राजस्थान बजट ‘ढाक के तीन पात’, निराशा लगी हाथ

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 जुलाई 2024 | जयपुर : भजनलाल सरकार ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा फोकस किया है। जलजीवन मिशन में इस साल 15 हजार करोड़ खर्च कर 25 लाख ग्रामीण घरों में नलों से पानी पहुंचाने की घोषणा की गई है। एनर्जी सेक्टर में 2031-32 का टारगेट रखकर 2.25 लाख करोड़ खर्च किए जाएंगे।

राजस्थान बजट ‘ढाक के तीन पात’, निराशा लगी हाथ

बजट में पांच साल में 13 हजार किमी लंबाई का सड़क नेटवर्क विकसित करने की घोषणा की है, इस पर 60 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश में पहली बार 2750 किमी से अधिक की लंबाई के 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाए जाएंगे, इसके लिए 30 करोड़ की लागत से डीपीआर बनाई जायेगी।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर सरकार का फोकस, 9 एक्सप्रेस-वे बनेंगे, बिजली पर सवा 2 लाख करोड़ खर्च होंगे

भजनलाल सरकार ने इस बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर खासा फोकस किया है। जलजीवन मिशन में इस साल 15 हजार करोड़ खर्च कर 25 लाख ग्रामीण घरों में नलों से पानी पहुंचाने की घोषणा की गई है। प्रदेश के 5846 अतिरिक्त गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए 20 हजार करोड़ से ज्यादा की 6 बड़ी परियोजनाएं शुरू की जाएगी। करौली, सवाईमाधोपुर, गंगापुर सिटी के लिए चंबल आधारित पेयजल परियोजना शुरू करने की घोषणा की है।

ग्रामीण क्षेत्र के साथ शहरी क्षेत्र में पेयजल योजनाओं के लिए अमृत 2.0 योजना के तहत प्रदेश के 183 शहरों में 5 हजार 180 करोड़ से काम होंगे। 127 करोड़ की लागत से 32 वाटर बॉडी का जीर्णोद्धार करवाने और हर विधानसभा क्षेत्रों में 20-20 हैंडपंप और 10-10 ट्यूबवेल की घोषणा की गई है।

बिजली में 2031-32 तक 2.25 लाख करोड़ खर्च करने का टारगेट, इस साल 2.08 लाख घरों में बिजली कनेक्शन

एनर्जी सेक्टर में 2031-32 का टारगेट रखकर 2.25 लाख करोड़ खर्च करने की घोषणाएं की गई हैं। 2031 तक परंपरागत स्रोतों से 20,500 मेगावाट और अक्षय ऊर्जा के स्रोत से 35,600 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की घोषणा की है। बजट में इस साल बिजली से वंचित 2.08 लाख घरों में बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की है।

25 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा, हर जिले में बनेगा आदर्श सौर ग्राम

50 हजार मेगावाट से ज्यादा सोलर एनर्जी उत्पादन के लिए बीकानेर के पूगल, छतरगढ़ और जैसलमेर के बोडाना में सोलर पार्क विकसित करने की घोषणा की है। हर जिले में एक आदर्श सौर ग्राम बनाया जाएगा, जिसमें दो मेगावाट तक के सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे, इसमें 40% अनुदान दिया जाएगा।

5 साल में 13 हजार किलोमीटर का सड़क नेटवर्क बनाने की घोषणा, 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे

बजट में पांच साल में 13 हजार किमी लंबाई का सड़क नेटवर्क विकसित करने की घोषणा की है, इस पर 60 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। स्टेट हाईवे, बायपास, फ्लाईओवर, आरयूबी के मरम्मत में 9 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। बिपरजॉय तूफान से टूटी सड़कों और ओवरब्रिज की मरम्मत के लिए 2 साल में 644 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उपखंड और तहसील मुख्यालय को जिला मुख्यालय की सड़क से जोड़ने के लिए 306 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

शहरी क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत और अपग्रेडेशन के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। प्रदेश में पहली बार 2750 किमी से अधिक की लंबाई के 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाने की घोषणा की है। 30 करोड़ की लागत से डीपीआर बनाई जाएगी।

9 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे : जयपुर किशनगढ़, अजमेर, जोधपुर 350 किमी, कोटपुतली-किशनगढ़ 181 किमी, जयपुर-भीलवाड़ा 193 किमी, बीकानेर-कोटपुतली 295 किमी, ब्यावर-भरतपुर 342 किमी, जालौर-झालावाड़ 402 किमी, अजमेर-बांसवाड़ा 358 किमी, जयपुर-फलौदी 342 किमी, श्रीगंगानगर-कोटपुतली 290 किमी।

टैक्स : स्टांप ड्यूटी में किसानों को फायदा

  • स्टांप ड्यूटी माफ होगी। कृषि बिजली कनेक्शन के एग्रीमेंट। एप्रेंटिसशिप के दस्तावेज।
  • संयुक्त स्वामित्व के अधीन गैर-कृषि भूमि पर स्टांप ड्यूटी 6 प्रतिशत से 2 प्रतिशत की गई।
  • शहीद को मिलने वाले घर-फ्लैट पर पंजीयन शुल्क पूरा माफ हाेगा।
  • अधिक जनसंख्याभार वाले क्षेत्र में भार कम करने के लिए ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट्स की प्रक्रिया में स्टांप ड्यूटी पूरी तरह माफ हाेगी, इसके विक्रय पर स्टांप ड्यूटी 5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत।
  • हाउसिंग लोन के डेट असाइनमेंट पर स्टांप ड्यूटी की अधिकतम सीमा 15 लाख से घटाकर 1 लाख की गई। पंजीयन शुल्क की अधिकतम सीमा 25 हजार रुपए होगी।

खेती-किसान: 5 लाख किसानों को ब्याज मुक्त लोन

  • राजस्थान इरिगेशन वाटर ग्रिड मिशन शुरू करने की घोषणा। सभी जिलों में पानी बचाने और सिंचाई के लिए 50 करोड़ खर्च होंगे।
  • ईआरसीपी से जुड़ी घोषणाओं के दौरान विपक्ष ने हंगामा किया। विपक्ष का आरोप था कि जो घोषणाएं कांग्रेस सरकार ने की थी, उन्हें ही रिपीट किया है।
  • नहरी क्षेत्र में डिग्गी निर्माण के लिए 5 हजार किसानों को अनुदान दिया जाएगा। 5 हजार करोड़ खर्च किए जाएंगे।
  • 31 मार्च 2024 तक लंबित बिजली कनेक्शन की पेंडिंग को समाप्त करने के लिए एक लाख 45 हजार कनेक्शन देने की घोषणा की गई।
  • किसानों को मॉडर्न कृषि उपकरण खरीदने के लिए अनुदान मिलेगा। मॉडर्न कस्टमर हायर सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी।
  • ऑर्गेनिक फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में अलग से बोर्ड बनेगा। गोवर्धन परियोजना की शुरुआत होगी।
  • 5 लाख नए किसानों को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। इस बार 3500 करोड़ के शॉर्ट टर्म लोन बांटे जाएंगे।
  • दीर्घकालिक कृषि ऋण के लिए बजट दाेगुना कर दिया। 50 करोड़ की जगह 100 करोड़ का बजट रखा गया।
  • समय पर फसली कर्ज चुकाने वाले किसानों को 2 प्रतिशत ब्याज अनुदान मिलेगा।
  • प्रदेश में 500 नए FPO खोले जाएंगे। 150 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गोदाम भी बनाए जाएंगे।
  • मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना की शुरुआत की जाएगी। इस पर 400 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • ऊंट संरक्षण मिशन शुरू होगा। ऊंट पालकों को 20 हजार रुपए अनुदान मिलेगा।

शहरी विकास: बुनियादी सुविधाएं होंगी विकसित

  • ट्रैफिक सिस्टम को मैकेनाइज करने के लिए 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  • 1300 करोड़ रुपए की लागत से कमजोर लोगों के लिए मकान और बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
  • प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्र के पब्लिक प्लेस में महिलाओं के लिए बायो टॉयलेट बनाए जाएंगे।
  • पहले फेज में नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्र में टॉयलेट कॉम्पलेक्स बनाए जाएंगे।
  • जयपुर मेट्रो का विस्तार करने के लिए जयपुर मेट्रो को केंद्र के साथ जॉइंट वेंचर में बदला जायेगा।

कर्मचारी : फैमिली पेंशन अब बढ़ी हुई दरों पर मिलेगी

  • संविदा कर्मचारियों को अब दो बार 1 जनवरी और 1 जुलाई से इंक्रीमेंट दिया जायेगा।
  • आरजीएचएस में अब सरकारी कर्मचारी माता-पिता या सास-ससुर का भी इलाज करवा सकेंगे।
  • कर्मचारियों की सर्विस में रहते मौत होने पर अब 10 साल तक बढ़ी हुई दरों पर फैमिली पेंशन दी जाएगी। यह 1 अप्रैल 2024 से लागू मानी जाएगी।
  • सरकारी कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 25 लाख करने की घोषणा।
  • पेंशनर्स अब 50 हजार तक इलाज करा सकेंगे।

पुलिस : 5500 नए पदों का सृजन

  • पुलिस में 5500 नए पद सृजित करने की घोषणा।
  • जयपुर, जोधपुर, कोटा के साथ 1 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 1500 अतिरिक्त ट्रैफिक वॉलंटियर लगाए जाएंगे।
  • पुलिस को 750 मोटरसाइकिल और 500 हल्के वाहन दिए जाएंगे।

महिला एवं बाल विकास : 15 लाख महिलाएं बनेंगी लखपति दीदी

  • हर विधानसभा में 5 नए आंगनबाड़ी केंद्र खोले जाएंगे।
  • आदिवासी समुदाय के बच्चों के लिए 250 नई मां बाड़ी खोली जाएगी।
  • आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को 3 दिन दूध दिया जाएगा। दूध पाउडर के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • जिला स्तर पर कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल बनेंगे। 35 करोड़ खर्च हाेंगे।
  • बालिकाओं को पुलिस-सैनिक में भर्ती दिलाने के लिए संभागों में बालिका सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा।
  • 15 लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाया जाएगा।
  • सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को 2.5 फीसदी सालाना ब्याज दर पर कर्ज देने की घोषणा।

प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों को फैज मैनर में सोलर एनर्जी से जोड़ा जाएगा। 765 केवी के छह, 400 केवी के सात, 220 केवी के 15 और 132 केवी के 40 जीएसएस बनाए जाएंगे। बिजली के लीकेज को रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे इस साल 25 लाख से ज्यादा स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

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किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 फरबरी 2025 | जयपुर :भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस भेजा है। किरोड़ी के फोन टैपिंग के बयान को पार्टी ने अनुशासनहीनता माना है। किरोड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। नोटिस को लेकर किरोड़ी बोले- मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही, नोटिस मिलते ही तय समय में जवाब भेज दूंगा।

किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

दरअसल, किरोड़ी लाल मीणा लगातार अपने बयानों से पार्टी के लिए परेशानी का सबब बने हुए थे। सीएमओ और पार्टी की तरफ से किरोड़ी की रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई थी, लेकिन दिल्ली चुनाव के चलते पार्टी ने इस पर कोई एक्शन नहीं लिया था।

किरोड़ी लाल मीणा को अनुशासनहीनता का नोटिस, भजन लाल सरकार पर मंडराये संकट के बादल

पर यह बात तय है कि भजन लाल सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं, क्योंकि डॉ किरीदी लाल मीणा चुप बैठने वाले नहीं हैं। उनके बारे में सब जानते हैं कि वे भैरों सिंह शेखावत और वसुंधराराजे के सामने नहीं झुके, और यह तो पर्ची सरकार है। यह सरकार वसुंधरा और किरोड़ी नमक सेंडविच में फंस चुकी है और कभी भी कुछ भी हो सकता है। 

बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ की राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से फोन पर बात हुई और उसके बाद किरोड़ी को नोटिस जारी करने का निर्णय लिया गया। मदन राठौड़ आज दिल्ली पहुंच चुके हैं, मंगलवार से संसद सत्र में भाग लेंगे।

माना जा रहा है कि इस दौरान वे राष्ट्रीय अध्यक्ष से मुलाकात भी करेंगे और इस मुलाकात में किरोड़ी पर आगे क्या एक्शन लिया जाये, इस पर भी चर्चा होगी। किरोड़ी लाल मीणा की तरह ही पार्टी ने हरियाणा में भी मंत्री अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

पार्टी की छवि को धूमिल करने का आरोप

नोटिस में कहा गया है कि डॉ. मीणा का यह बयान भारतीय जनता पार्टी और उसकी बहुमत वाली सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है। इस कृत्य को पार्टी संविधान के अनुशासन भंग की परिभाषा के तहत माना गया है।

अपनी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को लेकर बीजेपी ने कड़ा एक्शन लिया है। राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने एक्शन लेते हुए सोमवार को किरोड़ी लाल मीणा को नोटिस भेजा है। यह नोटिस बीते दिनों भजनलाल सरकार पर एक के बाद एक कई आरोपों को लेकर जारी किया गया है।

किरोड़ी लाल मीणा का नोटिस दिए जाने के बाद राजस्थान की सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने भजनलाल सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि दाला में कुछ काला है। वहीं, मदन राठौड़ के नोटिस को लेकर किरोड़ी लाल ने कहा कि इसके बारे में जानकारी नहीं है।

मंत्री पद से इस्तीफे का भी जिक्र

मदन राठौड़ ने किरोड़ी लाल मीणा को भेजे नोटिस में कहा कि आप बीजेपी के सदस्य हैं और भाजपा के टिकिट पर सवाई माधोपुर क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए हैं। आप राजस्थान सरकार में मंत्री भी हैं। बीते दिनों मंत्री परिषद से इस्तीफे की सूचना समाचार पत्रों में प्रकाशन के लिए उपलब्ध करवाई और भाजपा सरकार पर आपके टेलीफोन टैप करने का आरोप लगाया जो असत्य है।

किरोड़ी लाल के बयानबाजी पर नोटिस

सार्वजनिक रूप से आपने बयान देकर बीजेपी सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का काम किया है। ऐसे में आपके बयान को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पार्टी के संविधान के हिसाब से अनुशासनहीनता माना है। नोटिस में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने आगे लिखा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार, कारण बताओ नोटिस भेजा जा रहा है। किरोड़ी लाल मीणा को कारण बताओ नोटिस जवाब तीन दिन के अंदर देने को कहा गया है।

मुझे जानकारी नहीं

इस पत्र की पुष्टि के लिए मूकनायक मीडिया ब्यूरो की किरोड़ीलाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, ‘मुझे कारण बताओ नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है। मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, नोटिस प्राप्त होते ही तय समय अवधि में पार्टी नेतृत्व को जवाब प्रेषित किया जायेगा।’

किरोड़ीलाल मीणा ने ये कहा था 

वायरल वीडियो में मंत्री मीणा ने कहा…मैं आशा करता था कि हम राज में आयेंगे तो भ्रष्टाचारियेां पर नकेल कसेंगे। लेकिन निराश हूं। मैने पेपरलीक के मामले उठाए। 50 थानेदार गिरफ्तार हुए। मैने कहा परीक्षा रद्द करो, लेकिन सरकार नहीं मानी। उल्टा जैसा पिछली सरकार में होता था, चप्पे-चप्पे पर मेरी सीआईडी की जाती है। मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जाता है, लेकिन मैं कोई बुरा काम करता नहीं, इसलिए मैं डरता नहीं। वीडियो आमागढ़ मंदिर में एक सामाजिक कार्यक्रम का है।

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मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर :  हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने यूथ फॉर इक्वलिटी की वह याचिका मंगवार को निरस्त कर दी, पूर्व में जिसकी सुनवाई करते हुए 87 : 13 का फार्मूला तैयार किया गया था।

मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

मध्य प्रदेशमें ओबीसी आरक्षण पर बड़ा अपडेट आया है। एमपी हाईकोर्ट ने मंगलवार (28 जनवरी) को मामले में सुनवाई करते हुए 87:13 का फार्मूला रद्द कर दिया। कोर्ट के इस फैसले से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC)के लिए 27 फीसदी आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है। 

मध्यप्रदेश 27% OBC आरक्षण का रास्ता साफ, एमपी हाईकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला 87:13 फॉर्मूला रद्द

दरअसल, मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षाण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था, लेकिन कुछ लोगों इसे नियम विरुद्ध बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी थी। सरकार ने कोर्ट विवाद का हवाला देकर सरकारी विभागों में होने वाली नियुक्तियों में ओबीसी के 13 फीसदी पद होल्ड करने लगी। 

यूथ फार इक्वलिटी की याचिका खारिज

यूथ फार इक्वलिटी ने ओबीसी आरक्षण को संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन बताते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। कहा,  यह समानता के अधिकार को प्रभावित करता है। हाईकोर्ट ने उनके इस तर्क को खारिज कर याचिका निरस्त कर दी। 

क्या कहते हैं कानून विशेषज्ञ? 

  • सीनियर अधिवक्ता रामेश्वर ठाकुर ने बताया कि सरकार ने 4 अगस्त, 2023 को महाधिवक्ता के अभिमत पर सभी भर्तियों में 87 : 13 का फार्मूला लागू किया था। हाईकोर्ट ने उस याचिका को ही निरस्त कर दिया है, जिस आधार पर  87 : 13 का यह फार्मूला लागू किया या था। 
  • याचिका निरस्त होने के बाद न सिर्फ सरकार को आरक्षण के तहत काम करने में स्पष्टता मिलेगी। बल्कि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी। 
  • सरकारी नौकरियों में होल्ड 13 फीसदी पदों पर भी नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया। अब विभिन्न विभागों के होल्ड पदों पर भी नियुक्तियां की जाएंगी।  

87 : 13 का फार्मूले के कारण शेष पदों पर लंबित थी भर्तियां

वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि महाधिवक्ता के अभिमत के कारण चार अगस्त, 2023 को हाई कोर्ट ने समस्त भर्तियों में 87 : 13 का फार्मूला लागू किया था। हाईकोर्ट का यह आदेश राज्य में आरक्षण से संबंधित विवाद को समाप्त करने और भर्ती प्रक्रिया को सुचारु रुप से शुरु करने के लिए एक अहम कदम है।

इससे सरकार को आरक्षण नीति के तहत काम करने की स्पष्टता मिलेगी और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही प्रदेश में रुकी हुई सभी भर्तियों को अनहोल्ड करने का रास्ता साफ हो गया है।

सरकार अब ओबीसी आरक्षण के तहत 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करते हुए भर्तियों को तेजी से आगे बढ़ा सकती है। इससे ओबीसी वर्ग के उम्मीदवारों को बड़ा लाभ मिलेगा, जो लंबे समय से अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे।

27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई थी

यूथ फार इक्वलिटी द्वारा दायर याचिका में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ताओं का तर्क था कि यह आरक्षण संविधान के प्रविधानों का उल्लंघन करता है और समानता के अधिकार को प्रभावित करता है। हाई कोर्ट ने इस तर्क को खारिज करते हुए याचिका को अस्वीकार कर दिया।

हाई कोर्ट ने मंगलवार के आदेश में चार अगस्त, 2023 के आदेश को रद्द कर दिया और स्पष्ट किया कि ओबीसी आरक्षण को लेकर कोई बाधा नहीं है। कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य में रुकी हुई सभी भर्तियों को फिर से शुरु करने का रास्ता साफ हो गया है। इस फैसले से उन लाखों उम्मीदवारों को राहत मिलेगी, जिनकी भर्तियां कोर्ट के आदेश के चलते होल्ड पर थीं।

87-13 फॉर्मूले को हाईकोर्ट ने किया रद्द

अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि याचिका के आदेश 4 अगस्त 2023 के अधीन 87-13 फॉर्मूला निर्धारित किया गया था। जिसे आज उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिन नियुक्तियों को 13 प्रतिशत के दायरे में लेकर होल्ड कर दिया गया था। उन सभी पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरु की जाएगी।

दरअसल, 4 अगस्त 2023 में हाईकोर्ट के द्वारा एक अंतरिम आदेश के तहत राज्य सरकार को 87%-13% का फॉर्मूला लागू करने का निर्देश दिया गया था। इस आदेश के बाद से प्रदेश में सभी भर्तियां ठप्प कर दी गई थी।

यह भी पढ़ें : ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी ट्रम्प ने दुनियाभर में विदेशी मदद पर लगायी रोक

सरकार के द्वारा यह फॉर्मूला महाधिवक्ता के अभिमत के आधार पर तैयार किया था। जिसके तहत 87 प्रतिश अनारक्षित और 13 प्रतिशत सीटें ओबीसी के लिए रखी गई थी। जिसके चलते 27 फीसदी आरक्षण मांगने वाले उम्मीदवारों में भारी आक्रोश देखा गया था।

रुकी हुई भर्तियों का रास्ता होगा साफ

हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में रुकी हुई भर्तियों को अनहोल्ड करने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार के द्वारा 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करके भर्तियां बढ़ा सकती हैं। जिससे ओबीसी वर्ग से आने वाले लोगों को बड़ा फायदा मिल सकता है।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग कीजिए 

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