चार वर्षीय स्नातक डिग्री से नेट और पीएचडी में सीधे एडमिशन, सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीजी जरूरी नहीं

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 12 नवंबर 2024 | दिल्ली :  शैक्षणिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार, चार वर्षीय स्नातक डिग्री रखने वाले छात्र अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) देकर अपनी पीएचडी आकांक्षाओं की ओर सीधे कदम बढ़ा सकते हैं। यह नेट पात्रता के लिए मास्टर डिग्री की पारंपरिक शर्त से अलग है।

चार वर्षीय स्नातक डिग्री से नेट और पीएचडी में सीधे एडमिशन, सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीजी जरूरी नहीं

चार वर्षीय स्नातक डिग्री से नेट और पीएचडी में सीधे एडमिशन, सहायक प्रोफ़ेसर बनने के लिए पीजी जरूरी नहीं

पीएचडी करने के इच्छुक उम्मीदवारों को, चाहे जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के साथ हो या उसके बिना, अब अपने स्नातक अध्ययन में 75 प्रतिशत अंक या समकक्ष ग्रेड की न्यूनतम आवश्यकता के साथ असाधारण शैक्षणिक प्रदर्शन करना होगा। मानक से हटकर, इस वर्ष की NET परीक्षा कंप्यूटर-आधारित टेस्ट प्रारूप से हटकर ऑफ़लाइन मोड में बदल जायेगी।

इस बदलाव का उद्देश्य उम्मीदवारों की विविध शैक्षणिक महत्वाकांक्षाओं को समायोजित करना है, चाहे उनका स्नातक विषय कोई भी हो। यह एक प्रतिमान बदलाव है जो डॉक्टरेट अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के लिए नए दरवाजे खोल रहा है।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो ने राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व सिंडिकेट सदस्य एवम् राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय, अजमेर के मूर्धन्य शिक्षाविद् प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा से सभी सवालों पर विस्तृत बातचीत की।

प्रोफ़ेसर मीणा ने पात्रता, विषय आवश्यकताओं, मास्टर्स डिग्री के महत्व को कम करने के बारे में चिंताओं, यूजीसी चार वर्षीय पाठ्यक्रम लागू करने के लिए विश्वविद्यालयों को निर्देश, और बहुत कुछ पर सवालों के जवाब दिये।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 01 : क्या किसी भी विषय से 4 वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम पूरा करने वाले छात्र पीएचडी के लिए पात्र होंगे?

प्रोफ़ेसर मीणा : हां, 4 वर्षीय यूजी डिग्री वाले छात्र किसी भी विषय में पीएचडी कर सकते हैं, चाहे उनका बैचलर कोर्स कोई भी हो। वे नेट परीक्षा के अनुसार विषय चुनकर और चुने गए विषय में उपस्थित होकर ऐसा कर सकते हैं।

इससे अंतःविषयक शोध को मजबूती मिलेगी। अपने स्नातक अनुशासन के बाहर के क्षेत्रों में पीएचडी करने वाले स्नातकों के पास व्यापक कौशल होगा, जिससे वे नौकरी के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे। यह व्यापक पात्रता छात्रों को उनके स्नातक प्रमुख की परवाह किए बिना, अपने शैक्षणिक हितों का पालन करने की अधिक स्वतंत्रता देती है।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवल 02 : क्या इन छात्रों को पीएचडी करने के लिए एमए, एमएससी या एमकॉम की आवश्यकता नहीं होगी?

प्रोफ़ेसर मीणा : 4 वर्षीय यूजी डिग्री (पूरा हो चुका या अंतिम सेमेस्टर/वर्ष में) वाले छात्रों को पीएचडी के लिए आवेदन करने के लिए मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। यह एक शर्त के साथ आता है: पीएचडी के लिए आवेदन करने के लिए छात्र के पास कुल मिलाकर न्यूनतम 75% अंक या समकक्ष ग्रेड होना चाहिए।

विशिष्ट श्रेणियों जैसे कि “अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBS) दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर (EWS) वर्गों” के लिए 5% की छूट है। यदि किसी छात्र के पास चार वर्षीय स्नातक डिग्री में अपेक्षित प्रतिशत नहीं है, तो वे मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद पीएचडी कार्यक्रम में शामिल होने के पात्र होंगे।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 03: कुछ छात्र जो 3-वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेते हैं, बाद में पीएचडी के लिए पात्र होने हेतु एक और वर्ष करने का निर्णय लेते हैं, क्या उन्हें ऐसा करने की अनुमति होगी?

प्रोफ़ेसर मीणा : 4 वर्षीय यूजी प्रोग्राम में नामांकित छात्र पीएचडी कोर्स के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि संस्थान 3 वर्षीय यूजी प्रोग्राम में छात्रों को राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप उपयुक्त पाठ्यक्रम प्रदान करके चौथे वर्ष में जाने की अनुमति देता है, तो ऐसे छात्र पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं, बशर्ते उनके पास कुल मिलाकर आवश्यक प्रतिशत हो।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 04 : क्या यूजीसी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को 4 वर्षीय यूजी पाठ्यक्रमों की अनुमति देने के लिए कोई निर्देश जारी करने जा रहा है?

प्रोफ़ेसर मीणा : यूजीसी 4 वर्षीय यूजी कार्यक्रमों के विभिन्न लाभों के बारे में विश्वविद्यालयों के साथ लगातार संपर्क में है। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क लॉन्च होने के बाद से, यूजीसी देश भर के विश्वविद्यालयों के साथ पत्र लिख रहा है और चर्चा कर रहा है। वर्तमान में, 150 से अधिक विश्वविद्यालयों ने या तो 4 वर्षीय यूजी कार्यक्रम शुरू कर दिए हैं या आगामी शैक्षणिक वर्ष से शुरू करने जा रहे हैं।

यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को यह भी लिखा है कि वे 3 वर्षीय यूजी कार्यक्रम में छात्रों को ब्रिज कोर्स की मदद से 4 वर्षीय यूजी कार्यक्रम में शामिल होने दें। इससे उन छात्रों को लाभ होगा जो अपने तीसरे वर्ष को आगे बढ़ाना चाहते हैं और चौथे वर्ष को शोध के लिए समर्पित करना चाहते हैं।

यूजीसी सक्रिय रूप से विश्वविद्यालयों के साथ इस मुद्दे को उठा रहा है और उन्हें शिक्षार्थियों को स्वतंत्रता, लचीलापन और विकल्प प्रदान करने के लिए इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 05 : कुछ छात्र इस बात से भी चिंतित हैं कि क्या इससे मास्टर्स स्तर के पाठ्यक्रमों का महत्व कम हो जायेगा? आप इसे किस तरह देखते हैं?

प्रोफ़ेसर मीणा : स्नातकोत्तर अध्ययन करने के कई लाभ हैं। 04 वर्षीय यूजी कार्यक्रम लचीलेपन को बढ़ावा देने और उच्च शिक्षा के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाने के लिए शुरू किया गया है और यह विशेष, उन्नत और पेशेवर स्नातकोत्तर डिग्री की आवश्यकता को प्रतिस्थापित नहीं करेगा। स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने का उद्देश्य केवल उच्च शिक्षा में एक और डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं है।

यह छात्रों को बहु-विषयक क्षेत्रों में लाकर उनके लिए उपलब्ध अवसरों का विस्तार करता है। साथ ही, 04 वर्षीय यूजी डिग्री के बाद काम करने वालों के लिए, 01 वर्षीय मास्टर डिग्री उन्हें अपने कौशल और ज्ञान को उन्नत करने के अवसर प्रदान करेगी।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 06 : पीएचडी के लिए पात्र होने के लिए 4 वर्षीय यूजी कोर्स में 75% अंक की आवश्यकता होती है, जबकि मानविकी, वाणिज्य और विज्ञान से संबंधित पाठ्यक्रमों में बहुत कम छात्र इतने अंक प्राप्त कर पाते हैं। इस पर आपका क्या कहना है?

प्रोफ़ेसर मीणा : जिन लोगों के 04 साल के यूजी प्रोग्राम में 75% अंक नहीं हैं, वे 01 साल का पीजी प्रोग्राम कर सकते हैं और फिर यूजीसी-नेट लिख सकते हैं। हम भारतीय विश्वविद्यालयों को जल्द से जल्द 01 साल का पीजी प्रोग्राम शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, और उनमें से कई 1 साल का पीजी प्रोग्राम शुरू कर रहे हैं।

मूकनायक मीडिया ब्यूरो सवाल 07 : क्या आप 04 वर्षीय यूजी कोर्स के लिए पीएचडी की पात्रता से संबंधित विवरण साझा कर सकते हैं? क्या उन्हें नेट देना होगा या नहीं?

प्रोफ़ेसर मीणा : यूजीसी पीएचडी विनियमों के अनुसार, 75% अंकों या समकक्ष ग्रेड के साथ 04 वर्षीय/8 सेमेस्टर की स्नातक डिग्री वाला उम्मीदवार पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र है। विनियमों के अनुसार अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर), दिव्यांग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 5% अंक या इसके समकक्ष ग्रेड की छूट दी जाती है।

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वे 04 वर्षीय यूजी कार्यक्रम के छात्र जो पीएचडी में शामिल होना चाहते हैं, वे नेट में शामिल हो सकते हैं। नेट में शामिल होने से शिक्षार्थियों के लिए अधिक अवसर सुलभ हो जाते हैं। वे पीएचडी करने के लिए जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) पुरस्कार के लिए पात्र हो सकते हैं (जो पहले ऐसा नहीं था) या परीक्षा में उनके प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न विश्वविद्यालयों में पीएचडी में प्रवेश के लिए पात्र हो सकते हैं।

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यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 17 दिसंबर 2024 | जयपुर : यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन राजस्थान का 9वां त्रैवार्षिक सम्मेलन जयपुर स्थित होटल रॉयल ओर्चिड में हुआ। सम्मेलन में पूरे प्रदेश से 500 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया, जिसमें 100 से अधिक महिला ऑफिसर्स भी शामिल थीं।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव, जगदीश प्रकाश बेनिवाल अध्यक्ष बने

सम्मेलन के समापन पर वर्ष 2024-27 के लिए नई कार्यकारिणी का गठन किया गया। यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव में डॉ राजेश कुमार मीणा को लगातार तीसरी बार महासचिव और जगदीश प्रकाश बेनिवाल को अध्यक्ष, मनीष मीणा सचिव एवम् रवि गर्ग को कोषाध्यक्ष सर्वसम्मति से चुना गया।

यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन चुनाव, डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

यूको बैंक के राजस्थान के तीनों जोनों के भी चुनाव हुए हैं जिनकी नई कार्यकारिणी में जयपुर जोन प्रेसिडेंट हरिमोहन मीणा एवम्  उदयभान सैनी सचिव, जोधपुर जोन प्रेसिडेंट पेमा राम एवम् चेतन सोलंकी, अजमेर जोन प्रेसिडेंट आनंद कुमार, एवम् कुलदीप सिंह मीणा सचिव चुना गया। इसके अलावा विभिन्न पदों पर भी प्रतिनिधियों को चुना गया, ताकि संगठन की मजबूती बनी रहे और अधिकारियों की समस्याओं का समाधान हो सके।

सम्मेलन के दौरान महासचिव डॉ मीणा ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि बैंक अधिकारियों का कार्यकाल अनियमित होने से उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने लंबे समय से लंबित पांच दिन का कार्य सप्ताह लागू करने की मांग उठाई और दूरस्थ स्थानांतरण और कार्यक्षेत्र की कठिनाइयों का मुद्दा भी सम्मलेन में रखा।

उन्होंने यह भी कहा कि कार्मिकों के हित में बताते हुए संबोधित किया गया कि आमजनता की सेवा के लिए बैंकिंग अधिकारी दिन-रात सेवा में लगे रहते है। ऐसे बैंक अधिकारी वर्क लाइफ बैलेंस को भी बनाए रखें ताकि समय पर घर जा सके।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में बैंकिंग व्यवस्था बहुत संकट में है। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा मिलती है।

बैंक ऑफिसर्स को उनके काम के वनिस्पत बहुत कम तनखा – प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा

प्रोफ़ेसर मीणा ने दु:ख जताते हुए कहा कि बैंक ऑफिसर्स, ऑफिसर्स ना होकर कलर्क बने हुए हैं। बैंकों में स्टाफ की बहुत कमी है और कई सालों से बैंकों में रिक्रूटमेंट नहीं हो रहे हैं। बैंकिंग सेक्टर के लिए पुरानी पेंशन योजना समेत कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण किया जाना जरूरी है।

इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। एसोसिएशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स और यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड संदीप चौबे, मुख्य अतिथि संयुक्त महासचिव आकाश बख्शी, विशाल सखरकर ने अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया और उन्होंने अधिकारियों को बैंकिंग नियमों का पालन करने तथा साइबर क्राइम से सतर्क रहने का संदेश दिया।

 

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा, पूर्व सदस्य पूर्व सदस्य, राजस्थान विश्वविद्यालय सिंडिकेट विशिष्ठ अतिथि के रूप सम्मलेन को संबोधित करते हुए

 

त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे
डॉ राजेश कुमार मीणा लगातार तीसरी बार महासचिव

सम्मेलन को पूर्व महासचिव रामपाल कुमावत ने अपने पुराने अनुभवों को साँझा करते हुए संगठन के प्रति समर्पण पर जोर दिया। राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष जेपी बेनिवाल कहा कि बैंकिंग सेवा में क्या क्या परिवर्तिन किया जाए ताकि उपभोक्ताओं को ओर ज्यादा से ज्यादा सुविधा मिल सके।

महेश मीणा मीणा, बैंक ऑफ़ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव ने भी संबोधित करते हुए कहा कि सभी बैंक मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन लागू करने पर मजबूर किया जायेगा और यदि सरकार लागू नहीं करेगी तो बडा आंदोलन किया जायेगा। बहरी-गूंगी सरकारों को आँखें खोलने के लिए राष्ट्रव्यापी हड़ताल भी की जायेगी।

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यूको बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्जवल और पदाधिकारियों के स्वागत के साथ हुआ। 3 साल बाद त्रि-वार्षिक सम्मेलन जयपुर में होने से प्रदेश के यूको बैंक के ऑफिसर बडी संख्या में पहुंचे।

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एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर : HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) एक बेहद खतरनाक वायरस है। काफी समय से डॉक्टर और वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढ रहे हैं। हाल ही में वैज्ञानिकों ने इस मामले में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने HIV इन्फेक्शन को रोकने वाला एक इंजेक्शन बनाया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर है।

एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

एंटी HIV इंजेक्शन
एड्स इंजेक्शन HIV इन्फेक्शन रोकने में 96% तक कारगर, Kiss से हो सकता है HIV एड्स

इस इंजेक्शन का नाम लेनकापाविर (Lenacapavir) है। वैज्ञानिकों के अनुसार एक साल में इस वैक्सीन की दो डोज लेने से व्यक्ति HIV इन्फेक्शन के खतरे से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। अमेरिकन बायोफार्मास्युटिकल कंपनी गलियड (Gilead) द्वारा जारी और न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में पब्लिश डेटा के मुताबिक, लेनकापाविर टीका फेज-3 ट्रायल के दौरान HIV इन्फेक्शन को रोकने में 100% तक प्रभावी था। दक्षिण अफ्रीका और युगांडा की 5000 महिलाओं पर इस टीके का सफल परीक्षण किया गया।

इंडिया HIV एस्टिमेशन रिपोर्ट, 2023 के मुताबिक, भारत में 25 लाख से अधिक लोग HIV से पीड़ित हैं। हर साल करीब 66,400 लोग इसकी चपेट में आते हैं। पूरी दुनिया की बात करें तो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, साल 2023 में करीब 4 करोड़ लोग HIV से पीड़ित थे। वहीं इस साल करीब 6,30,000 लोगों की इससे मौत हुई।

तो आज रिसर्च में हम HIV के बारे में बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि-

  • HIV क्या है?
  • ये कैसे फैलता है?
  • इससे बचने के क्या उपाय हैं?

HIV क्या है?

HIV एक ऐसा वायरस है, जो बॉडी के इम्यून सिस्टम पर हमला करता है। ये शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स को टारगेट करता है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। इसके कारण टीबी, सीवियर इन्फेक्शन और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। अगर HIV का सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) का कारण बन सकता है।

HIV और AIDS में क्या अंतर है?

HIV वायरस इम्यून सिस्टम की कोशिकाओं को संक्रमित करके उसे धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे किसी भी तरह की बीमारी से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। वहीं एड्स एक मेडिकल कंडीशन है, जिसका प्राइमरी कारण HIV इन्फेक्शन है।

इन्फेक्शन होने पर अगर समय पर पता न चले और इलाज न मिले तो इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है और एड्स में बदल जाती है। वहीं अगर सही समय पर HIV का इलाज शुरू कर दिया जाए तो एड्स से बचा जा सकता है। इसलिए समय रहते HIV इन्फेक्शन का पता लगाना बेहद जरूरी है।

HIV किन कारणों से फैलता है?

HIV आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के बॉडी फ्लूइड यानी ब्लड, ब्रेस्ट मिल्क और स्पर्म के संपर्क से फैलता है। ये संक्रमित प्रेग्नेंट महिलाओं के जरिए बच्चे में फैल सकता है। इसके फैलने केे कई अन्य कारण भी हैं। इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

HIV का पता कैसे लगाया जा सकता है?

दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीटयूट में इंटरनल मेडिसिन और इन्फेक्शियस डिजीज कंसल्टेंट डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि किसी को देखकर ये नहीं बताया जा सकता कि उसे HIV है या नहीं। आमतौर पर HIV इन्फेक्शन के शुरुआती दिनों में फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

कई बार HIV से संक्रमित होने के बावजूद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिखते। इसका पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराना ही एकमात्र तरीका है। इसलिए लंबे समय तक बीमार रहने या फ्लू के लक्षण दिखने पर भी व्यक्ति को HIV टेस्ट करवाना चाहिए।

HIV से कैसे बचें?

HIV इन्फेक्शन से बचने के कई उपाय हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है, सुरक्षित यौन संबंध बनाना और नीडल, सीरिंज या अन्य इंजेक्शन लगाने वाले उपकरण साझा न करना। इसके अलावा और कौन से उपाय हैं, इसे नीचे ग्राफिक से समझिए-

क्या HIV पूरी तरह ठीक हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि अभी तक HIV का कोई परफेक्ट इलाज नहीं है। हालांकि इसके कुछ ट्रीटमेंट्स हैं। इनसे HIV से शरीर को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। HIV ट्रीटमेंट दूसरों को संक्रमित होने से बचाता है और संक्रमित व्यक्ति को भी स्वस्थ रहने में मदद करता है।

HIV पॉजिटिव होने पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है। हालांकि लेनकापाविर इंजेक्शन के सफल परीक्षण के बाद पूरी दुनिया में उम्मीद जगी है कि जल्द ही HIV का सटीक इलाज किया जा सकेगा।

क्या HIV छुआछूत से फैलता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं कि HIV कोई छुआछूत का वायरस नहीं है। इसलिए HIV संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाने के बजाय उनके प्रति सहानुभूति और सपोर्ट दिखाना चाहिए। नीचे पॉइंटर्स से समझिए किन चीजों से HIV का खतरा नहीं होता है।

  • संक्रमित व्यक्ति को गले लगाने से।
  • एक साथ खाना खाने से।
  • एक ही कमरे में रहने से।
  • पब्लिक टॉयलेट या स्विमिंग पूल के इस्तेमाल से।
  • बर्तन या कपड़े शेयर करने से।
  • मच्छरों के काटने से।
  • संक्रमित व्यक्ति को ब्लड देने से।
  • आंसू या पसीने से।

क्या किस करने से HIV हो सकता है?

डॉ. अंकित बंसल बताते हैं HIV किस करने से नहीं फैलता। हालांकि अगर संक्रमित व्यक्ति के मुंह में खुले घाव हैं या मसूड़ों से खून आता है तो इन्फेक्शन हो सकता है।

क्या HIV पॉजिटिव व्यक्ति शारीरिक संबंध बना सकता है?

बहुत से लोग सोचते हैं कि HIV पॉजिटिव होने के बाद सेक्स नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है। HIV पॉजिटिव व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की तरह ही शारीरिक संबंध बना सकता है। हालांकि इस दौरान इन्फेक्शन को रोकने के लिए प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करना जरूरी है।

HIV पॉजिटिव होने पर अपनी केयर कैसे करें?

HIV पॉजिटिव होने पर घबराएं नहीं। खुद को मानसिक रूप से स्वस्थ रखें। इस बात का ध्यान रखें कि HIV पॉजिटिव होने के बावजूद खुशहाल जीवन जिया जा सकता है। इसके लिए निर्धारित समय पर अपनी दवाएं और समय-समय पर डॉक्टर की सलाह लेते रहें।

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