मूकनायक मीडिया सलाहकार प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा को डिजिटल अरेस्ट करने की साजिश नाकाम, सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 35 लाख ठगे

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 27 सितंबर 2024 |  जयपुरसाइबर ठग रिमोट एक्सेस ऐप को एक लिंक के जरिए मैसेज बनाकर भेजते हैं। दिखने में यह मैसेज सामान्य मैसेज लगते हैं। ऐसे लिंक में लुभावने ऑफर दिए जाते हैं। इस तरह की ठगी रिमोट एक्सेस ऐप के जरिए होती है। ये वो ऐप हैं जो आपके मोबाइल में एक बार इंस्टॉल होने पर साइबर ठग सारी जानकारी चुरा सकते हैं।

मूकनायक मीडिया सलाहकार प्रोफ़ेसर राम लखन मीणा को डिजिटल अरेस्ट करने की साजिश नाकाम, सॉफ्टवेयर इंजीनियर से 35 लाख ठगे

मोबाइल नंबर 99XXXXXX66 पर TRAI के नाम से आज दिनांक 27.09.2024 को प्रात: 8.47 बजे मोबाइल नंबर +919230259519 से कॉल आया कि आपके मोबाइल नंबर 8130413665 जो कि आधार कार्ड XXXX XXXX 2990 से लिया गया कि दिल्ली क्राइम ब्रांच में ह्यूमन ट्राफिकिंग एवम् वीमेन हरासमेंट की दर्ज FIR No.DL1045/24 के आधार पर मोबाइल नंबर 8130413665 सहित आपके अन्य सभी मोबाइल नंबर TRAI द्वारा सीज किये जा रहे हैं।

डिजिटल अरेस्ट करने की साजिश नाकाम

प्रोफ़ेसर मीणा को दिल्ली पुलिस TRAI सीबीआई के नाम से डराया 

कॉल दौरान TRAI के अधिकारी के नाम पर कहा कि आपके उक्त आधार डेटा से Shop No 12, Ground Floor, South Delhi, Nehru Place, Delhi 110019 पते पर दिनांक 25.08.2024 को सिम ली गयी है। अगर आप निर्दोष है तो दिल्ली पुलिस क्राइम के WhatsApp +916391845013 पर इसकी शिकायत दर्ज करवायें अन्यथा दिल्ली पुलिस के निर्दशानुसार आपके सभी मोबाइल नंबर बंद किये जा रहे हैं।

डेढ़ घंटे से अधिक की वार्तालाप में डिजिटल अरेस्ट करने की कोशिश

डेढ़ घंटे से अधिक की वार्तालाप में उन्होंने कहा कि आपके नाम से सीबीआई में केस दर्ज है और आपके आधार डेटा से HDFC Bank में जनवरी 2024 में खुले बैंक खाते से 6.50 करोड़ का ट्रांजिशन हुआ है जिसका 10% आपको मिला है। इस दौरान उन्होंने प्रोफ़ेसर मीणा को डिजिटल / हाउस अरेस्ट करने की कोशिश भी की। फिर प्रोफ़ेसर मीणा ने तथाकथित सीबीआई कर्मी से कहा कि पहले मैं इसकी सूचना लोकल पुलिस को दूँगा तो उन्होंने कॉल डिस्कनेक्ट कर दिया।

पर प्रोफ़ेसर मीणा सायबर ठगों के चंगुल में नहीं फँसे और उन्होंने जयपुर कमिश्नर को भेजी अपनी FIR में कहा कि मेरा इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष कोई भी संबंध नहीं है और मैं जाँच में पूर्ण सहयोग करूंगा। आप इसकी संपूर्ण जाँच करवायें क्योंकि आरोपियों के पास मेरे आधार डेटा की इनफार्मेशन उपलब्ध हैं। वे भविष्य में भी मुझे जन-धन का नुकसान पहुँचा सकते हैं। 

जयपुर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को ऑनलाइन बंधक बनाकर रखा

एक अन्य फर्जीवाड़े में जयपुर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर काे डिजीटल अरेस्ट कर 35 लाख रुपए ठग लिए गए। मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर साइबर क्रिमिनलर्स ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 27 घंटे तक डिजीटल अरेस्ट कर धमकाया।

पहले 15 लाख रुपए ऐंठे, फिर 20 लाख रुपए लोन दिलवाकर लिए। इस दौरान रोते समय भी आरोपियों ने पीड़ित को वीडियो कॉल पर रखा। ठगी का शक होने पर पीड़ित ने जयपुर कमिश्नरेट के साइबर क्राइम थाने मेंगुरुवार को FIR दर्ज करवाई है।

पुलिस ने बताया- पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर जयपुर में रहकर एक कंपनी में जॉब करते हैं। 24 सितम्बर को दोपहर करीब 12 बजे उसके मोबाइल पर एक व्यक्ति का कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को नामी कूरियर कंपनी से बोलना बताया। उनके नाम के आए पार्सल का मुंबई से ताइवान जाना बताया। पार्सल को अरमान नाम के व्यक्ति के बुक करवाया है। इसमें भारी मात्रा में ड्रग्स रखी होने के कारण इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है।

केस की धमकी देते हुए आधार कार्ड व अन्य डॉक्यूमेंट मांगे

कुछ देर बाद दूसरे मोबाइल नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को पुलिस अधिकारी बोलना बताया। एनडीपीएस एक्ट केस की धमकी देते हुए आधार कार्ड व अन्य डॉक्यूमेंट मांगे। उसके बाद बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग केस भी बनेगा।

केस में फंसाने की धमकियां देकर वीडियो कॉल कर उसे कनेक्ट कर लिया। अलग-अलग तरीके से धमकाते हुए 35 लाख रुपए हड़प लिए। साइबर ठगों ने पीड़ित सॉफ्टवेयर इंजीनियर को 27 घंटे तक डिजीटल अरेस्ट रखा।

पहले 15 लाख रुपए ऐंठे, फिर 20 लाख का लोन दिलवाकर रुपए लिए

साइबर क्रिमिनलर्स ने पहले पीड़ित के बैंक अकाउंट में जमा 15 लाख रुपए ऐंठे। उसके बाद मोबाइल पर एक एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर ऑनलाइन 20 लाख रुपए का लोन दिलवाकर लिए। साइबर क्रिमिनलर्स ने निगरानी के लिए रात को सोते समय भी वीडियो कॉल जारी रखवाया।

क्या है डिजिटल अरेस्ट

साइबर ठगों ने लोगों से वारदातों को अंजाम देने के लिए एक नया तरीका इजाद किया है। इसके तहत अब साइबर अपराधी लोगों को वीडियो कॉल के माध्यम से फंसा कर ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं। इसके लिए अपराधी वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित को डिजिटल अरेस्टकर लेते हैं और फर्जी अधिकारी बनकर उसको ब्लैकमेल करते हुए लाखों रुपये की ठगने की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इससे पहले राजधानी जयपुर में एक महिला बैंक अधिकारी के साथ भी इस तरह की वारदात हो चुकी है।

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सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची, PSO गिरफ्तार

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अजमेर : एसओजी ने शुक्रवार देर रात SI पेपर लीक से जुड़े मामले में राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को गिरफ्तार किया है। राजकुमार यादव और उसके बेटे भरत यादव को तीन दिन की रिमांड पर भेजा गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 की एसओजी जाँच की आँच अशोक गहलोत के घर तक पहुँची

मामले को लेकर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने पोस्ट की। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करें। एसओजी रात से दोनों से पूछताछ कर रही है। अब तक जांच में सामने आया है कि राजकुमार यादव ने बेटे के लिए सब इंस्पेक्टर का पेपर खरीदा था। राजकुमार यादव का बेटा भरत यादव भर्ती एग्जाम में पास हो गया था। इसके बाद फिजिकल में फेल हो गया।

अशोक गहलोत के सीएम रहने के दौरान राजकुमार यादव उनकी सुरक्षा में तैनात था। प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद अशोक गहलोत का PSO लग गया था। इन्हें कोर्ट में पेश कर दिया गया है। अब रिमांड पर लिया जाएगा। शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

शनिवार दोपहर राजकुमार यादव को कोर्ट में पेश किया गया।

पूर्व वर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा- मैंने कई बार दोहराया था कि पूर्ववर्ती सरकार के संरक्षण में नकल माफिया ने पेपर लीक किये। आज SI भर्ती में SOG की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पीएसओ राजकुमार यादव और उनके बेटे भरत यादव की गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हो गई है। यदि गहलोत सरकार की नकल माफिया के साथ साठगांठ नहीं होती तो युवाओं के साथ इतना बड़ा अन्याय नहीं होता।

अशोक गहलोत ने एक्स पर लिखा…

मीडिया के माध्यम से जानकारी में आया है कि मेरी सुरक्षा में तैनात जयपुर पुलिस लाइन के एक हेड कांस्टेबल एवं उनके पुत्र को SOG ने हिरासत में लिया है। किसी भी व्यक्ति की अपराध में कोई संलिप्तता हो तो कानून अपना काम करे। मुझे आशा है कि SOG बिना किसी दबाव के इस मामले की जांच कर एक तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचेगी।

यह भी पढ़ें : डूँगरी बाँध और डीएमआईसी भूमि-हड़प अभियान

अब पढ़िए… 2021 की भर्ती का सिलसिलेवार घटनाक्रम

  • RPSC ने साल 2021 में सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती निकाली थी।
  • भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे, सरकार ने जांच SOG को दी। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।
  • भर्ती को रद्द करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दायर हुईं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने 18 नवंबर, 6 जनवरी और 9 जनवरी को पूरी भर्ती प्रक्रिया पर यथास्थिति के आदेश दिए थे।
  • हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद पुलिस मुख्यालय ने 10 जनवरी 2025 को आदेश जारी करते हुए भर्ती में फील्ड ट्रेनिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी थी। यह रोक आज भी जारी है।

नयी भर्ती 2025 की कवायद शुरू

राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की ओर से निकाली गई उपनिरीक्षक/प्लाटून कमांडर के 1015 पद के लिए आवेदन कल यानि 10 अगस्त से शुरू होंगे। इसके लिए आवेदन की लास्ट डेट 8 सितंबर तक है। आयोग ने इसके लिए एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित की है।

साल 2021 में निकाली गई सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के 859 पदों पर भर्ती परीक्षा में पेपर लीक के आरोप लगे। एसओजी ने ट्रेनी SI सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया। फिलहाल इसे रद्द करना है या नहीं, इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

सब इंस्पेक्टर भर्ती की तैयारी के लिए फ्री कोचिंग Link

आवेदन संबंधित जानकारी

  • शैक्षणिक योग्यता– किसी भी यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री, अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे कैंडिडेट्स भी आवेदन कर सकते हैं, लेकिन इंटरव्यू शुरू होने की डेट तक तय योग्यता होना जरूरी है।
  • आयु सीमा, तीन साल की छूट– कैंडिडेट्स की आयु 1 जनवरी 2026 को न्यूनतम 20 साल और अधिकतम 25 साल होनी चाहिए। आयोग की ओर से इससे पहले साल 2021 में भर्ती निकाली गई थी। इसलिए इस बार कैंडिडेट्स को तीन साल की अतिरिक्त छूट दी गई है।
  • सिलेक्शन– लिखित परीक्षा व इंटरव्यू से चयन होगा। विस्तृत पाठ्यक्रम आयोग की वेबसाइट पर अलग से जारी होगा। लिखित परीक्षा में 200-200 अंक के दो पेपर होंगे।
  • परीक्षा – मल्टीपल चॉइस क्वेश्चन में (ऑफलाइन/ऑनलाइन) ली जाएगी। एग्जाम की डेट 5 अप्रैल 2026 प्रस्तावित है।

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जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

मूकनायक मीडिया ब्यूरो | 10 अगस्त 2025 |  जयपुर – अलवर : लालकोठी इलाके में सांगानेरी गेट के पास पकड़ी गई 1800 किलो मिलावटी पनीर से भरी पिकअप हरियाणा के नूंह स्थित अगोन से आई थी। जब्त किया गया मिलावटी बदबूदार पनीर जयपुर के 3 ठिकानों पर सप्लाई होना था। पुलिस ने पिकअप में सवार नूंह के फिरोजपुर निवासी मनीष, मुफीद व अलवर के किशनगढ़ निवासी शालीम को गिरफ्तार कर लिया, जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से चार दिन के लिए रिमांड पर भेज दिया।

जयपुर में 1800 किलो मिलावटी पनीर पकड़ा, पनीर के नाम पर जहर

अब पुलिस पनीर सप्लाई होने वाले ठिकानों की तलाश कर रही है। लालकोठी थानाधिकारी बन्नालाल ने बताया कि पिकअप में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में थड़ी मार्केट, जयसिंहपुरा खोर व वीकेआई 14 नंबर के पास सप्लाई होना था।

आगे इन्हें पनीर सप्लायर तसलीन, तोफिक, विक्की, शेरू, समीर, जुम्मन, सद्दाम व यासीन लंगड़ा नाम के सप्लायर मिलने थे, लेकिन उनकी लोकेशन इनके पास नहीं है। वो सप्लायर इनसे खुद संपर्क करते तो ही माल आगे सप्लाई होता। ऐसे में पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है।

नेटवर्क खंगालने में जुटी टीम

28 पैकेट में 1800 किलो मिलावटी पनीर भरा था, जो जयपुर में तीन ठिकानों पर होलसेल का काम करने वाले दलालों को सप्लाई होना था। इसके बाद वो दलाल अलग-अलग दुकानदारों को सप्लाई करते है। ऐसे में पुलिस टीमें पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि सरगना अरशद अगोन से रोजाना दो पिकअप माल भरकर जयपुर भेजता है। हर बार सप्लाई में अलग लड़के आते थे।

हर बार सप्लाई में अलग-अलग लड़के भेजता था

गिरोह का सरगना अरशद अगोन में मिलावटी पनीर की फैक्ट्री चलाता है, जो जयपुर सहित कई शहरों में रोज हजारों किलो पनीर सप्लाई करता है। अरशद हर बार सप्लाई के लिए अलग गाड़ी, अलग लड़के और उनके साथ खुद के अलग-अलग मोबाइल देकर भेजता था, ताकि कोई उन्हें ट्रेस नहीं कर सके।

पकड़े गए तीनों आरोपी करीब डेढ़ साल से अरशद के साथ काम करते है। जैसे यहां पकड़े गए आरोपी शुक्रवार को जयपुर आये थे, लेकिन अगले चक्कर में ये किसी अन्य शहर में सप्लाई को जाते और यहां दूसरे लड़के भेजे जाते है। कार्रवाई के दौरान मौके पर पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पनीर के सैंपल लेने के बाद जेसीबी से गड्ढ़ा खोदकर बदबूदार पनीर को नष्ट करवा दिया।

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