मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 14 जुलाई 2024 | जयपुर : इंग्लैंड और स्पेन 2024 यूरो के फाइनल में ओलंपिया स्टेडियन बर्लिन स्टेडियम में यूरोपीय गौरव की लड़ाई में आमने-सामने होंगे। स्पेन इस प्रतिष्ठित खिताब (जर्मनी) का संयुक्त रिकॉर्ड विजेता है। जिसके नाम तीन खिताब हैं। ला रोजा को विश्व फुटबॉल में शीर्ष पर रहने की आदत है।
स्पेन लगायेगा ‘चौका’ या इंग्लैंड खत्म करेगा ‘सूखा’ फेवरेट है स्पेन
लेकिन पिछले दशक में देश को प्रमुख टूर्नामेंटों में अपनी छाप छोड़ने के लिए संघर्ष करते देखा गया है। टीम ने टूर्नामेंट का 2012 संस्करण (4-0 बनाम इटली) जीता। लेकिन 2016 यूरो के 16वें राउंड और 2020 यूरो के सेमीफाइनल में उसी टीम के खिलाफ हार गई।
वे टूर्नामेंट में अब तक सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक रहे हैं और फाइनल के रास्ते में उन्होंने पूर्ण प्रभुत्व प्रदर्शित किया है। उनकी सबसे प्रभावशाली जीत क्वार्टर फाइनल में मेजबान जर्मनी के खिलाफ आई। दूसरी ओर इंग्लैंड सफलता के लिए तरस रहा है। थ्री लायंस ने कभी भी यूरोपीय चैम्पियनशिप नहीं जीती है और उनका लक्ष्य प्रमुख टूर्नामेंटों में अपने 58 साल के लंबे सूखे को समाप्त करना होगा।
गैरेथ साउथगेट और उनके खिलाड़ी पूरे टूर्नामेंट में अपने विरोधियों के विपरीत रहे हैं और उन्होंने देर से कई गोल किए हैं। जो टीम के लिए एक उतार-चढ़ाव भरा सफर रहा है। जर्मनी ने 1996 यूरो जीता जब इंग्लैंड मेजबान था। अब थ्री लायंस के पास मेजबान देशों से अपना बदला लेने का अवसर है क्योंकि वे डॉयचलैंड में अपनी पहली यूरो ट्रॉफी जीत सकते हैं।
स्पेन बनाम इंग्लैंड आमने-सामने
अतीत में दोनों दिग्गजों के बीच 27 बार मुकाबला हुआ है, जिसमें स्पेन 14 बार विजयी रहा। इंग्लैंड ने 10 बार जीत हासिल की और तीन मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए। आखिरी बार ये दोनों पक्ष 2018 नेशंस लीग में भिड़े थे जहां इंग्लैंड ने 3-2 से जीत हासिल की थी।
हालाँकि स्पेन हर समय आमने-सामने की स्थिति में बढ़त बनाए रखता है। लेकिन ला रोजा ने अभी तक यूरो में थ्री लायंस को नहीं हराया है। इंग्लैंड ने 1980 में ग्रुप स्टेज में 2-1 से जीत दर्ज की थी और 1996 संस्करण के क्वार्टर के फाइनल में पेनल्टी पर 4-2 से जीत हासिल की थी।
अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया यूरो कप 2024
करीब एक महीने तक चले 50 मुकाबलों के बाद यूरो कप 2024 आज अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है। आज बर्लिन के ऐतिहासिक ओलंपियास्टेडियन स्टेडियम में यूरो खिताब के लिए स्पेन और इंग्लैंड की टीम आमने सामने होगी।
स्पेन की टीम जहां चौथी बार इस खिताब को अपने नाम करना चाहेगी वहीं इंग्लैंड 1966 में विश्व खिताब जीतने के बाद से किसी मेजर खिताब के सूखे को खत्म करना चाहेगी। स्पेन की टीम 1964, 2008 और 2012 में चैंपियन रही है, जबकि इंग्लैंड ने लगातार यूरो कप के दूसरे एडिशन में फाइनल में जगह बनाई है। 2020 में भी इंग्लैंड फाइनल में पहुंचा था, लेकिन खिताब उससे दूर ही रहा।
फेवरेट है स्पेन
स्पेन ने अभी तक इस टूर्नामेंट में सभी छह मुकाबले जीते हैं, इस कारण उसे इस टूर्नामेंट के सबसे मजबूत टीम कहा जा रहा है। ग्रुप स्टेज में क्लीन शीट रखने वाले स्पेन ने यहां पहुंचने से पहले मेजबान जर्मनी और खिताब के दावेदार माने जा रहे फ्रांस को हराया। फ्रंट फुट अटैकिंग फुटबॉल खेलते हुए स्पेन ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 13 गोल भी किए हैं साथ ही सबसे ज्यादा 96 मौके भी बनाए हैं।
इंग्लैंड ने सीखा है हुनर
दूसरी इंग्लैंड की टीम पूरी तरह से लय में नहीं दिखी है। लेकिन उसने बड़े मुकाबलों में वापसी करने का हुनर सीख लिया है। इंग्लैंड ने अपने पिछले तीन मुकाबले 0-1 पिछड़ने के बाद जीते हैं। इसमें से दो मुकाबलों में इंग्लैंड ने 90वें मिनट या उसके बाद गोल किया है। अपनी कमियों के बावजूद इंग्लैंड इस टूर्नामेंट के फाइनल तक का सफर तय करने में सफल रही है।
प्लेयर्स टु वॉच
कोबी मीनू (इंग्लैंड): आंकड़ें बताते हैं कि मीनू की पास एक्यूरेसी 96 प्रतिशत जोकि यूरो चैंपियनशिप के इतिहास में सबसे बेस्ट है। 19 साल का यह सेंटर मिडफील्डर इस टूर्नामेंट के शुरुआत में कोच गारेथ साउथगेट के स्टार्टिंग इलेवन में शामिल नहीं था, लेकिन फाइनल में यह युवा सनसनी इंग्लिश टीम का सबसे भरोसेमंद पासर के तौर पर मैदान पर उतरेगा।
बुकायो साका (इंग्लैंड) बनाम डानी ओल्मो (स्पेन)
साका इंग्लैंड के लिए फाइनल में मुख्य खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। उन्होंने स्विट्जरलैंड के खिलाफ अपना बेस्ट खेल भी दिखाया था। स्विस आर्मी के खिलाफ 0-1 से पिछड़ती इंग्लैंड टीम की वापसी में साका ने टूर्नामेंट में अपना एकमात्र गोल किया था। साका वन ऑन वन बैटल में भी मास्टर हैं, जो फाइनल में इंग्लैंड के लिए इन्हें अहम प्लेयर बनाता है।
रोड्री की चोट के बाद डानी ओल्मो को मुख्य टीम में खेलने का मौका मिला। उन्होंने इस मौके को भुनाते हुए टूर्नामेंट तीन गोल किए और अपनी टीम को टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने में योगदान दिया। डानी मुख्य रोल के साथ असिस्ट करने के भी मास्टर हैं। उन्होंने इस टूर्नामेंट में दो असिस्ट भी किए हैं।
ये हैं टीन-एज सनसनी
जब स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने 2004 में अपना यूरो डेब्यू किया था तब स्पेन के लमिन यमाल और इंग्लैंड के कोबी मीनू का जन्म भी नहीं हुआ था। आज ये दो युवा टीन-एज सनसनी बर्लिन में होने वाले यूरो 2024 फाइनल में सबसे बड़े आकर्षण का केंद्र होंगे।