मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 जुलाई 2024 | जयपुर : फर्जी निकाह केस में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को इस्लामाबाद कोर्ट ने शनिवार को रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि उन्हें फौरन छोड़ा जाए।
फर्जी निकाह केस में इमरान खान को फौरन रिहाई के आदेश
इमरान खान एक साल से 3 अलग-अलग मामलों में जेल में बंद थे। इस आदेश के बाद उनकी रिहाई हो सकती है। उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ( PTI) के चेयरमैन गौहर खान ने इस फैसले को देश की जीत बताया है।
इमरान 350 दिनों से रावलपिंडी की अदियाला जेल में हैं। इस्लामाबाद की स्थानीय कोर्ट ने उन्हें 5 अगस्त, 2023 को तोशाखाना केस में दोषी करार दिया था। इसके बाद उन्हें इस्लामाबाद के जमान पार्क स्थित उनके घर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
इसके बाद उन्हें 2 और मामलों में दोषी करार दिया गया था। इमरान खान अपनी पत्नी बुशरा बीबी के साथ। इद्दत केस की सुनवाई के लिए लाहौर हाईकोर्ट पहुंचे थे। इमरान खान के एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर 5 जुलाई को हुए एक पोस्ट में इस साल 8 फरवरी को हुए आम चुनावों को फर्जी बताया था।
जिन 3 मामलों में दोषी थे इमरान उन सब में रिहा
केस- 1 बुशरा बीबी के पूर्व पति, खावर फरीद मनेका ने बुशरा और इमरान पर आरोप लगाया था कि दोनों ने गैर इस्लामिक तरीके से शादी की है। बुशरा के तलाक के बाद इद्दत का समय पूरा होने से पहले ही खान ने उनसे शादी कर ली थी।
इस मामले में 3 फरवरी को बुशरा और इमरान को दोषी ठहराया गया था। उन्हें 7 साल की सजा और 5 लाख पाकिस्तानी रूपए का जुर्माना लगाया था। इस केस में उन्हें आज रिहाई मिल गई।
केस-2 इससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 3 जून को इमरान खान को सबूतों के अभाव में साइफर केस (सीक्रेट लेटर चोरी) में बरी कर दिया था। उनको इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इमरान खान को 29 अगस्त 2023 को साइफर गेट स्कैंडल में हिरासत में लिया गया था।
केस-3 तोशाखाना केस में खान को 1 अप्रैल को रिहा कर दिया गया था। उनकी 14 साल की सजा को रद्द कर दिया गया था। अल-कादिर ट्रस्ट केस में ही खान को 9 मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद मुल्क में फौज के कई अहम ठिकानों पर हमले हुए थे। 2 दिन बाद उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी।
इमरान जेल से बाहर आए तो क्या होगा?
डॉन के मुताबिक, अगर इमरान जेल से बाहर आते हैं तो, वे पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग को उठाएंगे। इस साल हुए आम चुनाव में इमरान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं ले पाई थी।
इमरान खान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस काजी फैज इसा और चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा पर साजिश रचने के आरोप लगाते रहे हैं। इमरान खान के बाहर आने के बाद पाकिस्तान में दोबारा चुनाव की मांग तेजी पकड़ सकती है।
इमरान खान पहले ही भूख हड़ताल की धमकी दे चुके हैं। ऐसे में उनकी पार्टी दोबारा चुनाव की मांग को लेकर सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन करते हुए नजर आ सकती है।
जेल में रहकर भी सबसे ज्यादा सीटें जीतीं
पाकिस्तान में 8 फरवरी को आम चुनाव हुए। इनसे पहले खान को एक के बाद एक लगातार 3 मामलों में दोषी करार दे दिया गया था। इससे वे चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाए थे। चुनाव से पहले उनकी पार्टी चुनाव चिन्ह छीन लिया गया था। पार्टी के सभी नेता निर्दलीय चुनाव लड़े थे। इसके बावजूद खान की पार्टी PTI के समर्थक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की 342 सीटों में से 93 सीटें मिलीं।
सायफर और तोशाखाना केस के बारे में जानिए…
सायफर केस- इस केस की चार्जशीट में पूर्व प्रधानमंत्री के पास एक सीक्रेट लेटर यानी साइफर होने की बात कही गई। खान पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने देश की गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल किया।
इस साइफर को पिछले साल मार्च में अमेरिका में तैनात पाकिस्तानी एम्बेसेडर असद मजीद खान ने विदेश मंत्रालय को भेजा था। खान ने इसे पढ़ने के बहाने अपने पास रख लिया और बाद में कहा कि यह लेटर खो गया है। हालांकि, वो साइफर को कई रैलियों में खुलेआम लहरा चुके हैं।
तोशाखाना केस- इमरान पर आरोप थे कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था। इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि उन्होंने तोशाखाने से इन सभी गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा था, बेचने पर उन्हें 5.8 करोड़ रुपए मिले थे। बाद में खुलासा हुआ कि यह रकम 20 करोड़ से ज्यादा थी।