मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 दिसंबर 2024 | जयपुर : राजस्थान के उपचुनाव में ‘थप्पड़ कांड’ के नरेश मीणा के कारण सियासत में काफी हलचल रही। इधर, नरेश मीणा कब जेल से छूटेंगे? यह पहेली अब तक नहीं सुलझ पाई है। घटना के 26 दिन बीते जाने के बाद भी नरेश मीणा अभी भी टोंक जेल में बंद है।
षड्यंत्र का खुलासा : समरावता गाँव में आधी रात में पुलिस ने पुलिस को मारा सजा नरेश मीणा को क्यों
जनहित के मुद्दे उठाना हर एक राजनेता का प्राथमिक दायित्व है। नरेश मीणा ने भी वही किया। जब कोई भी इस जनहित के मुद्दे पर अपनी जुबान नहीं खोल रहा था तो नरेश मीणा समरावता गाँव के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आगे आये। प्रशासनिक लापरवाही को उजागर किया। शांतिपूर्ण आन्दोलन किया।
पर स्थानीय राजनीति, नरेश मीणा के बढ़ते राजनीतिक कद, और पार्टी लाइन की वजहों से जुबान पर पाबंदी लगे राजनेताओं ने पुलिस-प्रशासन की सहायता से इसे अलग ही मोड़ दे दिया। इस घटना को मनुवादी मीडिया ने मीणा समाज के प्रति अपनी चिपरिचित वैमनस्यता के चलते अलग ही मोड़ दे दिया।
समरावता गाँव में हुए शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद स्थानीय पुलिस ने जो असंवैधानिक कार्य किया। उसे, गाँव के ही एक सीसीटीवी फुटेज ने कैद कर लिया। स्थानीय प्रशासन की अमानवीय साजिश के तहत समरावता गाँव के शांति पूर्ण जन आंदोलन में साधा-वर्दी में पुलिसकर्मी भीड़ में शामिल कर दिये।
पुलिस का यह नया प्रयोग नहीं था पर इस नये प्रयोग में नवीनतम प्रयोग यह किया कि सबसे पहले वर्दीधारी पुलिस ने भीड़ पर लाठी चार्ज किया और उसमें भी साधावर्दी (सिविल ड्रेस) में तैनात पुलिस वालों को टारगेट किया गया ताकि नरेश मीणा को फँसाया जा सके।
यही फाँस नरेश मीणा की ज़मानत नहीं होने दे रही है और इसका तोड़ नरेश मीणा के वकील नहीं निकाल पा रहे हैं। वकीलों ने इस संजीदा प्रकरण को अनुभव की पाठशाला में तब्दील कर दिया है।
यह मामला इतना बढ़ा कि घटना की रात समरावता गांव में पुलिस और नरेश के समर्थकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। आगजनी की घटनाएं हुई, हवाई फायरिंग और आसू गैस के गोले छोड़े गए। अगले दिन भारी पुलिस बल ने नरेश को गिरफ्तार कर लिया।
मूकनायक मीडिया के पास ऐसे अनेक पुलिस कर्मियों की फुटेज उपलब्ध है जिन्होंने शांतिपूर्ण आंदोलन को हिंसक बनाया और सिविल ड्रेस में तैनात पुलिस कर्मियों को वर्दी धारी पुलिस ने मारा पीटा।
नरेश 14 नवंबर से टोंक जेल में बंद है। उसके साथ कल 63 समर्थक भी जेल में बंद थे। इनमें चार नाबालिग बच्चों को फिलहाल जमानत दे दी गई है। इधर, शनिवार को उनियारा एसीजीएम कोर्ट ने नरेश की जमानत याचिका खारिज कर दी।
घटना के 26 दिन बाद भी नरेश को नहीं मिली जमानत
प्रदेश में 13 नवंबर को उपचुनाव हुए। इस दौरान देवली उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में जमकर बवाल हुआ। ग्रामीणों के बहिष्कार के बाद भी जबरन वोट डलवाने के मामले में गुस्साएं निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ जड़ दिया।
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इस मामले में नरेश सहित 63 लोगों की गिरफ्तारी हुई। इनमें से चार नाबालिग बच्चों की जमानत हो चुकी है, लेकिन नरेश सहित अन्य लोगों को अभी तक जमानत नहीं मिल पाई है। हालांकि नरेश मीणा ने शनिवार को उनियारा एसीजेएम कोर्ट में अपनी जमानत की याचिका दायर की, लेकिन कोर्ट ने नरेश की जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
अब नरेश जमानत के लिए जिला सेशन में करेंगे अपील
थप्पड़ कांड और हिंसा के मामले में नरेश सहित 59 लोग अभी भी टोंक जेल में बंद है। इधर, नरेश को शनिवार को अपनी जमानत को लेकर बड़ा झटका लगा, जहां उनकी जमानत को कोर्ट ने खारिज कर दिया। इधर, अब चर्चा है कि नरेश अपनी जमानत के लिए टोंक जिला सेशन न्यायालय में अपील कर सकते हैं।
नरेश को लंबे समय तक रखने की फिराक में टोंक पुलिस?
समरावता गांव में एरिया मजिस्ट्रेट को थप्पड़ मारने और हिंसा के मामले को लेकर टोंक पुलिस ने नरेश के खिलाफ काफी स्ट्रांग केस बनाया है। इसको लेकर माना जा रहा है कि टोंक पुलिस लंबे समय तक नरेश को जेल में ही रखने का प्रयास कर रही है।
इसको लेकर बीते दिनों अजमेर रेंज के आईजी ओम प्रकाश ने भी संकेत दिये थे। ऐसे में लोगों के बीच चर्चा का विषय है कि आखिर नरेश को कब तक जमानत मिलेगी? बता दें कि नरेश पर टोंक से पहले 23 मामले दर्ज है।
पुलिस सू़त्रों की माने तो पुलिस इन मामलों में भी कार्रवाई करने की तैयारी में है। बता दें कि नरेश मीणा के खिलाफ टोंक पुलिस ने पांच गंभीर धाराओं के तहत मामले दर्ज किए हैं। इसके चलते टोंक पुलिस नरेश को हर एक मामले में कोर्ट में पेश कर, उनकी न्यायिक हिरासत को बढ़ाने का प्रयास कर रही है।
नरेश के समर्थकों ने 17 से सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी
इधर, 14 नवंबर से नरेश टोंक जेल में बंद है। उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद नरेश के समर्थक भड़क गए। इस दौरान रविवार को सवाई माधोपुर में समर्थकों की बैठक हुई, जहां चौथ का बरवाड़ा स्थित मीणा धर्मशाला के पास सर्व समाज की महापंचायत हुई।
इसको लेकर अब लोगों में चर्चा है कि आखिर नरेश को कब तक जमानत मिलेगी? नेतृत्व में नरेश के समर्थकों ने हुंकार भरी है। चेतावनी दी है कि यदि 15 दिसंबर तक नरेश की रिहाई नहीं हुई, तो 17 से प्रदेश के युवा सड़कों पर उतरेंगे। वहीं सवाई माधोपुर में कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने अपनी राजनीतिक रोटियां सेकी। और यह दौर आगे भी जारी रह सकता है!
कांग्रेस नेता एंव पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने साफ-साफ कह दिया कि यदि नरेश मीणा के साथ इंसाफ नहीं हुआ, तो जल्द ही राजस्थान में बड़ा आंदोलन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि जनता की मांग है कि 15 तारीख तक नरेश मीणा और उनके साथियों को इंसाफ दिया जाये नहीं तो 17 तारीख से राजस्थान की सड़कों पर युवा वर्ग उतरने को मजबूर हो जायेगा। पर सबसे बड़ी बात यह है कि गुंजल राजनीतिक रोटियाँ सेक रहे हैं।
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