स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम से लोट रही स्कूली बच्चों से भरी वैन दुर्घटनाग्रस्त, 11 घायल

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 15 अगस्त 2025 | जयपुर – कोटा : स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम से लोट रही स्कूली बच्चों से भरी वैन दुर्घटनाग्रस्त, 11 घायल। कोटा के सांगोद थाना क्षेत्र में खानपुर रोड पर वैन व कार के बीच आमने सामने की टक्कर हो गई। हादसे के बाद वैन पलट गई। वैन में सवार 11 स्कूली बच्चे घायल हो गए। घटना दोपहर 12 बजे के आसपास सांगोद जोलपा रोड़ की है।

स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम से लोट रही स्कूली बच्चों से भरी वैन दुर्घटनाग्रस्त, 11 घायल

घायल बच्चों को इलाज के लिए सांगोद अस्पताल लाया गया। यहां से 5 बच्चों को इलाज के लिए कोटा रैफर किया गया है। सभी बच्चे स्कूल से स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में शामिल होकर वापस अपने गांव चतरपुरा लौट रहे थे। हादसे के बाद सड़क किनारे पलट गई वैन।

घायल बच्चों की उम्र 7 से 15 साल

सांगोद SHO लाखन सिंह ने बताया कि सभी बच्चे एवरग्रीन स्कूल में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में शामिल होकर अपने गांव लौट रहे थे। वैन में 7 से 15 साल उम्र के 11 बच्चे सवार थे। जोलपा रोड़ पर वैन व स्विफ्ट कार में आमने सामने की टक्कर हुई। इसके बाद वैन पलट गई। सूचना पर मौके पर पहुंचे।

5 बच्चों को इलाज के लिए कोटा रैफर किया गया है।

5 बच्चों को इलाज के लिए कोटा रैफर किया गया है।

5 बच्चों को रैफर किया गया

घायल बच्चो को इलाज के लिए सांगोद सीएचसी लाया गया। घायल 5 बच्चे व वैन ड्राइवर को इलाज के लिए कोटा रैफर किया है। कुछ बच्चों के हल्की चोट लगी है। कार को जब्त कर थाने लाए है। चालक को भी पकड़ा है। मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। इनके अलावा ड्राइवर भी घायल हुआ है। छात्र रितिक मेहरा व वैन ड्राइवर रोहित का कोटा के न्यू मेडिकल कॉलेज होस्पिटल में इलाज चल रहा है। दोनों के सिर में चोट लगी है।

ये हुए घायल

  • रितिक मेहरा, 14 साल
  • सागर उर्फ सियाराम, 14 साल
  • रघुवीर, 14 साल
  • कृतिका, 14 साल
  • कृष्ण, 16 साल
  • हेमंत
  • कपूर
  • नाभ्या
  • जेवदिया
  • चिराग
  • रोहित (वैन ड्राइवर)

जॉइंट डायरेक्टर शिक्षा विभाग रूप सिंह मीणा ने बताया कि हादसे की सूचना पर शिक्षा विभाग की टीम मौके पर पहुंची। बच्चो की केयर में कही कोई दिक्कत नहीं हो इसलिए एक टीम हॉस्पिटल में मौजूद है।हॉस्पिटल प्रशासन से बात करके बच्चो का बेहतर इलाज करवाने की कोशिश कर रहे। रितिक व ड्राइवर का एक्सरे करवाया है। तीन चार ओर बच्चों को कोटा लाया जा रहा है।

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राजस्थान में दो लाख स्कूल शिक्षकों के पद खाली भर्ती का इंतजार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 सितंबर 2024 |  जयपुर : एक तरफ प्रदेश के बेरोजगार युवा स्कूल व्याख्याता और वरिष्ठ अध्यापक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी स्कूलों में इन दोनों ही कैडर के 42 हजार से अधिक पद खाली पड़े हैं।

राजस्थान में दो लाख स्कूल शिक्षकों के पद खाली भर्ती का इंतजार

इतनी बड़ी संख्या में खाली पद होते हुए भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की दो महीने की मासिक रिपोर्ट का अध्ययन किया जाए तो एक जुलाई के बाद एक सितंबर तक व्याख्याताओं के खाली पदों में 4439 बढ़ोतरी हो गई।

राजस्थान में दो लाख शिक्षकों के पद खाली

एक जुलाई को व्याख्याताओं के खाली पद 12846 थे, जो सितंबर में बढ़कर 17285 पहुंच गए। इसी तरह वरिष्ठ अध्यापकों के खाली पद भी जुलाई में 25396 के मुकाबले सितंबर में 25502 पहुंच गए। इन दोनों कैडर के सितंबर में खाली पदों की संख्या 42787 है।

इन दोनों ही पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग भर्ती निकालता है। माध्यमिक शिक्षा में सभी कैडर के कुल पदों की संख्या 370873 है, इनमें से 125081 पद खाली पड़े हैं। इतनी बड़ी संख्या में पद खाली होने के बावजूद युवा बेरोजगार भर्तियों का इंतजार कर रहे हैं।

खाली पदों से पढ़ाई प्रभावित

माध्यमिक शिक्षा में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 23555 पद खाली पड़े हैं। इस कैडर के 103087 पद स्वीकृत है। इनमें से 79532 पद भरे हुए हैं। पिछले दिनों व्याख्याता से वाइस प्रिंसिपल के पद पर पदोन्नति की गई थी। इस कारण एक साथ व्याख्याता के खाली पद बढ़ गए। वर्तमान में वाइस प्रिंसिपल के 12424 पद स्वीकृत हैं, इनमें से 7526 पद खाली हैं। पिछले दिनों पदोन्नति से 4898 पद भर गए थे।

खाली पदों से पढ़ाई प्रभावित – वरिष्ठ अध्यापक और स्कूल व्याख्याता के इतनी बड़ी संख्या में पद खाली रहने से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई स्कूलों में विषय अध्यापक नहीं है। अगर नई भर्ती भी निकलती है तो इस साल बच्चों को नए वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता मिलना मुश्किल हैं।

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ऐसे में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे रहेगी। वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक के 591 में से 358 पद और बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक के 9862 में से 3539 पद खाली पड़े हैं। इसी तरह से पूर्व प्राथमिक अध्यापक के 2020 में से 1257 पद खाली पड़े हैं।

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एक लाख टीचर्स की डिग्री की सत्यता रिकॉर्ड की दोबारा जांच

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 20 जुलाई 2024 | जयपुर :  भाजपा सरकार के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में खलबली शुरू हो गई है। अब कांग्रेस राज में नियुक्ति पाने वाले करीब एक लाख टीचर्स के रिकॉर्ड की दोबारा जांच हो रही है। डिग्री की सत्यता जांचने जांच दल संबंधित विश्वविद्यालयों में भी जाएगा। इसके अलावा एग्जाम सेंटर पर किए गए हस्ताक्षर की भी चैकिंग होगी।

एक लाख टीचर्स की डिग्री की सत्यता रिकॉर्ड की दोबारा जांच

ये जांच ग्रेड थर्ड से प्रिंसिपल स्तर तक नियुक्ति पाने वाले टीचर्स की हो रही है। सभी की डिग्री, मार्कशीट और अन्य कागजात की चैकिंग शुरू हो गई है। ग्रेड थर्ड और सेकेंड के टीचर्स के रिकार्ड की जांच जिला शिक्षा अधिकारी और उप निदेशक स्तर पर की जा रही है।

वहीं लेक्चरर और हेड मास्टर स्तर के कैंडिडेट का रिकॉर्ड शिक्षा निदेशालय जांच रहा है। हाल में SOG ने फर्जी डिग्री देने वाले दो यूनिवर्सिटी संचालकों को भी गिरफ्तार किया था। जिसमें पीटीआई भर्ती सहित कुछ अन्य भर्तियां शामिल है।

टीचर्स की डिग्री की सत्यता रिकॉर्ड की दोबारा जांच

टीचर्स के डॉक्यूमेंट का फिर से होगा वैरिफिकेशन

माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने कहा कि कार्मिक विभाग के आदेश पर पिछले पांच साल में हुई नियुक्तियों के डॉक्यूमेंट का फिर से वैरिफिकेशन किया जा रहा है। खासकर जिनकी नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं। 

दोनों निदेशालय कर रहे हैं जांच

प्रारम्भिक और माध्यमिक दोनों ही शिक्षा निदेशालय फर्जी तरीके से लगे टीचर्स का पता लगा रहे हैं। ग्रेड थर्ड टीचर्स की भर्ती प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के माध्यम से हुई थी। वहीं ग्रेड सेकेंड व इससे ऊपर के टीचर्स की भर्ती माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने की। ऐसे में दोनों निदेशालय इस पर काम कर रहे हैं।

ऐसे होगी नियुक्ति की जांच

साल 2019 से 2024 तक नियुक्ति पाने वाले सभी टीचर्स के फॉर्म वापस निकाले जा रहे हैं। आवेदन में लगे सभी तरह के कागजों की नए सिरे से जांच की जाएगी। ये पता लगाया जाएगा कि रिकॉर्ड में लगी डिग्री सही है या नहीं? इसके लिए संबंधित यूनिवर्सिटी को पत्र लिखा जाएगा और पुष्टि की जाएगी।

जरूरत पड़ने पर निदेशालय से एक टीम उस यूनिवर्सिटी में जाएगी, जिसकी डिग्री रिकॉर्ड में लगाई गई है। इसके साथ ही बीएड और डीपीएड करने वाले टीचर्स की डिग्री भी संबंधित विभाग को भेजी जाएगी। डीएलएड करने वाले टीचर्स का रिकॉर्ड पहले से शिक्षा निदेशालय के पास है। इनसे मिलान किया जाएगा।

एग्जाम सेंटर से हस्ताक्षर की होगी जांच

राज्य सरकार ने आदेश दिया है कि भर्ती परीक्षा में संबंधित कैंडिडेट बैठा या नहीं? कहीं कोई डमी कैंडिडेट तो एग्जाम देकर नहीं चला गया, इसकी भी जांच की जाए। इसके लिए एग्जाम सेंटर पर किए गए हस्ताक्षर की जांच होगी।

कैंडिडेट के हस्ताक्षर में अंतर होगा तो आगे कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीसीटीवी कैमरे से जांच संभव नहीं है। इतने लंबे समय तक रिकार्ड उपलब्ध नहीं रहता। प्रारम्भिक और माध्यमिक दोनों ही शिक्षा निदेशालय टीचर्स के डॉक्युमेंट की जांच कर रहे है।

राजस्थान यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वालों की नहीं होती जांच

राजस्थान से बाहर से डिग्री लेकर नियुक्ति पाने वाले टीचर्स की डिग्री की जांच होती है। इसके लिए एक टीम भी संबंधित यूनिवर्सिटी भेजी जाती है। राजस्थान यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले टीचर्स के रिकॉर्ड की जांच नहीं होती। अब इनकी भी जांच की जाएगी।

कांग्रेस राज में अन्य विभागों में हुई नियुक्तियां

पिछले 5 साल में नियुक्ति सिर्फ शिक्षा विभाग में ही नहीं हुई। अन्य विभागों में भी बड़ी संख्या में नौकरी दी गई। ऐसे में इनकी भी छानबीन की जा सकती है। कार्मिक विभाग ने जांच का आदेश दिया है, जो सभी विभागों पर समान रूप से लागू होता है। अन्य विभागों में हुई नियुक्ति…

SOG ने फर्जी डिग्री देने वाले यूनिवर्सिटी संचालकों को पकड़ा था

हाल में SOG ने फर्जी डिग्री मामले में दो यूनिवर्सिटी संचालकों को पकड़ा था। जिसमें ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के संचालक जोगेन्द्र सिंह (55) पुत्र ओमप्रकाश दलाल निवासी रोहतक हरियाणा, और सनराइज एंड एमके यूनिवर्सिटी के संचालक जितेंद्र यादव (38) पुत्र जिले सिंह निवासी नारनौल, हरियाणा को गिरफ्तार किया गया था।

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