शहीद की मां राहुल गाँघी से बोलीं, अग्निवीर से सेना में समानता खत्म हुई

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 जुलाई 2024 | रायबरेली : राहुल गांधी ने रायबरेली में कीर्ति चक्र से सम्मानित कैप्टन अंशुमान सिंह के माता-पिता से मुलाकात की। मंगलवार को भुएमऊ गेस्ट हाउस में उनके साथ चाय पी। राहुल ने कहा कि हम आपके साथ खड़े हैं। करीब 40 मिनट तक शहीद के परिवार से बात की।

शहीद की मां राहुल गाँघी से बोलीं

राहुल से मिलने के बाद शहीद कैप्टन की मां मंजू ने कहा- अग्निवीर योजना बंद होनी चाहिए। यह योजना सैनिकों के लिए सम्मानजनक नहीं है। इसको लेकर राहुल ने पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया। उम्मीद है कि जब वो सत्ता में आएंगे, तो इस पर विचार करेंगे। 3 दिन पहले शहीद की पत्नी स्मृति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कीर्ति चक्र मिला था।

मंगलवार सुबह 10 बजे राहुल लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरे। सड़क मार्ग से रायबरेली पहुंचे। रास्ते में रुककर हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। मंदिर में 15-20 मिनट तक रुके। राहुल ने वोटिंग के दिन 20 मई को भी इस मंदिर में पूजा की थी। 5 दिन में राहुल का यह दूसरा यूपी दौरा है। 3 जुलाई को राहुल हाथरस गए थे। उन्होंने हाथरस हादसे के पीड़ितों से मुलाकात की थी।

अपडेट्स

रायबरेली एम्स में राहुल ने डॉक्टरों, मरीजों-छात्रों से बातचीत की, देखिए तस्वीरें…

03:12 PM9 जुलाई 2024

रायबरेली के लोगों से मिले राहुल, देखिए तस्वीरें…

02:30 PM9 जुलाई 2024

शहीद की मां बोलीं- अग्निवीर से सेना में समानता खत्म हुई

शहीद कैप्टन की मां मंजू ने कहा- अग्निवीर को लेकर मेरा मानना है कि ये योजना ठीक नहीं है। मेरा बेटा और मेरे पति फौज में रहे हैं। इस योजना से सेना में समानता खत्म हो गई है। मैं उनसे राष्ट्रपति भवन में मिली थी। उस समय उनके पास समय कम था। मेरा नंबर उन्होंने ले लिया था।

11:46 AM9 जुलाई 2024

20 मई को राहुल ने वोटिंग के दिन बछरावा मंदिर में की थी पूजा

11:41 AM9 जुलाई 2024

बछरावा मंदिर में राहुल की पूजा की 2 तस्वीरें देखिए…

 

रायबरेली जाते वक्त राहुल का काफिला बछरावां में रुका। उन्होंने हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। वोटिंग के दिन भी राहुल ने इसी मंदिर में पूजा अर्चना की थी।

यह भी पढ़ें : एसआईटी रिपोर्ट में भी भोले बाबा को क्लीनचिट

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किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 फरबरी 2025 | जयपुर :भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा है। किरोड़ी के फोन टैपिंग के बयान को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। नोटिस को लेकर किरोड़ी बोले- मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही, नोटिस मिलते ही तय समय में जवाब भेज दूंगा।

किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा लगातार अपने बयानों से पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे। सीएमओ और पार्टी की तरफ से किरोड़ी की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई थी, लेकिन दिल्ली चुनाव के चलते पार्टी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।

किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

पर यह बात तय है कि भजन लाल सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि डॉ किरीदी लाल मीणा चुप बैठने वाले नहीं हैं। उनके बारे में सब जानते हैं कि वे भैरों सिंह शेखावत और वसुंधराराजे के सामने नहीं झुके, और यह तो पर्ची सरकार है। यह सरकार वसुंधरा और किरोड़ी नमक सेंडविच में फंस चुकी है और कभी भी कुछ भी हो सकता है। 

बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई और उसके बाद किरोड़ी को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया। मदन राठौड़ आज दिल्ली पहुंच चुके हैं, मंगलवार से संसद सत्र में भाग लेंगे।

माना जा रहा है कि इस दौरान वे राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात भी करेंगे और इस मुलाकात में किरोड़ी पर आगे क्या एक्शन लिया जाये, इस पर भी चर्चा होगी। किरोड़ी लाल मीणा की तरह ही पार्टी ने हरियाणा में भी मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

पार्टी की छवि को धूमिल करने का आरोप

नोटिस में कहा गया है कि डॉ. मीणा का यह बयान भारतीय जनता पार्टी और उसकी बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। इस कृत्य को पार्टी संविधान के अनुशासन भंग की परिभाषा के तहत माना गया है।

अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर बीजेपी ने कड़ा एक्शन लिया है। राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने एक्शन लेते हुए सोमवार को किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस भेजा है। यह नोटिस बीते दिनों भजनलाल सरकार पर एक के बाद एक कई आरोपों को लेकर जारी किया गया है।

किरोड़ी लाल मीणा का नोटिस दिए जाने के बाद राजस्थान की सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दाला में कुछ काला है। वहीं, मदन राठौड़ के नोटिस को लेकर किरोड़ी लाल ने कहा कि इसके बारे में जानकारी नहीं है।

मंत्री पद से इस्तीफे का भी जिक्र

मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा को भेजे नोटिस में कहा कि आप बीजेपी के सदस्य हैं और भाजपा के टिकिट पर सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं। बीते दिनों मंत्री परिषद से इस्तीफे की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उपलब्ध करवाई और भाजपा सरकार पर आपके टेलीफोन टैप करने का आरोप लगाया जो असत्य है।

किरोड़ी लाल के बयानबाजी पर नोटिस

सार्वजनिक रूप से आपने बयान देकर बीजेपी सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है। ऐसे में आपके बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के हिसाब से अनुशासनहीनता माना है। नोटिस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार, कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है। किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जवाब तीन दिन के अंदर देने को कहा गया है।

मुझे जानकारी नहीं

इस पत्र की पुष्टि के लिए मूकनायक मीडिया ब्यूरो की किरोड़ीलाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, ‘मुझे कारण बताओ नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, नोटिस प्राप्त होते ही तय समय अवधि में पार्टी नेतृत्व को जवाब प्रेषित किया जायेगा।’

किरोड़ीलाल मीणा ने ये कहा था 

वायरल वीडियो में मंत्री मीणा ने कहा…मैं आशा करता था कि हम राज में आयेंगे तो भ्रष्टाचारियेां पर नकेल कसेंगे। लेकिन निराश हूं। मैने पेपरलीक के मामले उठाए। 50 थानेदार गिरफ्तार हुए। मैने कहा परीक्षा रद्द करो, लेकिन सरकार नहीं मानी। उल्टा जैसा पिछली सरकार में होता था, चप्पे-चप्पे पर मेरी सीआईडी की जाती है। मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जाता है, लेकिन मैं कोई बुरा काम करता नहीं, इसलिए मैं डरता नहीं। वीडियो आमागढ़ मंदिर में एक सामाजिक कार्यक्रम का है।

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मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर :  हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने यूथ फॉर इक्वलिटी की वह याचिका मंगवार को निरस्त कर दी, पूर्व में जिसकी सुनवाई करते हुए 87 : 13 का फार्मूला तैयार किया गया था।

मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

मध्य प्रदेशमें ओबीसी आरक्षण पर बड़ा अपडेट आया है। एमपी हाईकोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को मामले में सुनवाई करते हुए 87:13 का फार्मूला रद्द कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)के लिए 27 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। 

मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

दरअसल, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षाण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था, लेकिन कुछ लोगों इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार ने कोर्ट विवाद का हवाला देकर सरकारी विभागों में होने वाली नियुक्तियों में ओबीसी के 13 फीसदी पद होल्ड करने लगी। 

यूथ फार इक्वलिटी की याचिका खारिज

यूथ फार इक्वलिटी ने ओबीसी आरक्षण को संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। कहा,  यह समानता के अधिकार को प्रभावित करता है। हाईकोर्ट ने उनके इस तर्क को खारिज कर याचिका निरस्त कर दी। 

क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ? 

  • सीनियर अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 4 अगस्त, 2023 को महाधिवक्ता के अभिमत पर सभी भर्तियों में 87 : 13 का फार्मूला लागू किया था। हाईकोर्ट ने उस याचिका को ही निरस्त कर दिया है, जिस आधार पर  87 : 13 का यह फार्मूला लागू किया या था। 
  • याचिका निरस्त होने के बाद न सिर्फ सरकार को आरक्षण के तहत काम करने में स्पष्टता मिलेगी। बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी। 
  • सरकारी नौकरियों में होल्ड 13 फीसदी पदों पर भी नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया। अब विभिन्न विभागों के होल्ड पदों पर भी नियुक्तियां की जाएंगी।  

87 : 13 का फार्मूले के कारण शेष पदों पर लंबित थी भर्तियां

वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि महाधिवक्ता के अभिमत के कारण चार अगस्त, 2023 को हाई कोर्ट ने समस्त भर्तियों में 87 : 13 का फार्मूला लागू किया था। हाईकोर्ट का यह आदेश राज्य में आरक्षण से संबंधित विवाद को समाप्त करने और भर्ती प्रक्रिया को सुचारु रुप से शुरु करने के लिए एक अहम कदम है।

इससे सरकार को आरक्षण नीति के तहत काम करने की स्पष्टता मिलेगी और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रदेश में रुकी हुई सभी भर्तियों को अनहोल्ड करने का रास्ता साफ हो गया है।

सरकार अब ओबीसी आरक्षण के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करते हुए भर्तियों को तेजी से आगे बढ़ा सकती है। इससे ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ा लाभ मिलेगा, जो लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे।

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई थी

यूथ फार इक्वलिटी द्वारा दायर याचिका में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह आरक्षण संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन करता है और समानता के अधिकार को प्रभावित करता है। हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए याचिका को अस्वीकार कर दिया।

हाई कोर्ट ने मंगलवार के आदेश में चार अगस्त, 2023 के आदेश को रद्द कर दिया और स्पष्ट किया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई बाधा नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में रुकी हुई सभी भर्तियों को फिर से शुरु करने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले से उन लाखों उम्मीदवारों को राहत मिलेगी, जिनकी भर्तियां कोर्ट के आदेश के चलते होल्ड पर थीं।

87-13 फॉर्मूले को हाईकोर्ट ने किया रद्द

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि याचिका के आदेश 4 अगस्त 2023 के अधीन 87-13 फॉर्मूला निर्धारित किया गया था। जिसे आज उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिन नियुक्तियों को 13 प्रतिशत के दायरे में लेकर होल्ड कर दिया गया था। उन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

दरअसल, 4 अगस्त 2023 में हाईकोर्ट के द्वारा एक अंतरिम आदेश के तहत राज्य सरकार को 87%-13% का फॉर्मूला लागू करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के बाद से प्रदेश में सभी भर्तियां ठप्प कर दी गई थी।

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सरकार के द्वारा यह फॉर्मूला महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर तैयार किया था। जिसके तहत 87 प्रतिश अनारक्षित और 13 प्रतिशत सीटें ओबीसी के लिए रखी गई थी। जिसके चलते 27 फीसदी आरक्षण मांगने वाले उम्मीदवारों में भारी आक्रोश देखा गया था।

रुकी हुई भर्तियों का रास्ता होगा साफ

हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों को अनहोल्ड करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करके भर्तियां बढ़ा सकती हैं। जिससे ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगों को बड़ा फायदा मिल सकता है।

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