‘भारत में हर दिन लाखों-करोड़ों एकलव्य की कहानियां सामने आती हैं’ राहुल गाँधी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 सितंबर 2024 | जयपुर – डलास :  लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा के लिए रविवार को टेक्सास के डलास पहुंचे। यहां उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास के स्टूडेंट से भारत की राजनीति, इकोनॉमी, भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बात की। 

भारत की लोकसभा में विपक्षी नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर गए हैं। एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने RSS पर हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘RSS का मानना है कि भारत एक विचार है।

‘भारत में हर दिन लाखों-करोड़ों एकलव्य की कहानियां सामने आती हैं’ राहुल गाँधी

राहुल ने लोगों से पूछा कि ‘क्या आपने एकलव्य की कहानी सुनी है?’ फिर उन्होंने कहा, ‘अगर आप समझना चाहते हैं कि भारत में क्या हो रहा है, तो हर दिन लाखों-करोड़ों एकलव्य की कहानियां सामने आती हैं। हुनर​रखने वाले लोगों को दरकिनार किया जा रहा है – उन्हें काम करने या कामयाब होने की अनुमति नहीं दी जा रही है, और यह हर जगह हो रहा है।

‘भारत में हर दिन लाखों-करोड़ों एकलव्य की कहानियां सामने आती हैं’ राहुल गाँधी

हुनर का सम्मान करना और उन्हें आर्थिक और तकनीकी रूप से समर्थन देना ही वह तरीका है जिससे आप भारत की क्षमता को उजागर कर सकते हैं।। आप सिर्फ 1-2 प्रतिशत आबादी को सशक्त बनाकर भारत की शक्ति को उजागर नहीं कर सकते। यह मेरे लिए दिलचस्प नहीं है।’

हमारा मानना है कि भारत बहुत सारे विचारों से मिलकर बना है। हमारा मानना है कि हर किसी को सपने देखने की इजाजत मिले, बिना किसी की परवाह के। बिना उसका धर्म, रंग देखे बिना मौके मिलें। चुनाव में भारत के लाखों लोगों को साफ तौर से पता चला कि प्रधानमंत्री संविधान पर हमला कर रहे थे। मैं जो बाते कर रहा हूं वह संविधान में है। राज्यों का संघ, भाषा का सम्मान, धर्म का सम्मान।’

राहुल गांधी ने कहा- भारत में रोजगार की समस्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि हमने प्रोडक्शन पर ध्यान नहीं दिया। भारत में सब कुछ मेड इन चाइना है। चीन ने प्रोडक्शन पर ध्यान दिया है। इसलिए चीन में रोजगार की दिक्कतें नहीं हैं।

भारत में गरीबी को लेकर पूछे गए सवाल पर राहुल गांधी ने कहा- सिर्फ एक-दो लोगों को सारे पोर्ट्स और सारे डिफेंस कॉन्ट्रैक्ट दिए जाते हैं। इसी कारण भारत में मैन्युफैक्चरिंग की स्थिति ठीक नहीं है।

कार्यक्रम में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा- राहुल गांधी अब पप्पू नहीं है, वे पढ़े-लिखे हैं और किसी भी मुद्दे पर गहरी सोच रखने वाले स्ट्रैटेजिस्ट हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी पहुंचे।

यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी के साथ इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी पहुंचे।
यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में हुए कार्यक्रम में राहुल गांधी

भारत में शिक्षा और कौशल को लेकर क्या बोले?

भारत में शिक्षा और कौशल को लेकर बात करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि बड़ा मुद्दा कौशल की कमी नहीं बल्कि कुशल व्यक्तियों के लिए सम्मान की कमी है। उन्होंने कहा, ‘भारत में कौशल रखने वाले लोगों के लिए सम्मान नहीं है।’ उन्होंने शिक्षा प्रणाली और व्यवसाय क्षेत्र के बीच अंतर की आलोचना की और व्यावसायिक प्रशिक्षण के जरिए बेहतर एकीकरण की वकालत की।

उन्होंने कहा, ‘हमारी शिक्षा प्रणाली व्यवसाय प्रणाली से नहीं जुड़ती।’ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बारे में बातचीत के दौरान राहुल ने इसकी चुनौतियों और अवसरों दोनों को स्वीकार किया। उन्होंने कहा, ‘हर बार जब नई तकनीक आती है तो तर्क दिया जाता है कि यह नौकरियां छीन लेगा। यह कुछ नौकरियां खत्म कर सकता है, लेकिन कई नौकरियां पैदा भी करेगा।’

कार्यक्रम में राहुल गांधी से 7 सवाल-जवाब

सवाल: लीडर ऑफ ऑपोजिशन के तौर पर क्या चैलेंज होते हैं?

जवाब: अपोजिशन लोगों की आवाज होता है। विपक्ष को लीडर के तौर सोचना होता है कि कहां और कैसे लोगों की आवाज उठाई जा सकती है। इस दौरान इंडस्ट्री, पर्सनल, फार्मर सब पर्सपेक्टिव से सोचना होता है। अच्छे से सुनकर और समझकर जवाब देना होता है। पार्लियामेंट में स्थिति एक जंग की तरह होती है। वहां जाकर लड़ना होता है। हालांकि, कभी-कभी जंग मजेदार होती है। कभी जंग सीरियस हो जाती है। यह शब्दों की जंग होती है। पार्लियामेंट में अलग-अलग नेता आते हैं। बिजनेसमैन भी आते हैं। अलग-अलग डेलिगेशन आकर मिलता है। सभी पक्षों को सुनना होता है।

राहुल गांधी अपनी की तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा

सवाल: आपका लंबा करियर रहा है। राजनीति में रहते हुए इतने सालों में आपने क्या बदलाव देखे हैं?

जवाब: अब मैं इस निष्कर्ष पर पहुंच रहा हूं कि सुनना बोलने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। सुनने का मतलब है खुद को आपकी जगह पर रखना। अगर कोई किसान मुझसे बात करता है, तो मैं खुद को उनके रोजमर्रा के जीवन में शामिल करने की कोशिश करूंगा और समझूंगा कि वे क्या कहना चाह रहे हैं। सुनना बुनियादी बात होती है। इसके बाद किसी मुद्दे को गहराई से समझना होता है। हर एक मुद्दे को नहीं उठाना चाहिए। आपको महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और फिर उसको राजनीति में उठाना चाहिए। जिस मुद्दे को हम नहीं उठाना चाहते हैं, उसे भी अच्छी तरह से समझना चाहिए।

सवाल: भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 4 हजार किलोमीटर की यात्रा की। इससे क्या बदलाव हुए?

जवाब: भारत में कम्युनिकेशन के चैनल बंद हो गए थे। लोकसभा में बोलते थे तो वह टेलीविजन पर नहीं चलता था। मीडिया वह नहीं चलाता था जो हम कहते थे। सब कुछ बंद था। लंबे समय तक हमें समझ नहीं आ रहा था कि जनता से कैसे बात करें। फिर हमने सोचा कि मीडिया हमें लोगों तक नहीं ले जा रहा था तो डायरेक्टली चले जाओ। इसलिए हमने यह यात्रा की।

शुरुआत में मुझे घुटनों में दिक्कत हुई। मैंने सोचा यात्रा करने का मैंने यह कैसा फैसला ले लिया, लेकिन कुछ दिनों बाद यह आसान लगने लगा। इस यात्रा ने मेरे राजनीति करने का तरीका बदला। लोगों से बातचीत करने और लोगों को समझने का तरीका बदला। पॉलिटिक्स में मोहब्बत नहीं होती थी। हमने यात्रा करके दिखाया कि पॉलिटिक्स में प्यार और मोहब्बत की बातें हो सकती हैं।

स्टूडेंट के सवाल जवाब से पहले राहुल गांधी से कार्यक्रम के होस्ट ने सवाल किए।
स्टूडेंट के सवाल जवाब से पहले राहुल गांधी से कार्यक्रम के होस्ट के सवाल

सवाल: यात्रा के दौरान सबसे अच्छा मोमेंट क्या था?

जवाब: यात्रा में हजारों लोग थे। वो जो मुझे कह रहे थे उनके ही शब्द मेरे मुंह से निकल रहे थे। ऐसा लग रहा था यात्रा मुझसे बात कर रही है। नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोलने वाला स्लोगन भी मेरा नहीं। यात्रा के दौरान एक शख्स मेरे पास आया। उसने मुझसे बोला- मैं जानता हूं आप क्या कर रहे हो। मैं जानता हूं आप क्या कर रहे है। मैंने पूछा क्या कर रहा हूं। तो वह बोला- आप नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहे हो।

ऐसे ही एक महिला मेरे पास आईं। उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा। मैंने पूछा क्या हुआ। उन्होंने मुझे मेरा पति मार रहा था। मैं भागकर आई हूं। पुलिस को बताएंगे तो वह और मारेगा। मैंने यात्रा में समझा कि हिंदुस्तान में कई महिलाओं के साथ मारपीट होती है। यात्रा में मुझे लोगों के सेंटिमेंट के बारे में पता चला। मुझे यात्रा में पता चला कि हमारा देश क्या चाहता है और हमारा देश क्या और कैसे महसूस करता है।

भारत में देवता का मतलब सिर्फ भगवान नहीं होता है। देवता का वह शख्स होता है जो अंदर जैसा महसूस करता है वैसा ही बाहर उसके एक्सप्रेशन दिखते हैं। इसे देवता कहा जाता है। ऐसा ही हमारी पॉलिटिक्स में होता है। खुद के मंसूबों को खत्म कर लोगों के बारे में सोचना चाहिए। जैसा जनता महसूस करती है वैसे ही नेता एक्सप्रेशन देता है। खुद के आईडिया खत्म कर लोगों के बारे में सोचना ही देवता होना होता है। भगवान राम, बुद्ध, महात्मा गांधी जैसे लीडर्स ऐसे ही थे। यही हिंदुस्तान के नेता और अमेरिका के नेताओं में भी फर्क है।

सवाल: युवाओं के रोजगार को लेकर आपका क्या कहना है?

जवाब: पूरे विश्व में रोजगार की दिक्कत नहीं है। वेस्ट में रोजगार की दिक्कत है। भारत में भी है, लेकिन चीन में नहीं है। वियतनाम में नहीं है। इसका कारण है। 1950 में अमेरिका प्रोडक्शन का सेंटर माना जाता था। टीवी, कार जैसी चीजें सिर्फ यहीं बनती थीं। इसके बाद प्रोडक्शन चीन में होने लगा।

राहुल गांधी के इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में पढ़ने वाले भारतीय मूल के स्टूडेंट शामिल हुए।

राहुल गांधी के इस कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में पढ़ने वाले भारतीय मूल के स्टूडेंट शामिल हुए।

सवाल: AI को लेकर आपका क्या सोचना है। क्या AI का रोजगार पर फर्क पड़ेगा?

जवाब: जब भी नई टेक्नोलॉजी आती है तो ऐसा लगता है कि नौकरियां चले जाएंगी। रेडियो आया तब भी एसी ही चर्चा हुईं। कैलकुलेटर आया तब भी ऐसी चर्चा हुईं। IT सेक्टर के समय भी यही कहा गया, लेकिन नई टेक्नोलॉजी से नौकरियां ट्रांसफॉर्म होती हैं। किसी की नौकरी जाती है तो किसी को नौकरी मिलती है। आज कम्प्यूटर ने कई नौकरियां बनाई हैं।

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सवाल: भारत की पॉपुलेशन को देखते हुए एजुकेशन सिस्टम को कैसा बदला जाए। आपके क्या प्लान हैं?

जवाब: कुछ लोग कहते हैं कि देश में स्किल की समस्या है। मेरे ख्याल से यहां स्किल की नहीं, बल्कि स्किल वालों को जो कम कम इज्जत मिलती है, वह समस्या है। इसके अलावा हमारे देश में एजुकेशन सिस्टम भी बिजनेस सिस्टम से मेल नहीं खाता। स्किल और एजुकेशन में हमारे देश में एक बड़ा गैप है। हमें इसे खत्म करना होगा। देश में कई यूनिवर्सिटी में VC RSS से जुड़े हैं। यह नहीं होना चाहिए।

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क्वाड शिखर सम्मेलन : पीएम मोदी चीन का नाम लेने से भी क्यों डरते हैं

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क्वाड शिखर सम्मेलन 2024

डेलावेयर में क्वाड नेताओं के छठे शिखर सम्मेलन में भाग लिया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 सितंबर, 2024 को विलमिंगटन, डेलावेयर में क्वाड नेताओं के छठे शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन अमरीका के राष्ट्रपति महामहिम श्री जोसेफ आर. बाइडेन ने किया था। शिखर सम्मेलन में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री महामहिम श्री एंथनी अल्बानीज़ और जापान के प्रधानमंत्री महामहिम श्री फुमियो किशिदा भी शामिल हुए।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने और वैश्विक कल्याण के लिए क्वाड को एक संगठन के रूप में सशक्त बनाने की राष्ट्रपति बाइडेन की व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए उनको धन्यवाद दिया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस समय दुनिया तनाव एवं संघर्ष से ग्रस्त है और ऐसी विषम परिस्थितियों में साझा लोकतांत्रिक विचारों तथा मूल्यों के साथ क्वाड भागीदार देशों का एक साथ एक मंच पर आना मानवता के लिए महत्वपूर्ण है।

श्री मोदी ने इस बात पर बल दिया कि क्वाड संगठन कानून के शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान एवं विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है।

उन्होंने यह भी कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को स्वतंत्र, मुक्त, समावेशी और समृद्ध बनाना क्वाड देशों का साझा उद्देश्य है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि क्वाड यहां बने रहने, सहायता पहुंचाने, साझेदारी करने और हिंद-प्रशांत देशों के प्रयासों को पूरक बनाने के लिए है।

संगठन के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि क्वाड “वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत” के रूप में उभर कर सामने आया है। इस संबंध में हिंद-प्रशांत क्षेत्र और समग्र रूप से वैश्विक समुदाय की विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए निम्नलिखित घोषणाएं की गयी हैं:

  1. “क्वाड कैंसर मूनशॉट”, सर्वाइकल कैंसर से लड़कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में जीवन बचाने के लिए एक अभूतपूर्व साझेदारी।
  2. “हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए समुद्री पहल” (मैत्री) का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र भागीदार देशों को आईपीएमडीए और अन्य क्वाड गतिविधियों के माध्यम से प्रदान किए गए उपकरणों का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम बनाना है।
  3. पहली बार अंतर-संचालन सहभागिता क्षमता में सुधार और समुद्री सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए 2025 में “क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन”।
  4. “भविष्य की साझेदारी हेतु क्वाड बंदरगाह”, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टिकाऊ और लचीले पत्तन बुनियादी ढांचे के विकास का सहयोग करने के लिए क्वाड की सामूहिक विशेषज्ञता का उपयोग किया जाएगा।
  5. हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर “डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के विकास एवं विस्तार के लिए क्वाड सिद्धांत”।
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पूर्वी और दक्षिण चीन सागर पर रखी अपनी बात

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यूक्रेन युद्ध पर की चर्चा

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संगठन के नेताओं ने वर्ष 2025 में भारत द्वारा क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी का स्वागत किया है। बैठक के दौरान क्वाड एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड विलमिंगटन घोषणा-पत्र को अपनाया गया।

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लेबनान में पेजर वॉकी-टॉकी के बाद अब सोलर सिस्टम में धमाके

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 19 सितंबर 2024 |   जयपुरलेबनान में पेजर, वॉकी-टॉकी के बाद अब सोलर सिस्टम में धमाके हुए हैं। पिछले 2 दिन में धमाकों के तीन पैटर्न में 32 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3500 से ज्यादा घायल हैं।

लेबनान में पेजर वॉकी-टॉकी के बाद अब सोलर सिस्टम में धमाके

लेबनान में पेजर वॉकी-टॉकी के बाद अब सोलर सिस्टम में धमाके

लेबनान में ईरान के समर्थन वाले हिजबुल्लाह संगठन के लड़ाके इजराइली हैकिंग से बचने के लिए मोबाइल फोन की जगह पेजर और वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, राजधानी बेरूत में बड़ी संख्या में घरों पर सोलर सिस्टम लगे हुए हैं। हिजबुल्लाह ने इन हमलों के पीछे इजराइल का हाथ बताया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने शुक्रवार को इस मामले में आपात बैठक बुलाई है।

पेजर ब्लास्ट में मारे गए लोगों का बुधवार को जनाजा निकल रहा था। इस दौरान गाड़ी में रखे वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हो गया।

पेजर ब्लास्ट में मारे गए लोगों का बुधवार को जनाजा निकल रहा था। इस दौरान गाड़ी में रखे वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हो गया।

लेबनान में 2 दिन में धमाकों के 3 तरीके

  • पहला: मंगलवार, करीब 3000 पेजर में ब्लास्ट; 12 मौतें, 3000 घायल
  • दूसरा: बुधवार, वॉकी-टॉकी में धमाके; 20 मौतें, 450 घायल
  • तीसरा: गुरुवार, सोलर सिस्टम में धमाका; 06 घायल

लेबनान में हुए पेजर और वॉकी-टॉकी ब्लास्ट की तस्वीरें…

बुधवार को वॉकी-टॉकी ब्लास्ट से एक कार में आग लग गई।
बुधवार को वॉकी-टॉकी ब्लास्ट से एक कार में लगी आग
बुधवार को एक इमारत में आग लग गई। बताया गया कि यहां भी वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ।
बुधवार को एक इमारत में आग लग गई। बताया गया कि यहां भी वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट
बेरूत को मंगलवार को रोजमर्रा के काम करने के दौरान लोगों के पेजर्स में ब्लास्ट हुए।
बेरूत को मंगलवार को रोजमर्रा के काम करने के दौरान लोगों के पेजर्स में ब्लास्ट

गाजा ने उत्तरी सीमा पर भेजे गए इजराइली सैनिक

लेबनान में हमलों के बीच इजराइली ने अपने कई सैनिकों को गाजा से नॉर्दर्न बॉर्डर शिफ्ट किया है। अलजजीरा के मुताबिक, इजराइली के इजराइल के नॉर्दर्न कमांड के मेजर-जनरल ओरी गोर्डिन ने कहा, “हमारा मिशन साफ है। हम सुरक्षा की स्थिति को बदलने के लिए तैयार हैं।” मिलिट्री ने बताया कि उन्होंने इसी हफ्ते इजराइल की उत्तरी सीमा पर युद्धाभ्यास भी किया था।

CNN के मुताबिक वॉकी-टॉकी बनाने वाली जापानी कंपनी आईकॉम इंक ने लेबनान में जिस मॉडल के वॉकी-टॉकी का इस्तेमाल हो रहा था उसका प्रोडक्शन 10 साल पहले ही बंद हो गया था। कंपनी ने कहा कि वो अभी तय नहीं कर पाई है कि ब्लास्ट होने वाले वॉकी-टॉकी नकली हैं या फिर उनकी ही कंपनी के हैं।

ईरान ने कहा है कि वह लेबनान में घायल हुए राजदूत मोजतबा अमानी का बदला लेगा। ईरानी मिशन ने संयुक्त राष्ट्र में बुधवार को कहा कि उसके पास इस तरह के अपराधों का जवाब देने के लिए जरूरी कदम उठाने का अधिकार है।

लेबनान में मंगलवार को हुए पेजर धमाके में ईरान के राजदूत घायल हो गए थे। NYT के मुताबिक इस हमले में मोजतबा की एक आंख खराब हो गई और दूसरी आंख में भी चोट लगी है। हालांकि बाद में ईरान ने दावा किया था कि उसके राजदूत घायल हुए हैं मगर उनकी आंख को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।

CNN के मुताबिक इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने इजराइल डिफेंस फोर्स के साथ-साथ देश की सुरक्षा एजेंसी शिन बेत और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद के उपलब्धियों की तारीफ की है।

अमेरिका बोला- लेबनान ब्लास्ट में हमारा हाथ नहीं

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बुधवार को व्हाइट हाउस में कहा कि लेबनान में पेजर और वॉकी टॉकी ब्लास्ट में अमेरिका शामिल नहीं है। CNN के मुताबिक अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को इजराइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट से 48 घंटों में तीसरी बार बात की।

ऑस्टिन ने कहा कि अमेरिका मिडिल ईस्ट में तनाव को कम करने में जुटा हुआ है। इससे पहले दोनों नेताओं ने मंगलवार को 2 बार बातचीत की थी। पहली बातचीत में गैलेंट ने बताया था कि इजराइल, लेबनान में एक ऑपरेशन करने जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी थी।

अलजजीरा के मुताबिक जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने कहा कि इजराइल पूरे मिडिल ईस्ट को जंग में धकेलने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इजराइल पर लगाम लगाने और उसपर प्रतिबंध लगाने की अपील की। लेबनान में हुए सिलसिलेवार धमाकों के बाद हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह आज शाम साढ़े 7 बजे (भारतीय समयानुसार) पहला संबोधन देंगे।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री पर नाराज हुए नेतन्याहू

ब्रिटेन ने कुछ दिन पहले इजराइल को भेजे जाने वाले 30 तरह के हथियारों के लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। इसे लेकर PM नेतन्याहू ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार हथियारों की बिक्री रोककर इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार को कमजोर कर रही है। नेतन्याहू ने कहा कि इससे हमास को फायदा पहुंचेगा।

इजराइली PM ने ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव सरकार का जिक्र करते हुए ब्रिटिश अखबार डेली मेल से कहा कि 7 अक्टूबर के हमास नरसंहार के बाद, पिछली ब्रिटिश सरकार ने हमारा खुला समर्थन किया था लेकिन लेबर सरकार की नीति इस मामले में साफ नहीं है।

ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें लेबनान में हुए ब्लास्ट के बारे में पहले से जानकारी थी। पेजर ब्लास्ट के बाद पेजर पर ताइवानी ब्रांड गोल्ड अपोलो के लेबल दिखाई दिए थे। जब ताइवान से पूछा गया कि क्या इजराइल ने हमले के बारे में ताइवान को पहले बता दिया था। इस पर ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

बेरूत में घरेलू सोलर सिस्टम को भी निशाना बनाया

बेरूत समेत कई शहरों में घरों के सोलर सिस्टम में भी धमाके हुए। बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर अचानक हुए इन धमाकों के बाद लोग घबरा कर सड़कों पर जमा हो गए। लेबनान के टायरे शहर में सोलर सिस्टम में धमाके से एक परिवार के पांच लोग गंभीर रूप से जख्मी हो गए।

लेबनान सरकार ने सड़कों पर सिविल डिफेंस के सदस्यों को उतारा है। धमाकों से क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। सोलर पैनल में विस्फोट का कनेक्शन पेजर और वॉकी टॉकी से है या नहीं ये अभी तक पता नहीं चल पाया है।

ईरानी समाचार एजेंसी IRNA के मुताबिक लेबनान से 95 लोग बेहतर इलाज के लिए ईरान भेजे गए हैं। ईरानी चैनल पर पोस्ट किए गए कई वीडियो में मरीजों को स्ट्रेचर पर प्लेन में ले जाते हुए दिखाया गया है। उनके सिर और आंखों पर पट्टियां लगी हुई हैं।

वॉकी टॉकी बनाने वाली जापानी कंपनी ने जांच शुरू की

जिन वॉकी-टॉकी में धमाके हुए हैं, उस पर ICOM V82 लिखा है जो कि जापान में बनती हैं। इसे बनाने वाली कंपनी आईकॉम इंक ने कहा कि वे इस दावे की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे ही उन्हें इस बारे में साफ जानकारी मिलती है वे इस बारे में बताएंगे।

जापानी कंपनी ने कहा कि वे इस दावे की जांच कर रहे हैं कि उनकी बनाई वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ है।
जापानी कंपनी ने कहा कि वे इस दावे की जांच कर रहे हैं कि उनकी बनाई वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुआ
UNGA में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग, भारत ने नहीं लिया हिस्सा। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में फिलिस्तीन से जुड़े प्रस्ताव पर वोटिंग हुई। हालांकि, भारत ने इसमें हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव में मांग की गई थी कि इजराइल, कब्जे वाले फिलिस्तीनी इलाके में अपनी अवैध मौजूदगी को 12 महीने के भीतर हटाए।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 124 देशों ने वोटिंग की। अमेरिका, अर्जेंटीना, हंगरी समेत 14 देशों ने विरोध में मतदान किया। वहीं, भारत, यूक्रेन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत 43 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।

आगे क्या… तनाव फैलेगा, ईरान पर जवाबी हमले का दबाव बढ़ रहा

जानकारों के मुताबिक इजराइल के इस आक्रामक रवैये से मिडिल ईस्ट में ईरान की साख पर चोट पहुंची है। इजराइल ने ईरान समर्थक लेबनान के हिजबुल्ला को निशाने पर लिया है। ऐसा कर इजराइल अब ईरान को भड़का रहा है, जिससे ईरान मजबूर होकर जवाब दे।

हिजबुल्लाह का पूरा नेटवर्क ईरान के सपोर्ट से ही चलता है। हिजबुल्लाह ने कहा कि वे इसका बदला लेंगे और इजराइल को अनोखी सजा देंगे। हिजबुल्लाह के लीडर हसन नसरल्लाह गुरुवार को लोगों को संबोधित करेंगे।

हिजबुल्लाह ने सदस्यों को दिए थे पेजर्स

रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन पेजर्स में विस्फोट हुआ, उन्हें हाल ही में हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को इस्तेमाल करने को दिया था। गाजा जंग शुरू होने के बाद हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने को मना किया था।

इजराइल के किसी संभावित हमले से बचने के लिए यह सलाह दी गई थी। जुलाई में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह ने लोगों से मोबाइल डिवाइस और सीसीटीवी का इस्तेमाल बंद करने को कहा था, क्योंकि उन्हें डर था कि इजराइली एजेंसी इन्हें हैक कर सकती है।

कौन है हिजबुल्लाह

हिजबुल्लाह शब्द का अर्थ पार्टी ऑफ गॉड है। यह संगठन खुद को शिया इस्लामिक पॉलिटिकिल, मिलिट्री और सोशल आर्गनाइजेशन बताता है। हिजबुल्लाह लेबनान का ताकतवर ग्रुप है। अमेरिका और कई देशों ने इसे आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है।

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1980 की शुरुआत में लेबनान पर इजराइल के कब्जे के दौरान इसे ईरान की मदद से बनाया गया था। 1960-70 के दशक में लेबनान में इस्लाम की वापसी के दौरान इसने धीरे-धीरे जड़ें जमानी शुरू कर दी थीं।

ऐसे तो हमास सुन्नी फिलिस्तीनी संगठन है, जबकि ईरान के सपोर्ट वाला हिजबुल्लाह शिया लेबनानी पार्टी है, लेकिन इजराइल के मुद्दे पर दोनों संगठन एकजुट रहते हैं। 2020 और 2023 के बीच, दोनों गुटों ने इजराइल के साथ UAE और बहरीन के बीच समझौते का विरोध किया था।

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