कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने से NDA में फूट JDU RLD नाराज

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 21 जुलाई 2024 | जयपुर : यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने के योगी सरकार के फैसले से NDA के सहयोगी दल सहमत नहीं हैं। राष्ट्रीय लोकदल (RLD) अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा- यह फैसला ज्यादा सोच-समझकर नहीं लिया गया। अब फैसला ले लिया है तो सरकार उस पर टिकी हुई है।

कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने से NDA में फूट JDU RLD नाराज

जयंत चौधरी ने नेमप्लेट वाले फैसले को वापस लेने की बात कही। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा- अभी भी समय है, सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए। अब कहां-कहां लिखें, अपना नाम। क्या अपने कुर्ते पर भी लिख लें अपना नाम कि नाम देखकर हाथ मिलाओगे मुझसे?

कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने से NDA में फूट JDU RLD नाराज

जयंत चौधरी ने यह बातें रविवार को मुजफ्फरनगर में कहीं। RLD अध्यक्ष भोपा क्षेत्र के यूसुफपुर गांव में बलिदानी की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे थे। यूसुफपुर गांव में प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे जयंत चौधरी का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

यूसुफपुर गांव में प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे जयंत चौधरी का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।

जयंत की 3 बड़ी बातें पढ़िए

सेवा करने से पहले जाति-धर्म नहीं पूछते: कांवड़ यात्रा में लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर आते हैं। उनकी सेवा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते हैं। वे सेवा करने से पहले यह नहीं पूछते कि उनकी जाति और धर्म क्या है?

मैकडॉनल्ड्स और बर्गर किंग क्या नाम लिखेंगे: मैकडॉनल्ड्स और हमारे यहां खतौली में बर्गर किंग है, अब ये लोग क्या नाम लिखेंगे। बहुत से ब्रांड हैं और बड़ी कंपनियां हैं, जो इस नाम से संचालित होती हैं, क्या अब कुर्ते पर भी नाम लिखवाया जाएगा।

बिना सोचे-समझे लिया गया फैसला: क्या नाम पूछकर और धर्म पूछकर हाथ मिलाया जाएगा। यह ठीक नहीं है। सरकार ने बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में फैसला लिया है। इसे वापस लेना चाहिए। रालोद का स्टैंड शुरू से क्लियर है और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। वही हमारा भी मत है।

पढ़िए अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी, बाबा रामदेव और केएल शर्मा ने क्या कहा?

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कोलकाता में हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने के फैसले पर निशाना साधा।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कोलकाता में हैं। उन्होंने कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानदारों के नाम लिखवाने के फैसले पर निशाना साधा।

यूपी में भाजपा नफरत फैला रही: कोलकाता में अखिलेश यादव ने कहा- ​​उत्तर प्रदेश में भाजपा नफरत फैला रही है। वे इसमें सफल नहीं होंगे। अभी अभी हारे हैं। उनसे क्या उम्मीद की जा सकती है? उत्तर प्रदेश की जनता उन्हें शून्य पर कर देगी।

रहमान को अपनी पहचान बताने में दिक्कत क्यों?: बाबा रामदेव ने कहा, अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में दिक्कत नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों दिक्कत होनी चाहिए? अपने नाम पर गौरव सबको होता है। नाम छिपाने की कोई जरूरत नहीं है, काम में शुद्धता चाहिए बस।

खुले तौर पर भेदभाव किया जा रहा: AIMIM अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- हमने इस मुद्दे को उठाया है और कहा है कि यदि कोई सरकार संविधान के खिलाफ कोई निर्देश पास करती है तो उस पर केंद्र सरकार को संज्ञान लेना चाहिए। इससे छूआ-छूत को बढ़ावा मिल रहा है। उन्होंने किस बुनियाद के अनुसार ये निर्णय दिया? खुले तौर पर भेदभाव किया जा रहा है।

सरकार को राजधर्म का पालन करना चाहिए: अमेठी के सांसद केएल शर्मा ने कहा- योगी सरकार का आदेश देश के लिए ठीक नहीं है। अगर बाहर के देश हमारे नागरिकों के साथ ऐसा बर्ताव करें तो कैसा लगेगा। सरकार जनता के लिए होती है। सभी धर्म व जातियों का विकास करना और सब की भावना का ख्याल रखना सरकार का कार्य होता है। सरकार को राजधर्म का पालन करना चाहिए। 

क्या है आदेश, सरकार और पुलिस की क्या है दलील?

मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों पर दुकानदारों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था।

मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों पर दुकानदारों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था।

22 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। इसके साथ कांवड़ यात्रा भी शुरू हो जाएगी। उससे पहले मुजफ्फरनगर में पुलिस ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर होटल-ढाबा और दुकानदारों से बोर्ड पर उनके नाम लिखवा रही है। 

पहले पढ़िए पुलिस की दलील

  • 17 जुलाई को मुजफ्फरनगर के SSP अभिषेक सिंह ने कहा- जिले के करीब 240 किमी एरिया में कांवड़ मार्ग पड़ता है। सभी होटल, ढाबा, दुकान और ठेले, जहां से कांवड़िए खाने का सामान खरीद सकते हैं, सभी को अपनी दुकान के बाहर मालिक का नाम और नंबर साफ अक्षरों में लिखना पड़ेगा।
  • ऐसा करना इसलिए जरूरी था, ताकि कांवड़ियों में कोई कन्फ्यूजन न रहे और कानून व्यवस्था में बाधा न आए। सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए ये कदम उठाना जरूरी था।

अब पढ़िए सरकार ने क्या कहा?

  • 19 जुलाई को सरकार ने इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया। सरकार के मुताबिक, कांवड़ियों की शुचिता बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया गया है। हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई हो।

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल भारत माँ ने सच्चा सपूत खोया

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 05 अगस्त 2025 | दिल्ली – जयपुर : जम्मू कश्मीर और बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार (5 अगस्त) को निधन हो गया, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। खबर लिखे जाने तक अस्पताल की तरफ से उनकी मेडिकल रिपोर्ट साझा नहीं की गई है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह लंबे समय से किडनी से संबंधित बीमारियों का शिकार थे। 

सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल भारत माँ ने सच्चा सपूत खोया

22 मई 2025 को एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं।संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब  स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से  किडनी डायलिसिस की जा रही है। 

 

8 जून को एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि उनकी हालत और भी गंभीर हो गई है। किडनी की बीमारी को लेकर लंबे समय से वह अस्पताल में हैं।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

सत्यपाल सिंह मलिक – फोटो : ANI

खबरों के मुताबिक सत्यपाल मलिक मूत्र मार्ग में संक्रमण और इसके कारण किडनी की गंभीर बीमारी का शिकार थे। उनको हाई ब्लड शुगर और हाई बीपी की समस्या भी थी। ये सभी स्थितियां किडनी को डैमेज कर सकती हैं।

गोवा, बिहार, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। सत्यपाल मलिक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। सत्यपाल मलिक को मई के महीने में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वो पांव, यूरिन, लंग्स और किडनी इन्फेक्शन से जूझ रहे थे।

सत्यपाल मलिक के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर उनके निधन की जानकारी दी गई। सत्यपाल मलिक बिहार में भी राज्यपाल थे. उन्होंने कृषि आंदोलन, भ्रष्टाचार और कई राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के लिए सुर्खियां बटोरी थीं।

सत्यपाल मलिक के निधन की खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

राहुल गांधी ने निधन पर जताया शोक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुख हुआ। मैं उन्हें हमेशा एक ऐसे इंसान के रूप में याद करूंगा, जो आख़िरी वक्त तक बिना डरे सच बोलते रहे और जनता के हितों की बात करते रहे। मैं उनके परिवारजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ जननेता सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। वे हमेशा जनहित की बात निर्भीकता से रखते रहे। जननायक जनता पार्टी उनकी बेबाक राजनीति, किसान हितैषी सोच और सार्वजनिक जीवन में सादगी को सादर नमन करती है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”

ब्लड प्रेशर और शुगर हाई रहता है तो हो जाइए सावधान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों का ब्लड प्रेशर या शुगर लेवल अक्सर सामान्य से अधिक रहता है उनमें किडनी से संबंधित समस्याओं का खतरा भी ज्यादा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर और हाई शुगर एक साथ है तो किडनी की समस्याओं का खतरा और भी बढ़ जाता है।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

किडनी की बीमारियों का खतरा – फोटो
  • डॉक्टर बताते हैं, मुख्य रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप को किडनी की गंभीर और जानलेवा समस्याओं का कारण माना जाता रहा है। हाई शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियों का अगर ठीक से प्रबंधन न किया जाए, तो ये धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करने लगती है। इससे किडनी की रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानने की क्षमता कमजोर हो जाती है। गंभीर स्थितियों में किडनी फेलियर तक का खतरा रहता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन किडनी की धमनियों को संकरा या सख्त कर देती है, जिससे गुर्दों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और अपशिष्ट व अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानने की उनकी क्षमता भी कम हो जाती है। यह क्षति क्रोनिक किडनी रोग का रूप ले सकती है और गंभीर मामलों में, किडनी फेलियर का कारण भी बन सकती है।
  •  इसी तरह हाई शुगर की समस्या डायबिटिक नेफ्रोपैथी का कारण बनती है। ये कई विकसित देशों में किडनी फेलियर का प्रमुख कारण है। हाई ब्लड शुगर की स्थिति किडनी के भीतर रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने लगती सकती है, जिससे अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को प्रभावी ढंग से छानने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

किडनी को कैसे स्वस्थ रखें? – फोटो : Freepik.com

फिर किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली को स्वस्थ रखना सबसे जरूरी माना जाता है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, संतुलित आहार लेना, रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के साथ धूम्रपान-शराब के सेवन से बचना जरूरी है।

नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। अगर आपको बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है तो इसे अनदेखा न करें। इस तरह का संक्रमण भी किडनी को गंभीर क्षति पहुंचाने वाला हो सकता है।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 29 सितंबर 2024 | जयपुर :  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मंच पर बेहोश हो गए। खड़गे कल कठुआ में जाने गंवाने वाले कॉन्स्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

भाषण देते हुए खड़गे की आवाज धीमी होती चली गई और अचानक वे बेसुध हो गए। इसके चलते भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। मंच पर खड़े लोगों ने उन्हें सहारा देकर बैठाया। इसके बाद उनके भाषण को रोक दिया गया।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ खडगे

तबीयत ठीक होने के बाद खड़गे वापस मंच पर आए और कहा कि मैं 83 साल का हो गया हूं, लेकिन इतना जल्दी मरने वाला नहीं हूं। जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा। आपकी बात सुनता रहूंगा। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बात रखता रहूंगा।

मेडिकल चेकअप के बाद खड़गे दोबारा मंच पर आए और लोगों को संबोधित किया।
मेडिकल चेकअप के बाद खड़गे दोबारा मंच पर आए और लोगों को संबोधित किया

जम्मू में खड़गे ने कहा था- जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिलाएंगे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 सितंबर को जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिलाना कांग्रेस की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य को इससे पहले कभी केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनाया गया था।

उन्होंने आगे कहा कि हम पीएम मोदी और भाजपा से पूछना चाहते हैं कि जब आपके पास पूरी शक्ति है, तो आपने अब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया। खड़गे ने जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो का जिक्र करते हुए कहा कि हमने प्रदेश के लिए सात वादे किए हैं। हमारा पहला वादा है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलाया जाएगा। 

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।

18 सितंबर को पहले फेज और 25 सितंबर को दूसरे फेज की वोटिंग हो चुकी है। 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस 90 में से 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के सीट शेयरिंग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।

यह भी पढ़ें : प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा को डिजिटल अरेस्ट करने की साजिश नाकाम, सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 35 लाख ठगे

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode