अंबानी की शादी में नेता-अभिनेता बौराये, वही विदेशी मीडिया ने उड़ाया मजाक

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 जुलाई 2024 | जयपुर : दुल्हन की सोने के लहंगे में विदाई, बारात में थिरकीं मां नीता अंबानी, शाहरुख-सलमान ने साथ डांस किया। बस ! मुंबई के जियो वर्ल्ड सेंटर में 12 जुलाई की रात दुनिया के 10वें सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने अपने बेटे की शादी की। इस शादी में ब्रिटेन के 2 पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन, टोनी ब्लेयर समेत कई बड़ी हस्तियां शामिल हुईं।

अंबानी की शादी में नेता-अभिनेता बौराये

अनंत की शादी में देश-विदेश के कई बड़े मेहमान पहुंचे। इतना ही नहीं भारत के राजनीतिक दलों के भी लोगों ने अनंत अंबानी की शादी में शिरकत की। लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी या उनके परिवार से कोई भी सदस्य शादी में नहीं पहुंचा। बिहारी इसलिए सदियों पहले ही कह गये “कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौराय जग, वा पाए बौराए”

अंबानी की शादी में नेता-अभिनेता बौराये

महीनों से चल रही इस शादी की जितनी चर्चा भारत में हुई, उतनी ही विदेश में भी रही। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक के मीडिया घरानों ने शादी में हुए खर्च पर हैरानी जताई। अनंत जहां एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी के बेटे हैं, वहीं, राधिका मर्चेंट भारत के फार्मा टाइकून वीरेन मर्चेंट की बेटी हैं।

वही विदेशी मीडिया ने उड़ाया मजाक

जानिए अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी पर विदेशी मीडिया ने क्या लिखा है…

अमेरिकी मीडिया हाउस NYT न्यूयॉर्क टाइम्स

अंबानी परिवार की शादी पर अमेरिकी मीडिया हाउस न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत में आर्थिक असमानता पर सवाल उठाए। NYT ने लिखा सालभर तक चली शादी में दिखाई गई अमीरी ने सबका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया।

इस शादी ने भारत के अमीरों की जिंदगी की झलक पेश की है। तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और प्रोत्साहन देने वाली सरकार से भारत के अरबपतियों की संपत्ति तेजी से बढ़ी है। ये इंडियन इकोनॉमी के अधिराज बन गए हैं। फोन नेटवर्क्स और अस्पतालों से लेकर सुपरमार्केट्स तक उनके कंट्रोल में हैं।

NYT ने ऑक्सफैम और द राइज ऑफ बिलेनियर राज की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि भारत में साल 2000 में सिर्फ 9 अरबपति थे। ये अब 200 हो चुके हैं। फोर्ब्स के मुताबिक इनके पास एक ट्रिलियन डॉलर हैं; जो देश की GDP का एक तिहाई है, जबकि इसी देश में एक बड़ी आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहती है।

टाइम्स ने भारत की असमानता की तुलना 19वीं सदी के अमेरिका से की है। वो दौर जिसमें धांधली, भ्रष्टाचार और लोगों का शोषण कर अरबपति बने अमेरिकी बिजनेसमैन अपनी दौलत का दिखावा करते थे, जबकि लोग गरीबी में जीने को मजबूर थे।

ब्रिटेन का बीबीसी

ब्रिटेन के मीडिया हाउस BBC ने लिखा है कि मुकेश अंबानी दुनिया के 10वें सबसे अमीर आदमी हैं। फोर्ब्स के मुताबिक उनकी संपत्ति 115 बिलियन डॉलर है। हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि वो अपने बेटे की शादी पर कितना खर्च कर रहे हैं।

शादी के लिए देशभर से मेहमानों को लाने के लिए 3 फाल्कन-2000 जेट रेंट पर लिए गए थे। शादी के चलते मुंबई के रोड कई घंटों के लिए सील कर दिए गए थे। इससे फुटपाथ पर सामान बेचने वालों को परेशानियां हुईं।

कतर का अलजजीरा

कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा ने लिखा है कि अंबानी की शादी में हद से ज्यादा पैसा खर्च किया गया है। मीडिया हाउस ने शादी के 2 पक्ष पेश किए हैं। एक में रिलायंस के अधिकारी के हवाले से लिखा है कि ये शादी भारत के बढ़ते इकोनॉमिक रुतबे को दिखाती है। वहीं, एक में विपक्ष की बात रखी है, जिसमें केरल के नेता थोमस इसाक के हवाले से शादी पर किए खर्च को गरीबों और धरती पर किया गया पाप बताया है।

सीएनएन ने लिखा- इतनी लंबी शादी नहीं देखी

CNN ने लिखा है कि अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट का वैवाहिक समारोह 29 दिसंबर को शुरू हुआ था जो जुलाई में भी जारी है। भारत में शादी समारोह का कई दिनों तक चलना आम बात है, लेकिन 7 महीने तक चलने वाली शादी शायद ही कभी देखी या सुनी गई हो। इस रिपोर्ट में 29 दिसंबर को हुई सगाई से लेकर 12 जुलाई की शादी तक हुए हर इवेंट के बारे में बताया गया है।

रिपोर्ट में आगे लिखा है कि अनंत अंबानी और राधिका की शादी को लेकर लोगों में उत्साह है, लेकिन पीछे कुछ आलोचनाएं भी हैं। उनके मुताबिक ये शादी अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ती हुई असमानता की ओर इशारा करती है।

अंबानी परिवार को भी इसका एहसास है, इसलिए उन्होंने कुछ समारोहों से पहले दान-पुण्य के भी काम किए हैं। इस महीने की शुरुआत में उन्होंने 50 गरीब जोड़ों के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया था। इन जोड़ों को आभूषणों के साथ-साथ एक साल के लिए घरेलू सामान और किराने का सामान गिफ्ट किया गया।

गार्जियन ने लिखा- तमाशे पर 5000 करोड़ खर्च

ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने अंबानी परिवार की तुलना ब्रिटेन के शाही परिवार से की है। ‘विंडसर’ ब्रिटेन के शाही परिवार का अंतिम नाम है। ये नाम शाही निवास के नाम पर रखा गया है। खबार ने लिखा है कि मुकेश अंबानी भारत के सबसे अमीर शख्स हैं।

उन्होंने कुछ सालों में बेतहाशा खर्च किया है। उनका घर एंटीलिया दुनिया का सबसे महंगा घर है। 2018 में उनकी बेटी की शादी पर 800 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किया गया था। इतना पैसा आज तक भारत में किसी भी शादी में खर्च नहीं हुआ।

अब उनके छोटे बेटे की शादी हो रही है, जिसका उत्सव कई महीनों से जारी है। ब्रिटिश अखबार ने लिखा है कि 5 महीने से भी अधिक समय तक चल रहे इस तमाशे में 5,000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। यह एक बड़ी रकम है, मगर अंबानी की संपत्ति का सिर्फ 0.5% है।

अनंत अंबानी की शादी से राहुल गांधी ने बनाई दूरी

सोशल मीडिया पर राहुल गांधी और अनंत अंबानी को लेकर चर्चा गर्म है और उसकी वजह है अनंत अंबानी की शादी जिसे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे महंगी शादी बताया जा रहा है लेकिन इस शाही शादी में कॉंग्रेस नेता सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दूरी बना ली है। वो 12 तारीख को मुम्बई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन में होने जा रहे इस विवाह में नहीं पहुंचेंगे।

जबकि4 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने खुद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके 10 जनपथ आवास पर मुलाकात की और अपने बेटे अनंत अंबानी की बिजनेसमैन वीरेन मर्चेंट की बेटी राधिका मर्चेंट से शादी का निमंत्रण कार्ड पेश किया।

लेकिन ट्विटर पर इस शाही शादी और राहुल गांधी स्किप अनंत अंबानी मैरेज ट्रेंड होने लगा है जिसके बाद इसपर चर्चा गर्म हो चुकी है। राहुल ट्विटर पर गरीबों का नेता के तौर पर पेश करके कई फोटो भी शेयर की जा रही है।

जहां एक शादी के लिए जश्न की तस्वीर है तो दूसरी तरफ राहुल गांधी देश की जनता के साथ खड़े हैं। यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि गांधी परिवार – सोनिया और उनके बेटे लोकसभा नेता राहुल गांधी दोनों शायद शादी में शामिल नहीं होंगे।

राहुल गांधी या फिर गांधी परिवार ने इस शाही शादी से दूरी इसलिए भी की है क्योंकि हाल के दिनों में राहुल गांधी ने जनता की बात और मोदी सरकार के साथ अंबानी और अडानी पर ज़ुबानी हमला भी किया है।

अटकलें इस बात की भी हैं कि भारत मे जियो के करीब 40 करोड़ ग्राहक है और जब से जियो ने टैरिफ बढ़ाने की बात की है। तभी से ये चर्चा भी गर्म हो गई कि जनता को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। यही वजह है कि गरीबों के मसीहा बन चुके राहुल गांधी ने कुछ इन्हीं कारणों से शादी समाहरोह में जाने का फैसला रद्द किया होगा।

देश में कोई एक अकेला है जो सिद्धांतों से समझौता नहीं करते हैं। इस देश में राहुल गांधी को छोड़कर किसी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी जननायक है गरीब दलित पिछड़े, आदिवासी, किसान, मजदूर के नेता है। उनके साथ है।

यही वजह है कि गांधी परिवार को पूरा देश सलाम करता है। पैसे वाले की गुलामी नहीं करते हैं। सच्चे दिल से देश की सेवा करते हैं। भारत की जनता यह सब देख रही है। देश की जनता राहुल के साथ है।

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भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अक्टूबर 2024 | मुंबई : भारत के सबसे पुराने कारोबारी समूह के मुखिया रतन टाटा का निधन हो गया है। वे टाटा संस के मानद चेयरमैन थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। उन्हें बुधवार को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 7 अक्टूबर को भी उन्हें अस्पताल जाने की खबर आई थी, लेकिन उन्होंने पोस्ट करके कहा था कि वे ठीक हैं और चिंता की कोई बात नहीं है।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा की अगुआई में ही टाटा ग्रुप ने देश की सबसे सस्ती कार लॉन्च की, तो हाल ही में कर्ज में फंसी एयर इंडिया को 18 हजार करोड़ की कैश डील में खरीदा था। बिजनेस में बेहद कामयाब रतन टाटा निजी जिंदगी में बेहद सादगी पसंद थे और मुंबई में अपने छोटे से फ्लैट में रहते थे।

भारत के सबसे बड़े दानवीर, नेक दिल कारोबारी रतन टाटा को अंतिम जोहार

माता-पिता बचपन में अलग हुए, दादी ने परवरिश की

  • 28 दिसंबर 1937 को नवल और सूनू टाटा के घर जन्मे रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। उनका परिवार पारसी धर्म से है। उनके माता पिता बचपन में ही अलग हो गए थे और दादी ने उनकी परवरिश की थी। 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
  • रतन टाटा की चार बार शादी होते-होते रह गई। टाटा बताते हैं कि एक बार तो शादी हो ही गई होती, जब वो अमेरिका में थे। उसी समय उनकी दादी ने उन्हें फोन करके बुला लिया। उसी समय भारत-चीन युद्ध छिड़ जाने की वजह से वे अमेरिका नहीं जा के। कुछ समय बाद उस लड़की ने किसी और से शादी कर ली।

21 साल चेयरमैन रहे, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ा

  • 1962 में फैमिली बिजनेस जॉइन किया था। शुरुआत में उन्होंने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वे मैनेजमेंट पोजीशन्स पर लगातार आगे बढ़े। 1991 में, जे.आर.डी. टाटा ने पद छोड़ दिया और ग्रुप की कमान रतन टाटा को मिली।
  • 2012 में 75 वर्ष के होने पर, टाटा ने एग्जीक्यूटिव फंक्शन छोड़ दिए। उनके 21 वर्षों के दौरान, टाटा ग्रुप का मुनाफा 50 गुना बढ़ गया। इसमें अधिकांश रेवेन्यू जगुआर-लैंडरोवर व्हीकल्स और टेटली जैसे पॉपुलर टाटा उत्पादों की विदेशों में बिक्री से आया।
  • चेयरमैन का पद छोड़ने के बाद उन्होंने 44 साल के साइरस मिस्त्री को उत्तराधिकारी नियुक्त किया। उनका परिवार ग्रुप में सबसे बड़ा इंडिविजुअल शेयरहोल्डर था। हालांकि, अगले कुछ वर्षों में, मिस्त्री और टाटा के बीच तनाव बढ़ गया।
  • अक्टूबर 2016 में, चार साल से भी कम समय के बाद, मिस्त्री को रतन टाटा के पूर्ण समर्थन के साथ टाटा के बोर्ड से बाहर कर दिया गया। फरवरी 2017 में नए उत्तराधिकारी का नाम घोषित होने तक टाटा ने चेयरमैन के रूप में अपना पद वापस ले लिया।

कम बात करते थे, बुक लवर और कारों के शौकीन

  • टाटा को बचपन से ही कम बातचीत पसंद थी। वे केवल औपचारिक और जरूरी बात ही करते थे। वे बुक लवर थे और उन्हें सक्सेस स्टोरीज पढ़ना बहुत पसंद था। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे अपने इस शौक को समय दे रहे हैं।
  • वे 60-70 के दशक के गाने सुनना पसंद करते थे। वे कहते थे, ‘मुझे बड़ी संतुष्टि होगी अगर मैं शास्त्रीय संगीत बजा पाऊं। मुझे शॉपेन पसंद है। सिम्फनी भी अच्छी लगती है। बिथोवन, चेकोस्की पसंद हैं, पर मुझे लगता है कि काश मैं खुद इन्हें पियानो पर बजा सकता।’
  • कारों के बारे में पूछने पर टाटा ने बताया था कि मुझे कारों से बहुत लगाव है। उन्होंने कहा था ‘मुझे पुरानी और नई दोनों तरह की कारों का शौक है। खासतौर पर उनकी स्टाइलिंग और उनके मैकेनिज्म के प्रति गहरा रुझान है। इसलिए मैं उन्हें खरीदता हूं, ताकि उन्हें पढ़ सकूं।’

50 साल छोटे दोस्त को खुद ड्राइव कर डिनर पर ले गए

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।

शांतनु नायडू (बाएं) रतन टाटा के सबसे करीबी दोस्त रहे। वे टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं।
  • रतन टाटा के सबसे करीबी माने जाने वाले 30 साल के शांतनु नायडू ने भास्कर से बातचीत में उनके व्यक्तित्व के कई पहलू साझा किए थे। शांतनु टाटा ग्रुप के जनरल मैनेजर हैं। उन्होंने बताया कि मैं टाटा के साथ डिनर करने गया था। वे खुद कार चलाकर मुझे मुंबई के ‘थाई पवेलियन’ ले गए थे। डिनर के दौरान मैंने टाटा से कहा, जब मैं ग्रेजुएट हो जाऊंगा, तो क्या आप मेरे दीक्षांत समारोह में आएंगे? इस पर टाटा ने कहा कि मैं पूरी कोशिश करूंगा और वे आए भी।
  • शांतनु ने कहा कि मैं कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में MBA करने अमेरिका जा रहा था, तब उनसे पहली बार मिला। उन्होंने मेरी चोट देखकर मजाक में कहा था ‘किसी डॉग ने काट लिया?’ तुरंत ही माफी मांगने लगे और कहा, बहुत खराब जोक था।

COVID-19 महामारी के समय 500 करोड़ रुपए दान दिये

रतन टाटा, ग्रुप की परोपकारी शाखा, टाटा ट्रस्ट में गहराई से शामिल थे। टाटा ग्रुप की यह आर्म शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और ग्रामीण विकास जैसे सेक्टर्स में काम करती है।

अपने पूरे करियर के दौरान, रतन टाटा ने यह तय किया कि टाटा संस के डिविडेंड का 60-65% चैरिटेबल कॉज के लिए इस्तेमाल हो। रतन टाटा ने COVID-19 महामारी से लड़ने के लिए 500 करोड़ रुपए का दान दिया था।

रतन टाटा ने एक एग्जीक्यूटिव सेंटर की स्थापना के लिए हार्वर्ड बिजनेस स्कूल को 50 मिलियन डॉलर का दान दिया था। वे यहीं से पढ़े थे। उनके योगदान ने उन्हें विश्व स्तर पर सम्मान दिलाया, एक परोपकारी और दूरदर्शी के रूप में उनकी विरासत को और बढ़ाया है।

रतन टाटा की 7 तस्वीरें

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

1945 की तस्वीर रतन टाटा (बाएं) अपने भाई जिम्मी के साथ। यह तस्वीर उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर 10 जनवरी 2023 को शेयर करते हुए लिखा था- वो खुशी के दिन थे।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

यह तस्वीर तब ली गई थी जब रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में छात्र थे। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, उन्होंने लिखा था कि वे यूनिवर्सिटी में अपने समय के दौरान सीखे लेसन्स से उत्साहित हैं।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

JRD टाटा ने करीब 50 साल तक ग्रुप का नेतृत्व करने के बाद रतन नवल टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया।

रतन टाटा ने "भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका" की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा ने “भारत की पहली स्वदेशी कार, द टाटा इंडिका” की लॉन्चिंग के दौरान तस्वीरें खिंचवाईं।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

रतन टाटा जेआरडी टाटा के साथ। रतन टाटा अपने ग्रुप को लेकर कहते थे- वहां के वर्क्स और सुपवाइजर दोनों से मिले प्यार और स्नेह को एन्जॉय किया।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

अपने इंस्टाग्राम पेज पर, रतन टाटा ने इस तस्वीर के बारे में डिटेल में लिखा है- यह तब ली गई थी जब वे कॉलेज से छुट्टी पर थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

रतन टाटा F-16 पर उड़ान भरने वाले पहले भारतीय नागरिक थे। वे लगभग 40 मिनट तक अमेरिकी वायु सेना के ब्लॉक 50 से संबंधित लड़ाकू विमान के को-पायलट रहे थे।

156 साल पहले टाटा ग्रुप की स्थापना: इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी का हिस्सा

टाटा ग्रुप की स्थापना जमशेदजी टाटा ने 1868 में की थी। यह भारत की सबसे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी है, इसकी 30 कंपनियां दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में 10 अलग-अलग बिजनेस में कारोबार करती हैं। अभी एन चंद्रशेखरन इसके चेयरमैन हैं।

टाटा संस टाटा कंपनियों की प्रिंसिपल इन्वेस्टमेंट होल्डिंग और प्रमोटर है। टाटा संस की 66% इक्विटी शेयर कैपिटल उसके चैरिटेबल ट्रस्ट के पास हैं, जो एजुकेशन, हेल्थ, आर्ट एंड कल्चर और लाइवलीहुड जनरेशन के लिए काम करता है।

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2023-24 में टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों का टोटल रेवेन्यू 13.86 लाख करोड़ रुपए था। यह 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार देती है। इसके प्रोडक्ट्स सुबह से शाम तक हमारी जिंदगी में शामिल हैं। सुबह उठकर टाटा चाय पीने से लेकर टेलीविजन पर टाटा बिंज सर्विस का इस्तेमाल, और टाटा स्टील से बने अनगिनत उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।

रतन टाटा कहते थे…’सबसे बड़ा जोखिम, जोखिम नहीं उठाना है’

  • ‘अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो अकेले चलें। लेकिन अगर आप लंबी दूरी जाना चाहते हैं, तो साथ-साथ चलें।’
  • ‘लोग आप पर जो पत्थर फेंकते हैं, उन्हें लीजिए और उनका उपयोग मॉन्यूमेंट बनाने के लिए कीजिए।’
  • ‘मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं रखता। मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही साबित करता हूं।’
  • धैर्य और दृढ़ता से चुनौतियों का सामना करें क्योंकि वे सफलता की आधारशिला हैं।’
  • ‘सबसे बड़ा जोखिम,जोखिम नहीं उठाना है। तेजी से बदलती दुनिया में एक ही स्ट्रैटेजी है जो नाकाम बना सकती है, वह है जोखिम न उठाना।’

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 07 अक्टूबर 2024 |  दिल्ली – पटना :  लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर बेल मिली। कोर्ट ने सभी को पासपोर्ट सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

इस मामले में आज लालू परिवार की दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। सुनवाई के लिए कोर्ट में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेजप्रताप और मीसा भारती पहुंचे थे। पहली बार इस मामले में कोर्ट की तरफ से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को समन किया गया था।

लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘ये लोग बार-बार राजनीतिक साजिश करते रहते हैं। केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इस केस में कोई दम नहीं है। हम लोगों की जीत तय है। वहीं, सांसद मीसा भारती ने कहा, ‘हमें कोर्ट पर पूरा विश्वास है। आज जो फैसला आया है, हम उसके लिए न्यायालय का धन्यवाद करते हैं।’

कोर्ट में पेशी के लिए लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी मीसा और रोहिणी के साथ रविवार को पटना से दिल्ली पहुंचे थे। तेजप्रताप पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे। तेजस्वी दुबई से रविवार देर रात तक दिल्ली पहुंचे थे। लालू यादव कोर्ट में पेशी के लिए व्हील चेयर पर पहुंचे।

दिल्ली रवाना होने से पहले लालू बोले थे- मोदी की हार तय

एअर इंडिया के विमान से दिल्‍ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद ने कहा, ‘जम्‍मू-कश्‍मीर और हरियाणा चुनाव में नरेंद्र मोदी की हार तय है।’ वहीं, सांसद मीसा भारती ने कहा, ‘हरियाणा और जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।’

इस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ‘लालू यादव जी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं। उनको ये सब क्या पता। वो जेल से डरने का काम करें। उन्होंने जो पाप किया है, वह न्यायालय तय करेगा।’

कोर्ट ने कहा था- तेजप्रताप की संलिप्तता से इनकार नहीं

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को स्वीकार करने के बाद 18 दिन पहले कोर्ट ने लालू परिवार समेत इस मामले में शामिल अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। वह एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी थे।’

ED ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री आरोप पत्र दायर किया था। इनमें से 4 की मौत हो चुकी है। इसमें लल्लन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्व. लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, स्व. किशुन देव राय और संजय राय शामिल हैं। लल्लन चौधरी की पत्नी ने पति की मृत्यु से जुड़ी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था।

कौन हैं किरण देवी

कोर्ट ने किरण देवी को समन जारी किया है। वह पटना की रहने वाली हैं। किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी थी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई।

ED का दावा फुस्स – लालू हैं लैंड फॉर जॉब स्कैम के मास्टरमाइंड

ED ने दावा किया था कि लैंड फॉर जॉब मामले में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ही हैं। ED ने यह दावा 26 सितंबर को दायर अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया। चार्जशीट में एजेंसी ने बताया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन के टुकड़े लिए थे। आरोप है कि अपराध से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है।

यही नहीं लालू प्रसाद ने घोटाले की साजिश इस तरह रची कि अपराध से अर्जित जमीन पर कंट्रोल तो उनके परिवार का हो, लेकिन जमीन सीधे इनसे और परिवार से लिंक ना हो पाए। प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई इकाइयां (शेल कंपनियां) खोली गईं और उनके नाम पर जमीन दर्ज कराई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में लालू प्रसाद, तेजस्वी और तेजप्रताप को समन जारी किया था।

ED के मुताबिक, साजिश की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे में नौकरी के नाम पर रिश्वत के तौर पर जमीन लेना लालू प्रसाद यादव खुद तय कर रहे थे, इसमें उनका साथ उनका परिवार और करीबी अमित कात्याल दे रहे थे। कई जमीन के टुकड़े ऐसे हैं जो कि लालू प्रसाद यादव के परिवार की जमीन के ठीक बराबर में स्थित हैं और जिन्हें कौड़ियों के दाम पर खरीद लिया गया।

कारोबारी भोला यादव के जरिए जमीन की पहचान की

लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के नाम पर लगभग 7 जमीन हैं। ये जमीन पटना के महुआ बाग में स्थित हैं। इसमें से 4 जमीन अप्रत्यक्ष रूप से राबड़ी देवी से जुड़ी हुई हैं। ED ने कहा कि लालू का महुआ बाग गांव से पुराना रिश्ता है।

महुआबाग के जुलूमधारी राय, किशुन देव राय, लाल बाबू राय और अन्य ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को जमीन दी। राबड़ी देवी ने 1990 में महुआ बाग में प्लॉट संख्या 1547 में एक टुकड़ा खरीदा था।

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व्यावसायिक लाभ के लिए लालू ने OSD भोला यादव के जरिए जमीन की पहचान की। जमीन मालिक के परिजन को रेलवे में नौकरी देने के नाम पर सस्ते में जमीन खरीदी। ये जमीन लालू, उनके परिवार, एके इंफोसिस्टम्स, हृदयानंद चौधरी और ललन चौधरी के नाम पर ट्रांसफर की गई हैं।

एके इंफोसिस्टम्स प्रा. लि. ने सभी शेयर राबड़ी-तेजस्वी के नाम ट्रांसफर

चार्जशीट में ED ने कहा कि एके इंफोसिस्टम्स जमीन अधिग्रहण के बाद 13 जून 2014 को राबड़ी देवी को 85% और तेजस्वी यादव को 15% शेयर ट्रांसफर कर दिए। इससे वह मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पास मौजूद भूमि के मालिक बन गए। 1.89 करोड़ रुपए की संपत्ति को लालू प्रसाद यादव के परिवार वालों ने 1 लाख रुपए कीमत देकर अपने कब्जे में कर लिया।

जनवरी 2024 में लालू-तेजस्वी से हुई थी पूछताछ

लैंड फॉर जॉब्स मामले में ED की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी से 20 जनवरी 2024 में 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी। ED सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद से 50 से ज्यादा सवाल किए गए थे। उन्होंने ज्यादातर जवाब हां या ना में ही दिया था। पूछताछ के दौरान कई बार लालू झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी से 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ चली थी।

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