‘ठाकुर का कुआं’ कविता को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 18 जुलाई 2024 | जयपुर : आदिवासियों के डीएनए वाले बयान पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विधानसभा में माफी मांग ली है। विधानसभा में आज प्रश्नकाल शुरू करने से पहले ही दिलावर को स्पीकर ने बोलने की इजाजत दी। दिलावर के खड़े होते ही विपक्ष ने आपत्ति की, लेकिन स्पीकर ने कहा कि आपको सुनना पड़ेगा।

‘ठाकुर का कुआं’ कविता को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा

विधानसभा में ठाकुर का कुआं कविता को लेकर जमकर हंगामा हुआ। अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कहा- क्रांतिकारी कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि ने ठाकुर का कुआं कविता के जरिए भेदभाव का दर्द बयां किया था। वो ही दर्द इस बजट को पढ़कर दिखेगा। हमारा क्या है, हमारा कुछ नहीं है, सब कुछ ठाकुर का है।

‘ठाकुर का कुआं’ कविता को लेकर राजस्थान विधानसभा में हंगामा

बीजेपी विधायकों ने हरीश चौधरी पर जातिवाद फैलाने और एक वर्ग को आहत करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सभापति से इसे कार्यवाही से निकालने की मांग की। पटेल ने कहा- हम सब एक हैं, आहत करने वाली टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।

वहीं, कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के इस्तीफे की गूंज भी प्रश्नकाल में सुनाई दी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने जब सरकार से सवाल किया तो स्पीकर ने कहा वो छुट्‌टी पर हैं। इसी सदन ने उनकी छुट्‌टी स्वीकार की है।

सदन में भाजपा विधायक ने जैसलमेर में गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़े को लेकर पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद पर आरोप लगाया। इस पर पशुपालन मंत्री ने कहा कि मामले की एसीबी से जांच कराई जा रही है। वहीं, बिजली संकट को लेकर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए और सदन में जमकर हंगामा हुआ

बीजेपी विधायक बोले- हरीश चौधरी रिफाइनरी खा गए, बाड़मेर लूट लिया

अनुदान मांगों पर बहस के दौरान बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा ने हरीश चौधरी पर पलटवार किया। उन्होंने कहा- हरीश चौधरी आदिवासी और सामाजिक न्याय की अनुदान मांगों पर बहस कर रहे थे। वो एससी-एसटी को ठाकुर बता रहे थे। वो कितने सच्चे, कितने काले हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।

मीणा ने कहा- देश की पाइपलाइन, पूरी रिफाइनरी खा गए। उस एरिया में जाकर देखें, किसी पर उंगली उठाने से क्या होता है। सब जानते हैं पूरे बाड़मेर को लूट लिया। आदिवासी को कह रहे ठाकुर हैं। यह सहन नहीं होगा, नहीं सहेगा राजस्थान, नहीं सहेगा एससी-एसटी।

विधायक गणेश घोघरा ने आदिवासियों के लिए अगल कोड की मांग की

डूंगरपुर से कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने सदन में आदिवासियों के लिए अलग से कोड लागू करने की मांग की। उन्होंने कहा- जब देश में जैन धर्म, बौद्ध धर्म, हिन्दू और मुस्लिम धर्म का कोड अलग है तो फिर आदिवासियों का कोड अलग क्यों नहीं हो सकता है।

गणेश घोघरा ने आदिवासी कोड की मांग करके एक बार फिर आदिवासियों को हिन्दू धर्म से अलग बता दिया है। इसके साथ ही घोघरा ने जातिगत जनगणना की मांग भी की है। उन्होंने कहा- देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए। उसी से पता चलेगा कि देश में कितने आदिवासी हैं। उसी के अनुसार हमें आरक्षण मिलना चाहिए।

विधानसभा में ‘ठाकुर का कुआं’ कविता को लेकर हंगामा, कार्यवाही से निकालने की मांग

विधानसभा में ठाकुर का कुआं कविता को लेकर जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी विधायकों ने हरीश चौधरी पर जातिवाद फैलाने और एक वर्ग को आहत करने का आरोप लगाया। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने सभापति से इसे कार्यवाही से निकालने की मांग की। हरीश चौधरी ने इसका विरोध किया।

संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा- किसी जाति वर्ग के लिए कमेंट करने पर कोई आहत होता है तो उसको कार्यवाही से निकालना चाहिए। हम सब एक हैं, आहत करने वाली टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। इस पर सभापति संदीप शर्मा ने कहा कि जो सदन के अनुकूल नहीं होगा उसको कार्यवाही से निकाल दिया जाएगा।

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पटेल ने हरीश चौधरी से कहा कि आपने जो बोला आपके विषय के अनुकूल नहीं है, आपको स्वीकार करना पड़ेगा आप किसी को ठेस नहीं पहुंचा सकते। हम लोग जो ओबीसी में पिछड़े आते हैं उनका क्या है। केवल 17 परसेंट मिला। नौकरियों में रोस्टर के नाम पर खेल किया जाता है। ओबीसी वोट के समय ही याद आते हैं।

‘बजट को देखकर लगता है हमारा क्या है, सब कुछ तो ठाकुर का है’ हरीश चौधरी

विधानसभा में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने बजट की तुलना ‘ठाकुर का कुआं’ कविता से की। हरीश चौधरी ने कहा क्रांतिकारी कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि ने ठाकुर का कुआं कविता के जरिए भेदभाव का दर्द बयां किया था। वो ही दर्द इस बजट को पढ़कर दिखेगा।

उन्होंने कहा- मैं कम पढ़ा जरूर हूं, केवल पोस्ट ग्रेजुएट हूं। चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का, भूख रोटी, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का। बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी। फसल ठाकुर की, कुआं ठाकुर का खेत-खलिहान ठाकुर के। हमारा क्या है।

हरीश चौधरी ने कहा- हमारा क्या है, हमारा कुछ नहीं है, सब कुछ ठाकुर का है। हम आरक्षण के नाम पर दर्द बयां करते हैं तो हंसी उड़ाई जाती है। 80 फीसदी संसाधन ऊंची जातियों के पास हैं। हम पिछड़ों के पास क्या है। 

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सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल भारत माँ ने सच्चा सपूत खोया

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 05 अगस्त 2025 | दिल्ली – जयपुर : जम्मू कश्मीर और बिहार के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का मंगलवार (5 अगस्त) को निधन हो गया, वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। दिल्ली के आरएमएल अस्पताल में दोपहर 1 बजकर 12 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। खबर लिखे जाने तक अस्पताल की तरफ से उनकी मेडिकल रिपोर्ट साझा नहीं की गई है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स पर नजर डालें तो पता चलता है कि वह लंबे समय से किडनी से संबंधित बीमारियों का शिकार थे। 

सत्यपाल मलिक पूर्व राज्यपाल भारत माँ ने सच्चा सपूत खोया

22 मई 2025 को एक सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने लिखा, अभी मेरी हालत बहुत खराब है मैं किसी से भी बात करने की हालत में नहीं हूं। 11 मई से राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती हूं।संक्रमण की शिकायत के चलते अस्पताल में भर्ती किया गया था। अब  स्थिति बहुत गंभीर है और पिछले तीन दिनों से  किडनी डायलिसिस की जा रही है। 

 

8 जून को एक अन्य पोस्ट में कहा गया कि उनकी हालत और भी गंभीर हो गई है। किडनी की बीमारी को लेकर लंबे समय से वह अस्पताल में हैं।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

सत्यपाल सिंह मलिक – फोटो : ANI

खबरों के मुताबिक सत्यपाल मलिक मूत्र मार्ग में संक्रमण और इसके कारण किडनी की गंभीर बीमारी का शिकार थे। उनको हाई ब्लड शुगर और हाई बीपी की समस्या भी थी। ये सभी स्थितियां किडनी को डैमेज कर सकती हैं।

गोवा, बिहार, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। सत्यपाल मलिक पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। सत्यपाल मलिक को मई के महीने में राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वो पांव, यूरिन, लंग्स और किडनी इन्फेक्शन से जूझ रहे थे।

सत्यपाल मलिक के सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर उनके निधन की जानकारी दी गई। सत्यपाल मलिक बिहार में भी राज्यपाल थे. उन्होंने कृषि आंदोलन, भ्रष्टाचार और कई राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी बेबाक राय के लिए सुर्खियां बटोरी थीं।

सत्यपाल मलिक के निधन की खबर फैलते ही राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कई प्रमुख नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम नागरिकों ने सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

राहुल गांधी ने निधन पर जताया शोक

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्यपाल मलिक के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा है कि पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक जी के निधन की ख़बर सुनकर बेहद दुख हुआ। मैं उन्हें हमेशा एक ऐसे इंसान के रूप में याद करूंगा, जो आख़िरी वक्त तक बिना डरे सच बोलते रहे और जनता के हितों की बात करते रहे। मैं उनके परिवारजनों, समर्थकों और शुभचिंतकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।

हरियाणा के पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सत्यपाल मलिक के निधन पर दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “पूर्व राज्यपाल एवं वरिष्ठ जननेता सत्यपाल मलिक के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। वे हमेशा जनहित की बात निर्भीकता से रखते रहे। जननायक जनता पार्टी उनकी बेबाक राजनीति, किसान हितैषी सोच और सार्वजनिक जीवन में सादगी को सादर नमन करती है. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।”

ब्लड प्रेशर और शुगर हाई रहता है तो हो जाइए सावधान

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों का ब्लड प्रेशर या शुगर लेवल अक्सर सामान्य से अधिक रहता है उनमें किडनी से संबंधित समस्याओं का खतरा भी ज्यादा रहता है। हाई ब्लड प्रेशर और हाई शुगर एक साथ है तो किडनी की समस्याओं का खतरा और भी बढ़ जाता है।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

किडनी की बीमारियों का खतरा – फोटो
  • डॉक्टर बताते हैं, मुख्य रूप से मधुमेह और उच्च रक्तचाप को किडनी की गंभीर और जानलेवा समस्याओं का कारण माना जाता रहा है। हाई शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियों का अगर ठीक से प्रबंधन न किया जाए, तो ये धीरे-धीरे किडनी की कार्यक्षमता को प्रभावित करने लगती है। इससे किडनी की रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानने की क्षमता कमजोर हो जाती है। गंभीर स्थितियों में किडनी फेलियर तक का खतरा रहता है।
  • हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन किडनी की धमनियों को संकरा या सख्त कर देती है, जिससे गुर्दों में रक्त का प्रवाह कम हो जाता है और अपशिष्ट व अतिरिक्त तरल पदार्थ को छानने की उनकी क्षमता भी कम हो जाती है। यह क्षति क्रोनिक किडनी रोग का रूप ले सकती है और गंभीर मामलों में, किडनी फेलियर का कारण भी बन सकती है।
  •  इसी तरह हाई शुगर की समस्या डायबिटिक नेफ्रोपैथी का कारण बनती है। ये कई विकसित देशों में किडनी फेलियर का प्रमुख कारण है। हाई ब्लड शुगर की स्थिति किडनी के भीतर रक्त वाहिकाओं को क्षतिग्रस्त करने लगती सकती है, जिससे अपशिष्ट और अतिरिक्त तरल पदार्थ को प्रभावी ढंग से छानने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।

Former governor Satyapal Malik death news kidney failure and dialysis causes and prevention

किडनी को कैसे स्वस्थ रखें? – फोटो : Freepik.com

फिर किडनी को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?

किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जीवनशैली को स्वस्थ रखना सबसे जरूरी माना जाता है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, संतुलित आहार लेना, रक्तचाप और रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के साथ धूम्रपान-शराब के सेवन से बचना जरूरी है।

नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद भी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है। अगर आपको बार-बार यूटीआई की समस्या हो रही है तो इसे अनदेखा न करें। इस तरह का संक्रमण भी किडनी को गंभीर क्षति पहुंचाने वाला हो सकता है।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 29 सितंबर 2024 | जयपुर :  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए मंच पर बेहोश हो गए। खड़गे कल कठुआ में जाने गंवाने वाले कॉन्स्टेबल को श्रद्धांजलि दे रहे थे, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे

भाषण देते हुए खड़गे की आवाज धीमी होती चली गई और अचानक वे बेसुध हो गए। इसके चलते भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। मंच पर खड़े लोगों ने उन्हें सहारा देकर बैठाया। इसके बाद उनके भाषण को रोक दिया गया।

‘जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा’ खडगे

तबीयत ठीक होने के बाद खड़गे वापस मंच पर आए और कहा कि मैं 83 साल का हो गया हूं, लेकिन इतना जल्दी मरने वाला नहीं हूं। जब तक मोदी को हटाएंगे नहीं, मैं जिंदा रहूंगा। आपकी बात सुनता रहूंगा। जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बात रखता रहूंगा।

मेडिकल चेकअप के बाद खड़गे दोबारा मंच पर आए और लोगों को संबोधित किया।
मेडिकल चेकअप के बाद खड़गे दोबारा मंच पर आए और लोगों को संबोधित किया

जम्मू में खड़गे ने कहा था- जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिलाएंगे

मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 सितंबर को जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जम्मू-कश्मीर को वापस राज्य का दर्जा दिलाना कांग्रेस की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि राज्य को इससे पहले कभी केंद्र शासित प्रदेश नहीं बनाया गया था।

उन्होंने आगे कहा कि हम पीएम मोदी और भाजपा से पूछना चाहते हैं कि जब आपके पास पूरी शक्ति है, तो आपने अब तक जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया। खड़गे ने जम्मू-कश्मीर के लिए कांग्रेस के मेनिफेस्टो का जिक्र करते हुए कहा कि हमने प्रदेश के लिए सात वादे किए हैं। हमारा पहला वादा है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा वापस दिलाया जाएगा। 

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।

18 सितंबर को पहले फेज और 25 सितंबर को दूसरे फेज की वोटिंग हो चुकी है। 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।

कांग्रेस 90 में से 32 सीटों पर चुनाव लड़ रही

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और कांग्रेस के सीट शेयरिंग कर रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।

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