नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पहुंचे ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 08 सितंबर 2024 | जयपुर – वियना : नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पहुंचे ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना। संत रामानंद जी के शहीदी स्थान पर पहुंच कर किया नमन, 3 दिन के विदेश दौरे पर हैं नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद। भीम आर्मी के प्रमुख और निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रशेखर आज़ाद ने 2024 के लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश के नगीना लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल की थी।

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पहुंचे ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना

​​भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद अपने पहले तीन दिवसीय विदेशी दौरे पर ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना पहुंचे। वहां पर उनके समर्थकों के भव्य स्वागत किया। सांसद आजाद वहां पहुँच कर सबसे पहले संत रामानंद दास जी की प्रतिमा पर अरदास की।

नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद पहुंचे ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना

आजाद वियना में कई बहुजन संगठनों के स्थानीय प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। साथ वियना में रहने वाले भारतीय समुदायों के कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वियना ऑस्ट्रिया की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है, और ऑस्ट्रिया के नौ राज्यों में से एक है

वियना ऑस्ट्रिया का प्राथमिक शहर है, जिसकी आबादी लगभग 1.757 मिलियन (महानगरीय क्षेत्र के भीतर 2.4 मिलियन, ऑस्ट्रिया की आबादी का 20% से अधिक) है, और इसका सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक केंद्र है। 

नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद वियना के ऐतिहासिक केंद्र

वियना प्रारंभिक सेल्टिक और रोमन बस्तियों से विकसित होकर एक मध्यकालीन और बारोक शहर, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य की राजधानी बन गया। इसने विनीज़ क्लासिकिज़्म के महान युग से लेकर 20वीं सदी के शुरुआती दौर तक एक प्रमुख यूरोपीय संगीत केंद्र के रूप में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वियना का ऐतिहासिक केंद्र वास्तुकला के मामले में समृद्ध है, जिसमें बारोक महल और उद्यान शामिल हैं, साथ ही 19वीं सदी के अंत में रिंगस्ट्रैस में भव्य इमारतें, स्मारक और पार्क हैं।

दलित नेता की इस जीत पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने जश्न मनाया और इसे “पिछड़ा (उत्पीड़ित), दलित और अल्पसंख्यक (अल्पसंख्यकों) की जीत” बताया। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने 37 लोकसभा सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 6 सीटें जीतीं, जबकि चंद्रशेखर आज़ाद की आज़ाद समाज पार्टी ने एक सीट जीती थी।

उत्तर प्रदेश में दलितों के प्रतिनिधित्व का ताज परंपरागत रूप से मायावती की बहुजन समाज पार्टी के पास रहा है। हालांकि, मंगलवार को 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजों से पता चला कि पश्चिमी यूपी की इस सीट पर चंद्रशेखर आज़ाद को 51.19% वोट मिले, जो कि मुख्य रूप से मुस्लिम और दलितों की आबादी वाली सीट है। इसके विपरीत, बीएसपी मात्र 1.33% वोट शेयर के साथ चौथे स्थान पर रही थी।

उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्यों से समृद्ध शहर है वियना 

वियना ऑस्ट्रिया की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है, और ऑस्ट्रिया के नौ राज्यों में से एक है। वियना ऑस्ट्रिया का प्रमुख शहर है, जिसकी आबादी लगभग 1.757 मिलियन (महानगरीय क्षेत्र में 2.4 मिलियन, ऑस्ट्रिया की आबादी का 20% से अधिक) है, और यह इसका सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक केंद्र है।

यह यूरोपीय संघ में शहरी सीमा के भीतर जनसंख्या के हिसाब से 7वां सबसे बड़ा शहर है। 20वीं सदी की शुरुआत तक यह दुनिया का सबसे बड़ा जर्मन भाषी शहर था और प्रथम विश्व युद्ध में ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य के विभाजन से पहले शहर में 2 मिलियन निवासी थे। आज यह जर्मन बोलने वालों में बर्लिन के बाद दूसरे स्थान पर है।

वियना संयुक्त राष्ट्र और ओपेक सहित कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों की मेज़बानी करता है। यह शहर ऑस्ट्रिया के पूर्व में स्थित है और चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और हंगरी की सीमाओं के करीब है। ये क्षेत्र एक यूरोपीय सेंट्रोप सीमा क्षेत्र में एक साथ काम करते हैं। पास के ब्रातिस्लावा के साथ, वियना 3 मिलियन निवासियों के साथ एक महानगरीय क्षेत्र बनाता है। 2001 में, शहर के केंद्र को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल नामित किया गया था।

अपनी संगीत विरासत के कारण संगीत के शहर के रूप में जाने जाने के अलावा, वियना को “सपनों का शहर” भी कहा जाता है क्योंकि यह दुनिया के पहले मनोविश्लेषक – सिगमंड फ्रायड का घर था। शहर की जड़ें शुरुआती सेल्टिक और रोमन बस्तियों में हैं जो एक मध्ययुगीन और बारोक शहर में बदल गईं, जो ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य की राजधानी थी।

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यह विनीज़ क्लासिकिज़्म के महान युग से लेकर 20वीं सदी के शुरुआती दौर तक एक प्रमुख यूरोपीय संगीत केंद्र के रूप में एक आवश्यक भूमिका निभाने के लिए जाना जाता है। वियना का ऐतिहासिक केंद्र वास्तुशिल्प समूहों से समृद्ध है, जिसमें बारोक महल और उद्यान, और 19वीं सदी के उत्तरार्ध का रिंगस्ट्रैस शामिल है जो भव्य इमारतों, स्मारकों और पार्कों से सुसज्जित है।

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मोदी ने ट्रम्प का 4 बार फोन नहीं उठाया बातचीत से इनकार जर्मन अखबार का खुलासा

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 अगस्त 2025 | जयपुर – फ्रेंकफर्ट : अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने टैरिफ को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को चार कॉल किये थे, लेकिन पीएम मोदी ने उनसे एक बार भी बात नहीं की। इससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया। यह दावा जर्मन न्यूज पेपर #FAZ ने किया है। हालांकि अखबार ने अपनी रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि ये कॉल कब किये गये थे।

मोदी ने ट्रम्प का 4 बार फोन नहीं उठाया बातचीत से इनकार जर्मन अखबार का खुलासा

एक जर्मन अखबार के मुताबिक ट्रम्प की आक्रामक ट्रेड पॉलिसी और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहने से मोदी नाराज हैं। पहले दोनों नेताओं के बीच अच्छे रिश्ते थे, लेकिन अब भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए होने वाली बातचीत रद्द कर दी है। अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने से रोक दिया गया।

ट्रम्प ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25% टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया गया है, जो 27 अगस्त यानी कल से लागू होगा। ट्रम्प का कहना है कि भारत के रूसी तेल खरीदने की वजह से पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है।

जर्मन अखबार में एक्सपर्ट्स के हवाले से लिखा है- आमतौर पर ट्रम्प का तरीका यह है कि पहले वे किसी देश पर व्यापार घाटे को लेकर हमला बोलते हैं, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी देते हैं। इसके बाद डरकर बातचीत शुरू होती है और आखिरकार वह ऊंचा टैरिफ लगाकर, फिर कुछ छूट देकर खुद को विजेता बताने की कोशिश करते हैं।

कई देशों के साथ ऐसा हुआ है और ट्रम्प ने यह दिखाया कि अमेरिकी बाजार पर उनकी पकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन मोदी ने इस बार झुकने से इनकार कर दिया।

न्यूयॉर्क के न्यू स्कूल के भारत-चीन इंस्टीट्यूट के को-डॉयरेक्टर मार्क फ्रेजियर का कहना है कि अमेरिका की भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति नाकाम हो रही है। भारत ने कभी भी चीन के खिलाफ अमेरिका के साथ पूरी तरह खड़े होने का वादा नहीं किया था।

ट्रम्प के रवैये ने मोदी को एक दशक पुराना अपमान याद दिलाया

अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी को ट्रम्प के बर्ताव से बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है। वह मोदी को उस पुराने अपमान की याद दिला रहे हैं, जो लगभग एक दशक पहले उन्हें जिनपिंग से मिला था। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तब गुजरात आए थे और मोदी से दोस्ती का वादा किया था, लेकिन उसी समय चीन की सेना हिमालय में भारतीय इलाके में घुस आई थी।

इसके बाद भी मोदी ने जिनपिंग से अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश की, लेकिन हालात तब और बिगड़ गए जब चीनी सैनिकों से भारतीय जवानों की झड़प हो गई। उस घटना के बाद से कहा जाता है कि मोदी के मन में गहरी कड़वाहट बैठ गई।

यहां तक कि दिल्ली के पास ही ट्रम्प के नाम से लग्जरी टावर बने, जिनके 300 फ्लैट (कीमत 108 करोड़ रुपए तक) एक ही दिन में बिक गए, लेकिन हाल की घटनाओं ने माहौल बदल दिया। ट्रम्प ने भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहकर अपमानित किया। इससे दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई।

अब ट्रम्प का रवैया भी कुछ ऐसा ही हो गया है। फरवरी में वे मोदी को व्हाइट हाउस बुलाकर उनकी तारीफ कर रहे थे और उन्हें एक फोटो एल्बम भेंट कर रहे थे। दोनों देशों के रिश्ते काफी बेहतर चल रहे थे। 2014 में शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इसके कुछ समय बाद ही डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी।

2014 में शी जिनपिंग भारत दौरे पर आए थे। इसके कुछ समय बाद ही डोकलाम में दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई थी।

ट्रम्प-वियतनाम टैरिफ विवाद की वजह से सतर्क थे मोदी

अखबार में बताया गया है कि मोदी, वियतनाम लीडर और ट्रम्प के बीच हुए विवाद को लेकर भी सतर्क थे। दरअसल, ट्रम्प ने वियतनाम के सुप्रीम लीडर तो लम से टैरिफ मामले को लेकर फोन पर बात की थी।

इस बातचीत में कोई पक्का समझौता नहीं हुआ था। लेकिन ट्रम्प ने सोशल मीडिया पर ऐलान कर दिया कि उन्होंने वियतनाम के साथ व्यापार समझौता कर लिया है, जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हुआ था।

अखबार लिखता है कि मोदी नहीं चाहते कि भारत भी ऐसे किसी ‘स्टंट’ का हिस्सा बने, इसलिए उन्होंने ट्रम्प से बातचीत को लेकर साफ मना कर दिया। इसीलिए मोदी ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित दिल्ली यात्रा रद्द कर दी और संदेश दिया कि भारत ट्रम्प की इस कॉन्ट्रोवर्सी का हिस्सा नहीं बनेगा।

भारत की ग्रोथ रेट 1% तक घट सकती है

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के 50% टैरिफ से भारत के एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है। भारत का 20% एक्सपोर्ट, जैसे कपड़े, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स अमेरिका जाता है। इस भारी भरकम टैरिफ से भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.5% से घटकर 5.5% हो सकती है।

इसके अलावा ट्रम्प ने पाकिस्तान में ऑयल रिजर्व डेवलप करने की बात कही थी और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। ये फैसले भी भारत को नाराज करने वाले थे।

ट्रम्प पिछले 3 महीने में करीब 30 बार भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी साफ तौर पर इससे इनकार कर चुके हैं। भारत का साफ कहना है कि दोनों देशों के बीच सीजफायर आपसी बातचीत से हुआ है, इसमें किसी तीसरे पक्ष का रोल नहीं है।

रेफरेंस लिंक  https://www.faz.net/aktuell/wirtschaft/zollstreit-wie-modi-trump-die-stirn-bietet-110653695.html

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मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 12 अगस्त 2025 |  दिल्ली : मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर हुआ। पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने भारत को परमाणु जंग की धमकी है। मुनीर ने सिंधु जल संधि स्थगित करने को लेकर भारत पर 10 मिसाइलों से हमला कर तबाह करने की बात कही।

मुनीर ने भारत को अमेरिका से दी परमाणु जंग की धमकी, अमेरिका का दोगलापन उजागर

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की नींव कलमे (इस्लाम धर्म का मूल मंत्र) पर रखी गई है। हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी संस्कृति और सोच अलग है। यही टू-नेशन थ्योरी की नींव थी।

अमेरिका दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने एक बार फिर से कश्मीर को पाकिस्तान के ‘गले की नस’ बताया है। इससे पहले अप्रैल में भी मुनीर ने ऐसा ही बयान दिया था। उन्होंने कहा था- कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे।

मुनीर ने कहा कि कश्मीर, भारत का आंतरिक मसला नहीं है, बल्कि एक अधूरा अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र में है और पाकिस्तान उसका समर्थन करता है। फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (बाएं) और अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन।

फ्लोरिडा के टैम्पा में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर (बाएं) और अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन।

मुनीर की डेढ़ महीने में दूसरी बार अमेरिका यात्रा

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक मुनीर एक बार फिर से अमेरिका पहुंचे हैं, लेकिन वे कब पहुंचे इसकी तारीख नहीं बताई गई है। मुनीर की यह डेढ़ महीने में दूसरी अमेरिका यात्रा है। उन्होंने फ्लोरिडा के टैम्पा शहर में रविवार को पाकिस्तानी प्रवासियों को संबोधित किया।

मुनीर ने कहा कि भारत क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने पर तुला हुआ है। उन्होंने आगाह किया कि कोई भी गलती इलाके में बड़े संघर्ष की वजह बन सकती है। मुनीर ने भारत पर झूठे बहाने बनाकर पाकिस्तान पर हमला करने का आरोप लगाया।

भारत-PAK जंग रोकने के लिए ट्रम्प को शुक्रिया कहा

मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प को धन्यवाद दिया और कहा कि उनकी रणनीति से पाकिस्तान-भारत के बीच युद्ध टला। मुनीर ने इस दौरान उन्होंने भारतीय एजेंसी रॉ (R&AW) को आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया।

मुनीर ने कहा कि अमेरिका के साथ संभावित व्यापार समझौते से पाकिस्तान में बड़े निवेश की संभावना है। उन्होंने बताया कि अमेरिका, सऊदी अरब, यूएई और चीन के साथ कई समझौते चल रहे हैं, जो आर्थिक सहयोग को बढ़ाएंगे।

विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों की तारीफ की

मुनीर ने विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानियों को गर्व बताया और कहा कि उनका पाकिस्तान छोड़ना ‘प्रतिभा पलायन’ का मामला नहीं है, बल्कि ‘प्रतिभा हासिल’ करने का मामला है।

उन्होंने कहा कि विदेशों में रहने वाले पाकिस्तानी भी अपने देश के लिए उतने ही भावुक हैं, जितना पाकिस्तान में रहने वाले पाकिस्तानी। मुनीर ने उनसे कहा कि वे यकीन रखें पाकिस्तान का भविष्य उज्ज्वल है। उन्होंने लोगों से पाकिस्तान में निवेश बढ़ाने में योगदान देने की अपील की।

अमेरिकी अधिकारियों से भी मिले मुनीर

मुनीर ने अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया। उन्होंने निवर्तमान कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला की तारीफ की और नए कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर को शुभकामनाएं दीं।

इसके अलावा, उन्होंने अमेरिका के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष जनरल डैन केन से भी मुलाकात की और उन्हें पाकिस्तान आने का न्योता दिया। उन्होंने अन्य देशों के रक्षा प्रमुखों से भी बातचीत की।

इससे पहले जून में अपनी पिछली यात्रा में मुनीर ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मुलाकात की थी। वह पहले ऐसे पाकिस्तानी सेना प्रमुख बने, जिन्होंने किसी मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति से आमने-सामने बातचीत की।

पाकिस्तानी सेना के फ़ील्ड मार्शल आसिम मुनीर के हालिया बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया 

मंत्रालय ने कहा है कि, ‘परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की आदत में शामिल है।’ विदेश मंत्रालय का यह बयान दिप्रिंट में प्रकाशित उस रिपोर्टके बाद आया है, जिसमें आसिम मुनीर की एक चेतावनी का ज़िक्र किया गया है।

अमेरिका में एक कार्यक्रम के दौरान आसिम मुनीर ने कहा था कि अगर भारत के साथ भविष्य की जंग में पाकिस्तान के अस्तित्व को ख़तरा हुआ तो वह पूरे क्षेत्र को परमाणु युद्ध में झोंक देगा।

जिस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हमारा ध्यान उन बयानों की ओर गया है, जिनके बारे में कहा जा रहा है कि वे पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने अमेरिका की यात्रा के दौरान दिए हैं। परमाणु हमले की धमकी देना पाकिस्तान की आदत में शामिल है।”

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