गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 25 अगस्त 2024 | जयपुर : डिजिटलाइजेशन के इस दौर में पेमेंट करना और फंड ट्रांसफर करना पहले से कहीं ज्यादा सुविधाजनक और आसान हो गया है। डिजिटल ट्रांजैक्शन की दुनिया में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एक गेम चेंजर बनकर आया है।

गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें 

भारत में जून, 2024 में UPI के जरिए 1,388 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए। इस दौरान कुल 2,007 लाख करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर की गई। ट्रांजैक्शन की संख्या में सालाना आधार पर 49% की बढ़ोतरी हुई है।

डिजिटल पेमेंट ( Digital Payment) के बढ़ते क्रेज के साथ कई बार गलतियां भी हो जाती है। कई बार नंबर डालने में हुई गलती के कारण गलत अकाउंट में पैसा चला जाता है या फिर जल्दीबाजी में गलत कोड स्कैन कर लेते हैं और गलती से पैसा किसी और के अकाउंट में चला जाता है।

यूपीआई ( UPI) के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त अगर गलती से आपका पेमेंट किसी और अकाउंट में चला जाए तो आपके पास मौका होता है उसे वापस पाने का, लेकिन जानकारी के अभाव में हम ऐसा करने से चूक जाते हैं। आइए हम आपको आज उस प्रोसेस के बारे में बताते हैं, जिसकी मदद से आप गलत अकाउंट में गए अपने पैसे का वापस पा सकते हैं।

गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जायें तो वापसी के लिए क्या करें

यही वजह है कि बीते कुछ वर्षों में डिजिटल पेमेंट का चलन तेजी से बढ़ा है। अब QR कोड स्कैन कर महज कुछ सेकेंड में पैसों का लेन-देन हो जाता है। UPI ने न सिर्फ डिजिटल पेमेंट करने की सुविधा दी है, बल्कि नकदी की जरूरत को भी लगभग खत्म कर दिया है।

हालांकि, कई बार लोग जल्दबाजी या लापरवाही की वजह से गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर कर बैठते हैं, जिसके बाद पैसे वापस पाने के लिए परेशान होने लगते हैं।

इसलिए आज जरूरत की खबर में बात करेंगे कि गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो क्या करें। साथ ही जानेंगे कि-

  • किन वजहों से गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर होते हैं?
  • गलत पैसे ट्रांसफर होने पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

भारत में UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है।  गलत UPI ID में पैसे ट्रांसफर होने पर घबराने की नहीं, बल्कि समझदारी दिखाने की जरूरत है। इसके लिए कुछ आसान टिप्स अपना सकते हैं, जिससे आप गलत तरीके से ट्रांसफर हुए पैसे वापस आपके अकाउंट में आ जाएंगे।

सवाल- गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर की क्या वजह हो सकती है?

जवाब- गलत UPI ID पर पैसे भेजने के लिए जल्दबाजी और लापरवाही एक बड़ी वजह है। लोग अक्सर जल्दबाजी में बिना जांचे UPI ID डालते हैं। जिसके कारण इस तरह की गलतियां कर बैठते हैं।

आइए, ग्राफिक में दिए इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

  • टाइपिंग की गलती या रिसीवर की गलतफहमी के कारण कई बार अनजाने में गलत UPI ID दर्ज कर सकते हैं।
  • UPI ID नाम या शब्दों पर आधारित होती है। ऐसे में कई बार गलती से ऐसी ID चुन सकते हैं, जो काफी मिलती-जुलती हो।
  • अगर आप डिजिटल पेमेंट के लिए QR कोड स्कैन करते हैं तो कई बार एक जगह पर लगे मल्टीपल QR से भ्रमित हो सकते हैं और गलत QR कोड में पैसे ट्रांसफर हो सकते हैं।
  • कई बार स्कैमर्स भी स्कैम के लिए जानबूझकर गलत UPI ID दे सकते हैं, जिस पर आप पेमेंट ट्रांसफर कर पैसे गवां सकते हैं।
  • UPI ऐप या सर्वर में टेक्निकल दिक्कत भी आती है, जिससे पेमेंट गलत UPI ID पर ट्रांसफर हो सकता है।

सवाल- गलत UPI ID पर पैसे ट्रांसफर हो जाएं तो क्या करना चाहिए?

जवाब- अगर आप गलती से किसी UPI ID पर पैसे भेज देते हैं तो घबराएं नहीं। पैसे को दोबारा प्राप्त करने के लिए सबसे पहले उस व्यक्ति से संपर्क करें, जिसके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हुए हैं। उससे पैसे वापस करने का आग्रह करें। अगर वह पैसे वापस नहीं करता है तो जिस UPI ऐप (गूगल पे, फोन पे, पेटीएम) से ट्रांसफर हुआ है, उसके कस्टमर केयर नंबर पर तुरंत संपर्क करें।

इसके अलावा NPCI के पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। या फिर अपने बैंक से भी मदद मांग सकते हैं। इसके लिए तुरंत सभी आवश्यक साक्ष्य बैंक को देने होंगे। इससे आप अपना पैसा आसानी से वापस पा सकते हैं।

आइए, इन पॉइंट्स को विस्तार से समझते हैं।

  • सबसे पहले 18001201740 पर शिकायत दर्ज कराएं। इसके बाद अपने बैंक में जाकर एक एप्लिकेशन लिखें, जिसमें सभी आवश्यक जानकारी भरें। उन्हें सभी आवश्यक डिटेल्स और डॉक्यूमेंट्स दें।
  • इस वेबसाइट https://rbi.org.in/Scripts/Complaints.aspx पर जाकर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है।
  • गलत लेन-देन की रिपोर्ट अपने UPI ऐप की कस्टमर हेल्प टीम को करें। उन्हें लेन-देन की सभी उचित जानकारी और सबूत दें। इससे रिफंड प्रक्रिया शुरू होने में आपको सहायता मिलेगी।
  • अगर आप अपने बैंक या UPI ऐप की कस्टमर सर्विस के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं तो आप इस मुद्दे को बैंकिंग लोकपाल के पास भेज सकते हैं। वे विवाद को सुलझाने के लिए आपके और संबंधित पक्षों के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं।
  • इसके अलावा ऐप के कस्टमर हेल्प के द्वारा समस्या का समाधान न होने पर आप NPCI के पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। उन्हें लेन-देन की डिटेल्स और सबूत उपलब्ध कराएं और वे मामले की आगे की जांच करेंगे।

सवाल- NPCI पोर्टल पर शिकायत करने के लिए क्या प्रोसेस है?

जवाब- अगर कस्टमर केयर सर्विस से कोई मदद नहीं मिल रही है तो आप NPCI पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए नीचे दिए इन स्टेप्स को फॉलो करें।

  • सबसे पहले NPCI की आधिकारिक वेबसाइट https://www.npci.org.in/ पर जाएं।
  • इसके बाद Get in touch के ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें।
  • इसके बाद नाम, ईमेल ID जैसी सभी जरूरी जानकारी भरें।
  • इसे सबमिट करने के बाद आगे बढ़ने पर Dispute Redressal Mechanism को सेलेक्ट करें।
  • कंप्लेंट सेक्शन के तहत ट्रांजैक्शन डिटेल्स डालें, जिसमें UPI ट्रांजैक्शन, वर्चुअल पेमेंट एड्रेस, अमाउंट ट्रांसफर्ड, डेट ऑफ ट्रांजैक्शन, ईमेल ID और मोबाइल नंबर शामिल होगा।
  • इसके अलावा कारण पूछे जाने पर “Incorrectly transferred to another account” (भूल से गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर) के विकल्प को सेलेक्ट करें। इसके बाद इसे सबमिट कर दें।

सवाल- गलत अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने पर किन बातों का ध्यान रखें?

जवाब- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI की नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर गलती से किसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं तो 48 घंटे के भीतर रुपए रिफंड हो सकते हैं। इसके लिए नेट बैंकिंग और UPI से पेमेंट करने के बाद फोन पर प्राप्त मैसेज को संभालकर रखें। उसे डिलीट न करें।

दरअसल इस मैसेज में PPBL नंबर होता है, जो रुपए रिफंड लेने के लिए जरूरी मदद कर सकता है। आप गलत लेन-देन से संबंधित स्क्रीनशॉट लेकर गूगल पे, फोन पे, पेटीएम या UPI ऐप के कस्टमर केयर सपोर्ट में फोन कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

अगर प्राप्तकर्ता और भुगतानकर्ता बैंक एक ही हैं तो रिफंड में कम समय लगेगा। लेकिन अगर दोनों के अकाउंट दो अलग-अलग बैंकों में हैं तो पैसे रिफंड में अधिक समय लगेगा।

सवाल- क्या गलत ट्रांजैक्शन होने पर शिकायत करने की कोई समय सीमा है?

जवाब- अगर ट्रांजैक्शन गलत हो गया है तो तुरंत शिकायत करनी चाहिए। ट्रांजैक्शन के 48 घंटे के भीतर शिकायत करना जरूरी है।

इसके बाद शिकायत करने पर पैसा वापस आने की कोई गारंटी नहीं होती है। अगर बैंक रिवर्सल की सुविधा नहीं देता है तो आपको डिजिटल लेन-देन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की लोकपाल योजना, 2019 के विनियमन 8 के तहत लोकपाल के पास शिकायत दर्ज करने का अधिकार है।

यह भी पढ़ें : इंसानों के लिए सांप से ज्यादा खतरनाक हैं मच्छर

कोई भी डिजिटल पेमेंट करने से पहले हमेशा उसकी अच्छे से जांच करें।प्राप्तकर्ता के संपर्क नंबर में एक भी गलत अंक दर्ज करने से राशि गलत व्यक्ति को ट्रांसफर हो सकती है। इसलिए किसी को भी ऑनलाइन पेमेंट करने से पहले सभी आवश्यक डिटेल्स की जांच करें।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अक्टूबर 2024 | मुंबई : भारत के सबसे पुराने कारोबारी समूह के मुखिया रतन टाटा का निधन हो गया है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें बुधवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 अक्टूबर को भी उन्हें अस्पताल जाने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने पोस्ट करके कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा की अगुआई में ही टाटा ग्रुप ने देश की सबसे सस्ती कार लॉन्च की, तो हाल ही में कर्ज में फंसी एयर इंडिया को 18 हजार करोड़ की कैश डील में खरीदा था। बिजनेस में बेहद कामयाब रतन टाटा निजी जिंदगी में बेहद सादगी पसंद थे और मुंबई में अपने छोटे से फ्लैट में रहते थे।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

माता-पिता बचपन में अलग हुए, दादी ने परवरिश की

  • 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। उनका परिवार पारसी धर्म से है। उनके माता पिता बचपन में ही अलग हो गए थे और दादी ने उनकी परवरिश की थी। 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
  • रतन टाटा की चार बार शादी होते-होते रह गई। टाटा बताते हैं कि एक बार तो शादी हो ही गई होती, जब वो अमेरिका में थे। उसी समय उनकी दादी ने उन्हें फोन करके बुला लिया। उसी समय भारत-चीन युद्ध छिड़ जाने की वजह से वे अमेरिका नहीं जा के। कुछ समय बाद उस लड़की ने किसी और से शादी कर ली।

21 साल चेयरमैन रहे, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ा

  • 1962 में फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। शुरुआत में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वे मैनेजमेंट पोजीशन्स पर लगातार आगे बढ़े। 1991 में, जे.आर.डी. टाटा ने पद छोड़ दिया और ग्रुप की कमान रतन टाटा को मिली।
  • 2012 में 75 वर्ष के होने पर, टाटा ने एग्जीक्यूटिव फंक्शन छोड़ दिए। उनके 21 वर्षों के दौरान, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ गया। इसमें अधिकांश रेवेन्यू जगुआर-लैंडरोवर व्हीकल्स और टेटली जैसे पॉपुलर टाटा उत्पादों की विदेशों में बिक्री से आया।
  • चेयरमैन का पद छोड़ने के बाद उन्होंने 44 साल के साइरस मिस्त्री को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनका परिवार ग्रुप में सबसे बड़ा इंडिविजुअल शेयरहोल्डर था। हालांकि, अगले कुछ वर्षों में, मिस्त्री और टाटा के बीच तनाव बढ़ गया।
  • अक्टूबर 2016 में, चार साल से भी कम समय के बाद, मिस्त्री को रतन टाटा के पूर्ण समर्थन के साथ टाटा के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फरवरी 2017 में नए उत्तराधिकारी का नाम घोषित होने तक टाटा ने चेयरमैन के रूप में अपना पद वापस ले लिया।

कम बात करते थे, बुक लवर और कारों के शौकीन

  • टाटा को बचपन से ही कम बातचीत पसंद थी। वे केवल औपचारिक और जरूरी बात ही करते थे। वे बुक लवर थे और उन्हें सक्सेस स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे अपने इस शौक को समय दे रहे हैं।
  • वे 60-70 के दशक के गाने सुनना पसंद करते थे। वे कहते थे, ‘मुझे बड़ी संतुष्टि होगी अगर मैं शास्त्रीय संगीत बजा पाऊं। मुझे शॉपेन पसंद है। सिम्फनी भी अच्छी लगती है। बिथोवन, चेकोस्की पसंद हैं, पर मुझे लगता है कि काश मैं खुद इन्हें पियानो पर बजा सकता।’
  • कारों के बारे में पूछने पर टाटा ने बताया था कि मुझे कारों से बहुत लगाव है। उन्होंने कहा था ‘मुझे पुरानी और नई दोनों तरह की कारों का शौक है। खासतौर पर उनकी स्टाइलिंग और उनके मैकेनिज्म के प्रति गहरा रुझान है। इसलिए मैं उन्हें खरीदता हूं, ताकि उन्हें पढ़ सकूं।’

50 साल छोटे दोस्त को खुद ड्राइव कर डिनर पर ले गए

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।
  • रतन टाटा के सबसे करीबी माने जाने वाले 30 साल के शांतनु नायडू ने भास्कर से बातचीत में उनके व्यक्तित्व के कई पहलू साझा किए थे। शांतनु टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि मैं टाटा के साथ डिनर करने गया था। वे खुद कार चलाकर मुझे मुंबई के ‘थाई पवेलियन’ ले गए थे। डिनर के दौरान मैंने टाटा से कहा, जब मैं ग्रेजुएट हो जाऊंगा, तो क्या आप मेरे दीक्षांत समारोह में आएंगे? इस पर टाटा ने कहा कि मैं पूरी कोशिश करूंगा और वे आए भी।
  • शांतनु ने कहा कि मैं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में MBA करने अमेरिका जा रहा था, तब उनसे पहली बार मिला। उन्होंने मेरी चोट देखकर मजाक में कहा था ‘किसी डॉग ने काट लिया?’ तुरंत ही माफी मांगने लगे और कहा, बहुत खराब जोक था।

COVID-19 महामारी के समय 500 करोड़ रुपए दान दिये

रतन टाटा, ग्रुप की परोपकारी शाखा, टाटा ट्रस्ट में गहराई से शामिल थे। टाटा ग्रुप की यह आर्म शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास जैसे सेक्टर्स में काम करती है।

अपने पूरे करियर के दौरान, रतन टाटा ने यह तय किया कि टाटा संस के डिविडेंड का 60-65% चैरिटेबल कॉज के लिए इस्तेमाल हो। रतन टाटा ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए का दान दिया था।

रतन टाटा ने एक एग्जीक्यूटिव सेंटर की स्थापना के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था। वे यहीं से पढ़े थे। उनके योगदान ने उन्हें विश्व स्तर पर सम्मान दिलाया, एक परोपकारी और दूरदर्शी के रूप में उनकी विरासत को और बढ़ाया है।

रतन टाटा की 7 तस्वीरें

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

रतन टाटा ने "भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका" की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा ने “भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका” की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

156 साल पहले टाटा ग्रुप की स्थापना: इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी का हिस्सा

टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। यह भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी है, इसकी 30 कंपनियां दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 10 अलग-अलग बिजनेस में कारोबार करती हैं। अभी एन चंद्रशेखरन इसके चेयरमैन हैं।

टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग और प्रमोटर है। टाटा संस की 66% इक्विटी शेयर कैपिटल उसके चैरिटेबल ट्रस्ट के पास हैं, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट एंड कल्चर और लाइवलीहुड जनरेशन के लिए काम करता है।

यह भी पढ़ें : आदिवासी इलाकों में फैली सिकल सेल एनीमिया खतरनाक बीमारी

2023-24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का टोटल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड़ रुपए था। यह 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है। इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी में शामिल हैं। सुबह उठकर टाटा चाय पीने से लेकर टेलीविजन पर टाटा बिंज सर्विस का इस्तेमाल, और टाटा स्टील से बने अनगिनत उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।

रतन टाटा कहते थे…’सबसे बड़ा जोखिम, जोखिम नहीं उठाना है’

  • ‘अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। लेकिन अगर आप लंबी दूरी जाना चाहते हैं, तो साथ-साथ चलें।’
  • ‘लोग आप पर जो पत्थर फेंकते हैं, उन्हें लीजिए और उनका उपयोग मॉन्यूमेंट बनाने के लिए कीजिए।’
  • ‘मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित करता हूं।’
  • धैर्य और दृढ़ता से चुनौतियों का सामना करें क्योंकि वे सफलता की आधारशिला हैं।’
  • ‘सबसे बड़ा जोखिम,जोखिम नहीं उठाना है। तेजी से बदलती दुनिया में एक ही स्ट्रैटेजी है जो नाकाम बना सकती है, वह है जोखिम न उठाना।’

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

‘एयरटेल जियो और वोडाफोन ने राजस्थान में एक महीने में 4 लाख उपभोक्ता खोये’ TRAI

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 01 अक्टूबर 2024 |  जयपुर : जिस बात की आशंका जताई जा रही थी, वह सही साबित हो रही है। आम चुनावों के खत्म होते ही टेलिकॉम कंपनियों ने मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी की घोषणा कर दी है। टेलीकॉम कंपनियों द्वारा बढ़ाई गई दरों का सबसे ज्यादा असर भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो पर पड़ा है। वहीं, बीएसएनएल को फायदा हुआ है।

‘एयरटेल जियो और वोडाफोन ने राजस्थान में एक महीने में 4 लाख उपभोक्ता खोये’ TRAI

एयरटेल जियो और वोडाफोन ने एक महीने में 4 लाख उपभोक्ता खोये

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के जुलाई माह के आंकड़ों के अनुसार तीनों कंपनियों ने राजस्थान में 4 लाख से ज्यादा ग्राहक खोए हैं। वहींं, बीएसएनएल से करीब 44 हजार जुड़े हैं। दरअसल, जुलाई माह में तीनों बड़ी कंपनियों ने टैरिफ में 11 से 21% तक की बढ़ोतरी की थी, लेकिन बीएसएनएल ने खराब वित्तीय हालात के बावजूद प्लान यथावत रखा।

एक्सपर्ट ने कहा- बीएसएनएल से 43 हजार ग्राहक ही जुड़े, 3.86 लाख ने दूसरी सिम बंद कर दी

राजस्थान में करीब चार लाख 30 हजार मोबाइल उपभोक्ता कम हुए हैं। ऐसे में सवाल है कि बीएसएनएल के 43 हजार उपभोक्ता बढ़े तो बाकी 3 लाख 86 हजार उपभोक्ता कहां गए? विशेषज्ञों का कहना है कि दरों में एकसाथ 11 से 21% तक बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं का खर्च यकायक बढ़ गया। इससे दो सिम वाले उपभोक्ता एक सिम पर आ गए। जिन लोगों ने घर में इंटरनेट कनेक्शन ले रखा था या ले लिया, उन्होंने भी सिम बंद करवा दी।

मोबाइल टैरिफ में 12 से 21 फीसदी बढ़ोतरी

देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने मोबाइल टैरिफ में 12 से 15 फीसदी बढ़ोतरी की घोषणा की थी। इसके एक दिन बाद आज भारती एयरटेल (Bharti Airtel) ने भी मोबाइल टैरिफ की दरों में 10 से 21 फीसदी इजाफे का एलान कर दिया।

बढ़े हुए टैरिफ तीन जुलाई 2024 से लागू होंगे। कंपनी की इस घोषणा के बाद पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों प्लान महंगे होंगे। जियो और एयरटेल के बाद अब वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के भी रेट में इजाफा करने की संभावना है।

टेलिकॉम कंपनियों ने नवंबर 2021 के बाद पहली बार टैरिफ में बड़ा इजाफा किया है। इसका मकसद एवरेज रेवेन्यू पर यूजर बढ़ाना है। जानकारों का कहना है कि टेलिकॉम कंपनियों ने 5जी सर्विसेज के लिए भारी निवेश किया है। मसलन जियो और एयरटेल ने 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया है।

यह भी पढ़ें : पत्नी की हत्या करके डेडबॉडी के 59 टुकड़ों को फ्रिज में भरा

लेकिन अब तक उन्हें इस इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न नहीं मिला है। मई में एयरटेल के एमडी गोपाल विट्टल ने कहा था कि इंडस्ट्री का रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड बढ़ाने के लिए टैरिफ में भारी बढ़ोतरी की जरूरत है। मोबाइल टैरिफ के साथ-साथ ब्रॉडबैंड सर्विस का टैरिफ भी बढ़ाया गया है।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode