‘नई पीढ़ी को मशाल सौंपी, सख्त और सक्षम हैं कमला हैरिस’ बाइडेन

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 25 जुलाई 2024 | जयपुर : अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव से अपना नाम वापस लेने के बाद गुरुवार को बाइडेन ने ओवल ऑफिस से संबोधन दिया। उन्होंने कहा, “मैं नई पीढ़ी को मशाल सौंपना चाहता हूं। चुनावी सर्वे में मेरी हार का आकलन किया गया था, इससे परेशान होकर रेस छोड़ने का फैसला लिया है। मैं अपने साथ डेमोक्रेटिक पार्टी के साथियों को हार की तरफ नहीं खींच सकता।”

‘नई पीढ़ी को मशाल सौंपी, सख्त और सक्षम हैं कमला हैरिस’ बाइडेन

उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के डेमोक्रेटिक पार्टी से चुनाव लड़ने पर बाइडेन ने कहा, “वे मजबूत और सक्षम उम्मीदवार हैं। पिछले 4 सालों में बतौर उप-राष्ट्रपति उन्होंने एक बेहतरीन पार्टनर की भूमिका निभाई है। वह देश के लिए एक काबिल लीडर के तौर पर उभरी हैं। अब फैसले आपके हाथ में है।” 

जो बाइडेन का अमेरिकी राष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस को समर्थन

उन्होंने कहा- नई पीढ़ी को मशाल सौंपना हमारे राष्ट्र को एकजुट करने का सबसे अच्छा तरीका है। मैं राष्ट्रपति पद का सम्मान करता हूं, लेकिन मैं अपने देश से ज्यादा प्यार करता हूं। राष्ट्रपति के रूप में सेवा करना मेरे जीवन का सम्मान रहा है।

लेकिन लोकतंत्र की रक्षा किसी भी पद से ज्यादा जरूरी है। मुझे अमेरिकियों के लिए काम करने में खुशी मिलती है। बाइडेन के संबोधन के दौरान उनके पीछे परिवार के साथ अलग-अलग तस्वीरें रखी हुई थीं।

अपनी 11 मिनट की स्पीच के दौरान बाइडेन ने राजनीति में अपने कदम रखने के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा, “आपने एक हकलाने वाले बच्चे को अपनी जगह बनाने का मौका दिया। फिर उसे अमेरिकी राजनीति के शिखर तक पहुंचाया। मैं इसके लिए सबका शुक्रगुजार हूं। मैंने अपने जीवन के 11 साल देश की सेवा में दिए हैं। यह सिर्फ अमेरिका में ही हो सकता है।”

बाइडेन के संबोधन के दौरान उनके पीछे परिवार के साथ अलग-अलग तस्वीरें रखी हुई थीं।

“जनता को एकता और विभाजन के बीच चुनाव करना है”

बाइडेन ने कहा, “अमेरिका के बारे में सबसे अच्छी बात है कि यहां किसी राजा या तानाशाह का शासन नहीं है। यहां लोगों का राज है। अब इतिहास लिखना आपके हाथ में है। अमेरिका का भविष्य आपके हाथ में है।” ओवल ऑफिस में संबोधन के दौरान बाइडेन का परिवार और स्टाफ साथ मौजूद रहा। इस दौरान उनकी बेटी ऐशले ने उन्हें गले से लगाया।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लिए बिना बाइडेन ने कहा, “अमेरिका को आगे या पीछे जाने, आशा और नफरत, एकता और विभाजन के बीच चयन करना होगा। हमें निर्णय लेना होगा कि क्या हम अब भी ईमानदारी, शालीनता, सम्मान, स्वतंत्रता, न्याय और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं?

हम एक महान राष्ट्र हैं क्योंकि हम अच्छे लोग हैं। जब आपने मुझे इस पद के लिए चुना, तो मैंने वादा किया था कि मैं हमेशा आपके साथ बराबरी पर रहूंगा, आपको सच बताऊंगा। सत्य, इस देश का पवित्र उद्देश्य है। यह हमसे भी बड़ा है। हमें इसकी रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए।”

ओवल ऑफिस में संबोधन के दौरान बाइडेन का परिवार और स्टाफ साथ मौजूद रहा। इस दौरान उनकी बेटी ऐशले ने उन्हें गले से लगाया।

बाइडेन के संबोधन के बाद परिवार की आंखें नम हुईं

राष्ट्रपति बाइडेन का ओवल ऑफिस से यह चौथा संबोधन था। इससे पहले ट्रम्प पर जानलेवा हमले के बाद भी बाइडेन ने ओवल ऑफिस से स्पीच दी थी। बुधवार को उनके एड्रेस के दौरान पत्नी जिल बाइडेन, बेटी ऐशले बाइडेन, बेटा हंटर बाइडेन समेत बाइडेन के नाती-पोते भी वहां मौजूद रहे। बाइडेन की सीट के पीछे भी परिवार के साथ उनकी अलग-अलग तस्वीरें रखी हुई थीं।

राष्ट्रपति की स्पीच खत्म होने पर उनके परिजनों की आंखें नम हो गईं। बेटी ऐशले ने बाइडेन को गले भी लगाया। अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस के नाम की घोषणा नहीं की है।हालांकि, बाइडेन समेत ज्यादातर नेताओं ने उन्हें समर्थन दिया है।

प्रगति और दुर्गति के बीच चयन किया

अभी तक डेमोक्रेटिक पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए कमला हैरिस के नाम की घोषणा नहीं की है।हालांकि, बाइडेन समेत ज्यादातर नेताओं ने उन्हें समर्थन दिया है।

बंधक बनाने की खबरों के बाद सामने आए हैं बाइडेन

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन बीते गुरुवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इस घटना के बाद से वे सार्वजनिक जगहों पर नहीं दिखे थे। लंबे समय तक उनकी हेल्थ को लेकर भी कोई अपडेट जारी नहीं किया गया था। इस बीच बाइडेन ने सोशल मीडिया पर संदेश जारी कर यह जरूर कहा था कि वे अब अगला चुनाव नहीं लड़ेंगे।

बाइडेन के इस ऐलान के बाद से ही उनकी सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर कयास लगाए जाने लगे थे। द डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक न सिर्फ रिपब्लिकन बल्कि डेमोक्रेट्स पार्टी से जुड़े लोग भी आशंका जता रहे थे कि बाइडेन गंभीर रूप से बीमार हो गए हैं।

सोशल मीडिया पर यह दावा किया गया था कि बाइडेन की हेल्थ तेजी से खराब हो रही है, इसलिए उन्हें जनता के सामने नहीं लाया जा रहा है। रिपब्लिकन पार्टी से जुड़े यूजर्स ने यहां तक दावा किया था कि बाइडेन को बंधक बना लिया गया है।

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जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 02 फरबरी 2025 | जयपुर : जयपुर में एक और कॉलेज गर्ल ने सुसाइड किया है। करीब दस दिन पहले मालवीय नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमएनआईटी) कैंपस में एक छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर जान दे दी थी। अब राजस्थान विश्वविद्यालय के कैंपस में बने माही छात्रावास में रहने वाली एक छात्रा ने सुसाइड कर लिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

गांधी नगर पुलिस को शनिवार शाम को घटना की जानकारी मिली। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि हॉस्टल के पहली मंजिल पर बने कमरे में छात्रा फंदे से लटक रही थी। छात्रा को उतार कर अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

जयपुर में MNIT और महारानी कॉलेज की दो दलित छात्राओं ने की आत्महत्या

जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय की एक छात्रा ने शनिवार को हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। छात्रा का शव हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला। छात्रा फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी। छात्रा के आत्महत्या की खबर सामने आते ही पूरे कैंपस में सनसनी फैल गई। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की। मिली जानकारी के अनुसार सुसाइड की यह घटना राजस्थान यूनिवर्सिटी के माही हॉस्टल में हुई।

माही हॉस्टल में फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट ने की सुसाइड

माही छात्रावास राजस्थान यूनिवर्सिटी की छात्राओं के लिए आवंटित है। यहां शनिवार को दोपहर बाद एक छात्रा के आत्महत्या की जानकारी सामने आई। सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान महारानी कॉलेज के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट के रूप में हुई है। छात्रा ने अपने कमरे में पंखे से कपड़े का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

सुसाइड के कारणों की नहीं मिली जानकारी

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। इधर छात्रा की खुदकुशी पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अभी तक चुप्पी साध रखी है। छात्रा ने सुसाइड क्यों किया, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है। मालूम हो कि बीते दिनों माही हॉस्टल में वॉर्डन के व्यवहार सहित अन्य मुद्दों पर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था।

महारानी कॉलेज में पढ़ाई करती थी छात्रा

माही हॉस्टल में सुसाइड करने वाली छात्रा की पहचान सारिका बुनकर के रूप में हुई है। सारिका महारानी कॉलेज में बीएससी फर्स्ट ईयर की छात्रा थी। सारिका मूल रूप से दिल्ली रोड स्थित मनोहरपुर की रहने वाली थी। बताया जाता है कि छात्रा ने सुसाइड से पहले परिवार को फोन भी किया था।

युवती का मोबाइल लॉक, परिजनों की दी गई सूचना

घटना के बारे में गांधी नगर थानाधिकारी आशुतोष ने बताया- सुसाइड की घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचे। परिवार को घटना की जानकारी दी है. युवती का मोबाइल लॉक है। परिवार के आने के बाद अन्य चीजों पर काम किया जायेगा। हॉस्टल में सारिका के साथ रहने और पढ़ने वाली छात्राओं से भी पूछताछ की जा रही है।

कमरे से नहीं मिला कोई सुसाइड नोट

बताया गया कि शाम करीब 4 बजे सारिका के कमरे का गेट नहीं खोलने पर दूसरी छात्राओं ने वॉर्डन को जानकारी दी। इस पर वॉर्डन ममता जैन गार्ड को लेकर कमरे में पहुंची और गेट तोड़कर अंदर गए तो सारिका फंदे से लटकी मिली। कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. मामले की जांच जारी है।

राजस्थान विश्वविद्यालय की छात्राओं का धरना-प्रदर्शन जारी है. गुरुवार रात भी छात्राएं कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे प्रदर्शन करती नजर आई। अब छात्राओं का यह प्रदर्शन और तेज हो सकता है, क्योंकि गुरुवार रात NSUI के प्रदेशाध्यक्ष विनोद जाखड़ ने आंदोलनरत छात्राओं से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद विनोद जाखड़ ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाये। साथ ही कहा कि विवि प्रशासन का रवैया तानाशाही है।

दरअसल राजस्थान विश्वविद्यालय के माही गर्ल्स हॉस्टल में नई वार्डन की नियुक्ति के मुद्दे पर छात्राएं कड़ाके की सर्दी में कुलपति सचिवालय के सामने विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। छात्राओं का कहना है कि यह नियुक्ति उनके हितों और भावनाओं के खिलाफ है।

पाली की लड़की ने किया था सुसाइड

दस दिन पहले जवाहर लाल नेहरू मार्ग स्थित एमएनआईटी में पढ़ने वाली छात्रा ने हॉस्टल की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला। उसमें लिखा था कि ‘गलती मेरी ही है। मैं ही इस दुनिया में नहीं जी सकती। सबसे ज्यादा खुश मैं या तो बचपन में या नींद में थी।’ मृतक छात्रा 21 वर्षीय दिव्या राज मेघवाल थी जो कि पाली जिले की रहने वाली थी। वह एमएनआईटी में बीआर्क (आर्किटेक्चर) फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट थी।

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संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 जनवरी 2025 | जयपुर : गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर गुरुवार को पद्म पुरस्कारों का एलान कर दिया गया है। इसके तहत पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किए जाने वाली हस्तियों के नामों का एलान किया गया। इस बार राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति ने 139 पद्म पुरस्कारों को मंजूरी दी है।

संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

देर रात जारी सूची में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण शामिल हैं। इसके अलावा 113 पद्म श्री पुरस्कारों का भी एलान किया गया है। पुरस्कार पाने वालों में 23 महिलाएं हैं। सूची में 10  विदेशी,  एनआरआई, पीआईओ, ओसीआई श्रेणी के व्यक्ति शामिल हैं।

संविधान बदलने की माँग करने वाले बिबेक देबरॉय को मरणोपरांत पद्म भूषण, क्रिकेटर आर अश्विन को पद्मश्री

वहीं, 13 मरणोपरांत पुरस्कार भी दिए जाने का एलान किया गया है। इसमें भोजपुरी गायिका शारदा सिन्हा (मरणोपरांत), जस्टिस (सेवानिवृत्त) जगदीश सिंह खेहर और सुजुकी कंपनी के ओसामु सुजुकी (मरणोपरांत)  बिबेक देबरॉय, सुशील मोदी और मनोहर जोशी (मरणोपरांत) के नाम शामिल हैं।

नए संविधान की मांग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएएसी-पीएम) के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने इंडियन एक्सप्रेस अख़बार में नए संविधान की मांग करते हुए लेख लिखा था। इसे लेकर पर विवाद बढ़ा तो प्रधानमंत्री पैनल से सफ़ाई पेश करते हुए ख़ुद को और केंद्र सरकार को इससे अलग कर लिया था। देबरॉय ने एक स्टडी के हवाले से बताया कि लिखित संविधान का जीवनकाल महज़ 17 साल होता है। भारत के वर्तमान संविधान को उन्होंने “औपनिवेशिक विरासत” बताया था।

विवादित लेख में दूसरी बार कहा था कि “ये पूछना चाहिए कि संविधान की प्रस्तावना में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों का अब क्या मतलब है। हमें ख़ुद को एक नया संविधान देना होगा। देबरॉय इससे पहले यह कहा था कि “मैंने पहले भी ऐसे मुद्दे पर इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए लिखा है। मामला बहुत आसान है। मुझे लगता है कि हमें संविधान पर दोबारा विचार करना चाहिए।”

केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया। शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण सम्मान दिया गया है।

वहीं पूर्व हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश, पंकज उधास और सुशील मोदी समेत 19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया। इनके अलावा, राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला समेत 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।

पद्म पुरस्कार विजेताओं में से 23 महिलाएं हैं। इनमें 10 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं। 13 हस्तियां ऐसी हैं, जिन्हें मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।

पद्म पुरस्कारों की पूरी लिस्ट 

4 हस्तियों को मरणोपरांत पद्म भूषण

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, मनोहर जोशी, संविधान बदलने की माँग करने वाले विवादित अर्थशास्त्री बिबेक देबरॉय, गजल गायक पंकज उधास को मरणोपरांत पद्म भूषण दिया गया है।

पद्मश्री पुरस्कार में कई गुमनाम हस्तियां, क्रिकेटर आर अश्विन का नाम भी

पद्मश्री पुरस्कार ऐसे 113 लोगों को दिया जा रहा है, जिनमें कई गुमनाम हैं। कुवैत की योगा ट्रेनर और ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक और वेदांत गुरु बने जोनास मासेटी का नाम भी है। 100 साल की लीबिया लोबो सरदेसाई को पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।

पश्चिम बंगाल के 57 साल के गोकुल चंद्र दास को यह अवॉर्ड मिला है। इन्होंने 150 महिलाओं को ढाक बजाने की ट्रेनिंग दी। राजस्थान की लोक गायिका बतूल बेगम, दिल्ली की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा भटला, सामाजिक कार्यकर्ता भीम सिंह भावेश, दक्षिण भारतीय संगीतकार पी. दत्चनमूर्ति, नगालैंड के फल किसान एल. हैंगथिंग का भी पद्मश्री की लिस्ट में नाम है।

SBI की पूर्व अध्यक्ष अरुंधति भट्टाचार्य और हाल ही में रिटायर हुए क्रिकेटर आर अश्विन को पद्म श्री दिया गया है।

अल सबाह ने गल्फ में योग को तो मैसेट ने ब्राजील में भारतीय दर्शन को फैलाया

  • शेख एजे अल सबा: कुवैत की योग प्रैक्टिशनर अल सबाह को योग मेडिसिन में पद्मश्री अवॉर्ड दिया गया। इन्होंने अपने देश में पहला लाइसेंस प्राप्त योग स्टूडियो की स्थापना की। इसके जरिए अल सबा ने गल्फ देशों में आधुनिक विधियों से योग को बढ़ावा दिया। साथ ही शेम्स यूथ योगा डेवलप किया।
  • जोनास मैसेट: ब्राजील के मैकेनिकल इंजीनियर से हिंदू आध्यात्मिक गुरु बने जोनास ने भारतीय अध्यात्म, दर्शन और संस्कृति को बढ़ावा दिया। साथ ही उन्होंने वेदांत ज्ञान पर वैश्विक स्तर पर शिक्षा आसान बनाई। मैसेट ‘विश्वनाथ’ के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने 2014 में विश्व विद्या की स्थापना की। इसका कार्यालय रियो डी जनेरियो में है।

3 श्रेणियों में दिया जाता है पद्म पुरस्कार

देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल पद्म पुरस्कार तीन श्रेणियों- पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण में प्रदान किए जाते हैं। ये पुरस्कार कला, समाज सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, बिजनेस, इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिए जाते हैं।

पहले जानें पद्म पुरस्कारों के बारे में

  • भारत सरकार ने देश के दो सर्वोच्च नागरिक सम्मान – भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की थी। 
  • इन पुरस्कारों से देश-विदेश के उन लोगों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने किसी क्षेत्र में कोई प्रतिष्ठित व असाधारण कार्य किया हो, जिसमें लोक सेवा का तत्व जुड़ा हो।
  • हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इन पुरस्कारों की घोषणा की जाती है। फिर मार्च या अप्रैल में होने वाले समारोह में राष्ट्रपति द्वारा विजेताओं को सम्मानित किया जाता है।
  • सामान्यत: मरणोपरांत ये पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान नहीं है। लेकिन कुछ विशिष्ट मामलों में सरकार के पास ये निर्णय लेने का पूरा अधिकार है।
  • नियम के अनुसार, किसी को अगर वर्तमान में पद्मश्री दिया गया है, तो फिर उसे पद्म भूषण या पद्म विभूषण अब से पांच साल बाद ही दिया जा सकता है। लेकिन यहां भी कुछ विशिष्ट मामलों में पुरस्कार समिति छूट दे सकती है।
  • जिस दिन समारोह में राष्ट्रपति द्वारा सम्मान दिया जाता है, उसके बाद सभी विजेताओं के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित किए जाते हैं।

पिछले साल चिरंजीवी, वैजयंती माला को मिला था सम्मान

पिछले साल पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, साउथ फिल्म एक्टर चिरंजीवी, एक्ट्रेस वैजयंतीमाला, भरतनाट्यम नृत्यांगना पद्मा सुब्रह्मण्यम पद्म विभूषण प्राप्त करने वाली कुछ प्रमुख हस्तियां थीं। इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय की पहली महिला जज एम फातिमा बीबी को मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

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