‘जातीय जनगणना से असमानता का चक्रव्यूह टूट जायेगा’ राहुल गांधी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 29 जुलाई 2024 | जयपुर : संसद के मानसून सत्र का सोमवार (29 जुलाई) को छठा दिन है। राहुल गांधी दोपहर 2 बजे लोकसभा पहुंचे। उन्होंने करीब 40 मिनट तक भाषण दिया। राहुल ने भाषण की शुरुआत चक्रव्यूह की कहानी के साथ की। इस पर ओम बिरला ने उन्हें टोका। इस पर हंगामा भी हुआ।

हंगामे के बाद राहुल ने बजट पर अपनी बात रखी। राहुल ने अग्निवीर, पेपर लीक, किसान और मिडिल क्लास पर बात की। राहुल ने कहा- मोदी सरकार ने मिडिल क्लास की पीठ पर छुरा घोंपा है। वहीं किसानों के लिए तीन काले कानून लाए थे।

‘जातीय जनगणना से असमानता का चक्रव्यूह टूट जायेगा’ राहुल गांधी

‘जातीय जनगणना से असमानता का चक्रव्यूह टूट जायेगा’ राहुल गांधी

राहुल ने भाषण के दौरान अंबानी-अडाणी का नाम लिया तो स्पीकर ने उन्हें टोका कि, जो सदन में नहीं उसका नाम नहीं ले सकते। तब राहुल ने कहा- क्या इन्हें A1 और A2 कह सकता हूं। इससे पहले लोकसभा में कार्यवाही के दौरान दिल्ली कोचिंग हादसे का मुद्दा उठाया गया था। बीजेपी, कांग्रेस और सपा ने दिल्ली सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए।

लोकसभा में मानसून सत्र के छठे दिन राहुल गांधी ने बजट पर चर्चा के दौरान अपनी बात रखी। - Dainik Bhaskar
लोकसभा में मानसून सत्र के छठे दिन राहुल गांधी ने बजट को संबोधित किया

मेरा कहना है कि ये जो चक्रव्यूह है उससे करोड़ों लोगों को नुकसान हो रहा है। हम उसे तोड़ने जा रहे हैं। जातीय जनगणना से। इस सदन में हम आपको पास करके दिखाएंगे। जातीय जनगणना से ये चक्रव्यूह टूट जाएगा। हम पूरा दम लगाकर ये काम करेंगे।

राहुल ने कहा- मैं कुछ दिनों पहले बढ़ईयों और मोची से मिला

कुछ महीने पहले, चक्रव्यूह जो बनाए गए हैं। मैं इनको समझने की कोशिश करता हूं। अपने तरीके से। मैं बढ़ईयों के साथ काम किया। मैंने उनसे पूछा आपको किस चीज से दुख है, दर्द होता है। उन्होंने कहा- राहुल, मैं ये टेबल बना रहा हूं।

मुझे दुख इस बात का है मगर जिस शोरूम में ये रखी जाती है मैं वहां जा ही नहीं सकता। सुल्तानपुर में एक मोची भाई से यही सवाल पूछा उसने कहा- मेरा सम्मान सिर्फ मेरे पिता ने किया और किसी ने नहीं किया।

राहुल बोले- हिंसा नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है

चक्रव्यूह को पद्मव्यूह भी कहते हैं, पद्मव्यूह वाले सोचते हैं देश के युवा पिछड़े लोग अभिमन्यु हैं। हिंसा नफरत हिंदुस्तान का नेचर नहीं है। चक्रव्यूह देश का नेचर नहीं है। हर धर्म चक्रव्यूह के खिलाफ फॉर्मेशन होता है।

हिंदू धर्म में इसका फॉर्मेशन क्या है- शिव की बारात। इसमें कोई भी आ सकता है। गुरुनानक जी, तो सेवा से किसी को नहीं रोका जा सकता है। लंगर से कोई बाहर नहीं किया जा सकता है। इस्लाम में चर्च में से कोई बाहर नहीं किया जा सकता।

राहुल बोले- हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा

राहुल ने बजट के हलवा सेरेमनी की फोटो सदन में दिखाते हुए कहा- ये बजट का हलवा इस फोटो में बंट रहा है। इसमें कोई पिछड़ा दलित या आदिवासी अफसर नहीं दिख रहा है। देश का हलवा बंट रहा है इसमें केवल वही लोग नहीं हैं।

20 अफसर ने बजट बनाया है। मतलब हिंदुस्तान का हलवा 20 लोगों ने बांटा है। बांटता कौन है वही दो या तीन प्रतिशत लोग, मिलता किसे है? केवल इन तीन प्रतिशत को ही। बाकी 99 प्रतिशत को क्या मिलता है?

राहुल ने कहा- दलित, आदिवासी, पिछड़े लोगों को कहीं जगह नहीं मिलती

देश में तकरीबन 73 प्रतिशत दलित आदिवासी और पिछडे़ लोग हैं। ये देश की असली ताकत हैं। सच ये हैं कि इन्हें कहीं जगह नहीं मिलती है। इनको सरकारों में जगह नहीं मिलती है। ओम बिरला- मैंने पहले भी आपसे अपेक्षा की थी, आप नेता प्रतिपक्ष हैं। आप सदन की मर्यादा को बनाए रखें।

मिडिल क्लास को लेकर राहुल ने कहा- मोदी सरकार ने पीठ में छुरा घोंपा

मिडिल क्लास जो है, वो बजट से पहले पीएम ने लोगों से दबाकर थाली बजवाई। हमें अजीब लगा, लेकिन पीएम ने ऑर्डर दिया तो थाली बजाई। उन्होंने कहा फोन की लाइट जलाओ तो लाइट जली। इस बजट में आपने उसी मिडिल क्लास के एक छुरा पीठ में और एक छाती पर मारा।

इसमें इंडिया गठबंधन के लिए फायदा है कि मिडिल क्लास आपको छोड़कर हमारे पास आ रही है। आप चक्रव्यूह बनाने का काम करते हैं, हम उसे तोड़ने का काम कर रहे हैं। आप सोचते हैं कि गरीब लोग सपना न देख पाएं।

राहुल बोले- इंडिया ब्लॉक की गारंटी, एमएसपी लागू करके रहेंगे

हम चाहते थे जो अन्नदाता है जो सरकार से एमएसपी मांग रहा है। हमें लगता था सरकार बजट में इसका प्रावधान कर देती तो जो किसान चक्रव्यूह में फंसे हैं वे निकल पाते। आपने नहीं किया तो मैं यहां इंडिया ब्लॉक की तरफ से गारंटी देता हूं कि हम इस सदन में पास करके आपको देंगे।

राहुल का आरोप- किसानों को मिलने के लिए अंदर आने नहीं दिया गया

राहुल ने कहा- किसानों को आपने बॉर्डर पर रोक दिया। वो मुझसे मिलने आए, आप उनको अंदर नहीं आने देते। हुआ क्या, वहां पर कुछ किसान आए। मुझे बताया गया कि उन्हें अंदर नहीं आने देंगे। जब मैं गया तब आने दिया गया।

फैक्ट ये है जब मीडिया के साथ गया तब संसद के दरवाजे खुले उसके पहले बंद थे। बिरला बोले- किसे आने दें किसे नहीं ये फैसला स्पीकर करते हैं। दूसरा आपकी मौजूदगी में कोई दूसरा बाइट नहीं दे सकता।

राहुल ने अग्निवीर, पेपर लीक और किसानों के मुद्दे उठाए

राहुल बोले- पेपर लीक के बारे में वित्त मंत्री ने एक शब्द नहीं कहा। युववाओं के लिए सबसे जरूरी मुद्दा है, उसके बारे में एक शब्द नहीं कहा। दूसरी तरफ, पहली बार सेना के जवानों को आपने अग्निवाीर के चक्रव्यूह में फंसाया।

इस बजट में एक पैसा उनकी पेंशन के लिए नहीं है। बजट में आपने एक रूपया नहीं दिया। तो उनको आपने अग्निवीर के चक्रव्यूह में फंसाया। उसके बाद जो अन्नदाता है, उनके लिए तीन काले कानून बनाए।

राहुल ने कहा- देश के 99% युवाओं के पास काम नहीं

वित मंत्री बैठी हैं, युवाओं के लिए क्या किया ? बजट में इंटर्नशिप प्रोग्राम की बात की। शायद ये मजाक है। आपने कहा हिंदुस्तान की 500 सबसे बड़ी कंपनियों में काम मिलेगा। लेकिन 99% युवाओं के लिए नहीं है।

ओम बिरला ने राहुल को टोका, तो बोले- अंबानी-अडाणी को निकाल देता हूं

ओम बिरला- मैं नेता प्रतिपक्ष से अपेक्षा करता हूं कि वे नियमों का पालन करें। इस पर राहुल ने कहा- अगर आप कहते हैं तो मैं अंबानी -अडाणी का नाम लिस्ट से निकाल देता हूं। चक्रव्यूह जो भारत को घेरे हुए है। इसमें तीन ताकतें लगी हैं। पहला फाइनेंशियल पॉवर, दूसरा- एजेंसी की शक्ति।

राहुल बोले- 21वीं सदी में दूसरा चक्रव्यूह, उसका आकार लोटस जैसा है

मैंने रिसर्च की तो पाया कि चक्रव्यूह का दूसरा मतलब भी होता है। 21वीं सदी में दूसरा चक्रव्यूह भी बना है उसका आकार भी लोटस जैसे है। उसे पीएम अपनी छाती पर लगाकर चलते हैं। जो अभिमन्यु के साथ हुआ वही हिंदुस्तान के साथ हो रहा है।

आज भी चक्रव्यूह के बीच 6 लोग हैं। बिलकुल सेंटर में। जैसे उस वक्त 6 लोग कंट्रोल करते थे, वैसे ही आज भी कर रहे हैं। मोदीजी, अमित शाह, भागवत जी, अंबानी, अडाणी।

राहुल बोले- बीजेपी में केवल एक आदमी को पीएम बनने का सपना 

मेरे दोस्त हंस रहे हैं, लेकिन वे भी डरे हुए हैं। बीजेपी में केवल एक आदमी को पीएम बनने का सपना देखने का अधिकार है। क्यों मेरे बीजेपी के दोस्त, मंत्री, युवा डरे हुए हैं। इसके बारे में मैंने सोचा और एक जवाब देता हूं। हजारों साल पहले हरियाणा कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को 6 लोगों ने चक्रव्यूह में फंसाकर मारा था। चक्रव्यूह के अंदर डर होता है, हिंसा होती है। उसे चक्रव्यूह में फंसा 6 लोगों ने मारा था।

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लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 07 अक्टूबर 2024 |  दिल्ली – पटना :  लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत मिल गई है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट से सभी को 1-1 लाख के निजी मुचलके पर बेल मिली। कोर्ट ने सभी को पासपोर्ट सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को होगी।

लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

इस मामले में आज लालू परिवार की दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। सुनवाई के लिए कोर्ट में RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेजप्रताप और मीसा भारती पहुंचे थे। पहली बार इस मामले में कोर्ट की तरफ से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को समन किया गया था।

लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार समेत सभी 9 आरोपियों को जमानत

तेजस्वी यादव ने कहा, ‘ये लोग बार-बार राजनीतिक साजिश करते रहते हैं। केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। इस केस में कोई दम नहीं है। हम लोगों की जीत तय है। वहीं, सांसद मीसा भारती ने कहा, ‘हमें कोर्ट पर पूरा विश्वास है। आज जो फैसला आया है, हम उसके लिए न्यायालय का धन्यवाद करते हैं।’

कोर्ट में पेशी के लिए लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी मीसा और रोहिणी के साथ रविवार को पटना से दिल्ली पहुंचे थे। तेजप्रताप पहले से ही दिल्ली में मौजूद थे। तेजस्वी दुबई से रविवार देर रात तक दिल्ली पहुंचे थे। लालू यादव कोर्ट में पेशी के लिए व्हील चेयर पर पहुंचे।

दिल्ली रवाना होने से पहले लालू बोले थे- मोदी की हार तय

एअर इंडिया के विमान से दिल्‍ली रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर लालू प्रसाद ने कहा, ‘जम्‍मू-कश्‍मीर और हरियाणा चुनाव में नरेंद्र मोदी की हार तय है।’ वहीं, सांसद मीसा भारती ने कहा, ‘हरियाणा और जम्मू कश्मीर में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने जा रही है।’

इस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, ‘लालू यादव जी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं। उनको ये सब क्या पता। वो जेल से डरने का काम करें। उन्होंने जो पाप किया है, वह न्यायालय तय करेगा।’

कोर्ट ने कहा था- तेजप्रताप की संलिप्तता से इनकार नहीं

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की सप्लीमेंट्री चार्जशीट को स्वीकार करने के बाद 18 दिन पहले कोर्ट ने लालू परिवार समेत इस मामले में शामिल अखिलेश्वर सिंह और उनकी पत्नी किरण देवी को भी समन भेजा था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था, ‘तेजप्रताप यादव की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता। वह एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भी थे।’

ED ने 6 अगस्त को 11 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री आरोप पत्र दायर किया था। इनमें से 4 की मौत हो चुकी है। इसमें लल्लन चौधरी, हजारी राय, धर्मेंद्र कुमार, अखिलेश्वर सिंह, रविंदर कुमार, स्व. लाल बाबू राय, सोनमतिया देवी, स्व. किशुन देव राय और संजय राय शामिल हैं। लल्लन चौधरी की पत्नी ने पति की मृत्यु से जुड़ी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश किया है। कोर्ट ने मृत्यु प्रमाण पत्र दाखिल करने का आदेश दिया था।

कौन हैं किरण देवी

कोर्ट ने किरण देवी को समन जारी किया है। वह पटना की रहने वाली हैं। किरण देवी ने नवंबर 2007 में सिर्फ 3.70 लाख रुपए में अपनी 80,905 वर्ग फीट जमीन लालू यादव की बेटी मीसा भारती को बेच दी थी। इसके बाद 2008 में सेंट्रल रेलवे मुंबई में किरण देवी के बेटे अभिषेक कुमार को नौकरी मिल गई।

ED का दावा फुस्स – लालू हैं लैंड फॉर जॉब स्कैम के मास्टरमाइंड

ED ने दावा किया था कि लैंड फॉर जॉब मामले में मुख्य साजिशकर्ता पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद ही हैं। ED ने यह दावा 26 सितंबर को दायर अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में किया। चार्जशीट में एजेंसी ने बताया कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार ने रेलवे में नौकरी देने के नाम पर लोगों से रिश्वत के तौर पर जमीन के टुकड़े लिए थे। आरोप है कि अपराध से अर्जित जमीन पर लालू प्रसाद यादव के परिवार का कब्जा है।

यही नहीं लालू प्रसाद ने घोटाले की साजिश इस तरह रची कि अपराध से अर्जित जमीन पर कंट्रोल तो उनके परिवार का हो, लेकिन जमीन सीधे इनसे और परिवार से लिंक ना हो पाए। प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय को खपाने के लिए कई इकाइयां (शेल कंपनियां) खोली गईं और उनके नाम पर जमीन दर्ज कराई गई। राउज एवेन्यू कोर्ट ने हाल ही में इस मामले में लालू प्रसाद, तेजस्वी और तेजप्रताप को समन जारी किया था।

ED के मुताबिक, साजिश की जांच के दौरान खुलासा हुआ कि रेलवे में नौकरी के नाम पर रिश्वत के तौर पर जमीन लेना लालू प्रसाद यादव खुद तय कर रहे थे, इसमें उनका साथ उनका परिवार और करीबी अमित कात्याल दे रहे थे। कई जमीन के टुकड़े ऐसे हैं जो कि लालू प्रसाद यादव के परिवार की जमीन के ठीक बराबर में स्थित हैं और जिन्हें कौड़ियों के दाम पर खरीद लिया गया।

कारोबारी भोला यादव के जरिए जमीन की पहचान की

लालू के परिवार और उनसे जुड़ी कंपनियों के नाम पर लगभग 7 जमीन हैं। ये जमीन पटना के महुआ बाग में स्थित हैं। इसमें से 4 जमीन अप्रत्यक्ष रूप से राबड़ी देवी से जुड़ी हुई हैं। ED ने कहा कि लालू का महुआ बाग गांव से पुराना रिश्ता है।

महुआबाग के जुलूमधारी राय, किशुन देव राय, लाल बाबू राय और अन्य ने लालू प्रसाद और राबड़ी देवी को जमीन दी। राबड़ी देवी ने 1990 में महुआ बाग में प्लॉट संख्या 1547 में एक टुकड़ा खरीदा था।

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व्यावसायिक लाभ के लिए लालू ने OSD भोला यादव के जरिए जमीन की पहचान की। जमीन मालिक के परिजन को रेलवे में नौकरी देने के नाम पर सस्ते में जमीन खरीदी। ये जमीन लालू, उनके परिवार, एके इंफोसिस्टम्स, हृदयानंद चौधरी और ललन चौधरी के नाम पर ट्रांसफर की गई हैं।

एके इंफोसिस्टम्स प्रा. लि. ने सभी शेयर राबड़ी-तेजस्वी के नाम ट्रांसफर

चार्जशीट में ED ने कहा कि एके इंफोसिस्टम्स जमीन अधिग्रहण के बाद 13 जून 2014 को राबड़ी देवी को 85% और तेजस्वी यादव को 15% शेयर ट्रांसफर कर दिए। इससे वह मेसर्स एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के पास मौजूद भूमि के मालिक बन गए। 1.89 करोड़ रुपए की संपत्ति को लालू प्रसाद यादव के परिवार वालों ने 1 लाख रुपए कीमत देकर अपने कब्जे में कर लिया।

जनवरी 2024 में लालू-तेजस्वी से हुई थी पूछताछ

लैंड फॉर जॉब्स मामले में ED की दिल्ली और पटना टीम के अधिकारियों ने लालू और तेजस्वी से 20 जनवरी 2024 में 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी। ED सूत्रों के मुताबिक, लालू प्रसाद से 50 से ज्यादा सवाल किए गए थे। उन्होंने ज्यादातर जवाब हां या ना में ही दिया था। पूछताछ के दौरान कई बार लालू झल्ला भी गए थे। वहीं, तेजस्वी से 30 जनवरी को लगभग 10-11 घंटे तक पूछताछ चली थी।

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विवादों में बीजेपी युवा मोर्चा की कार्यकारिणी, 14 महीने बाद घोषित 53 मिनट बाद ही डिलीट

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 22 सितंबर 2024 |  जयपुरप्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा (भाजयुमो) की कार्यकारिणी रविवार को करीब 14 महीने बाद घोषित हुई। लेकिन, कार्यकारिणी की घोषणा के 53 मिनट बाद ही उसे वापस ले लिया गया। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के निर्देश पर युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अंकित चेची ने अपनी कार्यकारिणी और कार्य समिति के सदस्यों की घोषणा की थी।

विवादों में बीजेपी युवा मोर्चा की कार्यकारिणी, 14 महीने बाद घोषित 53 मिनट बाद ही डिलीट

इसकी सूचना बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ की ओर से शाम 7 बजे जारी की गई। करीब 53 मिनट बाद ही मीडिया प्रकोष्ठ ने सूची को डिलीट करते हुए लिखा कि युवा मोर्चा की सूची त्रुटि पूर्वक जारी हो गई थी, जिसे अपरिहार्य कारणों से रोक दिया गया है। शीघ्र ही नई सूची जारी की जाएगी। दरअसल, लिस्ट जारी होने के बाद से ही इसका विरोध शुरू हो गया था। विवाद बढ़ने पर प्रदेश बीजेपी संगठन ने घोषणा वापस ले ली।

विवादों में बीजेपी युवा मोर्चा की कार्यकारिणी, 14 महीने बाद घोषित 53 मिनट बाद ही डिलीट

नई सूची जल्द ही जारी होगी। बता दे की अंकित चेची प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद भी लंबे समय से अपनी टीम की घोषणा नहीं कर पा रहे हैं। इससे पहले तत्कालीन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के समय भी कई बार युवा मोर्चा की कार्यकारिणी को लेकर चर्चा हुई और लिस्ट में तैयार की गई। लेकिन इस सूची में हर बार किसी न किसी तरह के विवाद के चलते इसे रोका गया। इस बार तो सूची जारी करने के बाद रोका गया है।

बीजेपी युवा मोर्चा की इस लिस्ट को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद इसे वापस ले लिया गया।

बीजेपी युवा मोर्चा की इस लिस्ट को लेकर विवाद हो गया। इसके बाद इसे वापस ले लिया गया।

लिस्ट आने के बाद शुरू हुआ विवाद

प्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा की कार्यकारिणी की लिस्ट जैसे ही जारी हुई, इसे लेकर विरोध शुरू हो गया। कई युवा नेताओं को जगह नहीं मिलने से उन्होंने इसका विरोध शुरू कर दिया। वहीं जिन्हें जगह मिली, उनका कहना है कि उन्हें उनके कद के अनुरूप पद नहीं दिया गया।

आरोप इस तरह के भी लग रहे हैं कि युवा मोर्चा कार्यकारिणी में कई ऐसे नेताओं को भी शामिल कर लिया गया है, जो कभी मोर्चे और पार्टी में सक्रिय ही नहीं रहे। कार्यकर्ताओं ने प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी तक भी अपना विरोध जता दिया।

लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ ने इसे सभी सोशल मीडिया ग्रुप से डिलीट कर दिया।

लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी मीडिया प्रकोष्ठ ने इसे सभी सोशल मीडिया ग्रुप से डिलीट कर दिया।

उपचुनाव वाले 7 जिलों में से 4 शामिल नहीं

प्रदेश में इस साल विधानसभा की 7 सीटों पर उपचुनाव होना है। लेकिन, युवा मोर्चा की इस कार्यकारिणी में 4 विधानसभा सीटों के जिलों से कोई पदाधिकारी शामिल नहीं किया गया। कार्यकारिणी में दौसा, नागौर, डूंगरपुर और सलूंबर जिले से किसी युवा नेता को जगह नहीं दी गई थी।

वहीं मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर से भी केवल एक प्रदेश मंत्री बनाया गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में अधिकतर जिलों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला। बताया जाता है कि इसी कारण कार्यकारिणी की घोषणा के बाद इसे लेकर विवाद बढ़ गया।

प्रदेशाध्यक्ष बनने के 14 महीने बाद घोषित हुई थी कार्यकारिणी

प्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा के अध्यक्ष अंकित चेची के नाम की घोषणा तत्कालीन बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने 7 जुलाई 2023 को की थी। उसके बाद प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो गए। लेकिन, युवा मोर्चा की कार्यकारिणी नहीं बन सकी थी।

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ऐसे में इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे थे। युवा मोर्चा सहित सीपी जोशी ने 7 संगठनों के अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। सभी मोर्चों की कार्यकारिणी घोषित हो गई थी। लेकिन, युवा मोर्चा की कार्यकारिणी घोषित नहीं हो पाई थी। पूरे विवाद को लेकर युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची से हमने कई बार संपर्क करने की कोशिश की। लेकिन, उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

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