मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 26 अगस्त 2024 | जयपुर : सुंदरता से ज्यादा महत्व सकारात्मक व्यक्ति और अच्छे विचारों का होता है। अगर कोई व्यक्ति दिखने में तो बहुत सुंदर है, लेकिन उसका व्यक्तित्व और विचार अच्छे नहीं हैं तो उसकी सुंदरता का महत्व खत्म हो जाता है। सुंदरता थोड़े समय के लिए आकर्षित कर सकती है, लेकिन जब बात लंबे समय तक रिश्ते निभाने की हो तो अच्छे विचारों को महत्व दिया जाता है।
सुंदरता से ज्यादा महत्व अच्छे विचारों और सकारात्मक व्यक्तित्व का होता है
‘सकारात्मक सोच’ वह शक्तिशाली सोच है जो व्यक्ति को उसके जीवन में घटने वाली प्रत्येक घटना के प्रति, एक सकारात्मक दृष्टि कोण अपनाने के लिए प्रेरित करती है और व्यक्ति अपने ऐसे दृष्टिकोण के कारण जीवन संबंधी घटनाओं को चाहे ये चुनौतीपूर्ण हो अच्छी तरह से सामना कर सकता है । न केवल वह उसका सामना कर पाता है बल्कि सफलता का वरण भी करता है।
सकारात्मक सोच एवं सामाजिक प्रभाव
विचार ही चरित्र का आधार है या यों कह सकते हैं कि विचार बीज है चरित्र उसका फल । अब व्यक्ति में सामाजिक विकास हेतु चरित्र या व्यक्तित्व का अत्यन्त प्रभाव पड़ता है यदि चरित्र सकारात्मक सोच पर आधारित है तो उसका सामाजिक प्रभाव भी अधिक पड़ेगा उदाहरण स्वरूप महात्मा गाँधी जी अपने चारित्रिक प्रभाव के कारण ही सारे विश्व में प्रसिद्ध हुई इसका कारण उनका अद्भुत सकारात्मक सोच चिंतन या विचार ही था।
सकारात्मक सोच के अभाव में व्यक्ति अपना जीवन अत्यंत दयनीय बना लेता है क्योंकि उसकी सोच नकारात्मक होने थे वह घटनाओं के प्रति नकारात्मक परिस्थितियों को ही आकर्षित करती है। जैसा कि ‘आकर्षण का नियम’ दर्शाता है व्यक्ति जैसा विचार रखता है जैसा वह सोचता है–बाह्य परिस्थितियाँ उसी के अनुरूप निर्मित होती है उसके समक्ष उपस्थित होती है।
इस एक उदाहरण के रूप में भी समझा जा सकता है–यदि एक व्यक्ति अपने मस्तिष्क में हमेशा यह विचार रखता है कि उसके जीवन में सब कुछ अच्छा है उसे कहीं किसी प्रकार की कमी नहीं है तो उसके जीवन में घटनाएं जो भी घटित होती है वह उसे विचलित या परेशान नहीं करती क्योंकि उसका हृदय में ‘आंतरिक विश्वास दृढ़ होता है कि जो भी हो रहा है वह अच्छा हो रहा है’ भविष्य में जो भी होगा वह अच्छा ही होगा–वास्तव में ऐसा ही होता उसकी परिस्थितियाँ उसके अनुकूल होते हुए उसके जीवन में सब कुछ अच्छा परिणाम देती हैं।
इस प्रकार इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारे सोच अत्यधिक शक्तिशाली एवं प्रभावशाली होते है । हमारी सोच जैसे होते हैं हमें उसी के अनुरूप परिणाम भी प्राप्त होते हैं यह कहना – बिल्कुल सही है कि सोच हमारे जीवन के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक सभी पक्षों को प्रभावित करता है।
सोच की ताकत
सकारात्मक सोच कि शक्ति बहुत बड़ी ताकत होती है। हम जिस विचार से अपने मन को मजबूती देते हैं उसी मजबूती से हम कार्य कर सकते हैं। मन मे अच्छे विचार से भविष्य मे अच्छे कदम उठाने मे बहुत मदद मिलती है। इससे हम किसी भी काम को आसानी से करने मे बहुत मदद मिलती है। हम इसे जिंदगी मे आशा कि किरण भी कह सकते हैं। जो अंधकार या बुरे समय मे हमको बचाये रखती है।
सकारात्मक सोच से ही मनुष्य यह निर्धारित कर सकता है कि भविष्य मे वह कैसा व्यक्ति बनता है। जैसी हमारे सोच होती है हम आगे चलकर वैसे ही बनते हैं जिस तरह से हमारे विचार होंगे उसी तरह से हम होंगे। अब यह हमको सोचना है कि सकारात्मक विचार किस तरह हमारे जीवन को सफल बना देता है।
सकारात्मक दृष्टिकोण के उदाहरण
सकारात्मक दृष्टिकोण इस बात को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है कि हम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से कैसे निपटते हैं, जिससे हम संभावित असफलताओं को विकास के रास्ते में बदल पाते हैं। उदाहरण के लिए, नौकरी छूटने के बाद, सकारात्मक आत्म-चर्चा पर विचार करने और अभ्यास करने में समय बिताने से अनुभव को व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास के अवसर में बदलने में मदद मिल सकती है। अपने आप को सकारात्मक लोगों के साथ घेरना भी लचीलापन और आशावाद को मजबूत कर सकता है।
कार्यस्थल पर तनावपूर्ण स्थितियों में, ध्यान का अभ्यास करना एक महत्वपूर्ण मुकाबला कौशल हो सकता है, जो शांति और ध्यान बनाए रखने में मदद करता है। नकारात्मक लोगों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए उनके निराशावाद को अवशोषित करने से रोकने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना शामिल है।
इसी तरह, ट्रैफ़िक जाम जैसे नियमित कार्यों में आनंद प्राप्त करना, प्रेरक ऑडियो सामग्री के साथ जुड़कर थकाऊ क्षणों को समृद्ध अनुभवों में बदल सकता है। ये रणनीतियाँ बताती हैं कि कैसे एक सकारात्मक मानसिकता, मजबूत मुकाबला कौशल और सही सामाजिक वातावरण द्वारा समर्थित, एक स्वस्थ, अधिक संतोषजनक जीवन की ओर ले जा सकती है।