इमरजेंसी के लिए मेडिकल हिस्ट्री मोबाइल या वॉलेट में रखें

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 21 जुलाई 2024 | बाड़मेर : सेहत के जोखिम किसी को कभी भी, कहीं भी परेशान कर सकते हैं। ऐसे में हर सेकंड कीमती होता है। अगर हेल्थ एक्सपर्ट मरीज तक पहुंच भी जाएं तो भी उनकी सेहत संबंधी बुनियादी जानकारी के बिना उपचार नहीं दे सकते।

इमरजेंसी के लिए मेडिकल हिस्ट्री मोबाइल या वॉलेट में रखें

राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के पूर्व डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा का कहना है कि मरीज तो कुछ जानकारी नहीं दे पाएगा। ऐसे में हमें उसकी दवाओं या सेहत की जानकारी के लिए कपबोर्ड, फ्रिज जैसी चीजें खंगालनी पड़ती हैं।

जान बचाने के लिए Emergency SOS

इस नाजुक वक्त में कुछ टिप्स जिंदगी बचा सकते हैं और डॉक्टर्स का काम आसान बना सकते हैं। मेडिकल डेटा को डिजिटल फॉर्मेट में रखें, बाहर होने पर भी मदद मिल सकेगी जानिए इनके बारे में… 

स्टेप-1: अपनी डिटेल्स लिखकर रखें

प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा कहते हैं, एक मोटे कागज या शीट पर अपना नाम, जन्म तारीख, मेडिकल हिस्ट्री, इमरजेंसी कॉन्टैक्ट नंबर के साथ जो दवाएं ले रहे हैं उनके बारे में स्पष्ट लिखें। इनके डोज और किसी तरह की एलर्जी हो तो उसका भी जिक्र करें। ​​​​​​

प्रोफ़ेसर मीणा कहते हैं, सेहत संबंधी जानकारी जितनी ज्यादा होगी, उतना ही बेहतर होगा।’ उदाहरण के लिए अगर ब्लड चढ़ाने की जरूरत हो तो ब्लड ग्रुप पता होने से मदद मिल सकेगी। इस शीट को वाटरप्रूफ पाउच में सहेजकर वॉलेट में रख लें। अगर लेमिनेशन करा सकें तो ज्यादा बेहतर होगा। शीट की बड़ी कॉपी घर पर भी रखें।

स्टेप-2: शीट आसानी से मिल सके

डॉ सावर्णिका सुझाव देती हैं कि शीट ऐसी जगह पर रखें कि खोजना न पड़े। इसे फ्रिज या दरवाजे पर चिपका सकते हैं। जिससे इमरजेंसी के वक्त तत्काल जानकारी मिल जाए। इससे आप पैरामेडिक्स के टाइम की बचत कर सकते हैं।

इमरजेंसी कॉल के दौरान आपकी यही जानकारियां डिस्प्ले होती हैं।

मेडिकल कार्ड में ऐसे सेव करें जानकारियां

  1. सबसे पहले स्मार्टफोन की Settings में आना होगा।
  2. अब Security के ऑप्शन पर टैप करना होगा।
  3. अब स्क्रॉल डाउन कर Emergency SOS पर टैप करना होगा।
  4. अब Emergency information पर टैप करना होगा।
  5. अब Medica

मेडिकल कार्ड क्या है

दरअसल, मेडिकल कार्ड के साथ सेव की गई जानकारियों को इमरजेंसी कॉल या डिजास्टर अलर्ट पेज पर डिस्प्ले किया जाता है। यह जानकारियां आपकी मदद करने वाले पहले शख्स को डिस्प्ले होती हैं। मेडिकल कार्ड के साथ स्मार्टफोन यूजर अपने बारे में बेसिक जानकारियां सेव कर सकता है।

प्रोफ़ेसर मीणा कहते हैं कि घर के सदस्य कई बार उन्हें दवाई का बॉक्स या प्रिस्क्रिप्शन का पुलिंदा दे देते हैं, इससे चुनौती बढ़ जाती है। हर सेकंड मायने रखता है। हार्ट अटैक या स्ट्रोक के दौरान मस्तिष्क तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है, तो पांच मिनट में ही उसे भारी नुकसान हो सकता है।

स्टेप-3: इन्फो मोबाइल में भी सेव करें

प्रोफ़ेसर मीणा बताती हैं,‘अपना जरूरी मेडिकल डेटा मोबाइल फोन में भी रखें। इसका एक्सेस आसान हो। गंभीर स्थिति में एक्सपर्ट से सलाह लेनी हो तो मोबाइल डेटा कारगर रहता है। मैनुअल डेटा के फोटो लेकर साझा करने में वक्त लग सकता है। इसके अलावा घर से बाहर हैं या ट्रैवल कर रहे हैं तो मोबाइल से जानकारी लेना आसान रहता है। एप में भी हेल्थ डेटा सुरक्षित रख सकते हैं।

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जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अलवर : लालकोठी इलाके में सांगानेरी गेट के पास पकड़ी गई 1800 किलो मिलावटी पनीर से भरी पिकअप हरियाणा के नूंह स्थित अगोन से आई थी। जब्त किया गया मिलावटी बदबूदार पनीर जयपुर के 3 ठिकानों पर सप्लाई होना था। पुलिस ने पिकअप में सवार नूंह के फिरोजपुर निवासी मनीष, मुफीद व अलवर के किशनगढ़ निवासी शालीम को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया।

जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

अब पुलिस पनीर सप्लाई होने वाले ठिकानों की तलाश कर रही है। लालकोठी थानाधिकारी बन्नालाल ने बताया कि पिकअप में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में थड़ी मार्केट, जयसिंहपुरा खोर व वीकेआई 14 नंबर के पास सप्लाई होना था।

आगे इन्हें पनीर सप्लायर तसलीन, तोफिक, विक्की, शेरू, समीर, जुम्मन, सद्दाम व यासीन लंगड़ा नाम के सप्लायर मिलने थे, लेकिन उनकी लोकेशन इनके पास नहीं है। वो सप्लायर इनसे खुद संपर्क करते तो ही माल आगे सप्लाई होता। ऐसे में पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

नेटवर्क खंगालने में जुटी टीम

28 पैकेट में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में तीन ठिकानों पर होलसेल का काम करने वाले दलालों को सप्लाई होना था। इसके बाद वो दलाल अलग-अलग दुकानदारों को सप्लाई करते है। ऐसे में पुलिस टीमें पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरगना अरशद अगोन से रोजाना दो पिकअप माल भरकर जयपुर भेजता है। हर बार सप्लाई में अलग लड़के आते थे।

हर बार सप्लाई में अलग-अलग लड़के भेजता था

गिरोह का सरगना अरशद अगोन में मिलावटी पनीर की फैक्ट्री चलाता है, जो जयपुर सहित कई शहरों में रोज हजारों किलो पनीर सप्लाई करता है। अरशद हर बार सप्लाई के लिए अलग गाड़ी, अलग लड़के और उनके साथ खुद के अलग-अलग मोबाइल देकर भेजता था, ताकि कोई उन्हें ट्रेस नहीं कर सके।

पकड़े गए तीनों आरोपी करीब डेढ़ साल से अरशद के साथ काम करते है। जैसे यहां पकड़े गए आरोपी शुक्रवार को जयपुर आये थे, लेकिन अगले चक्कर में ये किसी अन्य शहर में सप्लाई को जाते और यहां दूसरे लड़के भेजे जाते है। कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पनीर के सैंपल लेने के बाद जेसीबी से गड्ढ़ा खोदकर बदबूदार पनीर को नष्ट करवा दिया।

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ICMR ने भारतीयों के लिए डाइटरी गाइडलाइंस, संतुलित व पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 09 अगस्त 2025 | दिल्ली – जयपुर: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन (NIN) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में करीब 56.4% बीमारियों का संबंध सीधे तौर पर खराब खानपान से है। यह चिंताजनक आंकड़ा हमें अपनी सेहत के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। 

ICMR ने भारतीयों के लिए डाइटरी गाइडलाइंस, संतुलित व पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी

आईसीएमआर (ICMR) की आहार संबंधी दिशानिर्देश, 2024, स्वस्थ जीवनशैली के लिए संतुलित आहार और शारीरिक गतिविधि पर जोर देती है। ये दिशानिर्देश, भोजन में विविधता, ताजी सब्जियों और फलों, दालों, मोटे अनाज, और दूध, अंडे, मांस, मछली जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं। इसके अतिरिक्त, ये दिशानिर्देश, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरों के लिए विशेष आहार संबंधी सुझाव भी देते हैं। 

इसी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ICMR ने भारतीयों के लिए कुछ डाइटरी गाइडलाइंस दी हैं। इसका मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को स्वस्थ, फिट और रोगमुक्त बनाना है। NIN के मुताबिक, संतुलित डाइट और नियमित एक्सरसाइज से हार्ट डिजीज, हाई ब्लड प्रेशर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा 80% तक कम किया जा सकता है।

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आज के दौर में मिलावटी, पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फूड्स ने लगभग हर घर में अपनी जगह बना ली है। इसकी वजह से बीमारियों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि बच्चों, बुजुर्गों और प्रेग्नेंट वुमन की डाइट में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

सवाल- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस में क्या सुझाव दिए गए हैं?

जवाब- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस यह बताती हैं कि एक स्वस्थ, सक्रिय और रोगमुक्त जीवन के लिए संतुलित व पौष्टिक डाइट लेना बेहद जरूरी है। ये गाइडलाइंस प्रेग्नेंसी, बचपन, किशोरावस्था और बुजुर्गों के अनुसार सही खानपान की आदतों को अपनाने पर जोर देती हैं।

इसमें यह भी बताया गया है कि कैसे रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज, बेस्ट फूड चॉइस और सही कुकिंग मेथड हमारी सेहत को बेहतर बना सकते हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक से ICMR की 17 डाइटरी गाइडलाइंस को ध्यान से समझिए-

सवाल- हेल्दी मील किसे कहते हैं और उसमें कौन-कौन से फूड शामिल होने चाहिए?

जवाब- ICMR के मुताबिक, एक हेल्दी मील में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स जैसे सभी पोषक तत्व संतुलित मात्रा में मौजूद होने चाहिए। यह संतुलन न सिर्फ शरीर को एनर्जी और बीमारियों से लड़ने की ताकत देता है, बल्कि कई बीमारियों के रिस्क को भी कम करता है।

यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (USDA) के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना लगभग 2,000 से 3,000 कैलोरी की जरूरत होती है, जो व्यक्ति की उम्र, लिंग, फिजिकल एक्टिविटी और हेल्थ कंडीशन पर निर्भर करती है। 

सवाल- एक स्वस्थ व्यक्ति को रोजाना कितनी मात्रा में नमक और चीनी खानी चाहिए?

जवाब- ICMR की डाइटरी गाइडलाइंस के मुताबिक, नमक और चीनी हमेशा सीमित मात्रा में ही खानी चाहिए। इसके ज्यादा सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।

रोजाना कुल 5 ग्राम (एक चम्मच से भी कम) नमक का सेवन पर्याप्त होता है। इसमें छुपा हुआ नमक (प्रोसेस्ड फूड्स, नमकीन, अचार आदि) भी शामिल होता है। वहीं प्रतिदिन 25 से 30 ग्राम (लगभग 5-6 छोटी चम्मच) से अधिक चीनी नहीं खानी चाहिए। इसमें चाय-कॉफी, मिठाइयां, पैक्ड जूस और बिस्किट जैसी चीजों में मौजूद चीनी भी शामिल है।

सवाल- प्रेग्नेंट वुमन को डाइट के लिए क्या सलाह है?

जवाब- प्रेग्नेंसी के दूसरे और तीसरे ट्राइमेस्टर में रोजाना लगभग 350 कैलोरी ज्यादा की जरूरत होती है। इसलिए इस दौरान थोड़ा अधिक डाइट लेनी चाहिए। लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है कि डाइट में फोलिक एसिड, आयरन, विटामिन B12, आयोडीन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व शामिल हों। सिर्फ डाइट बढ़ाने से फायदा नहीं है। इसमें सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स भी होने चाहिए।

सवाल- छोटे बच्चों की डाइट में किन बातों का ख्याल रखना जरूरी है?

जवाब- जन्म से 6 महीने तक बच्चे को मां का दूध ही देना चाहिए। इसके बाद उन्हें घर पर बना हुआ नरम और थोड़ा ठोस भोजन देना चाहिए। जैसेकि- मसली हुई दाल, हल्की खिचड़ी और उबली और पिसी हुई सब्जियां। ध्यान रखें सिर्फ पैकेज्ड बेबी फूड्स पर निर्भर रहना न्यूट्रिशन की दृष्टि से सही नहीं है।

सवाल- किशोरों और बीमार बच्चों की डाइट पर खास ध्यान देना क्यों जरूरी है?

जवाब- किशोरावस्था और बीमारी के समय शरीर की पोषण संबंधी जंरूरतें बढ़ जाती हैं। ये दोनों अवस्थाएं विकास और रिकवरी के लिए अहम होती हैं। इस समय मसल्स और टिश्यू की रिकवरी के लिए प्रोटीन, हड्डियों और खून के लिए आयरन-कैल्शियम और एनर्जी और ब्रेन के लिए गुड फैट की ज्यादा जरूरत होती है। इसलिए इस दौरान बच्चों के खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सवाल- क्या फिजिकल एक्टिविटी सिर्फ वजन कम करने में मददगार है?

जवाब- नहीं, फिजिकल एक्टिविटी का उद्देश्य केवल वजन घटाना नहीं है। यह पाचन, मेटाबॉलिज्म, मूड और पोषक तत्वों के अब्जॉर्प्शन को बेहतर बनाती है। ICMR के अनुसार, रोजाना कम-से-कम 30 मिनट की तेज वॉक से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है, कोलेस्ट्रॉल बेहतर होता है और मेंटल हेल्थ बेहतर रहती है।

सवाल- क्या बुजुर्गों को सिर्फ हल्का खाना ही देना चाहिए?

जवाब- नहीं, बुजुर्गों की भूख कम हो सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उन्हें सिर्फ खिचड़ी या हल्का भोजन दिया जाए। उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना चाहिए। जैसेकि- दूध, दही, अंडे, पनीर, अंकुरित अनाज, मौसमी फल और हरी सब्जियां आदि। ध्यान रखें बुजुर्गों को खास देखभाल और सपोर्ट की जरूरत होती है क्योंकि उनकी शरीर ढलान की ओर पहुंच चुकी होती है।

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