
मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 20 जुलाई 2024 | दिल्ली : भारत में कोरोना महामारी के पहले फेज में 12 लाख लोगों की जान गई थी। ये दावा कतर के मीडिया हाउस अलजजीरा ने 10 बड़े डेमोग्राफर्स (जनसंख्या की स्टडी करने वाले) और इकोनॉमिस्ट की रिपोर्ट के हवाले से किया है।
अलजजीरा रिपोर्ट भारत में कोरोना के पहले फेज में 12 लाख लोगों की मौत
बताया है कि 2020 में भारत में कोरोना के कारण हुई मौतें सरकारी आंकड़ों से 8 गुना ज्यादा थीं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक भारत में कोविड-19 से 5.33 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि भारत में कोरोना से 47 लाख लोगों की मौत हुई है। ये संख्या आधिकारिक आँकड़ों से क़रीब 10 गुना ज़्यादा है।

भारत सरकार के मुताबिक, 2020 में कोरोना से करीब 1 लाख 48 हजार लोगों की मौत हुईं थीं। जबकि नई रिपोर्ट के मुताबिक असल संख्या 12 लाख थी। ये आंकड़ा साइंस एडवांस पब्लिकेशन ने 19 जुलाई की रिपोर्ट में छापा है, जिसे भारत सरकार के 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS) के आधार पर तैयार किया गया है।
रिपोर्ट में दिए आंकड़े WHO के आंकड़ों से भी डेढ़ गुना ज्यादा हैं। रिसर्च के मुताबिक, 2020 में उच्च-जाति के हिंदुओं की औसत जीवन दर में 1.3 साल की गिरावट दर्ज की गई। वहीं, अनुसूचित जाति के लोगों की औसत जीवन दर में 2.7 साल की गिरावट आई।
इसके अलावा भारत के मुस्लिम नागरिकों की जीवन दर पहले की तुलना में 5.4 साल घट गई। तस्वीर में PPE किट पहनकर परिजन को आखिरी विदाई देते लोग। भारत में कोरोना के अब तक 4.5 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं।
पुरुषों से ज्यादा महिलाओं पर असर
कोरोना का असर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं में देखा गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक तरफ पुरुषों की औसत जीवन दर 2.1 साल जबकि महिलाओं की 3 साल कम हुई। पूरी दुनिया के आंकड़े देखें तो पुरुषों की जीवन दर में महिलाओं की तुलना में ज्यादा गिरावट आई है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में कोरोना के पहले फेज और 2021 में डेल्टा वेव के साथ आए दूसरे फेज के बाद देश में महामारी की वजह से 4.81 लाख लोगों की मौत हुई। WHO ने अपनी रिपोर्ट में इन आंकड़ों को गलत बताते हुए दावा किया कि भारत में असल में 20-65 लाख लोगों की मौत हुई थी, जो पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा थी।
सरकार ने WHO के डेटा को खारिज किया
केंद्र सरकार ने इन आंकड़ों को खारिज कर दिया था। सरकार ने कहा था कि डेटा हासिल करने का UN का मॉडल गलत है और यह भारत पर सही तरह से लागू नहीं हो सकता। खास बात यह है कि ये आंकड़े सिर्फ WHO के नहीं हैं। कई पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स और रिसर्चर्स ने भी लगातार भारत सरकार के डेटा को गलत बताया है।
सेंटर फॉर ग्लोबल हेल्थ रिसर्च के डायरेक्टर प्रभात झा ने भी WHO के आंकड़ों को सही ठहराया। उन्होंने कहा, “हमने जो डेटा हासिल किया था, उसके मुताबिक भारत में कोविड-19 की वजह से करीब 40 लाख लोगों की मौत हुई थी।
इनमें से 30 लाख की मौत डेल्टा वेव की वजह से हुई।” नई रिपोर्ट पर भारत सरकार की अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। हालांकि इसके बाद सरकार के आंकड़ों पर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
भारत में 27 जनवरी 2020 को मिला था कोरोना का पहला केस
कोविड से दुनियाभर में करीब 70 लाख लोग मारे गए। 30 जनवरी 2020 को इसे ग्लोबल इमरजेंसी डिक्लेयर किया गया था। कोविड से सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में मारे गए थे। भारत में इसका पहला केस केरल में 27 जनवरी 2020 को मिला था।
देश में कोरोना के मामलों की कुल संख्या 4.50 करोड़ के पार हो गई है। वायरस से रिकवर होने वालों का आंकड़ा 4.45 करोड़ (4,45,03,660) है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में रिकवरी रेट 98.81% है। अब तक भारत में कोविड-19 से 5 लाख 33 हजार 596 लोगों की मौत हो चुकी है।