जयपुर में भारी बारिस से हाहाकार, अंडरपास में पिकअप डूबी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 03 अगस्त 2024 | जयपुर : जयपुर में पिछले दो दिनों में ही हुई तेज बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। घर, अंडरपास और सड़कों पर पानी भर गया। जगह-जगह गाड़ियां फंस गई और पूरी सड़क ही धंस गई।

जयपुर में भारी बारिस से हाहाकार, अंडरपास में पिकअप डूबी

जयपुर में भारी बारिश से हाहाकार

1. लोकेशन- निवारू रोड

हालात- एक तरफ की पूरी सड़क धंसी

जयपुर के निवारू रोड स्थित अंबे हॉस्पिटल तिराहे पर 30 बाई 50 फुट गहरा गड्ढा हो गया। यहां इस गड्डे सहित करीब 10 से ज्यादा जगह सड़क धंसी नजर आई। वहीं, वेद जी के चौराहे के पास सड़क पर हुए गड्ढे में पिकअप फंस गई। इसे जेसीबी की मदद से बाहर निकाला गया। अंबे हॉस्पिटल के तिराहे पर हुए गड्ढे कारण सड़क का एक तरफ का रास्ता बंद करना पड़ा।

जयपुर के आसपास के ग्रामीण इलाकों मे भी हालात भयावह हो गए हैं। लोगों के घर और खेत में पानी घुस गया। जब प्रशासन से मदद नहीं मिली तो लोग खुद ही मोटर लगाकर पानी निकालने लगे।

स्थानीय निवासी ने बताया गुरुवार शाम सड़क धंस गई थी। पहले छोटा गड्ढा था। इसमें पानी का रिसाव होता रहा। फिर गुरुवार शाम 5 बजे पूरी सड़क धंस गई। लोगों ने आरोप लगाया कि यहां ठेकेदार ने सड़क बनाते समय मापदण्डों का ध्यान नहीं रखा।

निवारू रोड स्थित अंबे हॉस्पिटल तिराहे पर एक तरफ की पूरी सड़क धंस गई।

निवारू रोड स्थित अंबे हॉस्पिटल तिराहे पर एक तरफ की पूरी सड़क धंस गई। स्थानीय दुकानदार ने बताया- जहां सड़क धंसी, उसके ठीक पीछे मेरी दुकान है। मेरे सामने ही पूरी सड़क धंस गई। पहले 20 फीट का गहरा गड्ढा हुआ, फिर सीवरेज लाइन नीचे से डैमेज हो गई, इसके बाद गड्ढे ने बड़ा रूप ले लिया। कलवाड़ा इलाके के घरों में भरा 3 फीट तक पानी।

कलवाड़ा इलाके के घरों में भरा 3 फीट तक पानी।

2. लोकेशन- महिंद्रा सेज स्थित कलवाड़ा

हालात- घरों में भरा पानी, लोगों ने खुद निकाला बाहर

जयपुर के अजमेर रोड महिंद्रा सेज स्थित कलवाड़ा में गुरुवार को हुई बारिश के बाद घरों में 3 फीट पानी भर गया। हालात इतने बिगड़ गए कि लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पाए। वाहनों में भी पानी भर गया। अंडरपास में फंसे चालाक को स्थानीय लोगों ने बमुश्किल बाहर निकला।

शुक्रवार सुबह तक यहां पानी भरा रहा। इसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पानी खाली करने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद स्थानीय लोगों ने खुद के स्तर पर ही पानी हटाना शुरू किया।

स्थानीय निवासी रूपेश कुमार ने बताया- हर बार बारिश के बाद कलवाड़ा में इसी तरह के हालात हो जाते हैं। कोई हम लोगों की समस्या पर ध्यान नहीं देता, क्योंकि यहां वीआईपी नहीं रहते हैं। अगर यही हाल सिविल लाइंस के हो जाए तो अधिकारी वहां तुरंत पहुंचकर समाधान में जुट जाते हैं। हम पिछले कई साल से इस समस्या से जूझ रहे हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

अंडरपास में फंसे चालाक को स्थानीय लोगों ने बमुश्किल बाहर निकला।

3. लोकेशन- सांगानेर में अंडरपास

हालात- 5 फीट पानी में फंसी पिकअप
जयपुर के सांगानेर में माल की ढाणी अंडरपास में बारिश के बाद हालात बिगड़े हुए हैं। बारिश के कारण अंडरपास में 5 फीट तक पानी भर गया। शुक्रवार सुबह अंडरपास से गुजर रही पिकअप पानी में फंस गई। इसे मौके पर मौजूद लोगों ने मुश्किल से बाहर निकाला। हालांकि इस दौरान पिकअप में रखा सामान पानी में भीगकर खराब हो गया।

स्थानीय निवासी रामकेश जाट ने बताया- हर बार बारिश में यहां पानी भरता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक हम कई बार इस समस्या को पहुंचा चुके हैं। लोग इस समस्या का समाधान नहीं कर रहे हैं।

इससे कभी भी यहां किसी व्यक्ति की जान जा सकती है। ऐसे में अगर जल्द से जल्द समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हम जनता के साथ मिलकर आंदोलन करेंगे। इस समस्या के समाधान को लेकर अब अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे। कालख गांव में घरों और खेतों में भरा पानी।

कालख गांव में घरों और खेतों में भरा पानी।

4. लोकेशन- कालख

हालात- गांव में भरा पानी

झोटवाड़ा विधानसभा के कालख गांव में बारिश के बाद 4 फीट तक पानी भर गया। गांव में हालात इतने बिगड़ गए कि 12 से ज्यादा घरों में और खेतों में पानी भर गया। इसकी वजह से घरों में रखा सामान खराब हो गया। स्थानीय युवक अमित कुमार ने बताया- पानी के निकासी के रास्ते में बड़ी संख्या में लोगों ने अतिक्रमण कर लिए हैं।

इसकी वजह से यह पानी अब गांव में भरने लगा है। इससे न सिर्फ हमारे घरों की नींव कमजोर हो रही है, बल्कि जंगली जानवरों का खतरा भी बढ़ रहा है। ऐसे में सरकार पानी की निकासी का सुगम रास्ता बनाए ताकि हम लोगों को मानसून में परेशान न होना पड़े। गोपालपुरा बाईपास की सड़कों पर भरा पानी।

गोपालपुरा बाईपास की सड़कों पर भरा पानी।

5. लोकेशन- गोपालपुरा बाईपास

हालात- सड़कों पर आज भी भरा रहा पानी

गुरुवार को बारिश के बाद शुक्रवार को गोपालपुरा बाईपास की सड़कों पर एक से दो फीट तक पानी भरा रहा। इससे इलाके में स्थित कई शोरूम के बेसमेंट में पानी भर गया। इससे व्यापारियों को लाखों का नुकसान हुआ है। कई शोरूम में लगे एसी खराब हो गए। मेयर मुनेश गुर्जर ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई।

मेयर मुनेश गुर्जर ने मौके पर पहुंचकर अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई।

मेयर बोली- दोषी अधिकारियों पर होगी कार्रवाई

जयपुर में गुरुवार को हुई बारिश ने शहर के बदहाल ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है। महज कुछ देर की बारिश के बाद ही शहर की सीवरेज लाइन ही धंस गई। इसकी वजह से पूरे इलाके में कीचड़ और गंदगी फैल गई।

इसके बाद शुक्रवार को नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर मौके पर पहुंची। अधिकारियों को लताड़ लगाकर इस पूरे मामले की एमएनआईटी से जांच कराने की बात कही।

उन्होंने कहा- महज कुछ ही दिन में इस तरह सीवरेज लाइन टूटना नगर निगम के अधिकारियों पर सवाल खड़े करता है। ऐसे में इस मामले की न सिर्फ एमएनआईटी से जांच करवाई जाएगी। बल्कि XEN और JEN जो इस मामले में दोषी है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

मालवीय नगर पुलिया के पास बनी ज्वेल्स ऑफ इंडिया मल्टी स्टोरी के बेसमेंट की पार्किंग में पानी भर गया।

मालवीय नगर पुलिया के पास बनी ज्वेल्स ऑफ इंडिया मल्टी स्टोरी के बेसमेंट की पार्किंग में पानी भर गया।

जयपुर में कल देर रात तक हुई बारिश के बाद निवारू रोड स्थित पुलिया के नीचे शुक्रवार को भी पानी जमा है।

जयपुर में कल देर रात तक हुई बारिश के बाद निवारू रोड स्थित पुलिया के नीचे शुक्रवार को भी पानी जमा है।

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MOOKNAYAK MEDIA

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प्रकृति भगवान से बढ़ी – धार्मिक यात्राओं पर क्यों होते हैं हादसे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 अगस्त 2025 | जयपुर – वैष्णोदेवी : जम्मू के कटरा स्थित वैष्णो देवी धाम के ट्रैक पर लैंडस्लाइड में मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर बुधवार को 31 हो गया। हादसा मंगलवार को दोपहर 3 बजे पुराने ट्रैक पर अर्धकुमारी मंदिर से कुछ दूर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास हुआ।

प्रकृति भगवान से बढ़ी – धार्मिक यात्राओं पर क्यों होते हैं हादसे

कल देर रात तक 7 लोगों के मरने की खबर थी, लेकिन सुबह आंकड़ा बढ़ गया। बड़े-बड़े पत्थर, पेड़ और मलबा में दबने से ज्यादा नुकसान। एक चश्मदीद ने बताया- बड़े-बड़े पत्थर अचानक गिरने लगे और सब तबाह हो गया।

अक्सर खबरों में सुनने और पढ़ने को मिलता है कि किसी पवित्र धाम के दर्शन करने जा रहे या वापस आ रहे लोगों का वाहन रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गया। जिसकी वजह से कई लोगों की मौतें हो जाती है। क्या आपने कभी गौर किया है अक्सर ऐसी दुर्घटनाएं पवित्र धाम के दर्शन करने के दौरान ही क्यों होती है।

प्रशासन का कहना है कि 23 से ज्यादा लोग जख्मी हैं। कई लापता हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल, इस इलाके में भारी बारिश की वजह से वैष्णो देवी यात्रा स्थगित कर दी गई है। मंगलवार को जम्मू शहर में 24 घंटे से भी कम समय में 250 मिमी से ज्यादा बारिश हुई। इससे कई जगहों पर बाढ़ जैसे हालात हैं। घरों और खेतों में पानी भर गया है।

नॉर्दर्न रेलवे ने भी आज जम्मू-कटरा से चलने वाली और यहां रुकने वाली 22 ट्रेनें रद्द की हैं। इसके अलावा 27 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। हालांकि, कटरा-श्रीनगर के बीच ट्रेन सर्विस जारी है।

लोगों की आपबीती: परिवार साथ था, पल में सब कुछ बिखर गया

  • एक श्रद्धालु ने बताया, ‘मैं और मेरा पूरा परिवार साथ जा रहे थे। मेरे बच्चे और पत्नी आगे निकल गए। फिर बहुत जोर से चट्टान गिरी। हमें कुछ समझ नहीं आया। अब मेरा बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा है। हम डरे हुए हैं। पल भर में हमारा सब कुछ बिखर गया।’
  • एक और व्यक्ति ने बताया, ‘मैं पीछे था। मेरे साथ आए 6 लोग मेरे आगे थे। आगे करीब 100 से ज्यादा लोग और भी थे। मैं अभी भी कांप रहा हूं। मेरे साथ आए लोगों का अभी तक कुछ पता नहीं चला।’
  • एक और महिला ने बताया, ‘हम माता रानी के दरबार में जा रहे थे। हमें कुछ समझ नहीं आया। मैं और मेरे पति तो बच गए पर मेरे तीनों बच्चे दब गए। सब कुछ तुरंत हो गया।’

पंजाब के मोहाली की रहने वाली किरण ने बताया, ‘मैं दर्शन करके पहाड़ से नीचे आ रही थी, तभी अचानक लोग चिल्लाने लगे। मैंने पत्थर गिरते हुए देखे। मैं किसी तरह सुरक्षित जगह की ओर भागी, लेकिन घायल हो गई।’ किरण के साथी एक और महिला ने बताया, ‘हम पांच लोग एक ग्रुप में थे, जिनमें से 3 घायल हैं।’

लैंडस्लाइड के बाद के हालात की 4 तस्वीरें…

रेस्क्यू टीम ने बुधवार को मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला।

रेस्क्यू टीम ने बुधवार को मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला

लैंडस्लाइड से मंगलवार को ट्रैक के टिनशेड गिरे, रेलिंग भी क्षतिग्रस्त हुई।

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पहाड़ से बड़े पत्थर गिरे, जिन्हें हटाने का काम बुधवार को भी किया गया।

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वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर काफी दूर तक लैंडस्लाइड का मलबा फैल गया।

वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर काफी दूर तक लैंडस्लाइड का मलबा फैल गया

जम्मू भारी बारिश से हालात खराब, 3500 लोगों का रेस्क्यू

जम्मू में मंगलवार को 11:30 से 5:30 बजे तक 6 घंटे में 22 सेमी बारिश हुई, जो अब तक की सबसे ज्यादा थी। आधी रात के बाद बारिश हुई। झेलम नदी का जलस्तर 22 फीट पार करने पर दक्षिण कश्मीर में बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है। जम्मू शहर, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कठुआ, उधमपुर समेत कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हैं। रियासी, रामबन, डोडा, कटरा, बनिहाल और आसपास हल्की बारिश जारी है।

राहत बचाव में जुटी एजेंसियों ने अभी तक सिर्फ जम्मू जिले में 3500 लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया है। पूरे जिले में बचाव शिविर और रिलीफ कैंप बनाए गए हैं। ज्यादातर बचाए गए लोगों को जम्मू के यूथ हॉस्टल में रखा गया है। सेना पूरे इलाके को तीन हिस्सों में बांट कर लोगों को बचा रही है। एक टीम आर्धकुमारी, एक टीम कटरा-ठक्कड़ कोट रोड और एक टीम जौरियन में काम कर रही है।

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IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक, देशभर के यूट्यूबर्स को मुंबई हाईकोर्ट से बड़ी राहत

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 21 सितंबर 2024 | जयपुर : केंद्र सरकार फैक्ट चेक यूनिट नहीं बना सकेगी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को IT एक्ट में किए गए संशोधन को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि IT एक्ट में संशोधन जनता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक, देशभर के यूट्यूबर्स को मुंबई हाईकोर्ट से बड़ी राहत

दरअसल, केंद्र सरकार ने 2023 में IT नियमों में संशोधन किया था। सरकार इसके जरिए सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर झूठी या फर्जी खबरों की पहचान करने के लिए फैक्ट चेक यूनिट (FCU) बना सकती थी।

IT एक्ट संशोधन असंवैधानिक

इसी साल 20 मार्च को अधिसूचना जारी कर कहा था कि फैक्ट चेक यूनिट सरकार की तरफ से फैक्ट चेक करने का काम करेगी। उससे पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना जारी नहीं करेगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के टाईब्रेकर जज ने सुनाया फैसला

जनवरी 2024 में बेंच में शामिल दो जजों जस्टिस गौतम पटेल और जस्टिस नीला न्यायमूर्ति ने अलग-अलग फैसला दिया था। इसके बाद यह केस टाईब्रेकर जज जस्टिस एएस चंदुरकर के पास भेजा गया था। जब दो जजों के फैसले पर अलग-अलग मत होते हैं तब इसे टाईब्रेकर जज के पास भेजा जाता है।

जस्टिस पटेल और जस्टिस गोखले ने क्या कहा था जस्टिस गौतम पटेल: संशोधित IT नियम सेंसरशिप के समान हैं।

जस्टिस गोखले: दिए जा रहे तर्कों के मुताबिक फ्री स्पीच पर विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा।

कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ने लगाई याचिका

IT नियमों में संशोधन के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने सबसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसमें तीन रूल को चुनौती दी गई थी। ये रूल केंद्र सरकार को झूठी ऑनलाइन खबरों की पहचान करने के लिए FCU बनाने का अधिकार देते हैं। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा था कि फेक न्यूज तय करने की शक्तियां पूरी तरह से सरकार के हाथ में होना प्रेस की आजादी के विरोध में है।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ये संशोधन सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के अधिकार क्षेत्र से बाहर हैं। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 19(1)(a)(g) (कोई भी पेशा अपनाने, या कोई व्यवसाय, व्यापार या कारोबार करने की स्वतंत्रता) का उल्लंघन करता है।

21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने फैक्ट चेक यूनिट बनाने पर रोक लगाई

केंद्र सरकार ने 20 मार्च 2024 को फैक्ट चेक यूनिट बनाने का नोटिफिकेशन जारी किया था। 21 मार्च को इस नोटिफिकेशन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। ये रोक तब तक के लिए लगाई थी, जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई ना कर ले। कोर्ट ने कहा था कि ये अभिव्यक्ति की आजादी का मामला है।

अश्विनी वैष्णव ने कहा था- केंद्र के लिए फैक्ट-चेक यूनिट जरूरी

केंद्रीय IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि केंद्र सरकार के लिए अपनी फैक्ट-चेक यूनिट स्थापित करना जरूरी है। सरकार अपनी नीतियों और अन्य योजनाएं से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए सबसे उपयुक्त है।

अश्विनी वैष्णव ने एक न्यूज चैनल के इवेंट में ये बातें कहीं। उन्होंने कहा- हाल ही में एक विपक्षी पार्टी ने पोस्ट किया कि भारतीय रेलवे के पैसेंजर्स 80% तक कम हो गए हैं। इस तरह की गलत जानकारी से बचने के लिए आपको रेलवे से सही आंकड़ा पूछना होगा। फैक्ट्स तो फैक्ट्स हैं।

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा- फैक्ट-चेक यूनिट को लेकर हमारा प्रस्ताव केंद्र के काम से संबंधित फैक्ट्स और आंकड़ों तक ही सीमित था। दुर्भाग्य से सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी। हालांकि, हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) के अंतर्गत फैक्ट चेक यूनिट (FCU) का गठन करने वाली केंद्र सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी। केंद्र ने एक दिन पहले बुधवार यानी 20 मार्च को ही आईटी यानी सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत फैक्ट चेक यूनिट को नोटिफाई किया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘यह यूनिट अभिव्यक्ति की आजादी के खिलाफ है।’ यह फैक्ट चेक यूनिट केंद्र सरकार के बारे में सोशल मीडिया में वायरल हो रही फर्जी सूचनाओं और पोस्ट की पहचान करने के साथ उसे प्रतिबंधित करने के लिए बनाई जानी थी।

CJI चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बॉम्बे हाईकोर्ट के 11 मार्च के आदेश को भी रद्द कर दिया, जिसमें फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाने पर रोक लगाने वाली याचिका को खारिज कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा और एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका पर यह फैसला दिया।

PIB फैक्ट चेक यूनिट मामले को सवाल-जवाब में समझिए

1. PIB फैक्ट चेक यूनिट कैसे काम करती है?

प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो यानी PIB फैक्ट चेक के जरिए सरकार से जुड़ी खबरों का खंडन करता है। कहने का मतलब अगर न्यूजपेपर/ऑनलाइन मीडिया/ या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर पब्लिश किसी खबर में सरकार के कामकाज को लेकर भ्रामक तथ्य हैं या सरकार या उसकी छवि खराब करने वाली बात कही गई है, तो उनका तथ्यों के साथ एनालिसिस कर फैक्ट चेक किया जाता है।

2. PIB फैक्ट चेक यूनिट फैक्ट चेक को कहां पोस्ट करती है

सोशल मीडिया X, फेसबुक, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और Koo पर @PIBFactCheck के नाम से अकाउंट है। यहीं पर खबरों का फैक्ट चेक कर पब्लिश किया जाता है। इसके अलावा https://pib.gov.in/factcheck.aspx पर भी जानकारी दी जाती है।

PIB की फैक्ट चेक यूनिट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भ्रामक दावों को लेकर अक्सर पोस्ट करती रहती है।

PIB की फैक्ट चेक यूनिट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भ्रामक दावों को लेकर अक्सर पोस्ट करती रहती है।

3. सरकार ने इस यूनिट को कब बनाया

PIB की वेबसाइट के अनुसार, इस यूनिट को नवंबर 2019 में शुरू किया गया था। ये न्यूजपेपर, ऑनलाइन मीडिया या अन्य किसी प्लेटफॉर्म पर पब्लिश किसी खबर में सरकार के कामकाज को लेकर भ्रामक तथ्य हैं या सरकार की छवि खराब करने वाली कोई बात कही गई है, तो उनका तथ्यों के साथ एनालिसिस कर फैक्ट चेक करती है।

4. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक क्यों लगाई?

PIB फैक्ट चेक यूनिट के पास पहले लीगल एक्शन लेने का अधिकार नहीं था। इसी को ध्यान में रखकर अप्रैल 2023 में सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 में संशोधन किए गए थे। इसके तहत कोई खबर या पोस्ट जो सरकार के बारे में गलत या भ्रामक जानकारी दे रही है, उसे PIB के सभी सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया जाएगा।

इसके बाद जिसने यह गलत या भ्रामक जानकारी दी थी, उसे यह हटाना पड़ेगा। अगर वह ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ लीगल एक्शन लिया जा सकता है। इसे 20 मार्च 2024 को सरकार ने नोटिफाई किया।

5. क्यों हो रहा है विरोध

IT नियमों में संशोधन के खिलाफ कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजीन ने सबसे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि ये नियम असंवैधानिक और मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं।

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने ये भी कहा था कि फेक न्यूज तय करने की शक्तियां पूरी तरह से सरकार के हाथ में होना प्रेस की आजादी के विरोध में है।

6. बॉम्बे हाईकोर्ट ने क्या फैसला दिया?

संशोधित याचिका पर फैसला देते हुए जस्टिस जीएस पटेल ने संशोधन के विरोध में और जस्टिस नीला गोखले ने उसके पक्ष में फैसला दिया था। जब मामला तीसरे जज जस्टिस चंदूरकर के पास गया तो उन्होंने संशोधन पर स्टे लगाने से मना कर दिया।

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हालांकि पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक वो फैक्ट चेक यूनिट की अधिसूचना जारी नहीं करेगी, लेकिन तीसरे जज के संशोधन पर रोक लगाने से मना करने के बाद कोर्ट ने सरकार को अधिसूचना लाने की इजाजत दे दी थी। बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से नाखुश याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस पर 21 मार्च को सुनवाई तय की गई थी।

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