संविधान के घर को आग लगी घर के चिराग से, जज लोया को नमन

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 13 सितंबर 2024 |  जयपुरआज रात, पूरा देश देख रहा है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश के आवास से परेशान करने वाले दृश्य आ रहे हैं। न्यायपालिका की पवित्रता को अपने दिल के करीब रखने वालों के लिए, यह एक अशुभ संकेत है – न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच मौजूद दूरी का खतरनाक क्षरण। रेखाओं के धुंधलेपन का सार्वजनिक प्रदर्शन।

संविधान के घर को आग लगी घर के चिराग से, जज लोया को नमन

भारत में संवैधानिक लोकतंत्र और न्यायिक स्वतंत्रता पर भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में अपने वाक्पटु भाषणों के लिए जाने जाने वाले बड़े आदमी ने प्रथम वर्ष के कानून के छात्रों को पढ़ाए जाने वाले एक बुनियादी सिद्धांत को भूल गए हैं: शक्तियों का पृथक्करण।

संविधान के घर को आग लगी घर के चिराग से

इससे भी अधिक चिंताजनक यह है कि यह न केवल भारत के भावी मुख्य न्यायाधीशों के लिए, बल्कि पूरे देश में सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों के प्रत्येक न्यायाधीश के लिए एक बिल्कुल खतरनाक संकेत है।

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मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने इस एक कृत्य से अपनी विरासत से कहीं अधिक महत्वपूर्ण चीज को खतरे में डाल दिया है। उन्होंने संभावित रूप से पूरे संस्थान की अखंडता से समझौता किया है। न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में, उन्हें इसकी स्वतंत्रता की रक्षा करनी थी ताकि लोग न्यायपालिका को स्वतंत्र समझें। लेकिन यह दृश्य एक विपरीत तस्वीर पेश करता है।

वर्तमान सरकार अदालतों के सामने सबसे बड़ी वादी है। दोनों के बीच इस तरह की बढ़ती मित्रता लोकतंत्र के लिए विनाश का संकेत है। इसके परिणाम अदालतों से कहीं आगे तक फैलते हैं। इसका आगे आने वाले मामलों के लिए क्या मतलब है?

आश्चर्य की बात यह है कि बार, वकील, चाहे वे किसी भी विचारधारा के हों, जिनका कर्तव्य चुनौती देना, सवाल उठाना और बेंच को जवाबदेह ठहराना है, वे स्पष्ट रूप से गायब हैं! सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन कहाँ है? अगर वे जिस संस्थान में प्रैक्टिस करते हैं, उसे समझौतावादी माना जाता है, तो फिर क्या होगा?

क्योंकि मुख्य न्यायाधीश के आवास पर जो दृश्य सामने आ रहा है, वह सिर्फ दिखावे के लिए नहीं है, है न? यह न्यायिक स्वतंत्रता के विचार के अस्तित्व के बारे में है! उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों, सुप्रीम कोर्ट में सेवानिवृत्ति के बाद के पदों के लिए, अपने बच्चों के लिए आरामदायक नियुक्तियों के लिए, खुद की पदोन्नति के लिए झुकने की फुसफुसाहटें तेज होती जा रही हैं।

अगर इस सड़ांध को अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह और भी गहरी होती जाएगी। क्या भारत के मुख्य न्यायाधीश ने इस बारे में सोचा भी था कि इससे उस संस्थान को कितना नुकसान हुआ है, जिससे वे इतना प्यार करने का दावा करते हैं?

कुछ माननीय अपवादों को छोड़कर, हमारे सांसदों ने भी इसका संज्ञान नहीं लिया है। क्या विपक्ष के नेता को विवेकशील होकर बयान जारी नहीं करना चाहिए? क्या अन्य सांसदों को इसकी निंदा नहीं करनी चाहिए और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के महत्व की स्पष्ट रूप से पुष्टि नहीं करनी चाहिए?

उन्होंने अतीत में ऐसा किया था जब सेना प्रमुख राजनीतिक बयान जारी कर रहे थे। उन्हें यहाँ क्या रोकता है? ट्विटर पर एक मात्र टिप्पणी तीसरे स्तंभ के लिए कोई अच्छा काम नहीं करती। हमारे सांसदों को आगे आना चाहिए। यह संविधान के लिए उतना ही विनाशकारी है जितना कि वे मोदी सरकार पर आरोप लगाते हैं।

जज लोया की रहस्यमयी ढंग से हुई मौत को लेकर पत्रकार

जज लोया ने संविधान की गरिमा की अंतिम क्षण तक अक्षुण रखी, उन्हें कोटिश नमन! कारवाँ मैगज़ीन पर इनवेस्टिगेटिव रिपोर्ट की थी। निरंजन टाकले जी उन सुरागों को खोजकर लाए, जो मज़बूत आधार देते थे कि लोया की मौत की जाँच होनी चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों ने इस PIL को ख़ारिज कर दिया। पर वे अपने फ़ैसलों से कई बार चौंकाते हैं। जज लोया मामले में उनकी टिप्पणियों ने मुझे काफ़ी निराश किया। जज लोया की मौत की जाँच होनी चाहिए। जाँच, न्याय की पहली सीढ़ी है।

जज लोया की मौत का मामला भारत में एक गंभीर और संवेदनशील मुद्दा है। पत्रकार निरंजन टाकले की रिपोर्ट ने इस मामले में कई सवाल उठाए थे और जाँच की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा PIL को खारिज करना और जस्टिस चंद्रचूड़ की टिप्पणियों से आपकी निराशा स्वाभाविक है, खासकर जब यह मामला न्याय की प्रक्रिया और पारदर्शिता से जुड़ा हो।

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जब न्यायालय की ओर से किसी मामले की जाँच की मांग को ठुकराया जाता है, तो यह उन लोगों के लिए निराशाजनक हो सकता है जो निष्पक्षता और स्पष्टता की अपेक्षा रखते हैं। न्याय की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही महत्वपूर्ण हैं, और जाँच की मांग इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

“इसलिए मूकनायक मीडिया ब्यूरो सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों से आग्रह करता है कि वे इस तरह की घटनाओं की संभावना के प्रति सचेत रहें, जिससे राज्यों में भी एक प्रवृत्ति स्थापित हो सकती है, जहां मुख्य न्यायाधीश अनौपचारिक रूप से मुख्यमंत्रियों और अन्य राजनीतिक हस्तियों से मिल सकते हैं, जिससे न्यायपालिका में लोगों का विश्वास खत्म हो सकता है।”

सबसे अच्छा संदिग्ध आचरण अंतिम हो ताकि देश का संविधान अक्षुण रहे।

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    सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची, PSO गिरफ्तार

    मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अजमेर : एसओजी ने शुक्रवार देर रात SI पेपर लीक से जुड़े मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को गिरफ्तार किया है। राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है।

    सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची

    मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पोस्ट की। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करें। एसओजी रात से दोनों से पूछताछ कर रही है। अब तक जांच में सामने आया है कि राजकुमार यादव ने बेटे के लिए सब इंस्पेक्टर का पेपर खरीदा था। राजकुमार यादव का बेटा भरत यादव भर्ती एग्जाम में पास हो गया था। इसके बाद फिजिकल में फेल हो गया।

    अशोक गहलोत के सीएम रहने के दौरान राजकुमार यादव उनकी सुरक्षा में तैनात था। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद अशोक गहलोत का PSO लग गया था। इन्हें कोर्ट में पेश कर दिया गया है। अब रिमांड पर लिया जाएगा। शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

    शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

    पूर्व वर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये

    मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मैंने कई बार दोहराया था कि पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये। आज SI भर्ती में SOG की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हो गई है। यदि गहलोत सरकार की नकल माफिया के साथ साठगांठ नहीं होती तो युवाओं के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं होता।

    अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा…

    मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी।

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    अब पढ़िए… 2021 की भर्ती का सिलसिलेवार घटनाक्रम

    • RPSC ने साल 2021 में सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली थी।
    • भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे, सरकार ने जांच SOG को दी। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।
    • भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 18 नवंबर, 6 जनवरी और 9 जनवरी को पूरी भर्ती प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश दिए थे।
    • हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी करते हुए भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक आज भी जारी है।

    नयी भर्ती 2025 की कवायद शुरू

    राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन कल यानि 10 अगस्त से शुरू होंगे। इसके लिए आवेदन की लास्ट डेट 8 सितंबर तक है। आयोग ने इसके लिए एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित की है।

    साल 2021 में निकाली गई सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। फिलहाल इसे रद्द करना है या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

    सब इंस्पेक्टर भर्ती की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग Link

    आवेदन संबंधित जानकारी

    • शैक्षणिक योग्यता– किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री, अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इंटरव्यू शुरू होने की डेट तक तय योग्यता होना जरूरी है।
    • आयु सीमा, तीन साल की छूट– कैंडिडेट्स की आयु 1 जनवरी 2026 को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 25 साल होनी चाहिए। आयोग की ओर से इससे पहले साल 2021 में भर्ती निकाली गई थी। इसलिए इस बार कैंडिडेट्स को तीन साल की अतिरिक्त छूट दी गई है।
    • सिलेक्शन– लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से चयन होगा। विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी होगा। लिखित परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे।
    • परीक्षा – मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में (ऑफलाइन/ऑनलाइन) ली जाएगी। एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित है।

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    जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

    मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अलवर : लालकोठी इलाके में सांगानेरी गेट के पास पकड़ी गई 1800 किलो मिलावटी पनीर से भरी पिकअप हरियाणा के नूंह स्थित अगोन से आई थी। जब्त किया गया मिलावटी बदबूदार पनीर जयपुर के 3 ठिकानों पर सप्लाई होना था। पुलिस ने पिकअप में सवार नूंह के फिरोजपुर निवासी मनीष, मुफीद व अलवर के किशनगढ़ निवासी शालीम को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया।

    जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

    अब पुलिस पनीर सप्लाई होने वाले ठिकानों की तलाश कर रही है। लालकोठी थानाधिकारी बन्नालाल ने बताया कि पिकअप में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में थड़ी मार्केट, जयसिंहपुरा खोर व वीकेआई 14 नंबर के पास सप्लाई होना था।

    आगे इन्हें पनीर सप्लायर तसलीन, तोफिक, विक्की, शेरू, समीर, जुम्मन, सद्दाम व यासीन लंगड़ा नाम के सप्लायर मिलने थे, लेकिन उनकी लोकेशन इनके पास नहीं है। वो सप्लायर इनसे खुद संपर्क करते तो ही माल आगे सप्लाई होता। ऐसे में पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

    नेटवर्क खंगालने में जुटी टीम

    28 पैकेट में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में तीन ठिकानों पर होलसेल का काम करने वाले दलालों को सप्लाई होना था। इसके बाद वो दलाल अलग-अलग दुकानदारों को सप्लाई करते है। ऐसे में पुलिस टीमें पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरगना अरशद अगोन से रोजाना दो पिकअप माल भरकर जयपुर भेजता है। हर बार सप्लाई में अलग लड़के आते थे।

    हर बार सप्लाई में अलग-अलग लड़के भेजता था

    गिरोह का सरगना अरशद अगोन में मिलावटी पनीर की फैक्ट्री चलाता है, जो जयपुर सहित कई शहरों में रोज हजारों किलो पनीर सप्लाई करता है। अरशद हर बार सप्लाई के लिए अलग गाड़ी, अलग लड़के और उनके साथ खुद के अलग-अलग मोबाइल देकर भेजता था, ताकि कोई उन्हें ट्रेस नहीं कर सके।

    पकड़े गए तीनों आरोपी करीब डेढ़ साल से अरशद के साथ काम करते है। जैसे यहां पकड़े गए आरोपी शुक्रवार को जयपुर आये थे, लेकिन अगले चक्कर में ये किसी अन्य शहर में सप्लाई को जाते और यहां दूसरे लड़के भेजे जाते है। कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पनीर के सैंपल लेने के बाद जेसीबी से गड्ढ़ा खोदकर बदबूदार पनीर को नष्ट करवा दिया।

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