बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

ये कहना है दौसा के मऊखुर्द गांव के 45 साल के विनोद कुमार मीणा का। विनोद खेती करते हैं। साथ ही ड्राइवर का काम भी करते हैं। गांव के दो अन्य लोगों की तरह विनोद भी टाइगर के हमले का शिकार हो गए। उनके दोनों पैरों में 28 टांके आए हैं। फिलहाल जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल के ट्रोमा वार्ड में भर्ती हैं।

बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

बांदीकुई टाइगर के हमले में विनोद मीणा के दोनों पैरों में 28 टांके टखने की हड्‌डी

आभास तक नहीं था कि बाघ 30 फीट छलांग लगाकर सीधे हमला कर देगा। घबराहट में मैं गिर पड़ा। मेरे गिरते ही उसने मेरा पांव अपने जबड़े में दबोच लिया। मुझे 4-5 फीट तक घसीटकर ले गया। बाघ ने मुझ पर तीन बार हमला किया। मौत को सामने देख मैं कांप गया।

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अचानक टाइगर ने 30 फीट की छलांग लगाई। मैं संभल पाता, इससे पहले टाइगर ने जबड़े में मेरा पैर दबोच लिया। मैंने हिम्मत करके मुक्के मारे तो छोड़ा।

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टाइगर के हमले में विनोद के दोनों पैरों में 28 टांके आए हैं। टखने की हड्‌डी भी टूट गई।

टाइगर के हमले में मांस तक बाहर निकला

मूकनायक मीडिया टीम ट्रोमा सेंटर में पहुंची तो विनोद इमरजेंसी में स्ट्रेचर पर लहूलुहान पड़े थे। उनकी बायीं जांघ, टखने और पिंडली खून से लथपथ थे। टाइगर के नुकीले दांतों के गहरे जख्म से मांस बाहर आ गया। जख्म वाली जगह 15 टांके लगाने पड़े।

बायें पैर के घुटने के नीचे की हड्डी टाइगर के जबड़ों में काफी देर फंसी रही। इसके चलते टखने की हड्डी में फ्रैक्चर हो गया। यहां भी 4 टांके आए हैं। निचले पंजे के पास भी दो टांके लगाने पड़े। वहीं, दायीं जांघ पर भी 7 नुकीले दांत और पंजों के कारण हुए गहरे जख्म हो गए।

7 टांके आए। डॉक्टर्स ने ऑपरेशन करने की बात भी कही है। विनोद और गांव से उनके साथ आए लोगों का कहना है कि सुबह टाइगर के मूवमेंट और नजर आने की सूचना समय से देने के बावजूद वन विभाग की रेस्क्यू टीम 11 बजे तक भी गांव में नहीं पहुंची थी।

बुधवार सुबह 11 बजे सरिस्का से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टाइगर पलासन नदी की ओर भाग गया, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है।

बुधवार सुबह 11 बजे सरिस्का से वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। टाइगर पलासन नदी की ओर भाग गया, जिसकी लगातार तलाश की जा रही है।

30 फीट छलांग लगाकर दबोचा पैर

विनोद ने बताया कि टाइगर की सूचना पर वो सुबह करीब 9 बजे गांव के नजदीक खेतों में गया था। टाइगर थोड़ी दूर छुपा था। मैं भी सभी गांव वालों के साथ उसे देख रहा था। अचानक टाइगर वहां खड़े लोगों की तरफ दौड़ा। टाइगर को अपनी ओर आता देख सभी लोग इधर-उधर भागने लगे। मैं जूतियां पहने था, जिस वजह से ज्यादा तेज नहीं भाग सका। संभलने का मौका मिलता, तब तक बाघ काफी करीब आ गया था।

फिर किसी तरह हिम्मत कर उसके मुंह पर मुक्के मारे। इससे एक बार उसने मुझे छोड़ दिया, लेकिन फिर दोबारा पकड़ लिया। मैंने फिर उसके जबड़े से खुद को बचाने के लिए उसके मुंह पर मारा। इसके बाद वह मुझे छोड़कर दूर खेतों में भाग गया। मैंने मौत को इतना करीब से पहले कभी नहीं देखा था। बचने की आस ही छोड़ दी थी।

वन विभाग की टीमें टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच टाइगर एक खेत से निकलकर दूसरे खेत की ओर भाग गया।

वन विभाग की टीमें टाइगर को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश कर रही थीं। इसी बीच टाइगर एक खेत से निकलकर दूसरे खेत की ओर भाग गया।

ग्रामीणों का दावा- यहां पहली बार टाइगर आया

गांव के अनिल कुमार बैरवा ने बताया कि हमले में गांव के बाबूलाल मीणा और एक महिला उगा महावर भी घायल हुए हैं। हालांकि उनकी हल्की चोटें थीं, ऐसे में उन्हें स्थानीय अस्पताल में ही भर्ती कराया गया है। एक अन्य व्यक्ति मोइनुद्दीन खान ने बताया कि सरिस्का के जंगलों से निकलकर यह टाइगर गांव में आ गया।

काफी देर तक गांव की गलियों में घूमने के बाद यह खेतों की और चला गया। इस बीच लोग छतों पर चढ़कर बाघ देखने के लिए इकठ्ठे हुए थे। विनोद भी उसी भीड़ में शामिल था। अचानक बाघ ने हमला कर दिया और किसी को संभलने का मौका नहीं मिला।

सवाल : किस बाघ ने किया हमला

बीते एक डेढ़ महीने से सरिस्का के जंगलों से दो बाघ निकलकर जयपुर से 15-20 किमी की दूरी पर जंगलों में घूम रहे हैं। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है की मऊ खुर्द गांव में ग्रामीणों पर हमला करने वाला बाघ इनमें से कोई है या अन्य कोई?

सबसे पहले टाइगर को बांदीकुई के बैजुपाड़ा इलाके में देखा गया था। टाइगर के हमले में तीन ग्रामीणों के घायल होने की खबर ने आस-पास के गांव-ढाणियों में दहशत फैला दी है। सरिस्का अभ्यारण्य से एक बाघ के लापता होने की जानकारी भी मिली है। अनुमान लगाया जा रहा है कि हमला करने वाला बाघ वही हो सकता है।

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तिरुपति मंदिर में भगदड़ 150 से ज्यादा भक्त घायल 4 की मौत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 08 जनवरी 2025 | जयपुर : विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर से बड़ी खबर सामने आई है। तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए टोकन जारी करने से पहले बड़ी अनहोनी हुई है। वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन का आवंटन गुरुवार तड़के शुरू होगा।

तिरुपति मंदिर में भगदड़ 150 से ज्यादा भक्त घायल 4 की मौत

वहीं बुधवार शाम से ही केंद्रों पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी है। इसी क्रम में तिरुपति में विष्णु के निवास स्थान पर भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इसमें तमिलनाडु के सेलम की एक महिला श्रद्धालु की मौत हो गई। जबकि चार अन्य घायल हो गए। उन्हें अस्पताल में ले जाया गया।

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नवभारत टाइम्स के अनुसार विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर से बड़ी खबर सामने आई है। तिरुमाला में श्री वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन के लिए टोकन जारी करने से पहले बड़ी अनहोनी हुई है। वैकुंठ द्वार दर्शन टोकन का आवंटन गुरुवार तड़के शुरू होगा।

वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए उमड़ी भीड़

दरअसल वैकुंठ एकादशी के मौके पर तिरुमला तिरुपती देवस्थानम यानी टीटीडी श्री के भक्तों को तिरुमाला में दस दिनों के लिए वैकुंठ द्वार दर्शन प्रदान कर रहा है। 10 जनवरी से 19 जनवरी तक दर्शन कराए जा रहे हैं।

9 जनवरी को सुबह 5 बजे से इसी द्वार से दर्शन टोकन जारी किए जाएंगे। इन एसएसडी टोकन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। टीटीडी ने तिरुपति और तिरुमाला में एसएसडी टोकन जारी करने के लिए काउंटर स्थापित किए हैं।

दैनिक भास्कर ने लिखा कि आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार शाम को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला समेत 4 लोगों की मौत हो गई। 150 से ज्यादा भक्त घायल होने की खबर है। दरअसल, काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे।

हादसे की फोटोज

दर्शन टोकन जारी किए जाने थे

9 जनवरी को सुबह 5 बजे इन केंद्रों पर भक्तों को 10, 11 और 12 तारीख के लिए 1.20 लाख टोकन आवंटित किए जाएंगे। टीटीडी ने कहा कि अन्य दिनों में टोकन जारी किए जाएंगे। भक्त बुधवार शाम से ही काउंटरों पर भीड़ लगाने लगे। क्योंकि गुरुवार सुबह से द्वार दर्शन टोकन जारी किए जाने थे।

तिरुपति में 8 केंद्रों पर 90 काउंटर बनाए गए हैं। तिरुपति में इंदिरा मैदान, रामचंद्र पुष्करिणी, श्रीनिवासम कॉम्प्लेक्स, विष्णु निवासम कॉम्प्लेक्स, भूदेवी कॉम्प्लेक्स, भैरगीपट्टेडा रामानायडू हाई स्कूल, एमआर पल्ली जिला परिषद हाई स्कूल, जिवाकोना जिला परिषद हाई स्कूल में काउंटर स्थापित किए गए हैं। इसके अलावा तिरुमाला निवासियों को बालाजी नगर सामुदायिक हॉल में एसएसडी टोकन जारी किए जाएंगे।

विष्णु धाम के काउंटर पर मारपीट

टीटीडी की ओर से व्यवस्थित सभी कतारें श्रीवारी के भक्तों से भरी हुई थीं। स्थानीय लोगों के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों से भी श्रीवारी के भक्त बड़ी संख्या में काउंटरों पर पहुंचे। विष्णु धाम के काउंटर पर मारपीट हुई। इससे वहां भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इसमें एक महिला श्रद्धालु की जान चली गई। टीटीडी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि बिना टोकन वाले भक्तों को वैकुंठ द्वार दर्शनम के दिनों में श्रीवारी के दर्शन नहीं होंगे।

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार शाम को वैकुंठ द्वार दर्शन टिकट काउंटर के पास भगदड़ मच गई। इस हादसे में एक महिला समेत 4 लोगों की मौत हो गई। 150 से ज्यादा भक्त घायल होने की खबर है। दरअसल, काउंटर के पास 4 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कतार में खड़े थे।

1.20 लाख टोकन जारी करने का हुआ था फैसला

मूकनायक मीडिया रिपोर्टर के अनुसार गुरुवार से तिरुपति के 9 केंद्रों में 94 काउंटरों के माध्यम से वैकुण्ठ दर्शन टोकन जारी करने की व्यवस्था की गई थी। हालांकि, बुधवार शाम को टोकन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ पड़े। भगदड़ में कई लोग बीमार पड़ गये। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। बताया जा रहा है कि यह घटना तब हुई, जब श्रद्धालु बड़ी संख्या में वहां पहुंचे थे। आशंका है कि भगदड़ में घायलों की संख्या बढ़ सकती है।

टीटीडी ने 10, 11 और 12 जनवरी को वैकुण्ठ द्वार दर्शन के पहले तीन दिनों के लिए गुरुवार सुबह 1.20 लाख टोकन जारी करने का निर्णय लिया था। बाकी दिनों के संबंध में, टीटीडी ने संबंधित तिथियों पर तिरुपति में विष्णुनिवासम, श्रीनिवासम और भूदेवी परिसरों में टिकट जारी करने की व्यवस्था की है।

सीएम नायडू ने निधन पर जताया शोक

दूसरी ओर, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भगदड़ में श्रद्धालुओं की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम नायडू ने घटना में घायलों को दिए जा रहे उपचार के बारे में अधिकारियों से फोन पर बात की। उन्होंने उच्च अधिकारियों को घटनास्थल पर जाकर राहत कार्य करने के आदेश दिए हैं, ताकि घायलों को बेहतर उपचार मिल सके।

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सुशीला मीणा को RCA ने ले लिया गोद, सुशीला ने खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को किया क्लीन बोल्ड

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 06 जनवरी 2025 | जयपुर : राजस्थान की 12 साल की स्टूडेंट सुशीला मीणा चर्चा में है। क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर और जहीर खान जैसे नामी खिलाड़ी भी इनके फैन हो गए हैं। सचिन ने सरकारी स्कूल की ड्रेस में गेंदबाजी करती सुशीला का वीडियो शेयर किया और एक्शन को जहीर खान जैसा बताया था।

सुशीला मीणा को RCA ने ले लिया गोद, सुशीला ने खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को किया क्लीन बोल्ड

सुशीला ने खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ को किया बोल्ड

सचिन तेंदुलकर की तारीफ से चर्चा में आई प्रतापगढ़ की सुशीला मीणा को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) ने गोद ले लिया है। अब 12 साल की सुशीला की पढ़ाई से लेकर उसके रहने, खाने और क्रिकेट ट्रेनिंग का खर्च आरसीए उठाएगा।

सुशीला ने बताया कि वह पिछले 3 साल से क्रिकेट खेल रही है। ऐसे में अब वह और अच्छी ट्रेनिंग हासिल कर भारतीय टीम में शामिल होना चाहती है। यही लक्ष्य है।

सुशीला को गोद लेने के दौरान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ मंत्री हेमंत मीणा, जोगाराम पटेल, RCA एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी समेत जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

सुशीला को गोद लेने के दौरान राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ मंत्री हेमंत मीणा, जोगाराम पटेल, RCA एडहॉक कमेटी के कन्वीनर जयदीप बिहाणी समेत जिला क्रिकेट संघों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री बोले- दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज राजस्थान से होना चाहिए

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा- राजस्थान में कई प्रतिभाएं हैं। जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए अब RCA और खेल विभाग प्रॉपर प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराएगा। इसकी शुरुआत सुशीला मीणा से हो रही है। सुशीला को क्रिकेट की ट्रेनिंग दी जाएगी। अच्छी एजुकेशन भी दी जाएगी।

खेल मंत्री ने जिला क्रिकेट संघ के पदाधिकारियों को अपने जिलों में खेल प्रतिभाओं को तराशने के आदेश दिए। उन्होंने कहा- आने वाले समय में दुनिया का सबसे तेज गेंदबाज राजस्थान से होना चाहिए। न सिर्फ क्रिकेट बल्कि सभी खेलों में राजस्थान के खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करें। इस सोच को लेकर राजस्थान की सरकार काम कर रही है।

आरसीए एकेडमी में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ नेट प्रैक्टिस करती सुशीला मीणा।

आरसीए एकेडमी में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ नेट प्रैक्टिस करती सुशीला मीणा। राजस्थान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने प्रतापगढ़ की होनहार क्रिकेटर सुशीला मीणा जी से वीडियो कॉल पर संवाद किया और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएँ दीं। उनकी प्रतिभा और मेहनत को प्रोत्साहित करने के लिए जयपुर आने का आमंत्रण दिया।

जयपुर पहुंची सुशीला मीणा का डूंगरपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुशील जैन ने स्वागत किया। इस दौरान अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

जयपुर पहुंची सुशीला मीणा का डूंगरपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव सुशील जैन ने स्वागत किया। इस दौरान अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

सचिन तेंदुलकर ने पोस्ट किया था सुशीला का वीडियो

दरअसल, क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने 20 दिसंबर को एक वीडियो X पर पोस्ट किया था। इस पोस्ट में उन्होंने पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान को टैग किया और लिखा- ‘सहज, सरल और देखने में बहुत ही प्यारा। सुशीला मीणा की गेंदबाजी में आपकी झलक दिखती है जहीर खान। क्या आपने भी इसे देखा?’

जहीर खान ने इसका जवाब दिया- ‘आप बिल्कुल सही कह रहे हैं। मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं। उसका एक्शन बहुत सहज और प्रभावशाली है। वे पहले से ही बहुत आशाजनक दिख रही हैं।’

तेंदुलकर के पोस्ट के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक सभी ने सुशीला के खेल की तारीफ की थी। कुछ लोग उनके बॉलिंग एक्शन की तुलना तेज गेंदबाज जहीर खान से भी कर रहे थे। इसके बाद वह सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुई थी।

सचिन ने सुशीला का बॉलिंग करते हुए वीडियो शेयर किया और उसके गेंदबाजी एक्शन को जहीर खान जैसा बताया था।

सचिन ने सुशीला का बॉलिंग करते हुए वीडियो शेयर किया और उसके गेंदबाजी एक्शन को जहीर खान जैसा बताया था।

पत्थर को निशाना बनाकर गेंदबाजी करती थी सुशीला

प्रतापगढ़ जिले के धरियावद तहसील के रामेर तालाब गांव की रहने वाली सुशीला 5वीं क्लास की छात्रा है। वह तीन साल से क्रिकेट की प्रैक्टिस कर रही है। पहले खाली दीवार या किसी पत्थर को निशाना बनाकर गेंदबाजी करती थी, लेकिन अब वह इस खेल में इतनी माहिर हो गई है कि उसके शिक्षकों ने उसकी मदद करते हुए उसे खेल सामग्री उपलब्ध करवाई है।

मूकनायक मीडिया ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था जिसके बाद राजस्थान क्रिकेट संघ ने सुनीता को जयपुर बुलाकर गोद लिया है।

यह भी पढ़ें : सुशीला मीणा को लेकर BCCI और RCA घोर उदासीन, नेताओं ने TRP बढ़ाई धरातल पर कोई सहायता नहीं

सुशीला के पिता रतनलाल और मां शांति बाई मीणा मजदूरी व खेती करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं। सुशीला माता-पिता और दादा के साथ बांस की झोपड़ी में रहती है। सुशीला पढ़ाई के साथ हर रोज 2 घंटे क्रिकेट खेलती है। जहीर खान जैसे बॉलिंग एक्शन वाली सुशीला की मदद  के लिए किरोड़ी लाल मीणा ने भी वादा किया था।  

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