REET2021 पेपर लीक पूरी कहानी : प्रदीप पाराशर को रामकृपाल ने 3 लाख बैंक खाते में और एक लाख दिया कैश

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 11 अगस्त 2024 |  जयपुर : राजस्थान की सबसे बड़ी अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट-2021) का पेपर लीक करने के लिए रुपयों का इंतजाम फाइनेंस के जरिए किया गया था। मास्टरमाइंड और हिस्ट्रीशीटर राजूराम ईराम ने पेपर हासिल करने के लिए 40 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे।

REET2021 पेपर लीक : प्रदीप पाराशर को रामकृपाल ने 3 लाख बैंक खाते में और एक लाख दिया कैश

स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) की चार्जशीट में रीट पेपर (REET2021) की डील से लेकर लीक होने की पूरी कहानी का खुलासा हुआ है। इस मामले में एसओजी अभी तक 9 चार्जशीट पेश कर चुकी है। जांच एजेंसी ने 130 आरोपियों और एक नाबालिग को पेपर लीक में दोषी माना है। अभी इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही है।

REET पेपर लीक

राजूराम ने जयपुर के रामकृपाल से 5 करोड़ रुपए में रीट लेवल सेकंड का पेपर चुराने की डील की थी। पैसे कम पड़े तो राजूराम की सरपंच पत्नी सोहनी ने भी रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए थे।

एसओजी की चार्जशीट में प्रदीप पाराशर से लेकर मास्टरमाइंड राजूराम ईराम, रामकृपाल मीना सहित सभी आरोपियों की भूमिका खुलकर सामने आई है। पढ़िए संडे बिग स्टोरी में REET-2021 का पेपर कैसे लीक हुआ?

5 करोड़ में बिका था रीट का पेपर

एसओजी की चार्जशीट के अनुसार रीट भर्ती परीक्षा 2021 के पेपर लीक करने का सौदा पांच करोड़ रुपए में हुआ था। सबसे बड़ा मास्टरमाइंड था रामकृपाल मीना। रामकृपाल जयपुर में शिव शक्ति स्कूल व कॉलेज का संचालक था।

जयपुर के शिक्षा संकुल से पेपर चुराने के लिए रामकृपाल मीना ने 5 करोड़ रुपए में डील की थी।

जांच और कॉल डिटेल के विश्लेषण से सामने आया कि जालोर के उदाराम ने हिस्ट्रीशीटर राजूराम ईराम का संपर्क रामकृपाल मीना से कराया था। रामकृपाल की रीट परीक्षा के जयपुर समन्वयक प्रदीप पाराशर से जान पहचान थी। दोनों ने मिलीभगत कर पेपर लीक की साजिश रची थी।

रामकृपाल ने ही शिक्षा संकुल से पेपर चुराकर उदाराम बिश्नोई, राजूराम ईराम और उसके अन्य सहयोगियों को दिया था। जयपुर के शिक्षा संकुल से पेपर चुराने के लिए रामकृपाल मीना ने 5 करोड़ रुपए में डील की थी।

उदाराम ने एसओजी की पूछताछ में बताया कि उसने ही रामकृपाल मीना को रीट परीक्षा के पेपर उपलब्ध कराने की एवज में तय रुपए दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। रामकृपाल ने 2 करोड़ एडवांस मांगे थे। उसमें से एक करोड़ 20 लाख रुपए देने के बाद 80 लाख रुपए बकाया थे, जिसे लेने के लिए उदाराम बिश्नोई और रामकृपाल मीना राजूराम ईराम के कूकावास स्थित घर गए थे।

जहां उदाराम ने 80 लाख रुपए रामकृपाल मीना को दिलवाए थे। इस दौरान रामकृपाल मीना ने वह मोबाइल भी राजूराम को वापस लौटा दिया जो उसे रीट पेपर लीक कराने की बातचीत करने के लिए दिया था। रामकृपाल और उदाराम दोनों आरोपियों ने घटनास्थल की तस्दीक की है।

रीट परीक्षा के बाद प्रदीप पाराशर के बैंक खाते में रामकृपाल ने 3 लाख रुपए जमा कराए और एक लाख रुपए कैश दिया था। एसओजी ने पेपर लीक के एडवांस में पैसों में से 92 लाख 80 हजार रुपए जब्त कर लिए और आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए।

पेपर लीक का मास्टरमाइंड राजूराम ईराम पुलिस थाना बागोड़ा का हिस्ट्रीशीटर है।

पेपर के लिए 40 लाख का कर्ज लिया, सरपंच पत्नी ने भी किया इंतजाम

एसओजी की जांच में सामने आया है कि राजूराम ईराम ने रीट का पेपर खरीदने के लिए एडवांस की रकम कर्ज लेकर चुकाई थी। सांचौर के ओमप्रकाश सारण ने राजूराम ईराम को 40 लाख रुपए ब्याज पर दिए थे।

पेपर लीक का मास्टरमाइंड राजूराम ईराम पुलिस थाना बागोड़ा का हिस्ट्रीशीटर है। राजूराम ईराम की सरपंच पत्नी सोहनी (कुकावास) ने भी मदद की थी। पूछताछ में सोहनी ने बताया कि राजूराम और उदाराम ने जयपुर में रामकृपाल से रीट पेपर का सौदा कर लिया था।

खुद रामकृपाल डील के बकाया 80 लाख रुपए लेने कूकावास गांव आया था। तब उदाराम भी उसके साथ था। पति के कहने पर उसने रिश्तेदारों और खुद के पास से रुपयों की व्यवस्था की थी। उसके पति व उदाराम ने रामकृपाल से पेपर लिया था।

एसओजी की चार्जशीट में रीट पेपर में जयपुर के समन्वयक बनाए गए प्रदीप पाराशर की भूमिका सामने आ चुकी है।

प्रदीप पाराशर ने ही लीक कराया था पेपर

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर ने प्रदेश में रीट परीक्षा 2021 के सफल आयोजन के लिए प्रत्येक जिले में एक जिला समन्वयक नियुक्त किया था। इनकी सहायता के लिए डिप्टी कंट्राेलर नियुक्त किए गए। डॉ. प्रदीप पाराशर जयपुर जिला समन्वयक था। इनकी सहायता के लिए डॉ. जयवीर, डॉ. ध्यान सिंह गोठवाल, डॉ. बी.एस. बैरवा और डॉ. सुभाष यादव को लगाया गया।

एसओजी की जांच में सामने आया कि प्रदीप पहले से ही रामकृपाल को जानता था। ऐसे में प्रदीप ने बिना किसी आदेश के रामकृपाल को अपने स्तर पर सहयोगी के रूप में रखा था। जबकि रामकृपाल मीना किसी सरकारी पद पर नहीं था। एसओजी की चार्जशीट में रीट पेपर में जयपुर के समन्वयक बनाए गए प्रदीप पाराशर की भूमिका सामने आ चुकी है।

जब रीट पेपर जयपुर पहुंचे तो प्रदीप ने इन्हें शिक्षा संकुल लाने के लिए रामकृपाल को ही भेजा था। रामकृपाल ने अपनी जान पहचान के मजदूरों से पेपर को स्ट्रांग रूम में रखवाया। प्रदीप के अपने अधिकार रामकृपाल को देने के कारण उसका भी स्ट्रांग रूम तक आना जाना था। दोनों की मिलीभगत के चलते रामकृपाल ने रीट भर्ती का पेपर चोरी किया।

सफेद मास्क में रामकृपाल मीना और ब्राउन मास्क में आरोपी उदाराम।

एग्जाम से दो दिन पहले चोरी हुआ था रीट का पेपर

एसओजी की चार्जशीट के अनुसार 24 सितंबर की रात को शिक्षा संकुल में ट्रक से पेपर अनलोडिंग के लिए आए थे। प्रदीप पाराशर ने रामकृपाल को फोन कर बताया था कि रीट परीक्षा के पेपर लेकर आए ट्रक बाहर खड़े हुए हैं। इन्हें शिक्षा संकुल लेकर आ जाओ। सफेद मास्क में रामकृपाल मीना और ब्राउन मास्क में आरोपी उदाराम।

रामकृपाल उन ट्रकों को अंदर स्ट्रोंग रूम में अनलोडिंग के लिए लेकर गया। इसी दौरान उसने मौका पाकर रिजर्व बंड़ल को पेपर कटर की मदद से काटा। उसमें रीट लेवल द्वितीय प्रश्न पत्र का एक पेपर निकाल लिया। इसके बाद वापस टेप लगाकर बंडल को पैक कर दिया था।

एसओजी की जांच में उस बंडल से ‘जे’ सीरीज का एक प्रश्न पत्र कम मिला। यह पेपर रामकृपाल ने सबसे पहले उदाराम को भेजा। उदाराम ने चोरी हुआ पेपर अजमेर जाकर राजूराम ईराम को दिया। राजूराम ने अपने सहयोगियों से पेपर सॉल्व कराकर 25 सितंबर की रात और 26 सितंबर की सुबह वॉट्सऐप से अपने सहयोगियों को भेजा।

एसओजी की चार्जशीट के अनुसार रीट पेपर चेन सिस्टम से गिरोह के बाकी लोगों तक पहुंचा। जिन्होंने अलग-अलग जगहों पर एकत्रित कर अभ्यर्थियों को पेपर पढ़ाया था। इसके लिए प्रत्येक परीक्षार्थी से 10 से 15 लाख रुपए लिए गए।

रामकृपाल मीणा का जयपुर स्थित स्कूल जिसे पेपर लीक में नाम सामने आने के बाद बुलडोजर से तुड़वाया गया था।

रीट पेपर वॉट्सऐप से गिरोह के बाकी लोगों तक पहुंचा

रामकृपाल मीना ने उदाराम बिश्नोई को पेपर दिया। जिसे उदाराम ने राजूराम ईराम को दे दिया। इसके साथ ही सहयोगी भजनलाल को भी दिया, जिसने पृथ्वीराज मीना व अन्य तक पेपर को वॉट्सऐप कर भेजा।

पृथ्वीराज मीना से पेपर बत्तीलाल मीना के पास पहुंचा। बत्तीलाल ने कई परीक्षार्थियों और दोस्त संजय मीना के कहने पर एक नाबालिग व पुलिस के सिपाहियों को पेपर दिया। रामकृपाल मीणा का जयपुर स्थित स्कूल जिसे पेपर लीक में नाम सामने आने के बाद बुलडोजर से तुड़वाया गया था।

ऐसे ही वॉट्सऐप के जरिए पेपर पृथ्वीराज मीना और फिर रवि जीनापुर, रवि पागड़ी से होते हुए अन्य आरोपियों और परीक्षार्थियों के मोबाइल पर फॉरवर्ड होता रहा। एसओजी ने आरोपियों के मोबाइल के वॉट्सऐप अकाउंट का डाटा रिकवर करने के लिए अमेरिका स्थित वॉट्सऐप के नोडल ऑफिस से संपर्क किया।

अकाउंट का रिकॉर्ड मंगवाया तो रीट पेपर के सर्कुलेट होने की पूरी जानकारी सामने आ गई। रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी। इस मामले में अब तक 1 आरएएस, 1 डीईओ, 2 आरपीएस, 12 टीचर सहित 20 सरकारी कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं।

रीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपी। इस मामले में अब तक 1 आरएएस, 1 डीईओ, 2 आरपीएस, 12 टीचर सहित 20 सरकारी कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं।

ऐसे हुआ पेपर लीक का खुलासा

26 सितंबर 2021 को प्रदेशभर में रीट परीक्षा रखी गई। उस दिन राजस्थान में नेटबंदी भी की गई। लेकिन नेटबंदी से ठीक पहले पुलिस को सूचना मिली कि गंगापुर सिटी में पेपर गिरोह सक्रिय है। सवाईमाधोपुर जिले के पुलिस कांस्टेबल देवेंद्र सिंह के मोबाइल में भी रीट परीक्षा का पेपर है।

देवेंद्र ने अपनी पत्नी को पेपर दिया है और अन्य लोगों के बारे में भी उसके पास जानकारी हो सकती है। देवेंद्र के साथ यदुवीर कांस्टेबल को भी देखा गया है। सूचना मिलते ही पुलिस ने सबसे पहले कांस्टेबल देवेंद्र को पकड़ा। जिसके मोबाइल के फाइल मैनेजर में 33 फोटोग्राफ रीट परीक्षा पेपर के सॉल्वड किए हुए मिले।

आरोपी देवेंद्र ने खुद के मोबाइल से नाबालिग के मोबाइल में सेव पेपर के फोटोग्राफ लेने के बारे में बताया। इसके बाद जांच और पूछताछ में यदूवीर, बत्तीलाल मीना, दिलखुश मीना के नाम भी सामने आ गए। इस तरह पूरी साजिश का खुलासा हुआ और पेपर लीक के तार जयपुर स्थित शिक्षा संकुल से जुड़ सके।

हरे व नीले रंग की डायरियों ने उगले राज

चार्जशीट के अनुसार भजनलाल विश्नोई और उसके मौसेरे भाई उदाराम ने जिस मोबाइल से रीट परीक्षा के सॉल्वड पेपर को भेजा उसे भजनलाल ने अपने गांव के घर में रखी अलमारी में छुपा दिया था। जांच में एसओजी ने भजनलाल की अलमारी से मोबाइल के अलावा सॉल्वड पेपर की फोटोकॉपी और एक हरे रंग का डायरी बरामद की। डायरी में रीट परीक्षा के पैसे के लेन-देन का हिसाब मिला।

काली कमाई से बच्चों की फीस चुकाई

जांच में आरोपी रामकृपाल मीना और प्रदीप पाराशर के बैंक खातों में आपस में लेन-देन की पुष्टि हुई। एसओजी ने दोनों के बैंक खाते फ्रीज करा दिए। रामकृपाल ने रीट पेपर देने की एवज में मिले रुपयों में से 10 लाख रुपए भगवान सहाय बैरवा को देने की बात कही थी।

पुलिस ने भगवान सहाय के यहां से रुपए बरामद किए। वहीं एक लाख 80 हजार रुपयों से अपने बच्चे की फीस जमा कराई थी। जिसे भी एसओजी की टीम ने स्कूल से जब्त किया। एसओजी को उदाराम के कब्जे से परीक्षार्थियों के रोल नंबर की सूची मिली।

इसके साथ ही पुलिस ने आरोपी के पास से पेपर बेचने को लेकर किए गए लेन-देन के हिसाब की एक नीले रंग की डायरी भी जब्त की। जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के कांस्टेबल उमेश कुमार के पास से भी एक डायरी बरामद हुई। जिसमें उसने पेपर खरीदने से संबंध में हिसाब लिख रखा था।

गिरफ्तारी की खबर पढ़ी तो नष्ट किए मोबाइल

आरोपियों की धरपकड़ शुरू होने के साथ ही परीक्षार्थियों और इस गिरोह से जुड़े लोगों में खलबली मच गई थी। कई आरोपियों ने मोबाइल फोन जला दिए या तोड़ कर फेंक दिए। उदाराम बिश्नोई ने रीट पेपर लीक के उपयोग में लिए अपने तीनों मोबाइल फोन को रणोदर गांव में घर के अंदर रखे लोहे के बक्से में रख दिए थे।

इस बक्से में सॉल्वड पेपर की फोटोकॉपी भी मिली। भजनलाल ने भी अपना मोबाइल बाड़मेर से सांचोर जाने वाले हाईवे पर तोड़कर फेंक दिया था। वहीं, एसओजी ने रामकृपाल की कार से दो मोबाइल फोन भी जब्त किए।

इन मोबाइल से आरोपी ने पेपर बांटने और रुपयों के लेन देन को लेकर बातचीत की थी। इसके साथ ही आरोपी महेंद्र सिंह और उमेश कुमार के पास से तीन मोबाइल जब्त किए हैं। आरोपियों और परीक्षार्थियों के मोबाइल की सीडीआर कॉल डिटेल ने आरोपियों की साजिश को खोल दिया।

ऐसे लीक पेपर की हुई पुष्टि?

आरोपियों को डिटेन करने के बाद पुलिस ने उच्चाधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस गंगापुर सिटी में जयपुर रोड पर अग्रवाल कन्या महाविद्यालय पहुंची। जहां केंद्राधीक्षक डॉ. बृजेंद्र सिंह गुर्जर से अनुपस्थित परीक्षार्थी की पेपर बुकलेट या रिजर्व पेपर मांगा।

इस पर रीट पेपर की दो सीरीज ‘एम’ और ‘जे’ से आरोपियों के पेपर का मिलान किया गया। ‘जे’ सीरीज का पेपर आरोपी कांस्टेबल देवेंद्र के मोबाइल में मिले पेपर से हूबहू मिलना पाया गया। पूछताछ में देवेंद्र ने बताया कि उसे दिलखुश व नाबालिग लड़के ने उनकी बहनों की मौजूदगी में कार में नकल करवाई थी।

12 अगस्त को मामले में सुनवाई

इस मामले के सरकारी वकील भंवर सिंह चौहान ने बताया कि अब तक 131 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट आ चुकी है। यह केस गंगापुर सिटी सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन है। मामले में अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी। जिसमें एक आरोपी पर लगे आरोपों पर बहस होगी। अभियोजन पक्ष की ओर से जवाब देना होगा तो वह कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखेगा। इस मामले में एक आरोपी नाबालिग है, जिसकी किशोर न्यायालय में सुनवाई चल रही है।

रिपोर्टिंग : साभार दैनिक भास्कर 

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

MOOKNAYAK MEDIA

At times, though, “MOOKNAYAK MEDIA’s” immense reputation gets in the way of its own themes and aims. Looking back over the last 15 years, it’s intriguing to chart how dialogue around the portal has evolved and expanded. “MOOKNAYAK MEDIA” transformed from a niche Online News Portal that most of the people are watching worldwide, it to a symbol of Dalit Adivasi OBCs Minority & Women Rights and became a symbol of fighting for downtrodden people. Most importantly, with the establishment of online web portal like Mooknayak Media, the caste-ridden nature of political discourses and public sphere became more conspicuous and explicit.

Related Posts | संबद्ध पोट्स

उपनिरीक्षक-प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन शुरू

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अजमेर : राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन आज यानि 10 अगस्त से शुरू कर दिया गया है। इसके लिए आवेदन की लास्ट डेट 8 सितंबर तक है। आयोग ने इसके लिए एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित की है।

उपनिरीक्षक-प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन शुरू

बता दें कि साल 2021 में निकाली गई सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। फिलहाल इसे रद्द करना है या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

यह भी देखें : सब इंस्पेक्टर भर्ती की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग Link

  • शैक्षणिक योग्यता– किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री, अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इंटरव्यू शुरू होने की डेट तक तय योग्यता होना जरूरी है।
  • आयु सीमा, तीन साल की छूट– कैंडिडेट्स की आयु 1 जनवरी 2026 को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 25 साल होनी चाहिए। इससे पहले साल 2021 में भर्ती निकाली गई थी। इसलिए इस बार कैंडिडेट्स को 3 साल की अतिरिक्त छूट दी गई है।
  • सिलेक्शन– लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से चयन होगा। विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी होगा। लिखित परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे।
  • परीक्षा – मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में (ऑफलाइन/ऑनलाइन) ली जाएगी। एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए करें यहां क्लिक

इन 3 भर्तियों में आवेदन प्रोसेस जारी

इन 2 वैकेंसी में भी जल्द शुरू होंगे आवेदन

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची, PSO गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अजमेर : एसओजी ने शुक्रवार देर रात SI पेपर लीक से जुड़े मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को गिरफ्तार किया है। राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची

मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पोस्ट की। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करें। एसओजी रात से दोनों से पूछताछ कर रही है। अब तक जांच में सामने आया है कि राजकुमार यादव ने बेटे के लिए सब इंस्पेक्टर का पेपर खरीदा था। राजकुमार यादव का बेटा भरत यादव भर्ती एग्जाम में पास हो गया था। इसके बाद फिजिकल में फेल हो गया।

अशोक गहलोत के सीएम रहने के दौरान राजकुमार यादव उनकी सुरक्षा में तैनात था। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद अशोक गहलोत का PSO लग गया था। इन्हें कोर्ट में पेश कर दिया गया है। अब रिमांड पर लिया जाएगा। शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

पूर्व वर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मैंने कई बार दोहराया था कि पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये। आज SI भर्ती में SOG की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हो गई है। यदि गहलोत सरकार की नकल माफिया के साथ साठगांठ नहीं होती तो युवाओं के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं होता।

अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा…

मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी।

यह भी पढ़ें : डूँगरी बाँध और डीएमआईसी भूमि-हड़प अभियान

अब पढ़िए… 2021 की भर्ती का सिलसिलेवार घटनाक्रम

  • RPSC ने साल 2021 में सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली थी।
  • भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे, सरकार ने जांच SOG को दी। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।
  • भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 18 नवंबर, 6 जनवरी और 9 जनवरी को पूरी भर्ती प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश दिए थे।
  • हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी करते हुए भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक आज भी जारी है।

नयी भर्ती 2025 की कवायद शुरू

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन कल यानि 10 अगस्त से शुरू होंगे। इसके लिए आवेदन की लास्ट डेट 8 सितंबर तक है। आयोग ने इसके लिए एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित की है।

साल 2021 में निकाली गई सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। फिलहाल इसे रद्द करना है या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग Link

आवेदन संबंधित जानकारी

  • शैक्षणिक योग्यता– किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री, अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इंटरव्यू शुरू होने की डेट तक तय योग्यता होना जरूरी है।
  • आयु सीमा, तीन साल की छूट– कैंडिडेट्स की आयु 1 जनवरी 2026 को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 25 साल होनी चाहिए। आयोग की ओर से इससे पहले साल 2021 में भर्ती निकाली गई थी। इसलिए इस बार कैंडिडेट्स को तीन साल की अतिरिक्त छूट दी गई है।
  • सिलेक्शन– लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से चयन होगा। विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी होगा। लिखित परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे।
  • परीक्षा – मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में (ऑफलाइन/ऑनलाइन) ली जाएगी। एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती से सम्बन्धित अधिक जानकारी के लिए करें यहां क्लिक

बिरसा अंबेडकर फुले फातिमा मिशन को आगे बढ़ाने के लिए ‘मूकनायक मीडिया’ को आर्थिक सहयोग जरूर कीजिए 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Color

Secondary Color

Layout Mode