीता मिश्रा ने अपनी सिफारिश में कहा था- साल 2022-23 में चुनाव करवाए गए थे। उसके बाद विश्वविद्यालय में गंदगी, पंपलेट, पोस्टर और तोड़फोड़ को ठीक करने में डेढ़ साल लग गया था। 3-3 महीने में सेमेस्टर परीक्षा का परिणाम घोषित करना जरूरी होता है।

चुनावी माहौल से पढ़ाई बाधित होती है

कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर भगवती प्रसाद सारस्वत ने कहा था- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 25 प्रतिशत ही लागू हो पाई है। कोई भी महाविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के पक्ष में नहीं है। चुनावी माहौल से पढ़ाई बाधित होती है।

चुनाव से 2 महीने का टाइम टेबल बाधित होगा

एमबीएम विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलगुरु प्रोफेसर अजय शर्मा ने कहा था- यदि चुनाव होते हैं तो लगभग 2 महीने का टाइम टेबल बाधित होगा। इसलिए इन परिस्थितियों में छात्रसंघ चुनाव कराना संभव नहीं है।

चुनावों में तोड़फोड़-प्रदर्शन आम बात

पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी विश्वविद्यालय सीकर के कुलगुरु प्रोफेसर अनिल रॉय ने अपनी सिफारिश में कहा- अभी छात्रसंघ चुनाव करवाना राष्ट्रीय शिक्षा नीति के समयबद्ध रूप से लागू करने के कारण संभव नहीं है। छात्रसंघ चुनाव के लिए लिंगदोह समिति की सिफारिश की पूर्ण पालन होनी चाहिए।

चुनाव होते हैं तो स्थिति विपरीत हो जायेगी

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर ने प्रोफेसर सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा था- अभी वार्षिक परीक्षा पद्धति वाले और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तरह सेमेस्टर सिस्टम के कोर्सेज चल रहे हैं। इनके परीक्षा परिणाम नहीं आए हैं। यदि छात्रसंघ चुनाव होते हैं तो स्थिति बहुत ही विपरीत हो जायेगी।

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सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची, PSO गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अजमेर : एसओजी ने शुक्रवार देर रात SI पेपर लीक से जुड़े मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को गिरफ्तार किया है। राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची

मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पोस्ट की। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करें। एसओजी रात से दोनों से पूछताछ कर रही है। अब तक जांच में सामने आया है कि राजकुमार यादव ने बेटे के लिए सब इंस्पेक्टर का पेपर खरीदा था। राजकुमार यादव का बेटा भरत यादव भर्ती एग्जाम में पास हो गया था। इसके बाद फिजिकल में फेल हो गया।

अशोक गहलोत के सीएम रहने के दौरान राजकुमार यादव उनकी सुरक्षा में तैनात था। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद अशोक गहलोत का PSO लग गया था। इन्हें कोर्ट में पेश कर दिया गया है। अब रिमांड पर लिया जाएगा। शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

पूर्व वर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मैंने कई बार दोहराया था कि पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये। आज SI भर्ती में SOG की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हो गई है। यदि गहलोत सरकार की नकल माफिया के साथ साठगांठ नहीं होती तो युवाओं के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं होता।

अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा…

मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी।

यह भी पढ़ें : डूँगरी बाँध और डीएमआईसी भूमि-हड़प अभियान

अब पढ़िए… 2021 की भर्ती का सिलसिलेवार घटनाक्रम

  • RPSC ने साल 2021 में सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली थी।
  • भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे, सरकार ने जांच SOG को दी। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।
  • भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 18 नवंबर, 6 जनवरी और 9 जनवरी को पूरी भर्ती प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश दिए थे।
  • हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी करते हुए भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक आज भी जारी है।

नयी भर्ती 2025 की कवायद शुरू

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन कल यानि 10 अगस्त से शुरू होंगे। इसके लिए आवेदन की लास्ट डेट 8 सितंबर तक है। आयोग ने इसके लिए एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित की है।

साल 2021 में निकाली गई सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। फिलहाल इसे रद्द करना है या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग Link

आवेदन संबंधित जानकारी

  • शैक्षणिक योग्यता– किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री, अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इंटरव्यू शुरू होने की डेट तक तय योग्यता होना जरूरी है।
  • आयु सीमा, तीन साल की छूट– कैंडिडेट्स की आयु 1 जनवरी 2026 को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 25 साल होनी चाहिए। आयोग की ओर से इससे पहले साल 2021 में भर्ती निकाली गई थी। इसलिए इस बार कैंडिडेट्स को तीन साल की अतिरिक्त छूट दी गई है।
  • सिलेक्शन– लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से चयन होगा। विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी होगा। लिखित परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे।
  • परीक्षा – मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में (ऑफलाइन/ऑनलाइन) ली जाएगी। एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए करें यहां क्लिक

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